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    आप की पसंद 160528
    2016-06-07 10:58:47 cri

    28 मई आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... धर्मेन्द्र सिंह और इनके सभी परिजनों ने आप सभी ने हमें पत्र लिखा है मल्थोने, ज़िला सागर, मध्यप्रदेश से और आप सभी ने सुनना चाहा है मिली (1975) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं योगेश और संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. मैंने कहा फूलों से .....

    पंकज - एक झटके में सेल्समैन बन गया 'अरबपति', अकाउंट में आए 100 करोड़ रुपए

    पटना.बिहार के पटना में एक कम्प्यूटर शोरूम में सेल्समैन के तौर पर काम करने वाले शख्स के बैंक अकाउंट में अचानक 100 करोड़ रुपए आ गए। अकाउंट में इतनी बड़ी रकम आने की वजह से वह कुछ पल के लिए करोड़पति बन गया। अकाउंट में इतने ज्यादा पैसे देखकर वह हैरान हो गया और अपना खाता चेक करने बैंक जा पहुंचा। कैसे आए अकाउंट में इतने रुपए...

    - जिस शख्स के अकाउंट में 100 करोड़ रुपए आए उसका नाम रवि कुमार है, वह पटना के एसपी वर्मा रोड पर किराए के एक मकान में रहता है।

    - रवि यहां के एक कम्प्यूटर के शोरूम में जॉब करता है। उसकी सैलरी महज आठ हजार रुपए है।

    - शनिवार को उसके एसबीआई अकाउंट में 800 रुपए थे। जब वह पास के एटीएम से पैसे निकालने पहुंचा तो पैसा नहीं निकला।

    - इसके बाद वह स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पहुंचा जहां उसका अकाउंट है।

    - यहां रवि ने पहुंचकर बैंक अफसरों से शिकायत की तो उन्होंने कहा कि पासबुक अपडेट करा लो।

    - जब रवि ने पासबुक अपडेट कराया तो उसके अकाउंट में 99 करोड़ 99 लाख 98 हजार 303 रुपए बैलेंस आया।

    अंजली – वैसे इस तरह की गलतियां हम सरकारी महकमों में कभी कभी देखते रहते हैं, हो सकता है कि रवि कुमार के बैंक खाते में जो अचानक 99 करोड़ रुपये आ गए थे वो बैंक में किसी कम्पयूटर सॉफ्टवेयर की गलती से आ गए हों, लेकिन इस गलती को तुरंत सुधार भी दिया गया। वाकया तो दिलचस्प है भले से ही ये किसी सपने जैसा लगता हो लेकिन आठ हज़ार रुपए कमाने वाला रवि कुछ देर के लिये करोड़पति तो बन गया था। मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज, आलोट, महाराष्ट्र से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, अतुल और इनके ढेर सारे साथी आप सभी ने सुनना चाहा है रजनीगंधा (1974) फिल्म का गाना जिसे गाया है मुकेश ने गीतकार हैं योगेश, संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. कई बार यूं ही देखा है .....

    पंकज - दो दिन के लिए फ्रीज कर दिया गया अकाउंट

    -रवि ने जब अपने अकाउंट में 100 करोड़ की राशि देखी तो उसने ब्रांच मैनेजर को इसकी जानकारी दी।

    - ब्रांच मैनेजर ने रवि का पासबुक देखा और कहा कि ये टेक्निकल फाल्ट है, जल्द ही सही हो जाएगा।

    - इसके बाद रवि का अकाउंट दो दिन के लिए फ्रीज कर दिया गया और फिर दो दिन बाद उसे चालू कर दिया गया।

    बैंक अधिकारियों ने जानकारी देने से किया इनकार

    - रवि ने जब इतने रकम के बारे में बैंक अफसरों से बात की तो उन्होंने जानकारी देने से इनकार कर दिया।

    - फिलहाल, उसके अकाउंट में अब उसके कुल 1695 रुपए दिख रहा है।

    पंकज - गांव का लड़का बना फिल्म डायरेक्टर, बनाई ऐसी फिल्म की बॉलीवुड को छोड़ा पीछे

    मुंबई.मराठी फिल्म सैराट ने इस साल अब तक हिट हुई तीन हिंदी फिल्मों में से दो 'बागी' और 'नीरजा' को पीछे छोड़ते हुए कमाई के रिकॉर्ड तोड़ दिए गए हैं। महज 3 करोड़ में बनी ये फिल्म अब तक 50 करोड़ कमा चुकी है। इस फिल्म के हिट होते ही डायरेक्टर नागराज मुंजले की चर्चा बॉलीवुड हलकों में जोरों पर है। बता दें कि एक पिछड़े गांव से निकलकर फिल्म डायरेक्टर बनने तक का सफर नागराज के लिए संघर्ष से भरा रहा। जानिए कैसी है उनकी पूरी कहानी...

    अंजली – आगे बढ़ने से पहले श्रोता मित्रों हम आप सभी को सुनवाना चाहेंगे कार्यक्रम का अगला गीत जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है मनकारा मंदिर, बीडीए क़ॉलोनी, करगैना, बरेली उत्तर प्रदेश से पन्नीलाल सागर, बेनी सिंह मासूम, धर्मवीर मनमौजू, ममता चौधरी, आशीष कुमार सागर, कुमारी रूबी भारती, अमर सिंह, कुमारी एकता भारती, कुमारी दिव्या भारती, श्रीमती ओमवती भारती, बहिन रामकली देवी ने, मित्रों आप सभी ने सुनना चाहा है मंज़िल (1979) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं योगेश, संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. रिमझिम गिरे सावन .....

    पंकज - नागराज का जन्म सोलापुर जिले के करमाला तहसील के पिछड़े गांव जेऊर में हुआ था।

    - घर में गरीबी होने के कारण नागराज के पिता पोपटराव से उनके भाई बाबुराव मुंजले को उन्हें गोद लिया।

    - बचपन से ही नागराज को फिल्में देखने और कहानियां सुनने का शौक था।

    - इसलिए स्कूल बंक कर वे अक्सर अपने दोस्तों के साथ फिल्म देखने जाते थे।

    क्या है फिल्म सैराट की कहानी

    नागराज द्वारा डायरेक्ट की गई सैराट फिल्म की कहानी एक अमीर और गरीब लड़के की इमोशनल प्रेम कहानी है। लड़का गरीब है, उसे ऊंची जाति वाली जमींदार की लड़की से प्रेम हो जाता है। जमींदार को प्रेम का पता चल जाता है। इसके बाद सोसाइटी और जमींदार से भागते हुए प्रेम और उसके संघर्ष को दिखाया गया है। 'सैराट' में रिंकू के अपोजिट आकाश ठोसर को कास्ट किया गया है, आकाश की भी ये डेब्यू फिल्म है।

    अंजली – अगर आपको भविष्य में अपना मकाम बनाना है और कुछ कर दिखाना है तो ये ज़रूरी नहीं है कि आप किसी बड़े स्कूल, कॉलेज या फिर संस्थान का हिस्सा रहें, बहुत से ऐसे लोगों ने भी इस दुनिया में अपना नाम बनाया है जिन्होंने बहुत छोटे से अपनी शुरुआत की है। इसलिये ये ज़रूरी नहीं की आप अभी कौन सी स्थिति में हैं ज़रूरी ये है कि आप जो कुछ बनना चाहते हैं उसके लिये आपमें लगन कितनी है। यानी ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपमें Killer instinct है या नहीं, और killer instinct खुद में जगाना पड़ता है। अगर ये खूबियां आपमें भी हैं तो आप भी आसमान की ऊंचाईयां छू सकते हैं। हमारे अगले श्रोता हैं कुरसेला तिनधरिया से ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी, एल के सिंह ... और आप सभी ने सुनना चाहा है बातों बातों में ( 1979) फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले और अमित कुमार ने गीतकार हैं योगेश और संगीत दिया है राजेश रौशन ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. न बोले तुम न मैंने कुछ कहा ....

    पंकज - चौथी क्लास में लगी शराब की लत...

    - जब नागराज चौथी में थे तब उन्हें शराब पीने की लत लगी थी। उनके पिता जब उनसे शराब मंगवाते थे तो रास्ते में बोतल से कुछ शराब निकालकर पी जाते थे। और बदले में बोतल में पानी मिला देते।

    - इसके बाद सातवीं में नागराज ने शराब छोड़ दी, लेकिन गांजा, सिगरेट पीने की लत ने उन्हें घेर लिया।

    - वे सिगरेट पीने वालों के आसपास खड़े हो जाते और उन्हें सिगरेट पैर से कुचलने मना करते।

    - फिर बची हुई सिगरेट और बट उठाकर खुद पिया करते थे।

    दो जोड़ी चप्पल पहनते थे चार भाई...

    - नागराज ने एक इंटरव्यू में बताया कि फैमली में हम चार भाई थे।

    - हम चारों भाइयों के लिए केवल दो जोड़ी पैरागॉन चप्पल हुआ करती थी।

    - ये हमारा 'चिल्ड्रन ऑफ़ हेवन' समय था। यानि यदि एक भाई घर के बाहर गया तो दूसरा चप्पल के लिए घर में रुकता था।

    सिक्युरिटी गार्ड से लेकर कपड़े प्रेस करने तक की नौकरी

    - फिल्म देखने और नशा करने नागराज के पास पैसे नहीं थे, इसलिए अपना ध्यान बंटाने उन्होंने किताबें पढ़ना शुरू की।

    - इसके बाद उन्होंने पुणे से मराठी में एमए किया और एमफिल की पढ़ाई करते हुए मॉस कम्युनिकेशन में भी एडमिशन लिया।

    - कुछ समय बाद उनका सिलेक्शन महाराष्ट्र पुलिस में हुआ, लेकिन कुछ ही महिनों में पुलिस की नौकरी छोड़ कर वापस गांव आ गए।

    - पैसों की तंगी हुई तो रात में सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी की और दिन में लोगों के कपड़े प्रेस करने लगे।

    अंजली – मित्रों हमारे कार्यक्रम के श्रोताओं की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है, ये देखकर हमारी खुशी भी दोगुनी हो जाती है, आप सभी हमें ऐसे ही अपने पत्रों के माध्यम से हमसे जुड़े रहिये और हम आपको मधुर हिन्दी फिल्मी गीत सुनवाते रहें ऐसा करना हमें बहुत ही अच्छा लगता है, तो मित्रों इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है मेहर रेडियो श्रोता संघ, सगोरिया, जिला मंदसौर, मध्यप्रदेश से श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, संगीता, ललिता, दुग्राबाई और पूरा मेहर परिवार, मित्रों आप सभी ने सुनना चाहा है उस पार (1974) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं योगेश, संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -------

    सांग नंबर 5. ये जब से हुई जिया की चोरी ....

    पंकज - ओबामा, बिल गेट्स से जुकरबर्ग तक, सक्सेसफुल लोगों में होती हैं ये आदतें

    किसी इंसान की कामयाबी में उसके हार्ड वर्क के साथ कई आदतें भी शुमार होती है। इन आदतों से उसे मोटिवेशन और लगातार काम करने की प्रेरणा मिलती है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, माइक्रोसॉफ्ट फाउंडर बिल गेट्स, फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग, टेनिस प्लेयर सेरेना विलियम्स, अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा समेत कई सक्सेसफुल लोग अपनी डेली लाइफ में कई ऐसे काम करते हैं, जो देखने में भले ही छोटे हों लेकिन इनकी कामयाबी का महामंत्र भी है। हम ऐसे ही कुछ सक्सेसफुल लोगों की डेली लाइफ की छोटी-छोटी आदतें आपको बता रहे हैं।

    सुबह जल्दी उठना – सफल लोग भले ही रात को देर से सोते हों लेकिन वो सुबह हमेशा जल्दी उठते हैं। इनका ऐसा मानना है कि सुबह इंसान ज्यादा बेहतर सोच पाता है। साथ ही दिनभर शरीर में स्फूर्ती और ताज़गी बनी रहती है।

    लगातार पढ़ाई करते रहना – पढ़ाई लिखाई हमेशा ही काम आती है फिर बात नौकरी की हो या खुद के व्यवसाय की नई जानकारी हमेशा फायदेमंद रहती है। सफलता मिलने में पढ़ाई लिखाई बहुत सहायक साबित होती है।

    कठिन परीश्रम करना – कामयाबी का कोई छोटा रास्ता या शॉर्टकट नहीं होता, कठिन परीश्रम के बाद ही आप जल्दी ही सफलता पा सकते हैं, हर कामयाब व्यक्ति लगन और कठिन परीश्रम के बाद ही सफलता पाता है।

    दिमाग को शांत रखना – सफल व्यक्ति हर अवस्था में अपने मस्तिष्क पर नियंत्रण रखते हैं। अपने दिमाग को शांत रखने के लिये वो ध्यान लगाते हैं और योग करते हैं।

    दान करना – दान करना भी सफल लोगों की आदतों में शुमार होता है। ज्यादातर लोग अपना फाउंडेशन चैरिटी बनाकर गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिये करोड़ों रुपये दान करते हैं।

    स्वस्थ रहना – कामयाब लोग इस बात का ध्यान रखते हैं कि वो हमेशा स्वस्थ और दुरुस्त रहें। इसके लिये वो एक जगह पर बैठकर काम नहीं करते। उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी का व्यायाम अहम हिस्सा है।

    अवसर की प्रतीक्षा न करना – सफल लोग अवसरों की प्रतीक्षा नहीं करते बल्कि जब भी उनके दिमाग में कोई आईडिया आता है तो वो उसपर काम शुरु कर देते हैं।

    किताबों से मिले सबक से भविष्य की योजना – किताबें पढ़ते समय उसके पाठ से सबक मिलने पर वो भविष्य की योजना बनाते हैं

    अंजली – श्रोता मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ महात्वाना, महोबा, उत्तर प्रदेश के पंडित मेवालाल परदेसी जी और इनके समस्त मित्र जन आप सभी ने सुनना चाहा है प्रियतमा (1977) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं योगेश और संगीत दिया है राजेश रौशन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. कोई रोको ना ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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