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    आप की पसंद 160423
    2016-04-23 15:49:48 cri

    23 अप्रैल आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ, महात्वाना, महोबा, उत्तर प्रदेश से पंडित मेवालाल परदेसी और इनके ढेर सारे साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है अधिकार (1971) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं रमेश पंत और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. कोई माने या ना माने .....

    पंकज - मित्रों आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ घरेलू नुस्खे जिनसे आप अपने घर में रखी वस्तुओँ को बर्बाद होने से बचा सकेंगे।

    चुटकी भर सोडे से दूध रहेगा फ्रेश, फूड को खराब होने से ऐसे बचाएं......

    मित्रों गर्मी में फूड आइटम्स जल्दी खराब हो जाते हैं। ऐसे में इन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। हम बता रहे हैं कुछ ऐसी टिप्स जिनसे आप अपने फूड आइटम को ज्यादा देर तक फ्रेश रख सकते हैं।

    दूध – गर्मी में दूध के फटने का खतरा लगातार बना रहता है, ऐसे में दूध उबालते समय उसमें चुटकी भर बेकिंग सोडा डाल दें। बात करते हैं दही की दही में आधा चम्मच शहद डालकर रख दें उससे ये फ्रेश रहता है और ज्यादा खट्टा नहीं होता।

    सब्ज़ी को बनाते समय अगर उसमें नारियल घिसकर डाल दें तो वो ज्यादा देर तक ख़राब नहीं होंगी।

    केला – केले के ऊपरी भाग पर एल्यूमीनियम फायल लपेटने या पॉलिथिन लपेटने से इसका छिलका जल्दी काला नहीं पड़ता।

    पत्तेदार सब्ज़ियां, पत्तेदार सब्ज़ियों के डंठल तोड़ लें और इसे पेपर में लपेटकर फ्रिज में रखें इससे हरी सब्ज़ियां ज्यादा देर तक फ्रेश रहती हैं।

    नींबू को पॉलीथिन में पैक कर रखें इसे कमरे के तापमान पर रखने से इसके अंदर का जूस ज्यादा दिनों तक नहीं सूखेगा।

    पनीर को मलमल के गीले कपड़े में लपेटकर रखने से ये सॉफ्ट बना रहता है।

    ब्रेड – इसे पॉलीथिन में या एल्युमूनियम फायल में लपेटकर कमरे के तापमान पर रखें ये अधिक समय तक सॉफ्ट रहेगा।

    अदरक लहसुन का पेस्ट – इसे फ्रिज में रखने से पहले इसमें एक चम्मच वनस्पती तेल मिला लें ऐसा करने से ये ज्यादा दिनों तक खराब नहीं होगा।

    अंजली - श्रोता मित्रों हमारे कार्यक्रम के अगले श्रोता हैं मनकारा मंदिर, बीडीए कॉलोनी, कगरैना, बरेली, उत्तर प्रदेश से पन्नीलाल सागर, बेनी सिंह मासूम, धर्मवीर मनमौजी, ममता चौधरी, आशीष कुमार सागर, कुमारी रूबी भारती, अमर सिंह, कुमारी एकता भारती, कुमारी दिव्या भारती, श्रीमती ओमवती भारती और बहिन रामकली बेबी। आप सभी ने सुनना चाहा है परवाना (1971) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं कैफ़ी आज़मी और संगीत दिया है मदन मोहन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 2. यूं न शरमा .......

    पंकज - बस 5 मिनट में दूर हो जाएगी एसिडिटी, ये हैं 15 आसान उपाय

    कई बार ज्यादा खाने, भूखा रहने, फास्ट फूड और मिर्च-मसालेदार खाना खा लेने से एसिडिटी की प्रॉब्लम हो जाती है। कभी-कभी इसका दर्द इतना बढ़ जाता है कि हम सहन तक नहीं कर पाते हैं। एसिडिटी से बचने के लिए हम आपको बता रहे हैं ऐसे घरेलू उपाय जो 5 मिनट के भीतर आपको राहत देंगे।

    एक गिलास पानी में दो इलाइची के दानें उबालें, फिर पानी गुनगुना होने पर इसे पीयें। एसिडिटी दूर भगाने का दूसरा सटीक उपाय है गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीयें।

    एक गिलास गुनगुने पानी में थोड़ा सा काली मिर्च पाउडर और नींबू निचोड़कर पीयें। दो लौंग चूसने से भी एसिडिटी दूर होती है।

    त्रिफला पाउडर को दूध में मिलाकर पीयें।

    एक गिलास पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर धीरे धीरे पीयें।

    एक छोटा गुड़ का टुकड़ा खाएं। एक चम्मच कच्ची सौंफ़ चबाएं।

    मूली काटकर उसपर काला नमक और काली मिर्च पाऊडर लगाकर खाएं।

    अदरक के रस में शहद मिलाकर पीयें। एसिडिटी होने पर एलोवेरा जूस पीयें।

    ग्रीन टी में पुदीना डालकर पीयें इससे एसिडिटी में बहुत लाभ होता है। नारियल पानी पीने से भी एसिडिटी दूर होती है। ठंडा दूध भी एसिडिटी में राहत देता है इसके अलावा अगर आप एक गिलास छाछ में थोड़ा सा भुने हुए ज़ीरे के पाऊडर के साथ काला नमक डालकर पीयें तो उससे भी आपको एसिडिटी में लाभ मिलेगा।

    पंकज - ज़रा अभ्यास और आप हो सकते हैं शरलॉक होम्स

    अक्सर लोग शिकायत करते हैं कि वह सब कुछ बहुत जल्दी भूल जाते हैं. कुछ लोगों की याददाश्त की तारीफ़ भी होती है. जिसकी याददाश्त अच्छी होती है लोग उसे ऊपरवाले की नेमत मानते हैं.

    मगर कोई भी थोड़ी सी मेहनत करके अपनी याददाश्त को बेहतर कर सकता है. बल्कि कई लोगों ने तो ऐसा किया भी है.

    अमरीका के एलेक्स मलेन को ही लीजिए. कुछ साल पहले अगर आप एलेक्स से कहते कि वो ताश के पत्तों को याद करके उनके नाम बताए. ये काम उसे इक्कीस सेकेंड में करना हो तो वो सिरे से इनकार कर देते. मगर आज एलेक्स इतने ही वक़्त में ताश के पत्तों के पूरे पैकेट में मौजूद हर कार्ड का नाम याद कर लेते हैं. केवल 21.5 सेकेंड में.

    अमरीका की मिसीसिपी यूनिवर्सिटी के छात्र एलेक्स आज वर्ल्ड मेमोरी चैंपियन हैं.

    पंकज - श्रोता मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं मेहर रोडियो श्रोता संघ सगोरिया, ज़िला मंदसौर, मध्यप्रदेश से श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, संगीता, ललिता, दुर्गाबाई और इनका समस्त परिवार आप सभी ने सुनना चाहा है झुमरू (1961) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है किशोर कुमार ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 3. ए भोला भोला मन .....

    पंकज - कुछ साल पहले एलेक्स ने पत्रकार जोशुआ फोयर की क़िताब, 'मूनवाकिंग विद आइंस्टाइन' पढ़ी थी. इस क़िताब में जोशुआ ने एक मेमोरी चैंपियनशिप में शामिल होने के अपने तजुर्बे को बयां किया है. जिसमें उन्होंने देखा कि कुछ लोगों ने पुराने तरीक़ों से अपनी याददाश्त तेज़ की थी.

    एलेक्स ने भी क़िताब पढ़ने के बाद इस नुस्खे को आज़माने की सोची. पहले उनकी याददाश्त भी आम लोगों जैसी, बल्कि काफ़ी कमज़ोर थी. मगर, 2013 से उन्होंने जोशुआ की क़िताब में बताए नुस्खों की मदद से इसे सुधारने की कोशिश शुरू की. साल भर के अंदर ही अमरीका की मेमोरी चैंपियनशिप में वो दूसरे नंबर तक पहुंच गए. 2015 में वो वर्ल्ड मेमोरी चैंपियनशिप तक जा पहुंचे.

    वर्ल्ड मेमोरी चैंपियनशिप पिछले साल दिसंबर में चीन के ग्वांगझाऊ शहर में हुई थी. इसमें दस राउंड में लोगों की याददाश्त का इम्तिहान लिया गया. जिसमें मुश्किल नंबर याद करने से लेकर, चेहरे और ताश के पत्ते याद करने तक के टेस्ट थे.

    मुलेन इस चैंपियनशिप में एलेक्स ने महज एक सेकेंड कम वक़्त लेकर बाज़ी अपने नाम कर ली. एलेक्स मुलेन के नाम याददाश्त के कई रिकॉर्ड हैं. जैसे उन्हें 3029 जुड़वा अंक याद हैं. वो कहते हैं कि साल भर पहले उनके लिए ऐसा सोच पाना भी मुमकिन नहीं था. वो अमरीका में याददाश्त के छह रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं. इनमें आधे घंटे में दो अंकों वाली क़रीब चार हज़ार संख्या याद करना शामिल है.

    हम आप अक्सर बाज़ार सामान लेने जाते हैं तो यही भूल जाते हैं कि क्या लेने आए हैं. उस पर इतने नंबर याद करना. मगर एलेक्स मानते हैं कि कोई भी अपनी याददाश्त उनके जैसी कर सकता है. इसके लिए आपको अपने दिमाग़ में 'मेमोरी पैलेस' बनाना होगा.

    'माइंड पैलेस' किसी जगह की या रास्ते की वह तस्वीर है जो आपके ज़ेहन में रहती है. ये नाम आर्थर कानन डायल के जासूसी उपन्यासों के मशहूर किरदार शरलॉक होम्स के हवाले से दिया गया था. कई चीज़ों को याद करने के लिए हम अपने दिमाग़ के इस 'माइंड पैलेस' से गुज़रते हैं और ज़ेहन में बसी तस्वीरों की मदद से उन्हें याद करते हैं.

    कहते हैं कि याददाश्त तेज़ करने की इस तकनीक की खोज यूनानी कवि, सिमोनाइड्स सियोस ने की थी. जो ईसा से 477 साल पहले यूनान में रहते थे.

    क़िस्सा मशहूर है कि सिमोनाइड्स एक जागीरदार के यहां दावत में गए थे. दावत के दौरान ही उन्हें बाहर एक दूत से मिलने को बुलाया गया. जैसे ही वो दावत के हाल से बाहर आने लगे, छत गिर गई. अंदर बैठे सारे लोग मारे गए.

    अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं कुरसेला तिनधरिया से ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी और एल के सिंह आप सभी ने सुनना चाहा है बरसात की एक रात (1981) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -------

    सांग नंबर 4. कालीराम का फट गया ढोल .......

    पंकज - जब लोग मलबे में अपनों को तलाश रहे थे तो सिमोनाइड्स ने अंदर बैठने के दौरान की तस्वीरों को याद किया, जो उनके ज़ेहन में बसी थीं. उनकी इस याद की मदद से ही लोग मलबे में मरे अपने लोगों को पहचान सके. इसके बाद ही सिमोनाइड्स को लगा कि किसी चीज़ को याद करने का सबसे अच्छा तरीक़ा यही है कि उससे जुड़ी कोई तस्वीर याद रखी जाए.

    सिमोनाइड्स के इस क़िस्से के सदियों बाद यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की एलेनोर मैग्युआयर ने एक तजुर्बा किया. उन्होंने मेमोरी चैंपियनशिप में टॉप टेन पर रहे लोगों के दिमाग़ की पड़ताल की. ये जानने के लिए कि क्या उनके दिमाग़ की बनावट आम लोगों से अलग है.

    तमाम टेस्ट के बावजूद, ऐसा कोई फ़र्क़ पकड़ में नहीं आया. बस एक ही बात समझ में आई कि तेज़ याददाश्त वाले लोग अपने 'माइंड पैलेस' वाले हिस्से का ज़्यादा इस्तेमाल कर रहे थे.

    वैसे हर तेज़ याददाश्त वाले इंसान का याद करने का नुस्खा अलग होता है. ख़ास तौर से नंबर याद करने के लिए लोग अलग अलग तरीक़े अपनाते हैं. जैसे एलेक्स जुड़वां नंबरों को याद करने के लिए उनको दो शब्दों से जोड़कर उनकी तस्वीर अपने ज़ेहन में बनाते हैं.

    एलेक्स ने अमरीकी मेमोरी चैंपियनशिप का खिताब, योनास वॉन एसेन से जीता था. एलेक्स की ही तरह एसेन भी अलग तरीक़े से नंबर और दूसरी बातें याद करते हैं. एलेक्स की तरह उन्हें भी बड़ी उम्र में जाकर याददाश्त तेज़ करने का ख़याल आया. ताकि वह इम्तिहान में अच्छे नंबर ला सकें.

    एसेन, स्वीडन की ग्रोथेनबर्ग यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं. उन्होंने बताया कि शुरू में उन्हें भी अपनी याददाश्त कमज़ोर लगती थी. मगर कुछ दिनों की मेहनत के बाद गाड़ी तेज़ी से चल निकली. वो पहले स्वीडन के मेमोरी चैंपियन बने. फिर उन्होंने 2012 और 2013 में वर्ल्ड मेमोरी चैंपियनशिप जीत ली.

    वैसे हर इंसान के दिमाग़ में 'मेमोरी पैलेस' की अलग-अलग तस्वीर होती है. किसी को होटल याद रहते हैं तो किसी को घर. किसी को अपने रोज़ के रास्ते की तस्वीरें याद रहती हैं तो किसी के दिमाग़ में छुट्टियों की यादें. कोई ट्रेन का सफर याद रखता है तो कोई पार्क में बिताए कुछ पल.

    एलेक्स कहते हैं कि अगर आप इत्मीनान से बैठकर सोचेंगे तो आपको बहुत सी बातें याद आ जाएंगी. आपको लगेगा कि आप उनके बारे में अच्छे से जानते हैं.

    अंजली – और इसी के साथ हम उठाने जा रहे हैं अपने अगले श्रोता का पत्र ये पत्र हमारे पास आया है बिहार से इसे लिखा है सरफुद्दीन अंसारी और इनके मित्रों ने आपने हमें ये पत्र लिखा है गांव मुसाफ़िरगंज, पोस्ट गजाधर गंज, बक्सर बिहार से और आप सभी ने सुनना चाहा है महान (1983) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं अंजान और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं --------

    सांग नंबर 5. जिधर देखूं तेरी तस्वीर नज़र आती है .....

    पंकज - याददाश्त के दोनों ही वर्ल्ड चैंपियन अपने अलग-अलग 'माइंड पैलेस' की मदद से कार्ड, तस्वीर या फिर जुड़वां नंबर याद करते हैं. दोनों की ये तरक़ीब हमेशा काम आती है. कभी भी इसमें धोखा नहीं होता.

    एलेक्स और एसेन दोनों ही कहते हैं कि किसी की याददाश्त तेज़ होने में कोई क़ुदरत का करिश्मा नहीं होता. ये सिर्फ़ एक भ्रम है. कोई भी प्रैक्टिस से ये क़ाबिलियत हासिल कर सकता है. जैसे एलेक्स मलेन ने वर्ल्ड मेमोरी चैंपियनशिप के लिए रोज़ आधे से एक घंटे तक की मेहनत की. इसी तरह वॉन एसेन ने भी रोज़ाना टुकड़ों में तैयारी की.

    फिलहाल तो एसेन ने मेमोरी चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से ब्रेक ले रखा है. मगर अगले साल वह पाई चार्ट याद करके वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ने का इरादा रखते हैं.

    वहीं तमाम मेमोरी चैंपियनशिप जीतकर भी एलेक्स इससे अपना घर नहीं चला सकते. वह कहते हैं कि इनाम और शोहरत तो मिलती है. मगर अच्छी याददाश्त से घर का ख़र्च नहीं चल सकता. तो वो अपनी याददाश्त से पढ़ाई में कामयाब होने की कोशिश कर रहे हैं.

    वह इस काम में दूसरों की भी मदद कर रहे हैं. क्योंकि उन्हें इसमें मज़ा आता है. इसका वो ज़िंदगी के दूसरे मामलों में फ़ायदा उठाना चाहते हैं.

    वॉन एसेन भी एलेक्स की बात से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं. वो कहते हैं कि जैसे आप साइकिल या बाइक चलाना सीखते हैं. ठीक वैसा ही है याददाश्त बेहतर करना.

    इसके लिए आपको वर्ल्ड चैंपियन बनने की ज़रूरत नहीं. थोड़ी प्रैक्टिस से आप याददाश्त बेहतर करके, इसका फ़ायदा ज़िंदगी की तमाम चुनौतियों से निपटने में ले सकते हैं.

    अंजली – मित्रों हमारे पास अगला पत्र आया है ज़िला मुरादाबाद, ग्राम महेशपुर खेम उत्तर प्रदेश से तौफ़ीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद दानिश और इनके सभी मित्र जनों का आप सभी ने सुनना चाहा है आस का पंछी (1961) फिल्म का गाना जिसे गाया है सुबीर सेन गीतकार हैं हसरत जयपुरी और संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 6. दिल मेरा एक आस का पंछी .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली– नमस्कार।

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