चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग 11 सितंबर की सुबह ताजिकिस्तान की राजधानी दुशान्बे में आयोजित शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों की परिषद के 14वें सम्मेलन में भाग लेने के लिए पेइचिंग से रवाना हुए। वे ताजिकिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और भारत की यात्रा करेंगे। शी चिनफिंग के कार्यक्रमों पर रूस, भारत, ताजिकिस्तान की सरकारों और मीडिया का बड़ा ध्यान केंद्रित हैं।
रूसी इतार तास समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि मौजूदा शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन और शी चिनफिंग वार्ता करेंगे। दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मुद्दों, मध्य एशियाई स्थिति, शांगहाई सहयोग संगठन के ढांचे में सहयोग और अफ़गानिस्तान समेत सिलसिलेवार द्विपक्षीय मसलों पर विचार विमर्श करेंगे।
ताजिकिस्तान की यात्रा के बाद शी चिनफिंग मालदीव, श्रीलंका और भारत की यात्रा करेंगे। भारतीय अखबार द इकोनॉमिक्स टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित कर कहा कि यह शी चिनफिंग की पहली भारत यात्रा होगी। गुजरात और महाराष्ट्र में चीनी औद्योगिक उद्यानों के निर्माण को बढ़ावा देना मौजूदा यात्रा का प्रमुख लक्ष्य होगा। दोनों औद्योगिक उद्यानों के लिए कुल 7 अरब अमेरिकी डॉलर की पूंजी लगाई जाएगी। इसके अलावा दोनों पक्ष भारत में रेल परियोजना पर भी विचार विमर्श करेंगे। लेख में यह भी कहा गया कि शी चिनफिंग की यात्रा से चीन और भारत के बीच सिलसिलेवार आर्थिक सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत और चीन के बीच बड़ा व्यापारिक असंतुलन कम होगा।
मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के चार देशों की यात्रा रेशम मार्ग आर्थिक कोरिडॉर और 21वीं सदी वाले समुद्री रेशम मार्ग के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगी। यात्रा के जरिए चीन और उक्त चार देशों के बीच ज्यादा घनिष्ठ आर्थिक व व्यापारिक संबंध स्थापित होगा और चीन के खुलेपन का स्तर और उन्नत होगा।
(श्याओ थांग)