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    संडे की मस्ती 2016-06-19
    2016-06-19 19:52:10 cri

    अखिल- हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर

    सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना

    अखिल- दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    अखिल- चलिए दोस्तों, प्रोग्राम शुरू करने से पहले, हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    सपना- इस चीनी गीत का नाम है"मेरे पिता"। मित्रों, फादर्स डे के उपलक्ष्य में अब प्रस्तुत है चीनी गायक... द्वारा गाया गया《मेरे पिता》नाम का गीत। जिसमें पिता की महानता का गुणगान किया जाता है। गीत के बोल कुछ इस प्रकार है:

    याद है बचपन की यादें मुझे, जब पिता के कंधे पर बैठा करती थी मैं

    सातवें आसमान का एहसास करवाते मुझे, मेरे पिता

    लाड-प्यार के साथ बड़ा किया मुझे, मेरे पिता ने

    बड़ी होने के बाद मैं निकल गई अपने सपने जीने के लिए

    हज़ारों मील की दूरी से भी भेजा करते थे चिट्टी-पत्र, मेरे पिता

    बड़े ही मेहनती और परिश्रमी है, मेरे पिता

    कभी नहीं जताते अपनी थकान हमें

    मैं सिर्फ़ एक गीत गाती हूँ आपके लिए

    कामना है दुनिया में माता-पिता

    सुखमय और स्वस्थ रहें

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    अखिल- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज से सपना जी पेश किया करेंगे एक संवेदनशील कहानी.... उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आएगी।

    सीरियाई संवेदनशील कहानी- पर्वतपुत्र, जिसका लेखक है आरिफ़ अल खोरी

    अखिल- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    अखिल- चलिए.. मैं आपको बताता हूं कि विज्ञापन पर बवाल मचा तो चीन की डिटरजेंट कंपनी को मांगनी पड़ी माफी

    चीन में एक डिटरजेंट कंपनी को अपने विवादित विज्ञापन की वजह से माफी मांगनी पड़ी। लेकिन दुनियाभर में इस विज्ञापन पर हल्ला मचाने के लिए मीडिया पर आरोप भी मढ़ दिया। यह विज्ञापन शंघाई की लेशांग कॉस्मेटिक्स लि. कंपनी के कियाओबी ब्रांड के डिटरजेंट का था। इसमें एक चीनी औरत काले आदमी को डिटरजेंट खिलाकर वॉशिंग मशीन में डाल देती है। कुछ देर बाद बाद वह आदमी मशीन से गोरा होकर निकलता है। विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना हुई। इसे रंगभेद करार दिया गया। काले लोगों को अपमान बताया गया। करीब 70 लाख लोगों ने वीडियो देखा।

    इसके बाद शनिवार रात कंपनी के मालिक शिआ ने कहा, 'यह विज्ञापन एक माह पुराना है। जब तक लोगों ने इस ओर ध्यान नहीं दिलाया, मुझे यह नस्लवादी नहीं लगा था। हम इसके लिए माफी मांगते हैं।'

    सपना- चलिए, मैं बताती हूं कि स्पोर्ट्स कार खरीदने के पैसे नहीं थे, इसलिए इंटरनेट से सीख बना दी कार

    चीन के हुन्नान प्रांत के छांगशा शहर में एक बच्चे ने स्पोर्ट्स कार जैसी गाड़ी बनाई है। दरअसल इस बच्चे के पास स्पोर्ट्स कार खरीदने के लिए पैसे नहीं थे। इसलिए उसने पहले इंटरनेट पर स्पोर्ट्स कार बनाने की तकनीक सीखी। फिर कबाड़ से सामान जुटाकर छह माह में कार बना दी। 30 हजार रुपए की लागत आई। इसकी स्पीड 40 किमी प्रति घंटे की ही है।

    अखिल- चलिए मैं बताता हूं कि चीन के इस पार्क में ऐसे पड़ी हैं लग्जरी कारें, कोई नहीं आता इन्हें लेने

    दोस्तों, चीन के चेंग्दू शहर में करोड़ों रुपए की लग्जरी कारें लावारिस पड़ी हैं। 'पीपुल्स डेली ऑनलाइन' की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर गाड़ियों के मालिक क्रिमिनल केस के कारण इन्हें पार्क में छोड़ गए हैं। कई महीनों से खड़ी इन गाड़ियों के आसपास झाड़ियां उग आई हैं।

    रिपोर्ट में बताया गया कि यहां कम से कम दो बेंटले, दो लैंड रोवर, तीन मर्सिडीज बेंज और कुछ मोटरबाइक्स खड़ी हैं। यह भी बताया जा रहा है कि आसपास की लोकेशन्स पर कुल मिलाकर 200 से ज्यादा गाड़ियां लावारिस खड़ी हैं। इनमें से कुछ कारें पिछले 2 साल से यहां खड़ी हैं। ज्यादातर गाड़ियों के मालिक क्रिमिनल केसों में फंसे हैं, जिस कारण वे इन्हें आज तक लेने नहीं आए।

    कुछ गाड़ियां ऐसी भी हैं, जिन्हें सही पेपरवर्क न होने की वजह से यहां छोड़ दिया गया। लोकल अथॉरिटी के लिए ये लावारिस गाड़ियां सिरदर्द बन चुकी हैं। अथॉरिटी यह डिसाइड नहीं कर पा रही कि इनका क्या किया जाए। हालांकि, कुछ को जल्द ही नीलाम किया जाएगा।

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    हिन्दी गीत का मज़ा---

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है सफलता का सबक

    अखिल- दोस्तों, एक आठ साल का लड़का गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास गाँव घूमने आया। एक दिन वो बड़ा खुश था, उछलते-कूदते वो दादाजी के पास पहुंचा और बड़े गर्व से बोला, " जब मैं बड़ा होऊंगा तब मैं बहुत सफल आसमी बनूँगा। क्या आप मुझे सफल होने के कुछ टिप्स दे सकते हैं?"

    दादा जी ने'हाँ' में सिर हिला दिया, और बिना कुछ कहे लड़के का हाथ पकड़ा और उसे करीब की पौधशाला में ले गए।

    वहां जाकर दादा जी ने दो छोटे-छोटे पौधे खरीदे और घर वापस आ गए।

    वापस लौट कर उन्होंने एक पौधा घर के बाहर लगा दिया और एक पौधा गमले में लगा कर घर के अन्दर रख दिया।

    "क्या लगता है तुम्हे, इन दोनों पौधों में से भविष्य में कौन सा पौधा अधिक सफल होगा?", दादा जी ने लड़के से पूछा।

    लड़का कुछ क्षणों तक सोचता रहा और फिर बोला, " घर के अन्दर वाला पौधा ज्यादा सफल होगा क्योंकि वो हर एक खतरे से सुरक्षित है जबकि बाहर वाले पौधे को तेज धूप, आंधी-पानी, और जानवरों से भी खतरा है…"

    दादाजी बोले, " चलो देखते हैं आगे क्या होता है !", और वह अखबार उठा कर पढने लगे।

    कुछ दिन बाद छुट्टियाँ ख़तम हो गयीं और वो लड़का वापस शहर चला गया।

    इस बीच दादाजी दोनों पौधों पर बराबर ध्यान देते रहे और समय बीतता गया। ३-४ साल बाद एक बार फिर वो अपने पेरेंट्स के साथ गाँव घूमने आया और अपने दादा जी को देखते ही बोला, "दादा जी, पिछली बार मैं आपसे successful होने के कुछ टिप्स मांगे थे पर आपने तो कुछ बताया ही नहीं…पर इस बार आपको ज़रूर कुछ बताना होगा।"

    दादा जी मुस्कुराये और लडके को उस जगह ले गए जहाँ उन्होंने गमले में पौधा लगाया था।

    अब वह पौधा एक खूबसूरत पेड़ में बदल चुका था।

    लड़का बोला, " देखा दादाजी मैंने कहा था न कि ये वाला पौधा ज्यादा सफल होगा…"

    "अरे, पहले बाहर वाले पौधे का हाल भी तो देख लो…", और ये कहते हुए दादाजी लड़के को बाहर ले गए.

    बाहर एक विशाल वृक्ष गर्व से खड़ा था! उसकी शाखाएं दूर तक फैलीं थीं और उसकी छाँव में खड़े राहगीर आराम से बातें कर रहे थे।

    "अब बताओ कौन सा पौधा ज्यादा सफल हुआ?", दादा जी ने पूछा।

    "…ब..ब…बाहर वाला!….लेकिन ये कैसे संभव है, बाहर तो उसे न जाने कितने खतरों का सामना करना पड़ा होगा….फिर भी…", लड़का आश्चर्य से बोला।

    दादा जी मुस्कुराए और बोले, "हाँ, लेकिन challenges face करने के अपने rewards भी तो हैं, बाहर वाले पेड़ के पास आज़ादी थी कि वो अपनी जड़े जितनी चाहे उतनी फैला ले, आपनी शाखाओं से आसमान को छू ले…बेटे, इस बात को याद रखो और तुम जो भी करोगे उसमे सफल होगे- अगर तुम जीवन भर safe option choose करते हो तो तुम कभी भी उतना नहीं grow कर पाओगे जितनी तुम्हारी क्षमता है, लेकिन अगर तुम तमाम खतरों के बावजूद इस दुनिया का सामना करने के लिए तैयार रहते हो तो तुम्हारे लिए कोई भी लक्ष्य हासिल करना असम्भव नहीं है!

    लड़के ने लम्बी सांस ली और उस विशाल वृक्ष की तरफ देखने लगा…वो दादा जी की बात समझ चुका था, आज उसे सफलता का एक बहुत बड़ा सबक मिल चुका था!

    दोस्तों, भगवान् ने हमें एक meaningful life जीने के लिए बनाया है। But unfortunately, अधिकतर लोग डर-डर के जीते हैं और कभी भी अपने full potential को realize नही कर पाते। इस बेकार के डर को पीछे छोडिये…ज़िन्दगी जीने का असली मज़ा तभी है जब आप वो सब कुछ कर पाएं जो सब कुछ आप कर सकते हैं…वरना दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ तो कोई भी कर लेता है…

    इसलिए हर समय play it safe के चक्कर में मत पड़े रहिये…जोखिम उठाइए… risk लीजिये और उस विशाल वृक्ष की तरह अपनी life को large बनाइये!

    सपना- तो दोस्तों, ये थी अखिल द्वारा प्रस्तुत प्रेरक कहानी। शीर्षक है"सफलता का सबक"। उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आयी होगी। दोस्तों, इस शुक्रवार कोई हिन्दी फिल्म रिलिज नहीं हुई, इसलिए आज हम आपको कोई ट्रेलर नहीं सुनवा रहे हैं। चलिए हंसी-खुशी की डबल डोज देने के लिए हम हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए लेकर आए हैं कुछ मजेदार जोक्स, जिन्हें सुनकर आप जरूर हो जाएंगे लोट-पोट... आइए.. सुनते हैं ये कुछ मजेदार जोक्स

    अखिल- 1. दोस्तों, केसिंगा, ओडिशा से हमारे श्रोता भाई सुरेश अग्रवाल जी ने एक ओडियो जोक भेजा है, जिसे हम आपके समक्ष पेश करते हुए बहुत खुशी हो रही है।

    (ओडियो जोक-1)

    सपना- बहुत-बहुत धन्यवाद भाई सुरेश अग्रवाल जी...

    2. पति:- अगर मुझे लाटरी‬ लगी तो तुम क्या करोगी...??

    पत्नी:- आधे पैसे लेकर हमेशा के लिए मायके चली जाउंगी.. मैं भी खुश और आप भी खुश

    पति:- ‪#‎20_रुपये‬ की लाटरी लगी है ये ले 10 रूपये और निकल..

    3. इंसान भगवान से बोला:- भगवान लड़कियां हमेशा प्यारी होती हैं पर बीवी क्यों इतनी खतरनाक होती है

    भगवान बोले :- क्योंकि लड़कियां मैं बनाता हूँ और उन्हें बीवी तुम बनाते हो, तुम्हारी समस्या है। तुम ही झेलो 

    4. इंगलिश की क्लास में गोलू लेट पहुंचा इंगलिश टीचर: गोलू, व्हाय आर यू सो लेट ? गोलू : सर वो ना …. टीचर: गोलू स्पीक इन इंग़लिश गोलू: सर माय कार वाज फसिंग इन कीचड़, नो हिलिंग नो डुलिंग, ओनली पो.. पो.. पा.. पा.. करिंग !!

    अखिल- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुरेश अग्रवाल जी, हमें इतना मजेदार जोक्स भेजने के लिए। दोस्तों, आप भी हमारे साथ जोक्स या हंसी-मजाक की बातें शेयर कर सकते हैं। चलिए... अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और सपना को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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