शुभकामनाओं सहित ,
आपका नियमित और पुराना श्रोता
-चुन्नीलाल कैवर्त(अध्यक्ष)
-ग्रीन पीस डी-एक्स क्लब सोनपुरी,
पोस्ट टेंगनमाड़ा,जिला बिलासपुर
(छत्तीसगढ़) 495116 INDIA
दिनांक 17 सितम्बर। आज के ताज़ा समाचारों में न केवल सीआरआई, अपितु तमाम चैनल्स पर चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत-यात्रा की ही अनुगूंज प्रतिध्वनित हो रही थी। इसे भी सुखद संयोग ही कहा जायेगा कि शी चिनफिंग 17 साल बाद भारत आये, तो तारीख़ 17 सितम्बर थी और प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का 64 वां जन्मदिन भी। बहरहाल, समाचारों की चर्चा के बाद ज़िक्र करें विशेष श्रृंखला "चीन-भारत मैत्री पुल के निर्माता" की दसवीं कड़ी की, तो भारत में लोगों के बीच चीनी भाषा का ज्ञान बांटते जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्राध्यापक बी.आर.दीपक और चीन में भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य को बढ़ावा देतीं चिन शेंग शेंग के बारे में जान कर दिल बाग़-बाग़ हो उठा। दीपकजी के अनुभव अक़सर साप्ताहिक "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के तहत सुनने को मिल जाते हैं, परन्तु उनके बारे में हमें अधिक जानकारी नहीं थी। आज उनके श्रीमुख से धाराप्रवाह चीनी सुन कर तबीयत खुश हो गई। यह भी पता चला कि उनकी पत्नी चीनी हैं और उनके दो बच्चे भी हैं, जिनका हिन्दी,चीनी और अंग्रेज़ी भाषा पर समान अधिकार है। सचमुच, यह भी भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब का ही एक हिस्सा है।
साप्ताहिक "आपका पत्र मिला" के तहत पत्रोत्तर के बाद श्रोता भाई अमीर अहमद से ली गई भेंटवार्ता से भी वही निष्कर्ष निकला, जो कि समाचारों में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की वर्त्तमान भारत-यात्रा को लेकर ज़ारी है। वास्तव में, टीवी स्क्रीन पर शी चिनफिंग के भारत में अभूतपूर्व स्वागत की तस्वीरें देख कर लगता है कि अब दोनों देशों के बीच की तमाम सीमायें टूट गयीं और दोनों का परस्पर विलय हो गया हो। हमारी भी यही कामना है कि दोस्ती का यह ज़ज़्बा हमेशा क़ायम रहे। कार्यक्रम में चीनी राष्ट्राध्यक्ष की भारत यात्रा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार एवं इतिहासकार पंकज बिष्ट के विचार अधिक व्यावहारिक लगे। मुझे उनका यह कहना बिलकुल सही जान पड़ा कि चीन-भारत सहयोग मज़बूत होने पर आर्थिक विश्व में पश्चिमी एकाधिकार समाप्त होगा। सीमाविवाद को अनावश्यक तौर पर और अधिक लम्बा न खींचने समबन्धी उनका विचार भी दोनों देशों के हित में लगा। आज के पूरे प्रसारण अंक की ख़ास प्रस्तुति के लिये हार्दिक धन्यवाद।
आपका
सुरेश अग्रवाल
केसिंगा (ओड़िशा)