दोस्ती का नया इतिहास रचने के लिए चीनी राष्ट्राध्यक्ष आदरनीय शी चिनफिंग के भारत दौरे की पूर्ब संध्या पर 16 सितम्बर बालुरघाट नाट्यमंदिर मेँ हमारि अल इंडिया सी आर आई लिसनार्स एसोसियेशन ने एक चर्चा आयोजित किया था । चर्चा का शीर्षक था " भारत -चीन मैत्री और सहयोग " । इस चर्चा मेँ मेरी साथ साथ प्रोफेसर बिमान सरकार , पत्राकार राहुल बागची , राजनैतिक दलॉ मेँ आर एस पि से बिमल सरकार , सिपिआई(एम) से हारान मजुमदार , कांग्रेस से गौतम देब , तृणमूल कांग्रेस से बिप्लब खाँ , बिजेपी से दीपेन भट्टाचार्य और पौर काउंसिलर अरिजित चंद , कल्पना साहा हिससा लिया था । सभी बक्ता ने आशा जताई कि शी चिनफिंग की यात्रा से भारत -चीन रिश्ते को और मजपुत करेगी । शी चिनफिँग की आगमन के दिन यानी 17 सितम्बर बिद्यासागर बिद्यापीठ मेँ बच्चॉ के लिए एक चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित कर रहा हुँ । इस प्रतियोगिता के बिजेताऑ को आकर्षक पुरस्कार भी दी जाएगी । उस पुरस्कार के साथ श्रेष्ट पत्र प्रेषको की तर पर मैने सी आर आई से चार महीने मेँ जो चार पुरस्कार पाया उस पुरस्कार भी बिजेयताऑ को दी जाएगी । भारत -चीन मैत्री अमर रहे । शी चिनफिंग जी को भारत यात्रा सफल हो । धन्यबाद ।
बिधान चंद्र सान्याल , अध्यक्ष - अल इंडिया सी आर आई लिसनार्स एसोसियेशन , पश्चिम बंगाल , भारत ।
सादर नमस्कार।चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग आगामी कल 17 सितंबर को गुजरात से अपना तीन दिन की भारत दौरा शुरू करेंगे।आपकी की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी राष्ट्राध्यक्ष के इस भारत प्रवास के दौरान सीमा विवाद,भारत में चीन की ओर से बड़े पैमाने पर निवेश की योजना सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी। सीआरआई के एक पुराने और नियमित श्रोता होने के नाते मुझे आशा है कि इस यात्रा के दौरान भारत-चीन-दोनों देशों की बीच पिछले 60 साल के द्विपक्षीय संबंधों और भी मजबूत होंगे।वर्त्तमान में एशिया क्षेत्र की शांति और विकास की रक्षा के लिये चीन अहम रचनात्मक भूमिका निभाता है।चीन के भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने से एशिया क्षेत्र की शांति और विकास पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।भारत और चीन के बहुत से हित एक-दूसरे से मिलते-जुलते है।मेरा मानना है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच बीच मैत्री,सहयोग और विकास को आगे बढ़ाने का सार्थक अवसर होगा। मैं पूरी तरह से विश्वास करता हूं कि वर्तमान स्थिति में चीन और भारत की द्विपक्षीय मैत्रीपूर्ण संबंधों को और भी मजबूत करना चाहिए क्योंकि 21वीं सदी में प्रवेश के बाद भारत और चीन - दोनों देशों के सामने आर्थिक विकास और जनता के जीवन स्तर को सुधारने का समान लक्ष्य है। इसलिए,दोनों देशों को आपसी सहयोग की आवश्यकता है जो हमारे विकास को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका अदा कर सकते है।मैं आशा करता हूं कि चीन एवं भारत एक दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ोसी देश के रूप में पारस्परिक विश्वास एवं मैत्री के माहौल को और भी बढ़ाबा देना चाहिए ताकि चीन और भारत का संबंध मजबूत हो सके।
रविशंकर बसु
संपादक
न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब,पश्चिम बंगाल,भारत
सादर नमस्कार!!
"भारत- चीन मैत्री पुल के निर्माता " सी आर आई हिन्दी सेवा की विशेष
श्रृँखला के अन्तर्गत भारत एवँ चीन की महान विभूतियोँ फाश्यान,
ह्वानसांग, कुमारजीव, महाकवि गुरू रवीन्द्रनाथ टैगोर, प्रोफेसर पाई
खाईयुआन, महान डॉक्टर कोटनीस , शिक्षाविद् थाओशिँग जी, के विषय मेँ
विस्तृत आलेख की प्रस्तुति बेहद प्रशंसनीय है। ये अतीत के वह सुनहरे
पन्ने हैँ जिन पर चल ही भारत -चीन मैत्री की बुलन्द इमारत तैयार होगी।
इन महान विभूतियोँ ने जो सीमाओँ से परे होकर दो प्राचीन सभ्यताओँ को एक -
दूसरे से समीप लाने का , आपस मेँ समझने, सेवाभाव का भागीरथी प्रयास किया
है उन्हेँ किसी शब्दोँ की सीमाओँ मेँ बाँधना एक कठिन कार्य है। इस साल
भारत - चीन ने पंचशील की 60 वीँ वर्षगाँठ को ' मैत्री आदान- प्रदान वर्ष'
के रूप मेँ मना रहेँ हैँ । ऐसे मेँ राष्ट्रपति श्री शी जिँनपिग की भारत
यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है।इसे दोनोँ देशोँ की परस्पर भागीदारी ,
सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध के लिए शुभ संकेत माना जाना चाहिए। सी आर आई
हिन्दी वेबसाइट पर राष्ट्रपति श्री जिँनपिग की दक्षिण एशिया यात्रा की
विशेष एवं आर्कषण ढ़ंग से प्रकाशित किया गया है वह बरवस ही अपनी ओर ध्यान
आकर्षित कर रही है। क्रमबद्ध ढ़ंग से भारत चीन के बीच राजनयिक सम्बन्धोँ
की प्रस्तुति, आकर्षक फोटो गैलरी इसमेँ चार चाँद लगा रही है। इस विशेष
प्रस्तुति के लिए सी आर आई हिन्दी की टीम का आभार व्यक्त करती हूँ । मुझे
खुशी है कि चीन के बारे मेँ विस्तार से जाने के लिए सी आर आई हिन्दी
एक बेहतर जरिया है। भारत- चीन मैत्री के निर्माण मेँ अपना अहम योगदान कर
रहा है।
प्रेषक- अर्चना राजपूत
अलीगढ़ उ.प्र. [भारत]
मैं सीआरआई के हिन्दी विभाग के रिपोर्टर और विशेषज्ञ श्री अनिल आज़ाद पांडेय जी के साथ एक मत हूं कि "चीन और भारत के सहयोग में भारी निहित शक्ति मौजूद है" जिनसे पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के अच्छे विकास को बनाये रख जाएगा।
नमस्कार सहित-
रविशंकर बसु
संपादक
न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब,पश्चिम बंगाल,भारत
समय की जरुरत है दोनों देश आपसी समझ बढ़ाएं।
सीमा मुद्दा दोनों देशों के संबंधों के विकास पर कोई असर नहीं डाल सकता। चीन को आशा है कि दोनों देश मित्रवत स्थिति को बनाए रखते हुए समान प्रयास करेंगे।
अनिल कुमार द्विवेदी
हम चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग जी का हार्दिक स्वागत करते हैं ,चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे को भारतवासी सकारात्मक नज़रिये से देख रहे हैं l निश्चित रूप से मौजूदा यात्रा से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे l
--चुन्नीलाल कैवर्त(अध्यक्ष)
-ग्रीन पीस डी-एक्स क्लब सोनपुरी,
पोस्ट टेंगनमाड़ा,जिला बिलासपुर
(छत्तीसगढ़) INDIA
अनिल आजाद पांडेय के लेख "जिनपिंग के भारत दौरे से चीनियॉ को मजबुत रिश्ते की उम्मीद " शीर्षक लेख बहुति अच्छा लगा । अनिल जो को इस लेख के लिए बहुत बहुत धन्यबाद । भारतीय जनताऑ ने चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की यात्रा को दोनॉ देशॉ के हितॉ को आगे बढ़ाने के रूप मेँ देख रही है । शी चिनफिंग की भारत यात्रा काफी महत्वपूर्ण है । भारतीय जनताऑ ने उम्मीद जताई कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष के साथ दोनॉ देशॉ से जुड़े महत्बपूर्ण बिषयॉ पर चर्चा की जाएगी । गैरवलब है की चीनी राष्टाध्यक्ष तीन दिनॉ की यात्रा पर भारत आ रहे । शी चिनफिंग आने वाले तीसरे चीनी राष्ट्राध्यक्ष है । शी चिनफिँग को स्वागत करने के लिए भारत पूरी तरा तैयार है । लेकिन सीमा बिबाद दोनॉ देशॉ के उन्नत संबंधॉ तैयार करने मेँ अन्तराय बन गयी थी । खोला दिलॉ से बार्ता के जरिए यदि सीमा बिबाद को समाधान की जाए तो भारत -चीन रिश्ते बिश्व को एक अलग शांति समृद्धि और उन्नयन की नये पथ देखा सकती है ।
बिधान चंद्र सान्याल , अध्यक्ष - अल इंडिया सी आर आई लिसनार्स एसोसियेशन , पश्चिम बंगाल , भारत ।