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    टी टाइम 160421(अनिल और नीलम)
    2016-04-19 16:40:34 cri

    टी-टाइम- 21 अप्रैल

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दोस्तो, लीजिए, प्रोग्राम शुरू करते हैं।

    दोस्तो, आप मदर टेरेसा के बारे में तो जानते ही हैं।

    मदर टेरेसा को वेटिकन ने पिछले दिनों संत की उपाधि देने का एलान किया। उन्हें चार सितंबर को रोम में एक समारोह के दौरान यह दर्जा दिया जाएगा। टेरेसा की मौत के बाद उनके दो चमत्कारों की वजह से उन्हें संत माना गया है। बता दें कि यह दर्जा पाने के लिए जुड़े दो चमत्कारों की जरूरत होती है। 2003 में टेरेसा को धन्य घोषित किया गया था। .

    मदर टेरेसा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने पहले चमत्कार में मोनिका बेसरा नाम की बंगाली ट्राइबल महिला को पेट के ट्यूमर से मुक्ति दिलाई थी। वर्ष 2003 में एक समारोह के दौरान पोप जॉन पॉल द्वितीय ने मदर के पहले चमत्कार को मान्यता देते हुए उन्हें धन्य घोषित किया था। ये संत बनाए जाने की प्रक्रिया का पहला चरण है। पहले चमत्कार पर करीब तीन लाख श्रद्धालुओं ने रोम में टेरेसा को संत की उपाधि देने की मांग की थी।

    मदर टेरेसा का दूसरा चमत्कार ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित ब्राजील के एक व्यक्ति के इलाज से जुड़ा हुआ है।2008 में यह शख्स मल्टीपल ब्रेन ट्यूमर से ठीक हो गया था। बीते साल पोप फ्रांसिस ने उनके दूसरे मेडिकल मिरेकल (चमत्कार) को मान्यता दे दी थी।

    अब आपको, मदर टेरेसा के जीवन के बारे में बताते हैं। अल्बानियाई मां-बाप की संतान मदर टेरेसा को दुनियाभर में उनके चैरिटी वर्क के लिए जाना जाता है। 87 साल की उम्र में 1997 में उनकी मौत हो गई थी। मदर ने अपनी पूरी जिंदगी गरीबों की मदद में गुजारी। कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की नींव रखने वाली टेरेसा ने यहां के स्लम्स में गरीबों की सेवा में जीवन बिताया। 1979 में मदर को उनके काम के लिए नोबेल शांति पुरस्कार भी दिया गया था।

    यहां बता दें कि रोमन कैथोलिक धर्म में संत घोषित करने की प्रक्रिया काफी जटिल है। इसके नियम बहुत कड़े हैं। संत घोषित करने की प्रक्रिया तीन फेज में पूरी होती है।

    पहले चरण में, संबंधित महान व्यक्ति के फॉलोअर्स लोकल बिशप के सामने उस शख्स की महानताओं और दैवीय गुणों को साबित करते हैं। चर्च द्वारा चुने गए पॉस्च्युलेटर के जरिए उस शख्स के सबूतों और जानकारियों के आधार पर पोजीशन पेपर तैयार होता है। उसके आधार पर पोप उस व्यक्ति को पूज्य की उपाधि देते हैं।

    वहीं अगले चरण में पोप उसे धन्य (Blessed) की उपाधि देते हैं। धन्य का मतलब है कि वह शख्स स्वर्ग में है। यदि कोई उसके नाम से प्रार्थना करता है तो उसकी सुरक्षा के लिए धन्य शख्स भगवान तक बात पहुंचाने की ताकत रखता है।

    वहीं आखिरी चरण में रोमन कैथोलिक चर्च के सुप्रीम लीडर यानी पोप के द्वारा संत (Saint) की उपाधि दी जाती है। संत बनाए जाने की प्रॉसेस को कैनोनाइजेशन (Canonization) कहते हैं।

    इससे पहले 27 अप्रैल 2014 को वेटिकन के इतिहास में पहली बार दो पूर्व पोप को एक साथ संत घोषित किया गया। पोप जॉन पाल द्वितीय एवं पोप जॉन 23वें को संत का दर्जा दिए जाने की घोषणा पोप फ्रांसिस ने की थी। दो अक्टूबर, 2008 को केरल की कैथोलिक नन सिस्टर अल्फोंसा को उनकी मौत के 62 साल बाद संत घोषित किया गया था।

    दोस्तो, आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें जरूर बताइएगा।

    नीलम-

    अब आपको लाइफस्टाल से जुड़ी जानकारी देते हैं।

    बहुत ज्यादा काम का दबाव के चलते कई बार थकान हो जाती है और लंबे समय तक बनी रहती है। ऐसे में जरुरी है कि थोड़ा सा ध्यान दिया जाए तो इससे आसानी से निपट सकते हैं। अपने खानपान पर भी ध्यान दें इससे निपटा जा सकता है। बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिन्हें खाने की दिनभर ताकत बनी रही है और शरीर स्फूर्ति महसूस करता है।

    हम कुछ ऐसे फलों की बात कर रहे हैं जो थकावट दूर करने में मदद देते हैं। सबसे पहले बात करते हैं केले की। केले में अच्छी मात्रा में पोटेशियम होता है जो शरीर की जरुरत के हिसाब से शर्करा को एनर्जी में बदल देता है।

    इसके अलावा ग्रीन टी में कई तरह के पॉलीफिनोल होते हैं जो तनाव और थकावट को दूर करते हैं। साथ ही दिमाग को केंद्रित करता है। ग्रीन टी को दिन में 2 से 3 बार पी सकते हैं।

    इसके अलावा थकान को कम करने के लिए कद्दू के बीज भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें बहुत सारा प्रोटीन होता है, आमेगा 3 फेटी एसिड और विटामिन होता है जो कमजोरी को कम करने में मदद करता है। इसे अपने खाने में शामिल करें।

    ऐसी चीजें जो खाने में भारी भी ना हो और थकावट को दूर करें वो सबसे बेहतर होती है। इसमें सबसे पहले नाम आता है ओटमील का। ये पचाने में भी आसान होता है साथ ही थकावट को भी दूर करता है।

    अगर जल्दी ताकत चाह रहे हैं तो दही खाने से भी सुस्ती दूर होती है। दोपहर के खाने में दही खाएं, कमजोरी दूर होगी।

    अनिलः अब बात करते हैं प्रियंका चोपड़ा की।

    दोस्तो, आजकल प्रियंका चोपड़ा जो भी करती हैं, उन्हें सफलता ही हाथ लगती है। अमेरिका में क्वांटिको नामक टीवी शो से लोकप्रिय हुई प्रियंका को ऑस्कर पुरस्कार समारोह के दौरान होस्ट बनने का मौका मिला।

    अब देखिए ना । हाल ही में प्रियंका चोपड़ा अमेरिका के पॉपुलर टॉक शो 'द टुनाइट शो स्टारिंग जिमी फालन' में शामिल हुईं। शो के दौरान उन्होंने होस्ट जिमी के साथ चिकन विंग्स खाने की रेस लगाई, जिसमें जिमी को हराकर वो विनर बनीं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। प्रियंका महज 20 सेकेंड में विनर बन गयी।

    प्रियंका ने ये गेम महज 20 सेकेंड के अंदर ही जीत लिया। 4 मार्च को पब्लिश हुए इस वीडियो को अब तक 8 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है।

    अपने अमेरिकन टीवी शो 'क्वांटिको' के जरिए हॉलीवुड में सुर्खियां बटोरने वाली प्रियंका जल्द ही हॉलीवुड स्टार द रॉक: ड्वेन जॉनसन के साथ फिल्म 'बेवॉच' में दिखेंगी। हाल ही में हुए ऑस्कर अवॉर्ड में प्रेजेंटर बनकर भी प्रियंका ने खूब लाइम लाइट बटोरीं।

    नीलम-

    अब वक्त हो गया है हेल्थ टिप्स का।

    गर्मी की दस्तक के साथ ही आइसक्रीम और बर्फ का उपयोग भी तेजी से बढ़ गया है। इन ठंडे खाद्य पदार्थों का उपयोग करने से पहले न तो कोई सोचता है और नहीं उपयोग से कतराता है। लेकिन अब इसके उपयोग से पहले एेहतियात जरूर बरतें। कहीं ये खाद्य पदार्थ आप को तकलीफ में न डाले दें। क्योंकि इन खाद्य पदार्थों के सेवन से आप जानलेवा संक्रमण को न्योता दे रहे हैं। इतना ही नहीं ये संक्रमण आप के बच्चों और घर के बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित कर सकते हैं। अगर इनका समय से पता नहीं चले और दुरुस्त उपचार न मिले तो ये जानलेवा भी साबित हो सकते हैं।

    बर्फ का उपयोग गन्ने के रस, ज्यूस सेन्टरों तथा पानी ठंडा करने सहित अनेक कार्यों में किया जा रहा है। फैक्ट्री वालों ने अपनी फैक्ट्रियों के बाहर केवल व्यवसायिक उपयोग लिख दिया है। खाद्य पदार्थो में उपयोग किया जाने वाला, गन्ने के रस, जूस आदि में मिलाया जाने वाला बर्फ कहां से आ रहा है, इसका जवाब कोई नहीं देता।

    दूषित पानी और जंग लगे कंटेनर से बनने वाली बर्फ खाने से पेट पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। पेट में संक्रमण, उल्टी, दस्त, सर्दी, जुखाम और गले संबंधी बीमारियां होती हैं। सर्वाधिक असर बच्चों और बुजुर्गो पर पड़ता है। उपचार न मिल पाने के कारण ये बीमारियां आप के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती हैं।

    अनिलः

    अधिकांश बर्फ फैक्ट्रियों में जंग लगे कंटेनरों में बर्फ जमाई जा रही है। जंग इतना कि लोहे की पत्तियां और लोहे के टुकड़े बर्फ जमाने के लिए भरे गए पानी में मिलकर बर्फ में समा रहे हैं। इतना ही नहीं बाजार में बिने वाली बर्फ में उपयोग में लाया जाना वाला पानी भी पूर्ण रूप से शुद्ध न होने के कारण बीमारी का कारण बन सकता है। इसी प्रकार बाजार की बर्फ से बनाई जाने वाली आइसक्रीम भी संक्रमण को न्योता देती है।

    बर्फ का सीधा संबंध स्वास्थ्य से होने के कारण इसके निर्माण के लिए विशेष मानक हैं। बर्फ निर्माण के लिए न सिर्फ पानी शुद्ध होना चाहिए, बल्कि उसमें क्लोरीन होना भी जरूरी है। इसके अलावा बिना जंग लगे सांचे व साफ. सुथरे बर्फ जमाने के हौज आदि जरूरी हैं। इसी प्रकार आइसक्रीम फैक्ट्रियों में भी शुद्ध खाद्य सामग्री के इस्तेमाल के अलावा पानी आदि की गुणवत्ता बेहतर होनी चाहिए।

    दोस्तो, प्रोग्राम में जानकारी यही तक।

    अब पेश करते हैं श्रोताओं के कमेंट यानी पत्र।

    नीलमः

    सबसे पहला पत्र हमें भेजा है केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि कार्यक्रम "टी टाइम" के अन्तर्गत रोबोट चीता और गूगल 'ग्लास' के बाद गूगल द्वारा अब एक ऐसी अद्भुत तकनीक, जिससे किसी भी डिवाइस को बिना टच किए ऑपरेट करना सम्भव होगा, को लाने की तैयारी की जा रही है, के बारे में जानकर काफी ख़ुशी हुई। निश्चित तौर पर गूगल अगर अपनी इस नई तकनीक को पेश करता है, तो हमारा भविष्य किसी साई-फाई फ़िल्म से कम नहीं होगा। गूगल का यह नया प्रोजेक्ट सोली काम-काज का एक नया तरीका होगा, इस सेंसर में रडार टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो उंगलियों की हरकतों को प्रति सेकंड 10,000 फ्रेम दर से रिकॉर्ड कर सकता है। यह तकनीक इससे पहले कभी इस्तेमाल नहीं की गई है। आसान और सीधे शब्दों में कहें, तो इस तकनीक के जरिए आप किसी भी डिवाइस को बिना टच किए ऑपरेट कर सकते हैं। डिवाइस में लगा सेंसर लगभग एक छोटे से कंप्यूटर चिप के आकार का है। इस तकनीक के जरिए आपका हाथ एक वर्चुअल डायल मशीन की तरह काम करेगा। इसके जरिए आप स्पीकर की आवाज को घटा-बढ़ा सकते हैं, स्मार्टवॉच या स्मार्टफोन स्क्रीन एक आभासी टचपैड से नियंत्रित कर सकते हैं। यह छोटी सी चिप वास्तव में एक छोटा सा जेस्चर रडार है जोकि अविश्वसनीय हाइपर स्पीड पर सबसे जटिल हाथ के इशारों को समझता है। चिप बेहद छोटे आकार की होने के कारण किसी भी जगह फिट हो सकती है। इसके बाद दी गई जानकारी तो और भी चौंकाने वाली लगी। यह सोच कर हैरानी होती है कि कॉल करने वाला कॉलर आपसे मोबाइल की स्क्रीन से बाहर निकलकर बात कर रहा है जैसा अहसास होगा। यह कपोल कल्पना नहीं है। हो सकता है कि अगले साल इस तरह का मोबाइल आप ही के हाथों में हो। यह सपना सच होगा थ्री डी होलोग्राफिक तकनीक से, जिसपर काम करने में सैमसंग, एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कम्पनियां जुटी हुई हैं। आपने यह भी बतलाया कि थ्री डी होलोग्राम तकनीक त्रिविमिय तकनीक है, जिसमें लेज़र बीम से विशेष तरंगदैध्र्य का प्रकाश निकलता है जो किसी छवि की तीन दिशाएं उभारता है, जिससे ऐसा आभास होता है कि जैसे कोई चित्र हमारे सामने ही हो अथवा फ़िल्म के दृश्य की हीतरह सामने ही घटित हो रहे हों। कार्यक्रम में पश्चिमी मंगोलिया के कज़ाक समुदाय लोगों द्वारा आज भी अपनी 4,000 साल पुरानी परम्परा को उतने ही जोश से निभाने का समाचार हमें पाषाण युग की याद दिलाता है। हर साल गोल्डन ईगल नाम से मनाये जाने वाले इस फेस्टिवल में ये लोग अपने बाज़ के जरिए लोमड़ी, बकरियों का शिकार करते हैं। इस दौरान ये बाज़ हवा में 321 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से उड़ते हैं और शिकार करते हैं। साथ ही घुड़दौड़ और तीरंदाजी भी होती है। इसके अलावा लोग अपने घोड़ों पर बैठ कर बकरी की खाल हथियाने के लिए भी लड़ाई करते हैं। इन लोगों द्वारा पहने जाने वाले कपड़े भी उन्हीं लोमड़ी, बकरियों, भेड़िए की खाल से बने होते हैं जो इनके बाज़ों का शिकार होते हैं। ऑस्ट्रेलियाई फोटोग्राफर मसीमो रूमी ने इस तरह की तस्वीरें ली हैं। उनके अनुसार पश्चिमी मंगोलिया के अल्ताई पहाड़ों में रहने वाले कज़ाक लोग ही इकलौती ऐसी प्रजाती हैं जो सुनहरे बाजों से शिकार करते हैं। वैसे ये प्रथा 940 ईसा पूर्व में उत्तरी चीन में रहने वाले मंचूरिया के बंजारे किसानों द्वारा शुरू की गई थी। लन्दन की सबसे ऊंची बिल्डिंग "द शार्ड" से पैराशूट के ज़रिये छलांग लगाकर दुस्साहस का प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति का सुरक्षित बच निकलना भी काफी हैरान करने वाला समाचार है। आज के हेल्थटिप्स में बालों में होने वाले डैनड्रफ़ से होने वाले नुकसान के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। हैरानी होती है यह जान कर कि इससे चेहरे की सुंदरता बर्बाद हो जाती है, इसके ड्राई स्किन फ्लेक्स आपके पोर यानी रोमछिद्रों को बंद कर देते हैं, जिससे पिंपल्स हो जाते हैं। अगर आपको अक्सर कील-मुंहासे निकलते हैं, तो डैनड्रफ इस स्थिति को और खराब कर सकता है। इसके कारण स्कैल्प पर खुजली होने लगती है। दिन भर सिर खुजाने से जगह-जगह पर्सनेलिटी पर असर पड़ता है। डैनड्रफ से सोरायसिस भी हो सकता है जो एक ऐसी स्थिति है जिसमें स्कैल्प में लाल रंग के धब्बे पड़ जाते हैं और उनमें खुजली होती है। ये धब्बे आपके कान के पीछे या पीठ तक पहुंच सकते हैं।पीठ पर मुहांसे होने लगते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार बैक एक्ने का एक बड़ा कारण भी डैनड्रफ है। हंसगुल्लों की बात करें तो मुझे आज-"नूरजहाँ, मेरे घर के लोगों के साथ दफ़नाया जाना पसन्द करोगी" जोक काफी पसन्द आया। सवाल-ज़वाब अच्छा है, इसके बारे में तो श्रोता बस, इतनी ही मांग करते हैं कि इसे ईनामी कर दिया जाये ! धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    धन्यवाद, हमें पत्र भेजने के लिए।

    वहीं दूसरा पत्र हमें आया है बिहार से शंकर प्रसाद शंभू का। वे लिखते हैं कि अनिल और नीलम जी ,

    प्यार भरा नमस्कार।

    रोबोट चीता और गूगल 'ग्लास' के बाद गूगल अब सच में एक अद्भुत तकनीक लाने की तैयारी में है । गूगल का नया प्रोजेक्ट सोली काम-काज का एक नया तरीका होगा, इस सेंसर में रडार टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जो उंगलियों की हरकतों को प्रति सेकंड 10,000 फ्रेम दर से रिकार्ड कर सकता है । यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ ।

    थ्री डी होलोग्राम तकनीक त्रिविमिय तकनीक है, जिसमें लेजर बीम से विशेष तरंगदैध्र्य का प्रकाश निकलता है जो किसी छवि की तीन दिशाएं उभारता है। इसमें ऐसा लगता है जैसे कोई चित्र सामने ही है अथवा फिल्म के दृश्य सामने ही घटित हो रहे हैं। वर्तमान में सैमसंग और एप्पल मोबाइल कम्पनियां थ्री डी होलोग्राफिक तकनीक विकसित करने के लिए सबसे आगे चल रही हैं। अगले साल तक बेसिक थ्री डी होलोग्राम युक्त मोबाइल बाजार में आने की संभावना है। चर्चा काफी अच्छी लगी !

    लंदन की सबसे ऊंची बिल्डिंग "द शार्ड" से छलांग लगाकर एक व्यक्ति ने काफी ज्यादा दुस्साहस का प्रदर्शन किया है, जो कि 87 मंजिला है। पैराशूट के साथ छलांग लगाते हुए वो सुरक्षित सेंट थॉमस स्ट्रीट पर उतरा। इसके बाद वहां पहले से ही तैयार खड़े अपने एक साथी के साथ पैराशूट को समेट कर कुछ ही देर में मौके से फरार हो गया। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिए।

    अगला पत्र हमें भेजा है पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप ने। लिखते हैं कि डीयर सर, नी हाव, 14 अप्रैल के टी टाइम पर गूगल की अनोखी तकनीक संबंधित जानकारी में किसी भी डिवाइस को बिना टच किये ऑपरेट कर सकते हैं ये मुझे आश्चर्यजनक लगी, टी टाइम संबंधित अन्य जानकारी अच्छी लगी, घोड़ों पर बैठकर बकरी का शिकार बड़ी रोचक जानकारी लगी। लंदन की एक 87 मंजिला इमारत से पैराशूट से कूदना बहुत ही रोचक जानकारी लगी। हेल्थ टिप्स अच्छी लगी, जोक्स भी बहुत अच्छे लगे, श्ये श्ये, जाईछियान

    धन्यवाद आज फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    अब इस बार के प्रोग्राम के आखिरी पत्र हमें आया है बिहार से रंजू मुखिया

    का। वे लिखते हैं कि नीलम जी ,

    नमस्कार।

    रोबोट चीता और गूगल 'ग्लास' के बाद गूगल अब सच में एक अद्भुत तकनीक लाने की तैयारी में है। गूगल का नया प्रोजेक्ट सोली काम-काज का एक नया तरीका होगा, इस सेंसर में रडार टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल किया गया है यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ ।

    लंदन की सबसे ऊंची बिल्डिंग "द शार्ड" से छलांग लगाकर एक व्यक्ति ने काफी ज्यादा दुस्साहस का प्रदर्शन किया है, जो कि 87 मंजिला है। पैराशूट के साथ छलांग लगाते हुए वो सुरक्षित सेंट थॉमस स्ट्रीट पर उतरा। इसके बाद वहां पहले से ही तैयार खड़े अपने एक साथी के साथ पैराशूट को समेटकर कुछ देर में मौके से फरार हो गया। अच्छी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद ।

    श्रोताओं की टिप्पणी यही तक। आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद।

    अनिलः श्रोताओं के कमेंट के बाद

    लीजिए अब वक्त हो गया है, हंसगुल्लों यानी जोक्स का।

    पहला जोक

    एक सरदार जी, एवरेस्ट पर गए, वहां तीन बाबा बैठे थे और तंबाकू रगड़ रहे थे।

    तभी सरदार जी बोले- बाबा ये क्या है

    बाबा- मसाला

    सरदार- ओ तेरी, एवरेस्ट मसाले आप बनाते हो....

    दूसरा जोक

    एक बार कोयल ने कौवे से पूछा, अभी तक शादी क्यों नहीं की

    इस पर कौवा तपाक से बोला- बिना शादी के ही ज़िंदगी में इतनी कॉव-कॉव है। तो शादी के बाद कितनी होगी।...

    तीसरा और अंतिम जोक

    शादीशुदा व्यक्ति की जिंदगी में कौन से दो खर्चे होते ही हैं।

    पहला अगर बीवी गोरी हो तो सन स्क्रीन और काली हो तो फेयर एंड लवली या खूबसरती बढ़ाने वाले दूसरे क्रीम।

    दोस्तो, आपको जोक्स कैसे लगे, हमें जरूर बताइएगा।

    अब समय हो गया है सवाल जवाब का।

    पिछले हफ्ते दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवालः गूगल क्या तकनीक लाने वाला है

    सही जवाब है- गूगल अब एक अद्भुत तकनीक लाने की तैयारी में है।

    इस तकनीक के जरिए आप किसी भी डिवाइस को बिना टच किए आपरेट कर सकते हैं।

    दूसरा सवालः लंदन में एक व्यक्ति किस वजह से सुर्खियों में रहा

    सही जवाब है- लंदन की सबसे ऊंची 310 मीटर बिल्डिंग "द शार्ड" से छलांग लगाकर एक व्यक्ति ने काफी ज्यादा दुस्साहस का प्रदर्शन किया है।

    इन सवालों का सही जवाब हमें लिखकर भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु, देबाशीष गोप और बिहार से शंकर प्रसाद शंभू और रंजू मुखिया आदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    अब लीजिए सुनिये आज के सवाल।

    पहला सवालः मदर टेरेसा हाल के दिनों में किस वजह से चर्चा में रही हैं।

    दूसरा सवालः प्रियंका चोपड़ा किस कारण से सुर्खियों में हैं

    सवाल एक बार फिर सुन लीजिए।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।

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