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अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आका मनोरंजन करने।
दोस्तो, आज के प्रोग्राम में पिछले दिनों दक्षिण पश्चिम चीन के खुनमिंग शहर में आयोजित चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो के बारे में बात करेंगे और इससे संबंधित इंटरव्यू भी पेश किए जाएंगे।
लीजिए, प्रोग्राम की शुरुआत करते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि गत 12 से 17 जून तक खुनमिंग में चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो का आयोजन हुआ। जिसमें भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका समेत कई देशों के प्रदर्शकों ने एक्सपो में हिस्सा लिया। छह दिन तक चले एक्सपो के प्रति आम लोगों ने बहुत रुचि दिखाई। भारतीय वस्तुओं के लेकर भी चीनी लोगों में उत्साह देखा गया।
लीजिए सबसे पहले पेश है..... फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइज़ेशन यानी फियो के उपाध्यक्ष, रमेश अग्रवाल के साथ बातचीत। जो कि भारतीय दल के साथ खुनमिंग पहुंचे थे।
आप सुन रहे हैं रमेश अग्रवाल के साथ बातचीत
अभी आपने सुनी भारत से आए फियो के उपाध्यक्ष रमेश अग्रवाल के साथ चर्चा।
गौरतलब है कि चौथी बार चीन-दक्षिण एशिया एक्सपो का आयोजन किया गया। इस बार भारतीय दल का नेतृत्व इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स और फ़ेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइज़ेशन ने संयुक्त रूप से किया। जिसमें दो सौ से अधिक प्रदर्शकों ने अपने उत्पादों को एक्सपो के माध्यम से चीन में लोकप्रिय बनाने का पूरा प्रयास किया। मुझे सबसे अधिक जिन स्टाल्स ने अपनी ओर आकर्षित किया, उनमें परंपरागत आयुर्वेदिक औषधि संबंधी स्टाल, भारतीय फर्नीचर और भारतीय परिधान आदि प्रमुख हैं।
एक्सपो के दौरान भारत और चीन के बीच शिक्षा आदि क्षेत्र में सहयोग समझौते भी हुए। दोस्तो, खुनमिंग शहर, भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, थाइलैंड आदि देशों के बहुत नजदीक स्थित है। ऐसे में इसे गेटवे शहर भी कहा जा सकता है। हाल के वर्षों में खुनमिंग का तेज विकास हुआ है। खुनमिंग में दक्षिण एशियाई देशों, विशेषकर भारत के छात्र बड़ी संख्या में मेडिकल आदि की पढ़ाई करते हैं।
अब लीजिए सुनते हैं, मणिपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इबोहल मेइटी के साथ चर्चा।
आप सुन रहे हैं, प्रो. इबोहल के साथ चर्चा।
अभी आपने मणिपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इबोहल के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश सुने।
यहां बता दें कि खुनमिंग एक्सपो में वियतनाम और मालदीव ने अतिथि देश के रूप में हिस्सा लिया। तमाम देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में 12 जून को चीन के उप प्रधानमंत्री वांग यांग ने भाषण दिया। जबकि युन्नान प्रांत के गवर्नर छन हाव के अलावा श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, मालदीव, वियतनाम आदि देशों के नेताओं ने भी इस मौके पर भाषण देकर चीन द्वारा की गयी पहल की सराहना की।
इस दौरान भारत सरकार के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। जिसमें क्वांगचो में मौजूद काउंसल जनरल साइलस थंगल भी शामिल थे।
साइलस ने वर्तमान एक्सपो को भारत और चीन दोनों के लिए शानदार मंच बताते हुए कहा कि इसके ज़रिए दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने के साथ-साथ सांस्कृतिक संबंध भी बेहतर होंगे।
अब पेश है, भारतीय काउंसल जनरल साइलस थंगल के साथ बातचीत।
.........आप सुन रहे हैं थंगल के साथ चर्चा
अभी आपने सुना साइलस थंगल के साथ साक्षात्कार।
आज के प्रोग्राम में आपने खुनमिंग दक्षिण एशिया मेले से संबंधित साक्षात्कार सुने।
दोस्तो, इस बार का चीन-दक्षिण एशिया मेला संपन्न हो गया। जिसमें लाखों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। अगले साल फिर से कई दक्षिण एशियाई देश मेले में हिस्सा लेंगे। इसी उम्मीद के साथ चीन का इन देशों के साथ व्यापार बढ़ेगा। जिसमें एशिया की प्रमुख शक्ति भारत के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत होना भी शामिल है।
लीजिए अब समय हो गया है, श्रोताओं की टिप्पणी का।
पहला पत्र आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। उन्होंने लिखा है, आज का "टी टाइम" कार्यक्रम पूरी तरह योग को समर्पित रहा। 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में दुनियाभर में योग कार्यक्रम आयोजित किए गए। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तीस हज़ार से अधिक योग प्रेमियों ने चंडीगढ़ में योग किया। वहीं भारत के अन्य शहरों में बड़ी संख्या में लोगों ने योगाभ्यास किया। जबकि चीन सहित दूसरे देशों में भी योग दिवस पर कार्यक्रम हुए। विदेशों में आयोजित योग कार्यक्रमों में चीन सब से अव्वल रहा, जहाँ 18 जून से 26 जून तक विभिन्न शहरों में योग संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 18 जून को पेइचिंग में कुछ जगहों पर बड़ी संख्या में योग प्रेमियों ने भारतीय योग शिक्षकों के सानिध्य में योग किया। पेइचिंग के छाओयांग पार्क और रथान लू में लगभग डेढ़ हजार लोगों ने योग का अभ्यास किया। जबकि 19 जून, 20 जून और 21 जून को भी बीजिंग सहित कई शहरों में लोगों में योग का अभ्यास किया। चीन में योग की लोकप्रियता बड़ी तेज़ी से बढ़ रही है, इसका अंदाजा सहज लगाया जा सकता है। एक सार्थक प्रस्तुति हेतु सीआरआई हिन्दी का हृदय की गहराइयों से आभार।
वहीं पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप ने भी हमें पत्र भेजकर प्रोग्राम के बारे में लिखा है। वह लिखते हैं कि पिछले प्रोग्राम में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बारे में जानकारी दी गई। जैसा कि आपने प्रोग्राम में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की स्वीकृति दी। साथ ही 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल 193 देशों द्वारा हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया। सच कहा कि भारत के नेतृत्व में योग फिर से अपनी वास्तविक पहचान बना रहा है। उम्मीद है दुनिया भर में योग की वजह से भारत फिर से शिखर पर पहुंचेगा।
धन्यवाद। एक शानदार प्रस्तुति के लिए। धन्यवाद देवाशीष जी, हमें पत्र भेजने के लिए।
अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।