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    आप की पसंद 160409
    2016-04-12 14:32:09 cri

    9 अप्रैल आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... मल्थोने, ज़िला सागर, मध्यप्रदेश से धर्मेन्द्र सिंह और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है तीसरी मंज़िल (1966) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और आशा भोंसले ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 1. ओ हसीना ज़ुल्फ़ों वाली जाने जहां ....

    पंकज- दुनिया के 30 सबसे कलरफुल शहर, भारत की एक सिटी भी है शामिल

    टूरिज्म के दृष्टिकोण से दुनियाभर में कई शहर काफी सुंदर माने जाते हैं। इनमें कुछ ऐसे शहर भी हैं, जो अपनी खूबसूरत रंगों की वजह से फोटोग्राफी के लिए अच्छे समझे जाते हैं। हाल ही में माईमॉडर्नमेट डॉट कॉम ने ऐसे 30 शहरों की लिस्ट जारी की है, जिसमें भारत का एक शहर भी शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ शहरों में क्षेत्र की रौनक बढ़ाने के लिए तो कहीं कलाकारों ने कला का प्रदर्शन करने के लिए सिटीज को कलरफुल किया। जानिए ऐसे शहरों को...

    वेलप्रासो, चिली

    देश में संस्कृति और स्ट्रीट आर्ट के लिए मशहूर यह शहर समुद्र किनारे की पहाड़ियों पर बसा है। लगभग सभी घरों पर अलग-अलग रंग नजर आते हैं, जिससे वातावरण कलरफुल नजर आता है। इस शहर को 'ज्वैल ऑफ पैसिफिक' भी कहते हैं। ढलान से पूरा शहर एक नजर में दिख जाता है।

    कोपेनहेगन, डेनमार्क

    इस प्राचीन शहर में नहर किनारे का क्षेत्र बहुत ही सुंदर है। 17वीं एवं 18वीं सदी की इमारतों का रंग जब नहर में उतर आता है, तब ये और सुंदर दिखती हैं। डिज़ाइन के तौर पर सभी लगभग एक जैसी हैं। स्ट्रीट रेस्तरां भी आकर्षक हैं। सर्दियों में जब नहर जम जाती है, तब वातावरण और खुशनुमा होता है।

    अंजली – वैसे मैं यहां ये बात आप सभी को बताना बहुत ज़रूरी समझती हूं कि चीन में भी घूमने और छुट्टियां बिताने के लिये बहुत ज्यादा सुंदर जगहें हैं, अगर आप चीन की सैर पर आना चाहते हैं तो अप्रैल के अंत से सितंबर के शुरुआत तक का समय बहुत अच्छा है क्योंकि उस समय मौसम यहां पर गर्म रहता है हालांकि यहां पर गर्मी उतनी भी नहीं पड़ती है जितनी भारत के कई हिस्सों में पड़ती है, चीन के कई इलाकों में सुंदर पहाड़ियां हैं, खूबसूरत जंगल हैं, बौद्ध मंदिर और विहार हैं इनके साथ ही बड़ी बड़ी झीलें हैं जहां पर आप नाव चला सकते हैं। दक्षिणी चीन के कई शहरों में आप पर्यटन के साथ साथ ढेर सारे हस्तकला और इलेक्ट्रॉनिक के सामान भी खरीद सकते हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि पश्चिमी देशों की तुलना में चीन में घूमना और होटल का किराया भी सस्ता है। साथ ही आपको कुछ एक जगह पर भारतीय खाना भी मिल जाएगा। पंकज भले ही आपको यूरोप और अमेरिका जाने के लिये प्रेरित करें लेकिन मैं तो आप सभी को चीन में आमंत्रित करूंगी जिससे आप लोग चीन भी घूम सकें। इसी के साथ मैं कार्यक्रम का अगला पत्र उठा रही हूं जो हमारे पास आया है सरफुद्दीन अंसारी और इनके मित्रों की तरफ़ से आपने हमें पत्र लिखा है मुसाफिरगंज, बक्सर, बिहार से और आप सभी ने सुनना चाहा है हरे रामा हरे कृष्णा (1971) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने, और गीत के बोल हैं ---------

    सांग नंबर 2. कांची रे कांची रे .......

    पंकज - वरनाजा, इटली

    यह इटली का छोटा-सा कस्बा है, जो समुद्र किनारे मात्र 12 वर्ग किमी में फैला है। समुद्र की ओर पुराने किले के पास कुछ रहवासी अपार्टमेंट बने हैं, तो कहीं होटल। वे सभी कलरफुल हैं, जहां से समुद्र और खूबसूरत दिखता है। वहां नावों को भी ज्यादा रंगों से सजाया जाता है।

    बो-काप, साउथ अफ्रीका

    केपटाउन से कुछ ही दूर इस छोटी-सी जगह के लगभग सभी घर एक जैसे दिखते हैं, लेकिन उन्हें अलग-अलग रंगों एवं फूलों से सजाया गया है। हर घर के सामने या दीवारों पर आकर्षक चित्रकारी इन्हें और सुंदर बनाती है। यहां बने घरों को मलय क्वार्टर भी कहते हैं।

    व्रोक्ला, पोलैंड

    इस शहर को संस्कृति की दृष्टि से महत्वपूर्ण समझा जाता है। मार्केट स्क्वेयर की प्राचीन इमारतें यूरोपीय वास्तुकला पर आधारित हैं। उन्हें अलग-अलग रंग देकर और अधिक खूबसूरत बनाया गया है।

    अंजली – श्रोता मित्रों इन दिनों चीन में भी घूमने फिरने और पर्यटन का आनंद उठाने का मौसम आ गया है, जैसा कि मैंने पहले ही आपको बताया था कि चीन में घूमने का समय अप्रैल से सितंबर तक का महीना सबसे अच्छा होता है, उसके बाद लंबी और भीषण कठोर सर्दियां आ जाती हैं और सर्दियों के दौरान हम कहीं भी नहीं घूम पाते हैं, सर्दियों में दक्षिणी चीन का सिर्फ एक ही प्रांत हाएनान घूमने लायक रह जाता है क्योंकि वहां पर भारत के तमिलनाडु जैसा मौसम रहता है और आप आसानी से घूम सकते हैं, इसके अलावा सर्दियों के दौरान बहुत से चीनी थाईलैंड, श्रीलंका और मालदीव्स जाते हैं, साथ ही उन देशों में जाते हैं जहां पर गर्मी पड़ती है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड जैसे देश भी शामिल हैं। मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं मेहर रेडियो श्रोता संघ, सगोरिया, ज़िला मंदसौर, मध्यप्रदेश से श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, संगीता, ललिता, दुर्गाबाई और मेहर परिवार के सभी सदस्य मित्रों आप सभी ने सुनना चाहा है ज़बर्दस्त (1985) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतका हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 3. जब चाहा यारा तुमको ......

    पंकज - हवाना, क्यूबा

    इस शहर में कैपिटल स्क्वेयर की रंगीन इमारतें निहारने के लिए घोड़ागाड़ी उपलब्ध होती है। ये पुराने शहर में आती हैं, इसके बावजूद लोग इन्हें देखने के लिए उत्साहित रहते हैं।

    पचुका, मैक्सिको

    यह छोटा टाऊन पठार पर है। एक ग्रैफिटी आर्टिस्ट ने यहां के घरों को रंगने के लिए सरकार से समझौता किया था। उसके बाद से यहां की पहचान बदल गई।

    जोधपुर, भारत

    इस शहर को 'ब्लू सिटी' के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नीला रंग शुभ होता है। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि नीले रंग की वजह से गर्मी कम लगती है।

    अंजली – तो मित्रों कार्यक्रम में मेरे बोलने का मतलब है कि मैं आपको अब अगला गाना सुनवाने वाली हूं, आपके ढेर सारे पत्रों के मिलने से हमारा उत्साह दोगुना हो जाता है, और हमें ये बताता है कि आपको हमारा कार्यक्रम कितना अच्छा लगता है। मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं उत्तर प्रदेश के जिला मुदाराबाद, ग्राम महेशपुर खेम, से तौफ़ीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी और मोहम्मद दानिश इनके साथ ही इनके ढेर सारे मित्रों ने हमें अपना फरमाईशी गीत लिखकर भेजा है जो हम आपको सुनवाने जा रहे हैं, आपने सुनना चाहा है बेताब (1983) फिल्म का गाना जिसे गाया है शब्बीर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 4. बादल यूं गरजता है ....

    पंकज - यहां चलता है 'औरतों का राज', कर सकती हैं कई मर्दों से शादी

    शिलॉन्ग। दुनियाभर में कई ऐसी जनजातियां हैं, जिनके बारे में जानकर हैरत होती है। इनके रहन-सहन, कानून सबकुछ बिल्कुल अलग होता है। ऐसी ही एक जनजाति भारत के मेघालय में रहने वाली खसी ट्राइब्स है। समाज से अलग ये जनजाति महिला प्रधान है और पूरी संपत्ति मां के नाम पर रहती है। इसके बाद बेटी को ट्रांसफर कर दी जाती है।

    महिलाएं कर सकती हैं कई मर्दों शादी...

    इस जनजाति में महिलाओं का वर्चस्व रहता है। वह कई पुरुषों से शादी कर सकती हैं। इतना ही नहीं, पुरुषों को अपने ससुराल में ही रहना पड़ता है। हालांकि, हाल के सालों में यहां कई पुरुषों ने इस प्रथा में बदलाव लाने की मांग की है। उनका कहना है कि वे महिलाओं को नीचा नहीं करना चाहते, बल्कि बराबरी का हक मांग रहे हैं।

    अंजली – श्रोता मित्रों हमारे पास कार्यक्रम का अगला पत्र आया है कुरसेला तिनधरिया से ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतर कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी और एल के सिंह ने आप सभी ने सुनना चाहा है LOVE STORY (1981) का गाना जिसे गाया है अमित कुमार और आशा भोंसले ने, गीतकार हैं आनंद बख्शी, संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. कैसा तेरा प्यार कैसा गुस्सा है सनम .....

    पंकज - एक रिपोर्ट के मुताबिक, यहां के कई लोगों का कहना है कि बेटी के जन्म होने पर काफी जश्न मनाया जाता है, जबकि बेटे के जन्म लेने पर उतनी खुशी नहीं होती। इसके अलावा, यहां के बाजार और दुकानों पर भी महिलाएं ही काम करती हैं। बच्चों का सरनेम भी मां के नाम पर होता है।

    छोटी बेटी को मिलती है सबसे ज्यादा संपत्ति

    खासी समुदाय में सबसे छोटी बेटी को विरासत का सबसे ज्यादा हिस्सा मिलता है। इस कारण से उसी को माता-पिता, अविवाहित भाई-बहनों और संपत्ति की देखभाल भी करनी पड़ती है। छोटी बेटी को खातडुह कहा जाता है। उसका घर हर रिश्तेदार के लिए खुला रहता है। इस समुदाय में लड़कियां बचपन में जानवरों के अंगों से खेलती हैं और उनका इस्तेमाल आभूषण के रूप में भी करती हैं।

    अंजली – मित्रों कार्यक्रम के हमारे अगले श्रोता हैं पंडित मेवालाल परदेसी जी, कुंवरकांत चौरसिया, शरीफ़ अंसारी और इनके सभी परिजन, आप सभी ने हमें पत्र लिखा है महात्वाना, महोबा, उत्तर प्रदेश से और आपने सुनना चाहा है परख (1960) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं -------

    सांग नंबर 6. ओ सजना बरखा बहार आई ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली – नमस्कार।

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