आपका
सुरेश अग्रवाल
केसिंगा (ओड़िशा)
भारत और चीन न केवल एक पडोंसी देश हैं बल्कि भू-क्षूत्र के लिहाज से भी बड़े देश हैं साथ ही साथ विश्व की दो महान और बड़ी शक्तियों में से एक हैं। ऐसे में चीन जो आज विश्व की बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है, के राष्ट्राध्यक्ष की भारत यात्रा अपने आप में बड़ा मायने रखती है। भारत की मीडिया पलक पांवड़े सजा कर जिनफिंग के स्वागत में बैठी है। भारत को भी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में भारत-चीन के बीच एक नए संबंधो का सूत्रपात होगा। ये भी आशा की जा रही है कि चीनी अध्यक्ष द्वारा भारत में भारी निवेश को हामी भरी जा सकती है। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों जिसमें बुलेट ट्रेन व इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रमुख रूप से हैं चीन के अनुभवों व निवेश का लाभ भी भारत को मिलेगा। इसके अतिरिक्त कुछ उलझे मुदृदे मसलन पाकिस्तान स्थित स्वतंत्र. कश्मीर में चीन की सड़क परियोजना व अरुणाचल प्रदेश पर भी विचार विमर्श की उम्मीद भारत करता है। वैसे हमें पूरा विश्वास है कि भारत और चीन इस मौके का फायदा उठाकर एक दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे ताकि साँस्कृतिक आदान-प्रदान और आपसी विश्वास व भरोसे के ये रिश्ते परवान चढ़ सकें।
रवि श्रीवास्तव, इण्टरनेशनल फ्रेण्डस क्लब, इलाहाबाद।