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    029  कुशल निशानेबाजी का राज
    2017-05-23 19:35:45 cri

     कुशल निशानेबाजी का राज 熟能生巧

    "कुशल निशानेबाजी का राज"नाम की कहानी को चीनी भाषा में"शू नेंग शंग छ्याओ"(shú néng shēng qiǎo) कहा जाता है। इसमें"शू"का अर्थ है कुशल होना और"नेंग"का है सकना, जबकि तीसरा शब्द"शंग"का अर्थ है पैदा होना और अंतिम शब्द"छ्याओ"का अर्थ निपुणता या कुशलता है।

    चीन के सोंग राजवंश (960-1279) में छन योउची नाम का एक व्यक्ति था। वह कुशल तीरंदाजी के लिए बहुत मशहूर था। पूरे इलाके में उसके जैसा कुशल निशानेबाज़ कोई नहीं था। उसे खुद पर बहुत घमंड था और वह लोगों को अपना कौशल दिखाता रहता था।

    एक दिन, वह अपने उद्यान में तीरंदाजी का अभ्यास कर रहा था। उसका हरेक तीर ठीक निशाने पर लग रहा था, जिससे वहां उसका प्रदर्शन देखने वाली भीड़ से बार-बार तालियों की आवाज़ आ रही थी। ऐसे में वह निशानेबाज़ बड़ा खुश था।

    लेकिन इसी बीच तेल बेचने वाला एक बुजुर्ग आया। छन के तीरंदाजी के कौशल को देखने के बाद वह तारीफ़ करने के बजाए सिर्फ हंस पड़ा। उसने वहां खड़े लोगों से कहा कि इसमें कोई खास बात नहीं।

    बूढ़े की बात सुनकर छन योउची का चेहरा उतर गया। उसने बुजुर्ग व्यक्ति से पूछा:"क्या आप भी तीरंदाजी जानते हैं?क्या मेरा कौशल अच्छा नहीं है?"

    बुजुर्ग ने जवाब में कहा:"आपकी तीरंदाजी बेहतर है और मुझे तीरंदाजी नहीं आती, लेकिन तुम्हारी निशानेबाज़ी में कोई विशेष बात नहीं।"

    छन योउची का गुस्सा और बढ़ गया:"मेरे कौशल की उपेक्षा कर रहा है, मैं देखना चाहता हूं कि तुम्हें क्या आता है।"

    जब छन सोच ही रहा था, तभी बुजुर्ग व्यक्ति कहने लगा:"मैं अभी तेल डालने का कौशल दिखाऊंगा, उसे देखकर तुम्हें समझ में आ जाएगा।"

    कहते हुए बुजुर्ग ने एक तुमड़ी निकाली, फिर एक सिक्का निकाल कर उसे तुमड़ी के छोटे मुंह पर रख दिया। इसके बाद लकड़ी के एक बड़े चमचे से घड़े में से चमचा भर तेल निकाला और धीरे-धीरे चमचे के तेल को नीचे रखी तुम्मड़ी में डालने लगा।

    चमचे और तुमड़ी के बीच दूरी बहुत थी, लेकिन बुजुर्ग के हाथ से तेल सीधी पतली रस्सी की भांति सिक्के के बीच के छोटे छेद से होकर तुमड़ी के अन्दर जाने लगा। देखते-देखते पूरे चमचे का तेल डाल दिया, लेकिन तुमड़ी पर रखे सिक्के में तेल की एक छोटा सी बूंद भी नहीं पड़ी। ऐसा करने के बाद बुजुर्ग व्यक्ति ने सिर उठाकर छन योउची से कहा:"मैंने भी कोई कमाल का काम नहीं किया है, बस रोज़ यह करते-करते कुशल हो गया हूं।"

    तुमड़ी में तेल डालने का करिश्मा देखकर छन योउची को बात समझ आ गयी। उसने बड़े सम्मान के साथ बुजुर्ग को वहां से विदा किया।

    चीन में कहावत है कि बार-बार अभ्यास करने से किसी भी काम में कुशलता पायी जा सकती है, वह इसी कथा"कुशल निशानेबाजी का राज"यानी चीनी भाषा में"शू नेंग शंग छ्याओ"(shú néng shēng qiǎo) पर आधारित है।

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