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    टी टाइम 160317(अनिल और रमेश)
    2016-03-23 14:19:23 cri

    टी-टाइम

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आप के साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 25 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछेजाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दोस्तो, लीजिए, प्रोग्राम शुरू करते हैं।

    जेल जाने से हर कोई बचना चाहता है, क्योंकि इसमें सबकुछ एक सामान्य जीवन की अपेक्षा काफी अलग हो जाता है। लेकिन आस्ट्रिया में एक जेल ऐसी है, जहां कैदियों को तमाम अत्याधुनिक सुविधाएं दी जाती हैं।

    ऑस्ट्रिया में ऐसी जेल 'जस्टिस सेंटर लियोबेन' है, जो कि पिछले 11 साल से अपनी भव्यता और आलीशान तरीकों के लिए जानी जाती है। इस जेल को ऑस्ट्रिया के पहाड़ी इलाके लियोबेन में मशहूर आर्किटेक्ट जोसेफ होहेंसिन्न ने तैयार किया है।

    एक फाइव स्टार होटल जैसी इस जेल में 200 से ज्यादा कैदियों के रहने की व्यवस्था है। इस जेल में स्पा, जिम और कई तरह के इंडोर गेम जैसी कई सुविधाएं कैदियों को दी जाती हैं।

    इस जेल में 13 कैदी तक एक जगह इकट्ठा हो सकते हैं। इतना ही नहीं अपनी सेल भी एक दूसरे के साथ शेयर कर सकते हैं। इसमें सेल भी लग्जरी हैं। यहां के हर एक सेल में अलग बाथरूम, एक किचन और एक लिविंग रूम बना हुआ है।

    इसमें टीवी की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा रूम में एक फुल साइज विंडो भी है, जिससे की कैदी बाहर का नजारा देख सकें।

    रमेशः वहीं मुंबई, कोलकाता, बेंगलूरु और जम्मू समेत 20 शहरों में किए गए सर्वे से पता चला है कि कॉल ड्रॉप की समस्या सबसे ज्यादा भारत में है।

    दूर संचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने कॉल ड्रॉप की औसत स्वीकार्य दर 2.0 प्रतिशत निर्धारित की है, लेकिन देश में औसत दर इससे कहीं अधिक 4.73 प्रतिशत है। वहीं वैश्वि मानक 3.0 प्रतिशत है। खराब नेटवर्क कवरेज वाले क्षेत्रों में कॉल ड्रॉप लेवल 4.0 प्रतिशत है।

    सर्वे के मुताबिक अधिकतर कॉल ड्रॉप नेटवर्क में व्यवधान और अन्य क्वालिटी संबंधित मुद्दों के कारण होता है। गौरतलब है कि टेलीकॉम कपनियों ने कॉल ड्रॉप पर ट्राई के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। इस मामले पर सुनवाई 15 मार्च तक चलेगी। माना जा रहा है कि 17 मार्च को जुर्माने पर फैसला आ सकता है।

    अनिलः क्या मान सकते हैं कि कोई पक्षी अपने बचाने वाले आदमी से हर साल मिलने के लिए चली आती हो?

    जाओ परीईरा डीसूजा 71 साल के हैं। वो एक पेंशनर हैं और पिछले कई सालों से खाली वक्त में मछली मारते हैं।

    साल 2011 में उन्हें ब्राजील के बाहर एक द्वीप के पास एक घायल पेंग्विन मिली थी। वो काफी बीमार थी और पत्‍थरों के बीच घायल अवस्‍था में पड़ी हुई थी। तभी जाओ ने इस पक्षी को ठीक करने के लिए फटाफट काम शुरू कर दिए। उन्होंने इस पक्षी को डिनडिन नाम दिया और कई दिनों तक उसे ठीक करते रहे।

    तेल में बुरी तरह से चपटे डिनडिन को उन्होंने पहले ठीक से साफ किया और उसकी जाती जान को बचाकर उसे नई जिंदगी दी।

    जब जाओ को लगा कि अब डिनडिन वापस पानी में छोड़ देने के काबिल हो गया है, तब उसने उसे पानी में ही अपने घर की ओर जाने के लिए विदा कर दिया। डिनडिन को पानी में छोड़ते वक्त जाओ ने कभी नहीं सोचा था कि अब वो उससे कभी भी मिल पाएंगे। लेकिन हैरत की बात है कि एक साल बाद डिनडिन उसी कैलिफोर्निया और चिली के समुद्र किनारे फिर मिली।

    जाओ देखते ही पहचान गए कि ये पक्षी उनकी डिनडिन ही है। वो कहते हैं कि डिनडिन को वो अपना बच्चा मानते हैं।

    हर साल पांच हजार का मील सफर तय करके वो साल के एक खास मौसम में उनसे मिलने आती है। इस मिलन के लिए जाओ भी खुद को फ्री रखते हैं।

    रमेशः वहींपिछले दिनों वियतनाम में जुड़वा बच्चों से जुड़ा एक बेहद चौंकने वाले मामला सामने आया। बताया जा रहा है कि एक महिला ने दो ऐसे जुड़वां बच्चों को जन्म दिया दिया, जिनके पिता अलग-अलग हैं।

    वहां एक स्थानीय अखबार के मुताबिक जुड़वां भाईयों के जन्म के बाद उनके रूप-रंग में काफी अंतर दिखा तो लोगों ने हैरानी जताई। कई लोगों के कहने उनके माता-पिता को दोनों के डीएनए टेस्ट के लिए राजी हो गए। डीएनए के टेस्ट के बाद रिपोर्ट सामने आई वो और भी ज्यादा हैरान करने वाली थी।

    रिपोर्ट में बताया गया कि जुड़वां भाईओं का डीएनए अलग-अलग है और दोनों के बायलॉजिकल फादर अलग-अलग है। ऐसी रिपोर्ट पर डॉक्टर्स के बीच भी काफी चर्चा हुई, जिसके बाद निष्कर्ष निकला गया कि ओव्युलेशन के दिनों में महिला ने अपने पति के साथ ही किसी अन्य व्यक्ति के साथ भी सहवास किया, जिससे दो एग्स डेवलप हो गये।

    ..

    अनिलःअगर ऑटम यानी शरद के मौसम में पैदा हुए हैं तो आपको 30 से 90 प्रतिशत तक फूड एलर्जी का खतरा रहता है। जबकि बाकी सीजन में पैदा हुए लोगों में इसकी कम आशंका होती है। वही सर्दियों में पैदा हुए लोगों में सबसे ज्यादा लोग उल्टे हाथ से लिखते हैं। ये एक ऑस्ट्रियन और जर्मन शोध में सामने आया है।

    2013 के शोध में सामने आया कि फरवरी में पैदा हुए लोगों मे 10 प्रतिशत तक समय से पहले पैदा होने की आंशका होती है।

    2014 में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडिमीलॉजी के शोध के अनुसार वसंत में पैदा हुए लोगों में मेलानोमा का खतरा बढ़ जाता है।

    इटली में 3000 महिलाएं, जो मीनोपॉज के दौर से गुजर चुकी थीं, पर हुए शोध में सामने आया कि उनमें से ऐसी महिलाएं जो वंसत में पैदा हुई थी वो 49 की उम्र से पहले ही मीनोपॉज का शिकार हुईं। जबकि बाकी की महिलाएं 15 महीने बाद।

    ओपथॉलमॉजी के शोध में ये बात सामने आई कि जो बच्चे गर्मियों में पैदा होते हैं उनकी आंखें जल्द खराब हो जाती हैं।

    गर्मियों में पैदा हुए लोगों में सबसे ज्यादा मूड स्विंग्स होते हैं क्योंकि इन मौसम में पैदा हुए लोगों को सबसे ज्यादा गर्मी का सामना करना पड़ता है जोकि दिमाग के केमिकल्स को प्रभावित करता है।

    ये भी कहा जाता है कि जो लोग नवम्बर में पैदा होते हैं उनकी शारीरिक सेहत ज्यादा बेहतर होती है।

    रमेशःगोमूत्र के औषधीय गुणों की शोहरत सिर्फ विदेशों में रहने वाले हिंदुओं के बीच भी फैल रही है। बताया जाता है कि लंदन की दक्षिण एशियाई दुकानों में पैक्ड गोमूत्र बेचा जा रहा है। इनमें अधिकांश दुकानों में खाने-पीने की चीजें भी बेची जाती हैं। एक दुकान में तो गोमूत्र नान ब्रेड की शेल्फ में रखा हुआ था। एक दुकान के विक्रेता ने कहा, "हिंदू समुदाय के लोग धार्मिक कारणों से इसे ख़रीदना पसंद करते हैं। अगर घर में बच्चे का जन्म होता है तो इसका इस्तेमाल किया जाता है।" केवल इन दुकानों में ही गोमूत्र नहीं बिकता, बल्कि वेटफोर्ड स्थित भक्तिवेदांत मैनर, हरे कृष्णा मंदिर का एक डेयरी फार्म भी है जहां गोमूत्र का उत्पादन किया जाता है।

    मंदिरकेमैनेजिंगडायरेक्टर, नेबताया, "हमसत्तरकेदशकसेमंदिरमेंगोमूत्रबेचतेआएहैं।लोगइसकाधार्मिककार्योमेंइस्तेमालकरतेहैं, इसकाउपयोगदवाकीतरहभीकियाजाताहै।" मंदिरमेंकामकरनेवाले व्यक्ति ने गोमूत्र पिया और कहा किगोमूत्र'कड़वाथा' और उनके लिए इसका स्वादबसएकदवाकेसमानहै।ब्रिटेनकीफूडस्टैंडर्ड्सएजेंसीकेएकप्रवक्तानेकहा, "गोमूत्रकोब्रिटेनमेंमानवउपभोगकेलिएबेचनागैरकानूनीहै।लेकिनअगरइसेअपनीत्वचापरलगायाजायतोयहगैरकानूनीनहींकहलाएगा।" गायहिंदूसमुदायमेंपवित्रमानीजातीहै।दुकानपररखीसभीबोतलोंपरहिन्दीमेंएकलेबललगाथा, 'इस में रखी सामग्रीगोमूत्रहैऔरइसकाप्रयोगधार्मिकप्रयोजनोंकेलिएहै'।गौरीदासनेकहा, "हममानवउपभोगकेलिएइसेनहींबेचते।यहतोभक्तपरनिर्भरहैकिवोइसकाउपयोगकैसेकरताहै।" भारतमेंकईराज्योंमेंबीफपरप्रतिबंधहैऔरदुनियाभरमेंबड़ीसंख्यामेंहिंदूबीफनहींखाते।

    अनिलः दोस्तो अब बात करते हैं जंक फ़ूड के बारे में....

    ऐसे कम ही लोग होंगे जिन्हें जंक फूड नहीं पसंद। लेकिन उसकी लत बना लेना‌शरीर के लिए कितना नुकसानदेह हो सकता है, इस महिला की कहानी से पता चलेगा।

    47 साल की मिला क्लार्क से। वो अमेरिका के टेनीस कके फायटेविले में रहती हैं और 317 किलो की हैं।

    मिला पांच बच्चों की मां हैं। उनके चार बच्चे गोद लिए हुए हैं। जंक फूड खाने की लती मिला अब इतनी मोटी हो चुकी हैं कि कोई काम नहीं कर पाती।

    वो बिस्तर पर ही पड़ी रहती हैं और हर काम के लिए अपने पति और बच्चों पर निर्भर रहती है।

    उनके बच्चे उनकी हालत को देखने के बाद भी हर चीज उन्हें खाने को देते रहते हैं जिसे वो खाना चाहती हैं।

    मिला का मोटापा इतना है कि वो खुद से नहा भी नहीं पाती। खड़ी भी नहीं हो पाती और जब कभी खड़ी होने की कोशिश भी करें, तो भी उन्हें सहारा लेना पड़ता है।

    मिला की पूरी कहानी को टीएलसी के प्रोग्राम माई 600 लाइफ में दिखाया जाएगा। उन्हें डॉक्टर्स पूरी तरह से ठीक करने की कोशिश में लगे हैं।

    मिला की जिंदगी किसी सजा से भी बढ़कर है। उन्हें कई बीमारियों के होने का खतरा है। अगर उनका मोटापा ऐसा ही रहा तो वो एक दिन मर जाएंगी।

    प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है, लीजिए अब पेश हैं, श्रोताओं के पत्र।

    रमेशः पहला पत्र हमें भेजा है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने। वे लिखते हैं कि साप्ताहिकपसंदीदा "टीटाइम" प्रोग्राम पूरेध्यानसेसुना।सबसेपहलेमैं "टीटाइम" प्रोग्राममेंरमेशजीकातहेदिलसेस्वागतकरताहूं।

    आजप्रोग्रामकीशुरुआतमेंआपनेबतायाकिअंतरराष्ट्रीयमहिलादिवसकोयादगारबनानेकेलिएएयरइंडियानेनईदिल्लीसेसैनफ्रांसिस्कोतकविशेषउड़ानसंचालितकी। जोमहिलाक्रूवालीदुनियाकीसबसेलंबीउड़ानथी।महिलादिवसकेमौकेपरविश्वकीसबसेलंबीउड़ानकासंचालनकेवलमहिलाओंनेकियाहैजोकीमहिलासशक्तीकरणकाप्रतीकहै।जानकारियोंकेक्रममेंसुनाकिइंग्लैंडमें कैंसरसेबचानेकेलिएएकब्रिटिशमहिलाकोपहलीबारकैंसरकाटीकालगायागयाहै। कैंसरमरीजोंकेलिएयह अच्छीखबरहै।

    भारतमेंहोनेवालेटी-20 विश्वकपमैचोंकेलिएछहमैदानोंमेंदर्शकोंकोमिलेगीफ्रीवाई-फाईकीसुविधा;वाकईक्रिकेटप्रेमियोंकेलिएयहबड़ीखुशखबरीहै।वहींमुंबईसेगोवातकपैदलकासफरकरनेवालीफोटोग्राफरआंचलधराकीकहानीवाकईकाबिल-ए-तारीफलगी ।ऑस्करअवार्डकेलिएमतदाताओंकोप्रभावितकरनेकेलिएफिल्मप्रोड्यूसरतथाअभिनेता -अभिनेत्रीकितनाडॉलरखर्चाकरतेहैं,इसबारेमेंदीगईजानकारीकाफीरोचकलगी। साथ ही हेल्थ टिप्स में मिर्च के फायदों के बारे में दी गयी जानकारी भी अच्छी लगी।

    अनिलः

    वहीं भावनगर गुजरात से मकवाना विशाल कुमार ने भी हमें पत्र भेजकर प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी लिखी है। वे लिखते हैं कि टी टाइम प्रोग्राम में पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित एयर इंडिया की विशेष उड़ान संबंधी जानकारी दी।यह महिला सशक्तीकरण का प्रतीक है।वहीं आंचलधरा द्वारा मुम्बई से गोवा तक की पैदल यात्रा करना और उसे 26 दिनों में पूरा करना उनकी जीवटता को दर्शाता है। वहीं आपके द्वारा पेश मनोरंजन संबंधी जानकारी भी अच्छी लगी।हेल्थटिप्समेंहरीमिर्चकेबारेमेंबतायागया, जोउपयोगीलगा। इसके साथ ही प्रोग्राम में पेश जोक्स व गानों का भी मैंने लुत्फ उठाया।

    वहीं दक्षिण दिनाजपुर पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप ने भी लैटर भेजकर टी-टाइम प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी की है।

    दोस्तो, श्रोताओं की टिप्पणी यही संपन्न होती है, आप सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया।

    अब लीजिए वक्त हो गया है, प्रोग्राम में जोक्स शामिल करने का।

    1. एक स्पेलिंग मिस्टेक की वजह से

    एक किताब की 10 लाख कॉपी दो दिन में ही बिक गईं. दरअसल ये गलती उस किताब के टाइटल में हो गई थी। किताब का नाम था - 'एक आइडिया जो आपकी Life बदल दे' और गलती से हो गया - 'एक आइडिया जो आपकी 'Wife बदल दे'

    2.

    पप्पू अपने दोस्त से

    किसी को रेलवे ट्रैक पर लेटा हुआ देखकर अब तो ये भी नहीं समझ में आता है कि लड़का सुसाइड कर रहा है या... प्रोफाइल फोटो के लिये पोज दे रहा है

    तीसरा और अंतिम जोक....

    भारतीय परिवार के सदस्य

    एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और एक दूसरे की परवाह भी करते हैं . बीमार एक होता है और... खिचड़ी पूरा परिवार खाता है

    -अब वक्त हो गया है, सवाल जवाब का।

    पिछले सप्ताह हमने दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवालथा- कैंसर के बारे में क्या पता चला है।

    सही जवाब है- कैंसर का टीका,बन चुका है, जिसे एक महिला को कैंसर से बचाने के लिए पहली बार लगाया गया

    दूसरा सवाल- वाएयर इंडिया ने महिला दिवस पर क्या क़दम उठाया।

    सही जवाब-महिला दिवस पर एयर इंडिया ने दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को तक उड़ान भरी, जिसमें सभी क्रू मेंबर महिलाएं थी।

    इन सवालों का सही जवाब हमें लिखकर भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु, देबाशीष गोप और भावनगर गुजरात से मकवाना विशाल कुमार धीरूभाई आदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    अब लीजिए सुनिये आज के सवाल।

    पहला सवालःकॉल ड्राप की सबसे अधिक समस्या किस देश में होती है

    दूसरा सवालःकिस देश में जुड़वां बच्चों का अनोखा मामला सामने आया है।

    सवाल एक बार फिर सुन लीजिए।

    अगर आप को इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ई मेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलःटी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बाखैर, चायच्यान।

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