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    संडे की मस्ती 2016-04-10
    2016-04-10 19:31:23 cri

    अखिल- हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर

    सपना- और मैं हूं आपकी दोस्त सपना

    अखिल- दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    अखिल- चलिए दोस्तों, प्रोग्राम शुरू करने से पहले, हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    सपना- इस चीनी गीत का नाम है.... अदृश्य पंख

    चीनी गीत अदृश्य पंख का मज़ा

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    अखिल- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज सपना जी पेश करेंगी एक विशेष रिपोर्ट

    रिपोर्ट: भारत में "पश्चिम की तीर्थयात्रा"ऑडियो पुस्तक का हिंदी संस्करण रिलीज़

    अखिल- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    अखिल- दोस्तों, मैं आज आपको एक ऐसी कंपनी के बारे में बताने जा रहा हूं जो वर्चुअल दाह संस्कार का एहसास दे दूर कर रही डर।

    जी हां दोस्तों, चीन के शंघाई से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है । यहां की एक कंपनी लोगों में मौत के डर को दूर भगाने के लिए एक खास तरह का प्रयोग कर रही है। दरअसल लोगों को मौत और फिर पुनर्जन्म का एहसास करवाने के लिए ऐसा प्रयोग किया जा रहा है ।

    जानकारी के मुताबिक, लोगों के दाह संस्कार के लिए एक नकली चैंबर बनाया गया है । जिसके अंदर जाते ही लोग धुएं के गुबार में पूरी तरह घिर जाते है । इसके बाद वह दूसरे रास्ते को चुनते हैं जिसके अंदर से बाहर आने तक का रास्ता पुनर्जन्म जैसा एहसास करवाता है । इसके बाद एक सर्कुलर होल से बाहर निकलने के बाद वह अपने दोस्तों से मिलते हैं ।

    लू सीवे नाम के व्यक्ति ने इस प्रयोग में हिस्सा लिया । उसने बताया कि यह एक रोचक अहसास है । यह आपको शांत करता है और जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है । इसके आयोजनकर्ताओं ने बताया कि मौत के करीब जा रहे लोग इससे पहले की पीड़ा को असहनीय और मुश्किल समझते हैं।

    सपना- चलिए मैं एक ऐसे शख्स के बारे में बताती हूं जो दस दिन में पैर की उंगलियों से 1 लाख रुपए कमाता है।

    दोस्तों, दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जो जन्म से ही विकलांग होते है लेकिन कई जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना बड़ी हिम्मत से करते हैं । ऐसा ही एक किस्सा चीन से सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, चीन में हुपेई प्रांत के पोतोंग काउंटी में रहने वाले 27 वर्षीय छन चीफंग के जन्म से ही हाथ नहीं हैं । हाथ न होने के कारण छन अपनी फैमिली पर बोझ नहीं बना ब्लकि अपनी फैमिली के हर काम में हाथ बंटाता है । हाथ न होने के कारण उसने पैरों की उंगलियों को ताकत बनाया और अपना हर काम अपने पैरों की उंगलियों से करता है ।

    मैं आपको बता दूं कि छन ने एक ऑनलाइन स्टोर खोला है । इसकी दस दिनों की कमाई 10 हजार युआन यानी एक लाख रुपए हो गई है । छन आज सक्सेसफुल ई-कॉमर्स वेबसाइट का मालिक है । यह सब उसके पैरों की उंगलियों का कमाल है ।

    अखिल- बहुत खूब.. दाद देनी होगी छन को, जिसने विक्लांगता को अपनी कामयाबी के बीच नहीं आने दिया। चलिए दोस्तों, आपको बताता हूं कि अब चीन के लोग ताजी हवा प्लास्टिक बैग में भरकर बेच रहे।

    दोस्तों, चीन के दक्षिणी इलाके में स्थित गुआंगडोंग प्रांत के ग्रामीण इन दिनों पर्यटकों को शुद्ध हवा बेच रहे हैं । चीन के अधिकतर हिस्सों में धुंध फैलने की घटनाओं के बाद शुद्ध हवा का कारोबार काफी चलना शुरु हो गया है ।

    जानकारी के मुताबिक गुआंगडोंग स्थित लियानशान पहाड़ के इलाके के ग्रामीण इलाके में आने वाले पर्यटकों को लगभग 100 रुपए से 300 रुपए में चीन के लोग शुद्ध हवा से भरा बैग बेच रहे हैं । वे लोगों को 'हवा खरीदना सेहत खरीदने के बराबर है' और 'औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त हवा ले लो' कहकर पर्यटकों को बुलाते हैं । लियानशान पहाड़ गुआंगडोंग का वनों से ढका सबसे बड़ा क्षेत्र है । हवा बेचने वाले खरीदारों को आकर्षित करने के लिए खास आवाजें लगाते हैं ।

    सपना- दोस्तों, चीन के वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है, बना दिया कृत्रिम सूरज

    जी हां, चीन के वैज्ञानिकों ने एक बार फिर पूरी दुनिया को चौंका दिया। दरअसल, इन वैज्ञानिकों ने एक कृत्रिम सूरज बनाने का बड़ा कारनामा कर दिखाया है। इस कृत्रिम सूरज को द एक्सपेरिमेंटल एडवांस सुपरकंडक्टिंग टोकामाक नाम दिया गया है, जिसको चाइनीज अकादमी ऑफ साइंस के हेफेई इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल साइंस ने विकसित किया है।

    वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया यह कृत्रिम सूरज पांच करोड़ डिग्री से भी ज्यादा तापमान उत्सर्जित करने में सक्षम है। पीपुल्स डेली ऑनलाइन ने चाइना अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग फिजिक्स के शु-जिआन्नान के हवाले से बताया कि यह कृत्रिम सूर्य नियंत्रित थर्मोन्यूक्लियर संलयन (फ्यूजन) के माध्यम से असीमित शुद्ध ऊर्जा उपलब्ध करा सकता है।

    दरअसल, ड्यूटेरियम और ट्रिटियम नामक हाइड्रोजन रेडियोएक्टिव आइसोटोप्स की वजह से सूरज से प्रकाश और तापमान उत्सर्जित होता है। उन्होंने बताया की सूर्य में एक हीलियम परमाणु संलयन (फ्यूजन) के दौरान भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है। जिआन्नान ने बताया कि कृत्रिम सूरज में भी इसी प्रक्रिया को अपनाया गया है।

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    हिन्दी गीत का मज़ा

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- दोस्तों, आज हम आपको सामान्य ज्ञान के सेगमेंट में बताने जा रहे है कि क्या कारण है कि पानी और तेल सुगमता से बहते हैं जबकि शहद और ग्लिसरीन कठिनाई से बहते हैं ?.

    इसका उत्तर है- पदार्थ में एक कण दुसरे कण से घर्षण कर बहने का विरोध करने की प्रवृति रखता है. यह प्रवृति (विस्कसिता) जल व तेल की अपेक्षा शहद तथा ग्लिसरीन में अधिक होती है अतः शहद और ग्लिसरीन, पानी और तेल की अपेक्षा कठिनाई से बहते हैं..

    सपना- चलिए दोस्तों, अभी हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है स्वर्ग का मार्ग

    प्रेरक कहानी "स्वर्ग का मार्ग"

    अखिल- दोस्तों, महात्मा बुद्ध के समय की बात है। उन दिनों मृत्यु के पश्चात आत्मा को स्वर्ग में प्रवेश कराने के लिए कुछ विशेष कर्मकांड कराये जाते थे। होता ये था कि एक घड़े में कुछ छोटे-छोटे पत्थर डाल दिए जाते और पूजा-हवन इत्यादि करने के बाद उस पर किसी धातु से चोट की जाती, अगर घड़ा फूट जाता और पत्थर निकल जाते तो उसे इस बात का संकेत समझा जाता कि आत्मा अपने पाप से मुक्त हो गयी है और उसे स्वर्ग में स्थान मिल गया है।

    चूँकि घड़ा मिटटी का होता था इसलिए इस प्रक्रिया में हमेशा ही घड़ा फूट जाता और आत्मा स्वर्ग को प्राप्त हो जाती और ऐसा कराने के बदले में पंडित खूब दान-दक्षिणा लेते।

    अपने पिता की मृत्यु के बाद एक युवक ने सोचा क्यों न आत्मा-शुद्धि के लिए महात्मा बुद्ध की मदद ली जाए, वे अवश्य ही आत्मा को स्वर्ग दिलाने का कोई और बेहतर और निश्चित रास्ता जानते होंगे। इसी सोच के साथ वो महात्मा बुद्ध के समक्ष पहुंचा।

    "हे महात्मा! मेरे पिता जी नहीं रहे, कृपया आप कोई ऐसा उपाय बताएं कि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी आत्मा को स्वर्ग में ही स्थान मिले।", युवक बोला।

    बुद्ध बोले, "ठीक है, जैसा मैं कहता हूँ वैसा करना…तुम उन पंडितों से दो घड़े लेकर आना। एक में पत्थर और दूसरे में घी भर देना। दोनों घड़ों को नदी पर लेकर जाना और उन्हें इतना डुबोना कि बस उनका उपारी भाग ही दिखे। उसके बाद पंडितों ने जो मन्त्र तुम्हे सिखाये हैं उन्हें जोर-जोर से बोलना और अंत में धातु से बनी हथौड़ी से उनपर नीचे से चोट करना। और ये सब करने के बाद मुझे बताना कि क्या देखा?"

    युवक बहुत खुश था उसे लगा कि बुद्ध द्वारा बताई गयी इस प्रक्रिया से निश्चित ही उसके पिता के सब पाप काट जायेंगे और उनकी आत्मा को स्वर्ग की प्राप्ति होगी।

    अगले दिन युवक ने ठीक वैसा ही किया और सब करने के बाद वह बुद्ध के समक्ष उपस्थित हुआ।

    "आओ पुत्र, बताओ तुमने क्या देखा?", बुद्ध ने पूछा।

    युवक बोला, " मैंने आपके कहे अनुसार पत्थर और घी से भरे घड़ों को पानी में डाल कर चोट की। जैसे ही मैंने पत्थर वाले घड़े पर प्रहार किया घड़ा टूट गया और पत्थर पानी में डूब गए। उसके बाद मैंने घी वाले घड़े पर वार किया, वह घड़ा भी तत्काल फूट गया और घी नदी के बहाव की दिशा में बहने लगा। "

    बुद्ध बोले, "ठीक है ! अब जाओ और उन पंडितों से कहो कि कोई ऐसी पूजा, यज्ञ, इत्यादि करें कि वे पत्थर पानी के ऊपर तैरने लगें और घी नदी की सतह पर जाकर बैठ जाए। "

    युवक हैरान होते हुए बोला, " आप कैसी बात करते हैं? पंडित चाहे कितनी भी पूजा करे लें पत्थर कभी पानी पे नहीं तैर सकता और घी कभी नदी की सतह पर जाकर नहीं बैठ सकता!"

    बुद्ध बोले " बिलकुल सही, और ठीक ऐसा ही तुम्हारे पिताजी के साथ है। उन्होंने अपने जीवन में जो भी अच्छे कर्म किये हैं वो उन्हें स्वर्ग की तरफ उठाएंगे और जो भी बुरे कर्म किये हैं वे उन्हें नरक की और खीचेंगे। और तुम चाहे जितनी भी पूजा करा लो, कर्मकाण्ड करा लो… तुम उनके कर्मफल को रत्ती भर भी नहीं बदल सकते। "

    युवक बुद्ध की बात समझ चुका था कि मृत्यु के पश्चात स्वर्ग जाने का सिर्फ एक ही मार्ग है और वो है जीवित रहते हुए अच्छे कर्म करना।

    सपना- तो दोस्तों, ये थी एक प्रेरक कहानी, शीर्षक है स्वर्ग का मार्ग। उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आयी होगी।

    अखिल- चलिए दोस्तों, आज हम आपको गर्मी में फ्रिज का ठंडा-ठंडा पानी पीने के 4 नुकसानों के बारे में बताने जा रहे हैं। दोस्तों, गर्मी का मौसम लगभग शुरू हो चुका है तथा घर आने के बाद हम में से अधिकाँश लोग बाहर की चिलचिलाती धूप की गर्मी दूर करने के लिए फ्रिज का ठंडा पानी पीते हैं। हालाँकि बर्फ़ से स्वास्थ्य को कई लाभ होते हैं परन्तु बर्फ़ का ठंडा पानी या ठंडा पानी केवल अस्थाई तौर पर ही राहत देता है तथा नियमित तौर पर बर्फ़ का ठंडा पानी पीने से कई नुकसान भी होते हैं।

    सपना- 1. पाचन में हस्तक्षेप: ठंडा पानी आपके भोजन की पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करता है क्योंकि ठंडा पानी पीने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे पाचन की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है और क्योंकि भोजन का पाचन ठीक से नहीं होता अत: भोजन के पोषक तत्व ख़त्म हो जाते हैं या शरीर द्वारा अवशोषित नहीं किये जाते।

    अखिल- 2. पोषक तत्वों को नष्ट करना: आपके शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है तथा जब आप कोई ठंडी चीज़ पीते हैं तो उस वस्तु के तापमान को नियमित करने के लिए आपके शरीर को कुछ ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। अन्यथा इस उर्जा का उपयोग भोजन के पाचन तथा पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए होता है। यही कारण है कि ठंडा पानी पीने से आपके शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाते।

    सपना- 3. गला ख़राब होने का खतरा बढ़ जाता है: ठंडा पानी पीने से आपके श्वसन तंत्र में म्युकोसा बन सकता है जो श्वसन तंत्र की सुरक्षात्मक परत होती है। जब यह परत संकुलित हो जाती है तो आपका श्वसन तंत्र अनावृत हो जाता है तथा विभिन्न संक्रमणों की चपेट में आ जाता है और इसी कारण गला ख़राब होने का खतरा बढ़ जाता है।

    अखिल- 4. आपके हृदय की गति को कम करता है: बर्फ़ का पानी या ठंडा पानी पीने से आपके हृदय की गति कम हो जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। वेगस तंत्रिका 10 वीं कपाल तंत्रिका है तथा यह शरीर के स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करती है। वेगस तंत्रिका हृदय की गति को कम करने में मध्यस्थता करती है तथा ठंडा पानी इस तंत्रिका को उत्तेजित करता है जिसके कारण हृदय की गति कम हो जाती है।

    सपना- दोस्तों, उम्मीद करते हैं कि आप सब इन का ख्याल रखेंगे। चलिए... हर बार की तरह इस बार भी हम आपको नई रिलिज हिन्दी फिल्मों के बारे मे बताएंगे और फिल्म का प्रोमो भी सुनवाएंगे। हम आपको बताते हैं कि इस शुक्रवार रिलिज हुई है फिल्म 'लव गेम्स'

    अखिल- बॉलीवुड को हॉरर थ्रिलर फिल्में देने वाले निर्देशक विक्रम भट्ट इस शुक्रवार को बड़े पर्दे पर लेकर आए है 'लव गेम्स'। यह फिल्म बहुत पहले से ही चर्चाओं में थी। विभिन्न चैनलों पर दिखाए जा रहे इस फिल्म के ट्रेलर को देखकर यह तो स्पष्ट होता है कि उनकी इस फिल्म में गरम दृश्यों की भरमार है। आठ अप्रैल को रिलिज हुई फिल्म लव गेम्स में गौरव अरोड़ा पत्रलेखा, और तारा अलीशा बेरी मुख्य किरदार में नजर आ रहे हैं।

    यह फिल्म हाई प्रोफाइल पार्टियों के पर्दे के पीछे छुपे सच और वाइफ स्वैपिंग पर फोक्सड है। फिल्म का निर्माण महेश भट्ट और मुकेश भट्ट ने किया है। आइए... हम आपको सुनवाते हैं 'लव गेम्स' फिल्म का ट्रेलर

    फिल्म "लव गेम्स"का ट्रेलर

    सपना- दोस्तों, यह था फिल्म का ट्रेलर... चलिए हंसी की डबल डोज देने के लिए हम हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए लेकर आए कुछ मजेदार जोक्स, जिन्हें सुनकर आप लोट-पोट हो जाएंगे... आइए.. सुनते हैं कुछ मजेदार जोक्स

    1. लड़का- अमीर से अमीर आदमी भी मेरे पिताजी के आगे कटोरी लेकर खड़ा रहता है।

    गर्लफ्रेंड - फिर तो तुम्हारे पिताजी बहुत अमीर होंगे।

    लड़का- नहीं वह गोलगप्पे बेचते हैं।

    2. पहला दोस्त- पति की कदर क्यों नहीं करती लड़कियां?

    दूसरा दोस्त- बताता हूं

    पहला दोस्त- लड़की ने घर छोड़ा ससुराल मिला।

    दूसरा दोस्त- भाई छोड़ा छोटा देवर मिला

    पहला दोस्त- मां-बाप छोड़े सास-ससुर मिले

    दूसरा दोस्त- पर ऐसा क्या छोड़ा जो पति मिला?

    पहला दोस्त- कुछ भी नहीं।

    दूसरा दोस्त- मुफ्त में मिला है तो कदर कहां से होगी

    3. पप्पू- कंजूसी पर शायरी सुना यार

    बंटा- खुद को कर कंजूस इतना, कि हर एसएमएस से पहले, सर्विस सेंटर वाले कॉल करके खुद पूछें सर जी एसएमएस भेजना है कि सेंडिंग फेल कर दूं?

    4. बंटी होटल में खाना खाने गया और सिर्फ रोटी ऑर्डर की।

    वेटर ने रोटी लाकर परोसी, तो प्रोफेसर बंटी खाली प्लेट में रोटी डुबोकर खाने लगे।

    वेटर- सर, यह आप क्या कर रहे हो? आपकी प्लेट तो खाली है!

    बंटी- शट अप मैं अब मैथ्स का प्रोफेसर हूं और मैंने दाल सपोज की हुई है।

    अखिल- दोस्तों, आप भी हमारे साथ जोक और हंसी मजाक की बातें शेयर कर सकते हैं। चलिए... अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और वनिता को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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