अब सौराकाटा को यीवू में रहने की आदत हो चुकी है। वे सरल चीनी भाषा बोलकर कर्मचारियों को काम दे सकते हैं, सहयोगियों के साथ व्यापार कर सकते हैं, दोस्तों के साथ बातचीत कर सकते हैं और चीनी मित्रों के लिए अनुवाद भी कर सकते हैं। उनकी बात सुनते हुए आपको पता नहीं है कि वे एक विदेशी हैं।
सौराकाटा के विचार में विदेश में व्यापार करने के लिए प्राथमिकता है संपर्क का तरीका जानना। यह पैसे कमाने से और अहम है। निस्संदेह, संपर्क में स्थानीय भाषा में बातचीत करने के अलावा, संस्कृति की सहिष्णुता और समझदारी भी शामिल है। दुनिया में विभिन्न देशों की अपनी अपनी संस्कृति है। विभिन्न देशों और क्षेत्रों की संस्कृतियों में भिन्नता मौजूद है। देशों के बीच आदान-प्रदान में अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो ग़लतफ़हमी और अप्रसन्नता के लिए जगह पैदा होगी। कई वर्षों से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार कर रहे सौराकाटा पूरी तरह समझते हैं। उन्होंने कहा कि चाहे चीनी लोग अफ़्रीका जाएं, या अफ़्रीकी व्यापारी चीन आएं, सबको सक्रियता से स्थानीय जीवन का अनुकूलन करना चाहिए। अगर हमेशा मित्रता से सहयोग करना चाहते हैं, तो स्थानीय रीति-रिवाज़ों को सीखना चाहिए, समझना चाहिए और सम्मिलित करना चाहिए। इसके साथ साथ विभिन्न संस्कृतियों का सम्मान भी करना चाहिए। सौराकाटा ने कहाः
"जब मैं किसी देश में जाता हूं, तो मुझे स्थानीय लोगों से यह नहीं कहना चाहिए कि वो मुझे स्वीकार करें, बल्कि मुझे सबसे पहले उनके जीवन जीने के तरीके और संस्कृति को समझना चाहिए। अगर मैं स्थानीय संस्कृति से परिचित नहीं रहूंगा, तो वो लोग मुझे स्वीकार नहीं करेंगे।"
कई वर्षों तक चीन में रहने के बाद सौराकाटा एक चीनी बन गए हैं। चीन में व्यापार करने वाले विदेशी व्यापारी होने के नाते वे चीनी संस्कृति से सम्मिलित करने पर बड़ा ध्यान देते हैं। उनके दफ़्तर की सजावट भी चीनी शैली की है।
"मेरा दफ़्तर देखें, इधर उधर चीनी अक्षर के चित्र लगे हुए हैं। मैं चीन में हूं, तो मैं आसपास के वातावरण को चीनी शैली वाला बनाना चाहता हूं। हालांकि मैं एक विदेशी हूं, पर मैं चीन को समझने वाला विदेशी हूं।"