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    संडे की मस्ती 2016-05-01
    2016-05-01 20:37:23 cri

    अखिल- हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर

    सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना

    अखिल- दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    अखिल- चलिए दोस्तों, प्रोग्राम शुरू करने से पहले, हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    सपना- इस चीनी गीत का नाम है.... बारिश में सुन्दरी

    चीनी गीत--बारिश में सुन्दरी का मज़ा

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    अखिल- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज सपना जी पेश करेंगी एक विशेष रिपोर्ट

    रिपोर्ट- भारत में चीनी स्मार्ट फॉन

    https://hindi.cri.cn/1153/2016/05/03/1s194497.htm

    अखिल- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    अखिल- दोस्तों, मैं आज आपको बताने जा कहा हूं कि 10 साल से 'प्रेग्नेंट' महिला की तरह जी रहा ये शख्स, सच्चाई जान रह जाएंगे दंग!

    दोस्तों, चीन के सिचुआन प्रांत में रहने वाले झांग चेंग के पेट में इतना बड़ा ट्यूमर हो गया था, जिसे देखकर लगता था मानो ये शख्स प्रेग्नेंट हो। इस शख्स के पेट में यह ट्यूमर पहली बार 2004 में दिखाई दिया। लेकिन पैसों की तंगी के कारण मजबूरी में ट्यूमर के साथ प्रेग्नेंट महिला की तरह लाइफ जीने को मजबूर था। इस बीच यह ट्यूमर बढ़कर 15 किलो का हो गया।

    धीरे-धीरे झांग की सेहत पर भी इसका बुरा असर पडऩे लगा, तब उसने किसी तरह पैसे जुटाए और ट्यूमर को ऑप्रेशन के जरिए निकलवाने की हिम्मत जुटाई। सिचुआन प्रांत में चेंग्डू के मिलिट्री हॉस्पिटल के लीड सर्जन डॉ ताई रुइवू ने बताया कि ट्यूमर ने पेशेंट के पेट पर भारी प्रेशर डाला हुआ था। झांग की सर्जरी में लगभग 6 घंटे से ज्यादा का समय लगा। झांग की हालत अब भी खतरे में है, क्योंकि सर्जरी के दौरान पेशेंट के शरीर से बहुत ज्यादा खून बहा है।

    सपना- चलिए मैं आपको बताती हूं कि चीन में Research के लिए ऐसे दी जाती है बंदरों को ट्रेनिंग

    दोस्तों, चीन की हूपेईथ्यान कंपनी रिसर्च के लिए बंदर तैयार करती है। बंदर के 96% जीन्स इंसानों से मिलते हैं। इन्हें उन ड्रग्स की रिसर्च के लिए तैयार किया जाता है, जिससे इंसानों को खतरनाक बीमारियों से बचाया जा सके।

    101 कमरों में 700 बंदरों का स्ट्रिक्ट मैनेजमेंट किया जाता है, जिससे वे रिसर्च के दौरान सही जानकारी देने में कामयाब हों। ऐसे करीब 1 लाख बंदर अमेरिका, ब्रिटेन, और जापान जैसे कई देशों को दिए जाते हैं। कम कीमत होने के चलते इन बंदरों को चीन और भारत जैसे एशिया के देशों से सप्लाई किया जाता है।

    चीन इन बंदरों का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। जबकि, यू.एस. सबसे बड़ा इम्पोर्टर। ब्रिटेन में सालभर में एक छोटे बंदर पर 38,000 रुपए और बड़े बंदर पर 17 लाख रुपए खर्च होते हैं। जबकि चीन में यह खर्च 82,000 होता है। चीन में 40 एक्सपेरिमेंटल मकैक (बंदर) कंपनियां हैं। इनमें से 9 गुआंगशी प्रॉविन्स, 7 गुआंग्डोंग, 4 युन्नान, 3 हेन्नान और एक हुबेई में है।

    अखिल- दोस्तों, आपने कभी नहीं देखा होगा आसमां में ऐसा हैरान कर देने वाला नजारा, बवंडर में उड़ी बच्ची...!

    जी हां दोस्तों, पश्चिमी चीन में एक ऐसा तूफान आया जिसने सभी के पैरो तले जमीन खिसका दी। तूफान इतना जबर्दस्त था कि उसमें लोगों का सामान तो उड़ा ही साथ में लोग भी उड़ गए। उत्तर पश्चिमी चीन में पिछले कुछ महीनों में बेहद अजीबोगरीब मौसम से लोगो को दो चार होना पड़ रहा है। मार्च में महज दस मिनट के लिए आए एक रेतीले तूफान ने पूरे शहर को दो इंच मोटी रेत में ढक दिया था।

    लेकिन फिछले हफ्ते आए भयानक तूफान रौंगटे खड़े कर देने वाला था। तेज बहती हवा के बवंडर ने एक 9 साल की बच्ची को हवा में उछाल दिया। लड़की को पास ही के एक अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि उसे मामूली चोटें ही आई थी।

    हालांकि जमीन से 20 फुट हवा में उडऩे के बाद नीचे गिरने पर भी केवल हल्की खरोंच और चोटें किसी चमत्कार से कम नहीं है। लड़की का नाम ली बताया जा रहा है। ली के माता पिता और स्कूल टीचर ने बताया कि ली हालांकि इस हादसे के बाद थोड़ा घबरा गई है लेकिन वह एकदम ठीक है।

    सपना- दोस्तों, मैं आपको बताती हूं कि चीनी करतबबाज ने रस्सी पर चलकर गहरी खाई पार की

    दोस्तों, चीन के एक करतबबाज ने पिछले रविवार को मात्र 2.5 सेंटीमीटर चौड़ी रस्सी पर चलकर युन्नान प्रांत की टाइगर लीपिंग गॉर्ज को पार करने का कारनाम कर दिखाया। टाइगर लीपिंग गार्ज जिंशा नदी की एक मनोरम खाई है। यह दुनिया की सबसे गहरी व खतरनाक खाई में से एक है। यह खाई करीब 15 मीटर लंबी है। रस्सी को नदी से 16 मीटर की ऊंचाई पर लगाया गया था। 60 मीटर चौड़ी खाई को पार करने में झांग लियांग को केवल पांच मिनट 58 सेकंड का समय लगा। झांग को हालांकि शुरुआती प्रयासों में कई बार असफलता मिली, लेकिन अंत में उन्होंने इस चुनौती को पूरा कर लिया। झांग ने कहा, "मेरा सपना आज पूरा हो गया। यह मुझे कुछ और कठिन काम करने के लिए प्रेरित करेगा।"

    अखिल- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    हिन्दी गीत का मज़ा-

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- दोस्तों, आज हम आपको सामान्य ज्ञान के सेगमेंट में बताने जा रहे है कि पंख होने पर भी पैंगुइन उड़ क्यों नहीं पाते?

    दोस्तों, ऑस्ट्रिच और इमू की तरह पैंगुइन भी पंख होने के बावजूद उड़ते नहीं हैं। कहते हैं आज से 650 लाख साल पहले पैंगुइन के पूर्वज उड़ पाते थे और धीरे-धीरे उनकी यह क्षमता खत्म हो गई। पैंगुइन के पूर्वज समुद्र के ऊपर उड़ते थे और भोजन की तलाश में समुद्र में डाइव लगाते थे।

    लाखों सालों पहले पैंगुइन की हड्डियां पक्षियों की तरह ही हल्की होती थी और वे उड़ पाते थे, पर समय के साथ उनकी हड्डियां भारी हो गईं और वजन बढ़ जाने से उनका खुद को हवा में उठाना नामुमकिन हो गया। हालांकि इन्हीं हड्डियों के कारण पैंगुइन अब पानी में डाइव बेहतर तरीके से लगा पाते हैं।

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है लोहा खा गया घुन!

    अखिल- दोस्तों, एक बार की बात है दो व्यक्ति थे, जिनका नाम था मामा और फूफा। मामा और फूफा दोनों व्यापार करते थे और दोनों व्यापार में सहभागी थे। मामा ने फूफा से कहा," फूफा क्यों ना हम कोई ऐसी वस्तु खरीद लें जो जल्दी खराब ना हो और उसकी कीमत भी बढती रहे; फिर हम उसे कुछ वर्षो बाद बेचें जिससे उसके मूलधन से ज्यादा दाम मिले।"

    फूफा ने कहा,"ठीक है मामा, तुम्हारी बात तो सही है, पर हम खरीदें क्या?" उन्होंने आपस में राय-मशवरा किया और लोहा खरीदने का निर्णय लिया। दोनों ने बराबर रूपये मिला कर लोहा खरीदा। फूफा ने मामा से कहा कि लोहा वह कहीं सूरक्षित स्थान पर रख दे। मामा ने लोहा अपने पास एक पुरानी कोठरी में रख लिया।

    कुछ दिन तो लोहा जस का तस रखा रहा पर धीरे-धीरे मामा के मन में लालच आ गया और मामा फूफा को बिना बताये लोहा बेचने लगा। काफी दिनों बाद फूफा मामा के पास गया और बोला, "मामा आज लोहे का भाव काफी बढ़ गया है, जल्दी से वह लोहा निकालो, हम इसे बेच-कर आते हैं।"इस पर मामा बोला, "फूफा लोहा तो अब कबाड़ घर में नहीं है, क्योंकि लोहे को तो घुन खा गये हैं।"

    फूफा समझ गया की मामा ने उसके साथ धोखा किया है। और उसे बिना बताये सारा का सारा लोहा बेच दिया है। फूफा को क्रोध तो बहुत आया पर वह बिना कुछ कहे-सुने वहां से चला गया। इस घटना के कुछ दिनों बाद फूफा मामा के पास आया और बोला, "मामा मैं एक बारात में जा रहा हूँ, बड़ा अच्छा इंतजाम है, अकेला हूँ चाहो तो अपने लड़के को साथ भेज दो, उसकी भी मौज हो जायेगी और कल सुबह तक हम वापस भी आ जायेंगे।"

    मामा बोला, "क्यों नहीं, बेशक तुम मेरे लड़के को अपने साथ लेकर जाओ। और हां इसे बारात में अच्छी तरह खाना-वाना खिला देना।"फूफा बोला, "यह भी भला कोई कहने की बात है मामा, तुम निश्चिंत रहो।" इस तरह दो दिन बीत गए। मामा का लड़का अभी तक घर वापस नहीं आया। मामा को बहुत चिंता हो गयी की अभी तक उसका लड़का घर वापस क्यों नहीं आया है?

    वह अपने लड़के के बारे में जानने के लिए फूफा के पास गया और बोला, "फूफा मेरा लड़का कहाँ है? वह अभी तक घर वापस क्यों नहीं आया है?" फूफा ने कहा, "क्या बताऊँ मामा, रास्ते में एक चील तुम्हारे लड़के को उठा कर ले गयी।"मामा बोला, "ये कैसे हो सकता है, भला कोई चील 12 साल के लड़के को उठा कर ले जा सकती है? सीधी तरह मेरा लड़का मुझे वापस करों, नहीं तो मैं राजा भीम के पास जाऊंगा।"फूफा बोला,"ठीक है मामा, चलो राजा जी के पास चले, अब वही न्याय करेंगे।"

    मामला वहां के राजा भीम के सामने पेश हुआ। राजा भीम ने सारी बात सुनी और आश्चर्यचकित होते हुए फूफा से कहा, "देखो फूफा तुम झूठ बोल रहे हो, भला कोई चील 12 वर्ष के लड़के को उठा कर अपने पंजो से आसमान में ले जा सकती है?" इस पर फूफा ने उत्तर दिया, "कथा कहूँ कथावली, सुनो राजा भीम। लोहा को घुनन खाय, तो लड़का ले गया चील।"

    इस पर राजा भीम सब समझ गये और उन्होंने मामा को आज्ञा दी की वह फूफा का लोहा वापस कर दे। और फूफा को कहा कि वह लड़के को मामा के पास वापस पहुंचा दे।

    सपना- तो दोस्तों, ये थी अखिल द्वारा प्रस्तुत प्रेरक कहानी। शीर्षक है"लोहा खा गया घुन"। उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आयी होगी। चलिए दोस्तों, हर बार की तरह इस बार भी हम आपको नई रिलिज हिन्दी फिल्मों के बारे मे बताएंगे और फिल्म का प्रोमो भी सुनवाएंगे। हम आपको बताते हैं कि इस शुक्रवार रिलिज हुई है फिल्म 'बाघी'

    अखिल- दोस्तों, इस शुक्रवार यानि 29 अप्रैल को शद्धा कपूर और टाइगर श्राफ़ की नई फिल्म 'बाघी'रिलिज हुई है। शब्बीर खान द्वारा निर्देशित फिल्म बाघी एक एक्शन फिल्म है। इस फिल्म में अभिनेता टाइगर श्रॉफ जबरदस्‍त एक्‍शन करते दिख रहे हैं। साजिद नाडियाडवाला और सिद्धार्थ रॉय कपूर इस फिल्म के निर्माता हैं। आइए.. हम आपको सुनवाते हैं फिल्म बाघी का ट्रेलर

    फिल्मी 'बाघी' का ट्रेलर

    सपना- दोस्तों, यह था फिल्म का ट्रेलर... चलिए हंसी की डबल डोज देने के लिए हम हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए लेकर आए कुछ मजेदार जोक्स, जिन्हें सुनकर आप लोट-पोट हो जाएंगे... आइए.. सुनते हैं कुछ मजेदार जोक्स

    अखिल- दोस्तों, आज हम जो जोक्स सुनवाने जा रहे हैं, वो सब हमारे श्रोता भाईयों द्वारा भेजे हुए हैं।

    सपना- पहला जोक भेजा है केसिंगा, ओडिशा से सुरेश अग्रवाल जी ने..

    1. वकील: तलाक करवाने के 50,000/- रूपये लगेंगे!

    पति: पागल हो क्या? पंडित जी ने 1,100/- रूपये में शादी करवाई थी!

    वकील: देख लिया न सस्ते काम का नतीजा!

    सपना- अगला जोक भी सुरेश अग्रवाल जी द्वारा भेजा हुआ है।

    2. एक नवविवाहित जोड़ा बर्तन की दूकान में झगड़ रहा था। पत्नी--- "ये वाला स्टील का गिलास लो। "

    पति---" नहीं, ज़रा और बड़ा गिलास लेंगे। "

    दुकानदार--- "साहब जी, महिला दिवस भले ही चला गया है, लेकिन मैडम जो कह रही हैं, वही गिलास ले लीजिए ना..!!! "

    पति --- "अरे भैया तुम्हें बेचने की पड़ी है लेकिन इस छोटे गिलास में मेरा हाँथ घुसता नहीं है, मैं इसे माँजूँगा कैसे ???"

    सपना- अगला जोक भेजा है आरा, बिहार से रामकुमार नीरज जी ने

    3. शराब बंदी से बदलता बिहार। जब सड़क पर कोई पी कर बेहोश होता है तो लोग उसे उठाते हैं, पानी से नहलाते हैं, नींबू पानी पिलाते हैं, और जब कुछ होश आता है तो पूछते हैं, भाई कहां से लाया था??

    सपना- इससे अगला जोक भेजा है आजमगढ़, यूपी से आमिर अहमद जी ने

    4. पावर हाउस के बाहर एक केले वाला केला बेच रहा था। विद्युत् मंडल का मेनेजर ठेले वाले से बोला- केले क्या भाव हैं ?

    ठेले वाला बोला - क्या काम में लोगे?

    विधुत मेनेजर थोड़ा सकपकाया और बोला - जैसे की ?

    ठेले वाला बोला- मंदिर में चढाओ तो 10 रु किलो, वृधाश्रम के लिए 15 रु किलो, स्कूली बच्चों के लिए 20रु किलो, घर ले जाओ तो 25 रु किलो और होटल के लिए 30 रु किलो...

    विधुत मेनेजर बोला- अरे, ये क्या बात हुई.. केले तो सब एक जैसे है, फिर भाव अलग अलग क्यूँ?

    ठेलेवाला बोला- ये तो अपना टेरिफ है, आप भी तो एक ही खम्भे से बिजली देते हो पर घर, दुकान, फेक्ट्री के बिजली के भाव अलग अलग लेते हो। आज भी वो विधुत मेनेजर कोमा में है।

    अखिल- बहुत-बहुत धन्यवाद आप सभी का, हमें इतने मजेदार जोक्स भेजने के लिए। दोस्तों, आप भी हमारे साथ जोक्स या हंसी-मजाक की बातें शेयर कर सकते हैं। चलिए... अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और वनिता को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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