004 बाघ पर विजय

2016-11-28 16:06:57 CRI

004 बाघ पर विजय

बाघ पर विजय 卞庄刺虎

"बाघ पर विजय"नीति कथा को चीनी भाषा में"प्यान च्वांगची छी हू" (biàn zhuāng zi cìhǔ) कहा जाता है। इसमें"प्यान च्वांगची"व्यक्ति का नाम है, जबकि"छी"का अर्थ है मारना और"हू"का अर्थ है बाघ।

चीन की एक प्रसिद्ध एतिहासिक पुस्तक में"बाघ पर विजय"शीर्षक नीति कथा पढ़ने को मिलती है, जिस में यह बताया गया है कि प्यान च्वांगची (Bian zhuangzi) ने किस तरह अपनी बुद्धि के प्रयोग से खुंखार बाघ पर वियज प्राप्त की है। इस नीति कथा इस प्रकार है:

एक दिन, प्यान च्वांगची और उसके मित्र दो बाघों को एक साथ एक बैल को फाड़-फाड़ कर खाते हुए देखा, उसके दिमाग में तुरंत बाघ को मार डालने का विचार आया, अभी वह बाघ से भिड़त होने आगे बढ़ना चाहा, तो उसके मित्र ने उसे पीछे खींच कर कहा:"अभी नहीं, बैल का मांस काफ़ी स्वादिश है, उसका बांटवारा करने के लिए दोनों बाघों में ज़रूर झगड़ा हो उठेगा, दोनों के बीच घोर संघर्ष होने के दौरान कमजोर बाघ शहजोर बाघ के मार वार का शिकार बन जाएगा, साथ ही शहजोर बाघ भी मार पीट से घायल हो जाएगा। ऐसे समय जब तुम बाघ पर धावा बोलेंगे, निश्चय ही विजय तुम्हारे हाथ में होगी। तुम आधा शक्ति से ही दो बाघों को मारने का गौरव पा सकेंगे।"

प्यान च्वांगची ने अपने मित्र का सुझाव माना और इंतजार करने लगा। थोड़ी देर में दोनों बाघ बैल का एक जांघ छीनने के लिए आपस में लड़ने लगे। परिणाम यह निकला था कि एक बाघ दूसरे बाघ से जान से मार डाला गया, और खुद उस बाघ का पैर भी जख्म हुआ और वह लंगड़ा बन गया। इसी मौका पा कर प्यान च्वांगची ने आगे बढ़ कर घायल बाघ पर वार किया, उसका तेज तलवार बाघ के शरीर में घोंस किया गया, दो तीन वार में ही बाघ वहीं पर खेत हो गया। अपनी बुद्धि से ही प्यान च्वांगची ने एक समय दो बाघों को मार कर महान विजय प्राप्त की।

"बाघ पर विजय"यानी"प्यान च्वांगची छी हू" (biàn zhuāng zi cìhǔ) नाम की नीति कथा हमें बताती है कि कोई भी काम करने के लिए अनुकूल मौका और अच्छा तरीका अपनाने की कोशिश करनी चाहिए। कभी कभी अनुकूल मौके पर कम शक्ति से भारी सफलता पा सकती है। बुद्धि शारीरिक ताकत से ताकतवर सिद्ध होती है। बुद्धि का सही ढंग से इस्तेमाल कर मुश्किल काम को आसानी से पूरा किया जा सकता है।

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