हमारे देश के परधान मंत्री श्री मोदी जी ने चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री शी चिनफिंग के स्वागत में जो कहा, "शी चिनफिंग की भारत यात्रा की शुरूआत मेरे गृहभूमि गुजरात से हो रही है। इस पर गुजरात की जनता को गर्व महसूस हो रहा हैं। भारत व चीन दो शरीर एक भावना है। मेरे द्वारा प्रस्तुत यह वाक्य भारत में बहुत प्रचलित है। भारत व चीन के अंग्रेजी नाम के पहले दो अक्षरों को मिलाने से अंग्रेजी में "इंच" बनता है।" मोदी ने इंडिया-चाइना को "इंच" और "मिलेनियम ऑफ एक्सेप्शनल सिनर्जी" (माइल्स यानी जबर्दस्त समन्वय की सदी) की संज्ञा दी है।सच उनके विचार भारतीय जनता ने सवागत किया। वहीं
मुलाकात में शी चिनफिंग ने जो कहा, की चीन व भारत दोनों महत्वपूर्ण पड़ोसी देश और प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। इसके अलावा दोनों बड़े विकासशील देश भी हैं। दोनों को एक दूसरे का सम्मान करके एक दूसरे से सीखना चाहिए और हाथ मिलाकर आगे बढ़ना चाहिए। बिलकुल सत्य कहा हम उनके का सवागत करता हूँ। मुझे श्री शी जिनपिंग जी की वो वाक्य बहोत पसंद आये हैं जिसमें उन्होंने कहा है की ''मेरी इस बार की यात्रा मैत्रीपूर्ण और सहयोग की यात्रा है। हमें वास्तविक राह पर चलकर चीन-भारत संबंध को आगे बढ़ाना चाहिए। मैं आपके साथ इस मिशन को पूरा करने को तैयार हूं।"ज़रूर भारत आपके साथ हाथ से हाथ दिल से दिल मिलकर चीन-भारत संबंध को आगे बढाए गा। बहोत ख़ुशी की बात है की चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग जी की यात्रा के पहले दिन जो समझोते पास हुए :चीन के क्वांगतुंग प्रांत और गुजरात में समझौता, गुजरात में इंडस्ट्रियल पार्क बनाने का समझौता, और क्वांगचो एवं अहमदबाद के बीच 'सिस्टर सिटी' बनाने का समझौता।आशा है कल और अधिक समझोते होंगे।
अमीर अहमत
नई दिल्ली