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    आप की पसंद 160514
    2016-05-17 09:28:57 cri

    मई आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... पंडित मेवालाल परदेशी जी और इनके परिजनों ने, आप सभी ने हमें पत्र लिखा है महात्वाना, महोबा, उत्तर प्रदेश से और आप सभी ने सुनना चाहा है दिल से मिले दिल (1978) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं अमित खन्ना, संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने और गीत के बोल हैं -------

    सांग नंबर 1. ये नैना ये काजल ये जुल्फ़ें ये बादल .....

    पंकज - अधिक ऊंचाई पर जाने पर आपकी बॉडी पर होंगे ये 6 असर

    हमारी बॉडी की कुछ सीमाएं हैं और ये निश्चित ऊंचाई तक ही ठीक से काम कर सकती है। उससे ज्यादा ऊंचा जाने पर ऑर्गन्स में खराबी आ सकती है। माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 29,029 फीट है जबकि हमारी बॉडी की फिजिकल लिमिट 25,000 फीट की ऊंचाई तक ही है। इसे डेथ जोन कहा जाता है। यहां पर जिंदा रहना काफी चुनौती भरा है। यहां हम बता रहे हैं कि फिजिकल लिमिट से ऊपर जाने पर क्या हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

    ऑक्सीजन की कमी के कारण हाई अल्टीट्यूड पल्मोनरी एडिमा हो सकता है। इससे फेफड़ों में पानी भर जाता है और सांस लेने में तकलीफ़ होती है। हाईपोक्सिया ( ऑक्सीजन की कमी) के कारण हार्ट रेट 140 प्रति मिनट तक पहुंच जाता है। जिसे टैकीकार्डिया कहा जाता है। इससे स्ट्रोक्स या कार्डियेक अरेस्ट हो सकता है। आंखें ड्राई हो जाती हैं और आंखों की नलियों में खून जमने से धब्बे पड़ जाते हैं। बर्फ़ से रिफ्लेक्ट होकर सूर्य की किरणें कॉर्निया जला सकती हैं। डाइजेशन काफी कठिन हो जाता है। पेट दर्द सिर घूमना और उल्टी का एहसास होता है। भूख नहीं लगती और कुछ खाने पर ठीक से हज़म भी नहीं होता। हाई एल्टीट्यूड सेरेब्रल एडिमा के कारण ब्रेन की नसों में सूजन आ जाती है। हाईपोक्सिया से स्ट्रोक हो सकता है। समझने की शक्ति कम हो जाती है। काफ़ी ठंड और फ्रॉस्ट बाईट के कारण हाथ पैरों की उंगलियां और नाक सुन्न पड़ जाती है। गल भी सकती हैं और उन्हें काटने की नौबत भी आ सकती है।

    अंजली – वैसे मनुष्य में जो कौतुहल भरा है उसी के चलते वो सागर की गहराईयों से लेकर ऊंचे पर्वतों की चोटियों को नापता रहा है साथ ही वो अंतरिक्ष में भी अपने पैर पसार रहा है जिसका कारण उसका कौतुहल है, ऐसा करने से मनुष्य को नई जानकारी मिलती है जो भविष्य में होने वाले अनुसंधान और शोध में काम आती है। कभी कभी मुझे लगता है कि अगर हम मनुष्यों में कुछ नया जानने और करने का कौतुहल नहीं होता तो हम क्या आज इतनी तरक्की कर पाते ? क्या हमारी सभ्यता आज इस मंजिल पर पहुंच पाती ? खैर मैं अपने अगले श्रोता का पत्र उठाती हूं जिसे हमें लिख भेजा है मनकारा मंदिर, बीडीए कालोनी, करगैना, बरेली उत्तर प्रदेश से पन्नी लाल सागर, बेनी सिंह मासूम, धर्मवीर मनमौजी, ममता चौधरी, आशीष कुमार सागर, कुमारी रूबी भारती, अमर सिंह, कुमारी एकता भारती, कुमारी दिव्या भारती, श्रीमती ओमवती भारती, बहिन रामकली देवी और इनके सभी मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म टूटे खिलौने (1978) का गाना जिसे गाया है यसुदास ने गीतकार हैं कैफ़ी आज़मी और संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 2. माना हो तुम बेहद हसीं ......

    पंकज - ICE CREAM खाने से पहले चेक कर लीजिए, वर्ना बाद में पछताना पड़ेगा

    आईसक्रीम बताकर बेचे जाने वाले हर प्रोडक्ट्स आईसक्रीम नहीं होते।

    भोपाल। भीषण गर्मी से राहत पाने के लिए ज्यादातर लोग आइसक्रीम खाते हैं। ये आइसक्रीम आप घर में बना रहे हैं, तब तो ठीक है, लेकिन यदि बाजार की आइसक्रीम खा रहे हैं, तो आपको सावधान होने की जरूरत है। बाजार में बिकने वाली कई तरह की आइसक्रीम दूध के उत्पादों से नहीं बल्कि डालडा और अन्य हानिकारक केमिकल से मिलकर बनी होती हैं। इन्हें फ्रोजन डिजर्ट कहते हैं। कानूनी बाध्यता की वजह से कई ब्रांड प्रोडक्ट में नहीं लिखते। गर्मियों में केमिकल से बनीं आइसक्रीम खाने से गला खराब होने की शिकायतें भी बढ़ जाती हैं।डायटीशियन्स बताते हैं कि क्या है आइसक्रीम की असलियत...

    - डालडा घी को जमाकर बनाया गया आईसक्रीम जैसा दिखने वाला प्रोडक्ट फ्रोजन डिजर्ट होता है।

    - नामी कंपनियां फ्रोजन डिजर्ट को बताती तो आइसक्रीम हैं, लेकिन फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रेग्युलेशन एक्ट 2011 की बाध्यताओं के कारण पैकिंग में फ्रोजन डिजर्ट ही लिखती हैं।

    अंजली – भई गर्मी का मौसम हो और आईसक्रीम की बात न हो ये भला कैसे हो सकता है, ये खबर सुनकर ही मेरे तो मुंह में पानी आ रहा है। मन कर रहा है कि बस अभी बाहर जाऊं और अपने मन पसंद फ्लेवर की आईसक्रीम का लूं .... लेकिन ये जानकारी चौंकाने वाली है मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि आईसक्रीम और फ्रोज़ेन डेज़र्ट में भी कुछ फर्क होता है, बल्कि मैं तो बस अपनी मन पसंद आईसक्रीम उठाती थी और खाने लगती थी मुझे इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी और जहां तक मुझे लगता है कि इस विषय पर हममें से बहुतों को कोई जानकारी नहीं है। ये बातें जानकर अब लोग अपनी सेहत के प्रति सचेत हो गए होंगे और हर बार आईसक्रीम खाने से पहले उसपर लिखी बातें ज़रूर पढ़ेंगे। नहीं तो आईसक्रीम की जगह कुछ और खाकर अपनी सेहत खराब करेंगे। खैर इसी के साथ मैं अब कार्यक्रम का अगला पत्र उठा रही हूं जिसे हमें लिख भेजा है मेहर रेडियो श्रोता संघ सगोरिया, ज़िला मंदसौर, मध्यप्रदेश से श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, संगीता, ललिता, दुर्गाबाई और पूरा मेहर परिवार आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म खट्टा मीठा (1978) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं गुलज़ार और संगीत दिया है राजेश रौशन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. थोड़ा है थोड़े की ज़रूरत है .....

    पंकज - डायटीशियन्स के मुताबिक ये आइसक्रीम खाने से शरीर में डालडा की कोटिंग हो जाती है, जिससे सर्दी होने लगती है। इसके साथ ही यह शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है।

    - फ्रोज़ेन डेज़र्ट वनस्पती घी को जमाकर बनाया गया प्रॉडक्ट है। जिसमें मिल्क क्रीम की बहुत कम मात्रा मिलाई जाती है। फ्लेवर के लिये इसमें ग्राउंड नट्स ऑयल, मस्टर्ड सोया समेत अन्य केमिकल्स मिलाए जाते हैं।

    - फूड सेफ्टी कानून के मुताबिक आईसक्रीम में दूध, इससे बने प्रॉडक्ट, शक्कर और फ्लेवर होना चाहिए। आईसक्रीम में 16 फीसदी मिल्क क्रीम होना चाहिए, जो फ्रोज़ेन डेज़र्ट में नहीं होता।

    - आईये अब हम आपको बताते हैं कि फ्रोज़ेन डेज़र्ट से होने वाले नुकसान क्या हैं . . . डालडा वाली आईसक्रीम लगातार खाने से शरीर में कोलेस्ट्रोल बढ़ेगा। डालडा शरीर में कोटिंग करता है जो दिल के लिये खतरनाक है।

    ऐसा डालडा शरीर का लिवर और डाईजेशन भी खराब करता है। बच्चों में इससे सर्दी और ज़ुकाम बढ़ता है।

    - डाईटीशियन्स बताते हैं कि कई बार आईसक्रीम में जिलेटिन भी मिलाया जाता है जो एक तरह का मांसाहार भी होता है क्योंकि जिलेटिन को जानवरों की हड्डियों को उबालकर बनाया जाता है।

    अंजली – मित्रों वैसे गर्मी में और भी बहुत सारी चीज़ें हैं जिन्हें खाकर हम गर्मी को दूर भगा सकते हैं लस्सी, नींबू की शिकंजी, जलज़ीरा, आम का पन्ना, कई जगहों पर इमली का भी पन्ना मिलता है, बेल का रस, कई इलाकों में जौ और चने का सत्तू भी पिया जाता है क्योंकि इनकी तासीर भी ठंडी होती है और इनसे विटामिन ई और ढेर सारा लौह तत्व हमारे शरीर को मिलता है। इसके अलावा भी खसखस का शर्बत, तरबूज़, खरबूज़ा, ककड़ी बहुत सारी देसी चीज़ें हैं जो आपकी सेहत को एकदम दुरुस्त रखेंगी, हम जैसे जैसे प्राकृतिक खान पान से दूर होते गए बीमारियों ने हमें जकड़ना शुरु कर दिया। हमें गर्मी में कोल्ड ड्रिंक के बजाए देसी ड्रिंक्स पीना चाहिये इससे हमारी सेहत भी ठीक रहेगी और हम गर्मी से लड़ने में भी सक्षम रहेंगे। इसके साथ ही मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है कुरसेला तिनधरिया से ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू,गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी, और एल के सिंह ने आप सभी ने सुनना चाहा है इम्तिहान (1974) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. रोज़ शाम आती थी ....

    पंकज - फ्रोज़ेन डेज़र्ट प्रॉडक्ट पर कंपनियां पैकिंग पर फ्लेवर को हाईलाईट करती हैं और कहीं कोने में लिखा होता है फ्रोज़ेन डिज़र्ट कंटेन एडेबल। जो आईसक्रीम दूध से बनी होती हैं उनपर सिर्फ आईसक्रीम ही लिखा होता है।

    - डेयरी प्रॉडक्ट डालडा घी के मुकाबले 5 से 6 गुना अधिक महंगे होते हैं। ऐसे में आईसक्रीम काफी महंगी बनती है। दूध से बनने वाली आईसक्रीम ज्यादा कड़क नहीं होती जबकि फ्रोज़ेन डिज़र्ट कड़क होता है।

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    पंकज - एक सिम्पल ब्लड टेस्ट खोलेगा आपकी असली उम्र का राज, देगा ये 9 जानकारी

    ब्लड में 1000 से 2000 प्रोटीन्स होते हैं जिनके जरिए न केवल आपकी बायोलॉजिकल उम्र बल्कि और भी कई चीजों के बारे में बताया जा सकता है। यहां हम बता रहे हैं ब्लड टेस्ट के जरिए हेल्थ के बारे में जानी जा सकने वाली ऐसी ही 9 बातें।

    बर्थ डेट के आधार पर आंकी जाने वाली उम्र से बायोलॉजिकल उम्र फिटनेस के आधार पर कम या ज्यादा हो सकती है। ब्लड सैंपल में मौजूद प्रोटीन को एनालाइज़ करके पता लगाया जाता है।

    ब्लड टेस्ट में मौजूद प्रोटीन के छोटे ग्रुप्स आपको बताते हैं कि आने वाले दस वर्षों में आपको अल्ज़ाईमर्स यानी भूलने की बीमारी हो सकती है या नहीं।

    अंजली – तो चलिये श्रोता मित्रों जानकारी के बाद अब मैं आप सभी को आपकी ही पसंद का अगला फिल्मी गीत सुनवा देती हूं .... अगले गाने की फरमाईश के लिये हमारे पास पत्र आया है ग्राम मुसाफिर गंज, पोस्ट गजाधर गंज, ज़िला बक्सर, बिहार से जिसे लिखा है सरफुद्दीन अंसारी, हैदर अली अंसारी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म छोटी सी बात (1975) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं योगेश और संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. न जाने क्यूं होता है ये ज़िन्दगी के साथ .....

    पंकज - कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक जीव की पहचान की है, जो टीबी की पहचान कर सकता है। सिम्पल ब्लड टेस्ट के ज़रिये इसका पता लगाया जा सकता है।

    कैंसर रिसर्च यूके में स्किन कैंसर विशेषज्ञ रिचर्ड माराइस के मुताबिक अब एक सिम्पल ब्लड टेस्ट के ज़रिये दोबारा स्किन कैंसर होने के ख़तरे का पता लगाया जा सकता है।

    युनिवर्सिटी ऑफ हवाई कैंसर सेंटर, यूएस के शोधकर्ताओं ने ब्लड में मौजूद कुछ ऐसे अनसैचुरेटेड फैटी एसिड की खोज की है जिनके टेस्ट करने से डाईबिटीज़ होने के ख़तरे का कई साल पहले ही लगाया जा सकता है।

    हमारे शरीर और खून का अधिकांश हिस्सा पानी से बना होता है। एक सिम्पल ब्लड टेस्ट के ज़रिये शरीर में पानी की कमी या डिहाईड्रेशन का पता लगाया जा सकता है।

    ऑस्ट्रेलिया में हुई एक स्टडी के मुताबिक ब्लड में पाए जाने वाले एक केमिकल से पता लगाया जा सकता है कि बॉडी में हैप्पीनेस हारमोन्स की कमी है।

    सर्दी ज़ुकाम से लड़ने के लिये शरीर में एंटीबॉडीज़ बनते हैं जो जीवन भर खून में मौजूद रहते हैं। पहले कभी हुए सर्दी ज़ुकाम को भी ब्लड टेस्ट के ज़रिये जाना जा सकता है।

    येरुशलम की हीब्रू युनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक एंग्ज़ाईटी होने पर शरीर में एक विशेष प्रकार का प्रोटीन रिलीज़ होता है, इसे एक ब्लड टेस्ट के ज़रिये जाना जा सकता है।

    अंजली - वैसे विज्ञान में मेरा हाथ हमेशा तंग रहा है और मुझे आज भी तकनीकी चीज़ें समझने में दिक्कत आती है, ये जानकारी मुझे समझने में कठिन लेकिन दिलचस्प लगी, मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं जिला मुरादाबाद, ग्राम महेशपुर खेम से तौफ़ीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म बदलते रिश्ते (1978) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार, मोहम्मद रफ़ी और सुमन कल्याणपुर ने गीतकार हैं अंजान, संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. ये दुनिया के बदलते रिश्ते .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली - नमस्कार।

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