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    संडे की मस्ती 2016-02-14
    2016-02-14 14:51:18 cri

     


    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ देंगी मेरी सहयोगी वनिता जी...।

    वनिता- हैलो... दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- दोस्तों, इससे पहले हम अपना प्रोग्राम शुरू करें, चलिए हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    वनिता- इस चीनी गीत का नाम है यांगत्जी नदी का दक्षिण भाग।

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    वनिता- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज बताएंगे कि वैलेंटाइन डे पर क्या करें और क्या नहीं

    अखिल- दोस्तों, प्यार का दिन, प्यार के इजहार का दिन. अपने जज्बातों को शब्दों में बयां करने के लिए शायद इस दिन का हर धड़कते हुए दिल को बेसब्री से इंतजार होता है. हम बात कर रहे हैं प्यार के परवानों के दिन की यानी 'वेलेंटाइन-डे'की. 14 फरवरी को मनाए जाने वाले इस दिन को विभिन्‍न देशों में अलग अंदाज और विश्‍वास के साथ मनाया जाता है. जहां चीन में यह दिन 'नाइट्स ऑफ सेवेन्स'के नाम से मनाया जाता है, वहीं जापान और कोरिया में इस दिन को 'वाइट डे' का नाम से जाना जाता है.

    इतना ही नहीं, इन देशों में इस दिन से लेकर पूरे एक महीने तक लोग अपने प्यार का इजहार करते हैं और एक-दूसरे को तोहफे व फूल देकर अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करते हैं. पश्चिमी देशों में पारंपरिक रूप से इसे मनाने के लिए 'वेलेंटाइंस-डे'के नाम से कार्ड आदान-प्रदान तो किया ही जाता है, साथ ही दिल, क्यूपिड, फूलों और ग्रीटिंग कार्डों जैसे प्रेम के चिह्नों को उपहार स्वरूप देकर अपनी भावनाओं का भी इजहार किया जाता है.

    वनिता- आइए... संडे स्पेशल में हम सबसे पहले बात करते कि कैसे पड़ा इसका नाम 'वेलेंटाइंस डे'

    अखिल- दोस्तों, ऐसा माना जाता है कि 'वेलेंटाइंस डे'का नाम संत वेलेंटाइन के नाम पर रखा गया है, लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि प्‍यार करने वालों का स्‍पेशल दिन 'वेलेंटाइंस-डे'का नाम संत वेलेंटाइन के नाम पर क्‍यों पड़ा? नहीं, तो आइए हम आपको बताते हैं. दरअसल रोम में तीसरी सदी में क्‍लॉडियस नाम के राजा का राज हुआ करता था. क्‍लॉडियस का मानना था कि विवाह करने से पुरुषों की शक्ति और बुद्धि का खत्‍म हो जाती है. इसी के चलते उसने पूरे राज्‍य में यह आदेश जारी कर दिया कि उसका कोई भी सैनिक या अधिकारी शादी नहीं करेगा. लेकिन संत वेलेंटाइन ने क्‍लॉडियस के इस आदेश पर कड़ा विरोध जताया और पूरे राज्‍य में लोगों को विवाह करने के लिए प्रेरित किया. संत वेलेंटाइन ने अनेक सैनिकों और अधिकारियों का विवाह करवाया. अपने आदेश का विरोध देख आखिर क्लॉडियस ने 14 फरवरी सन् 269 को संत वेलेंटाइन को फांसी पर चढ़वा दिया. तब से उनकी याद में यह दिन मनाया जाने लगा.

    वनिता- चलिए, हम बात करते हैं कि वैलेंटाइन डे पर क्या कुछ करें

    1. अपना प्यार उत्साह से मनाइये

    दोस्तों, वैलेंटाइन डे एक ख़ास दिन होता है अपने प्यार को उत्सव कि तरह मनाने का। अपने इस प्यार के सफ़र को दोबारा से जीने का। उन ख़ास दिनों को, पलों को याद करने का जिन्होंने आपको हंसाया, शायद रुलाया भी, लेकिन वो आपके रिश्ते में बहुत ख़ास दिन रहे। इस दिन पुरानी तस्वीरों को देखना, चिठियों को साथ में पढ़ना आपके दिन को ख़ास बना सकता है।

    2. घर का बना ख़ास वैलेंटाइन

    हम्म्म....तो वैलेंटाइन से पहले आपकी जेब थोड़ी तंग है? तो आप घर पर ही अपना वैलेंटाइन ख़ास बना सकते हैं। आपकी मेहनत और भावनाओं को आपका साथी और भी समझेगा जब आप खुद अपने हाथों से उसके लिए कुछ बनाएंगे। कुछ ख़ास कविता लिखिए अपने साथी के लिए, या उनके पसंद का कुछ खाना बनाइये, उनके पसंद के गाने चलाइये या उनकी पसंद कि फ़िल्म साथ बैठकर देखने का प्लान बनाइये। ये छोटी-छोटी चीज़ें आपके वैलेंटाइन डे को बहुत ख़ास बना सकती हैं।

    3. एक दूसरे के साथ समय बिताइए

    एक दूसरे के साथ समय बिताने से ज़यादा रोमांटिक और कुछ नहीं होता। और इसका मतलब सिर्फ एक साथ दीनार करना या कुछ घंटे साथ बिताना नहीं। अगर आप काम में बहुत व्यस्त रहते हैं तो अच्छा होगा अगर आप पूरे दिन कि छुट्टी ले लें, क्यूंकि तभी आप अच्छे से अपने साथी के साथ समय बिता पाएंगे। उस एक दिन के लिए दुनिया को भूल जाइये, और एक दूसरे के लिए दिन ख़ास बनाइये। गले लगकर, बातें करते हुए, अपने सपनों और भविष्यों के बारे में बात करते हुए समय बिताइए। अगर आप किसी कारणवश अपने साथी के साथ इस दिन नहीं हैं तो उन्हें मेसेज भेजकर, फ्होल या गिफ्ट भेजकर उनके लिए यह दिन ख़ास बनाइये।

    वनिता- चलिए, अब बात करते हैं कि वैलेंटाइन डे पर क्या नहीं करें

    1. अवास्तविक अपेक्षा

    हर एक को इच्छा होती है कि वैलेंटाइन डे के दिन उन्हें उनका साथी ख़ास महसूस कराये, लेकिन अपनी अपेक्षाएं सीमा में रखिये। तो हो सकता है कि आपके दोस्त का पति उसको वैलेंटाइन डे पर बाली घूमने ले जा रहा हो, या तुम्हारे क्लास-मेट कि गर्ल फ्रेंड उसके लिए बढ़िया सा खाना बना रही हो; लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि तुम अपने रिश्ते कि तुलना उनके साथ करने लगो। हो सकता है तुम्हारे साथी के लिए यह सब करना मुमकिन ना हो। इसलिए जो भी आपका साथी आपके लिए करे, उसके बारे में खुश हों, और उनकी तारीफ करें।

    2. हर एक कि तरह

    कुछ किताबें और फिल्मों से शायद आपको ऐसा लगे कि वैलेंटाइन डे के लिए गुलाब के फूल और चॉकलेट होना ज़रूरी है, लेकिन यह सच नहीं है। क्यूंकि यह तो शायद सभी करते हैं। अगर आप कुछ स्पेशल करना चाहते हैं तो कुछ ख़ास करने कि सोचिये। आपके साथी को यह ज़यादा अच्छा लगेगा।

    3. प्रेशर में मत आइये

    जितना पास वैलेंटाइन डे आता जाता है, उतना ही इस दिन का प्रचार बढ़ जाता है। गुलाबी और लाल दिल शेप के गुबारे, चॉकलेट, न्यूज़ चैनल और अखबारों में इसी दिन कि चर्चा और इंटरनेट पर भी बहुत सारी जानकारी कि इस दिन को ख़ास कैसे बनाये। लेकिन अगर आपको यह लगता है कि वैलेंटाइन डे बहुत व्यावसयिक बन गया है, और आप सोचते है कि आखिर 14 फरवरी पर इतना ज़ोर क्यूँ, तो कोई ज़बरदस्ती नहीं है कि आप भी इस दिन कुछ ख़ास करें। सिर्फ अपने साथी के साथ बैठकर समय बिताना, खुल कर दिल कि बातें करना और फिर साल के किसी भी और दिन को अपने ख़ास तरीके से मनाना अच्छी बात है। आखिर साल के पूरे 364 दिन प्यार के लिए और प्यार करने वालों के लिए ख़ास होने चाहिए।

    दोस्तों, ये था हमारा संडे स्पेशल जिसमें हम आपको वैलेंटाइन डे के बारे में जानकारी दे रहे थे। आप हमें बताइये कि आपने अपना वैलेंटाइन डे इस बार कैसे मनाया?

    वनिता- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    वनिता- दोस्तों, ऑस्ट्रैलिया के मेलबर्न शहर में एक व्यक्ति ने मेट्रो ट्रेन में कुछ समय के लिए दहशत का माहौल बना दिया। यह व्यक्ति दक्षिण-पूर्वी मेलबर्न में फ्रैंक्स्टन रेलवे स्टेशन पर बैठा था। इस व्यक्ति के पास मछलियों और चिप्स से भरा एक बैग था। लोगों का कहना है कि यह व्यक्ति वहां पर 15 से 20 समुद्री चिड़ियों को लुभाने के लिए मछलियों और चिप्स से भरा बैग दिखाकर उन्हें आकर्षित कर रहा था।

    ट्रेन में मौजूद यात्री इससे चकित रह गए। वहां मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी के मित्र क्रिस हार्टिगन ने सोशल मीडिया पर लिखा, इस व्यक्ति ने चिड़ियों को भगाने की बजाय उन्हें खाने के लिए कुछ चिप्स दिए। ऐसा लग रहा था कि वह उन्हें अपने करीब आने का इशारा कर रहा हो।

    इसके बाद जब ट्रेन के दरवाजे बंद होने ही वाले थे कि उस व्यक्ति ने मछलियों और चिप्स से भरा पूरा बैग ट्रेन के अंदर फेंक दिया। इससे वहां मौजूद समुद्री चिड़ियों का झुंड बैग की ओर झपट पड़ा। इसके बाद ट्रेन के दरवाजे बंद हो गए और चिड़ियों का वह झुंड ट्रेन के अंदर उत्पात मचाने लगा।

    इस घटना की वजह से दूसरे स्टेशन तक पहुंचने से पहले यात्रियों के बीच पांच मिनट तक भय का माहौल रहा। मेट्रो स्टेशन अधिकारियों ने इस घटना की पुष्टि की है।

    अखिल- चलिए मैं बताता हूं कि अहमदाबाद में खुला अनूठा रेस्तरां, अब 'एक्वेरियम' में बैठकर खाना खा सकेंगे आप...

    जी हां दोस्तों, गुजरात के अहमदाबाद शहर में सोमवार को एक अनूठा रेस्तरां शुरू हुआ, जिसमें आप खुद को एक एक्वेरियम में बैठा महसूस करेंगे। देश का पहला अंडरवाटर रेस्तरां ज़मीन से 20 फुट नीचे बनाया गया है, और इसमें 32 लोग एक साथ बैठ सकते हैं।

    यह रेस्तरां अहमदाबाद में सरदार पटेल रिंग रोड पर सनसिटी के पास बना है, और यहां आए मेहमान खुद को प्रकृति के करीब महसूस कर सकें, इस उद्देश्य से रेस्तरां को घेरने वाले पानी में रंग-बिरंगी मछलियां भी रखी गई हैं।

    इस अंडरवाटर रेस्तरां को बनाने में कुल तीन करोड़ रुपये का खर्च आया है, और लोगों की सुविधा के लिए ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की गई है।

    वनिता- मैं अब बताती हूं कि दोनों हाथों से उड़ाए पांच करोड़ पैसे, इकट्ठा करने वालों के खिल गए चेहरे

    दोस्तों, चीन के झेजियांग प्रांत में एक अनोखा कॉम्पिटीशन करवाया गया जिसमें कांच के कमरे में पांच मिलियन युआन (करीब पांच करोड़ रुपए) रखे गए थे और सिर्फ एक मिनट में ज्यादा से ज्यादा युआन बटोरने थे और जो एक मिनट में जितने ज्यादा युआन बटोर लेता वही इस कॉम्पिटीशन में विनर कहलाता। एक व्यक्ति ने दोनों हाथों के साथ इन नोटों को उड़ा दिया और पकड़ने वाले एक मिनट में जितने नोट पकड़ सके, उतनी ही रकम उनकी हो गई।

    जानकारी के मुताबिक सोंगछेंग ग्रुप ने अपने ऑफिशियल अकाउंट से वीचैट पर लोगों को इस अनोखे कॉम्पिटीशन की जानकारी दस दिन पहले ही दे दी थी । बता दें इस अनोखे कॉम्पिटीशन की विनर कोझोऊ शहर की एक महिला रही जिसने एक मिनट में 18,300 युआन (करीब दो लाख रुपए) जीते।

    अखिल- अरे वाह.. उस महिला की किस्मत बहुत अच्छी रही। चलिए दोस्तों, मैं बताता हूं कि क्रू मेंबर को कैसा पड़ा भारी सोनू निगम का गाना पड़ा

    दोस्तों, जोधपुर से मुंबई लौटते वक्त गायक सोनू निगम ने जेट एयरवेज के विमान में गाना गाया. सोनू से गाना गवाना क्रू मेंबर्स को भारी पड़ गया है. गाने का वीडियो वायरल होने के बाद जेट एयरवेज ने 5 एयरहोस्टेस को सस्पेंड कर दिया है.

    दरअसल सोनू निगम ने अनाउंसमेंट माइक पर गाना गा कर सबको चौंका दिया था. ये ऐसा तब हो पाया जब क्रू मेंबर्स ने सोनू निगम को गाना गाने के लिए प्लेन का एनाउंसमेंट सिस्टम दे दिया था.

    गौरतलब है कि 4 जनवरी को जोधपुर से मुंबई जा रही जेट एयरवेज की फ्लाइट में सोनू निगम भी सवार थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पांच एयरहोस्टेस ने सोनू से गाने की अपील की और एनाउंसमेंट सिस्टम उन्हें दे दिया.

    प्लेन में मौजूद यात्रियों ने भी सोनू से गाने के लिए कहा. सोनू ने सबकी बात रखते हुए फिल्म रिफ्यूजी और वीरजारा के गाने गा दिए.

    डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने एनाउंसमेंट सिस्टम पर गाना गवाए जाने को मिसयूज माना और यही नहीं इसके चलते फ्लाइट लैंडिंग में भी परेशानी हुई. नाराज डीजीसीए ने पांचों एयरहोस्टेस को सस्पेंड कर दिया है और साथ ही एयरलाइन को घटना की जांच के ऑर्डर भी दिए हैं.

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- दोस्तों, आज हम आपको एक सामान्य ज्ञान की बात बताने जा रहे हैं। आज का सामान्य ज्ञान है हमें पसीना क्यों आता है?

    दोस्तों, पसीना शरीर का प्राकृतिक डिफेंस सिस्टम है, जो शरीर को ठंडा रखता है, नमी बनाए रखता है, बाहरी संक्रमण से बचाता है और शरीर का तापमान नियंत्रित रखता है। हमें पसीना इसलिए आता है जिससे हमारे शरीर का तापमान सामान्य बना रहे. हमारे शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फ़ैरनहाइट के आस-पास रहना चाहिए. इसे बनाए रखने के लिए हमारे शरीर में 25 लाख पसीने की ग्रंथियाँ हैं जो एयर कंडीशनिंग का काम करती हैं. जब गर्मी बहुत बढ़ जाती है, चाहे वह बाहरी कारणों से हो या बुख़ार से,तो शरीर को ठंडा करने के लिए इन ग्रंथियों से पसीने की बूंदें निकलती हैं. जब पसीना हवा में सूखता है तो ठंडक पैदा होती है और तापमान कम हो जाता है..

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है मेरी ताकत

    अखिल- दोस्तों, जापान के एक छोटे से कसबे में रहने वाले दस वर्षीय ओकायो को जूडो सीखने का बहुत शौक था. पर बचपन में हुई एक दुर्घटना में बायाँ हाथ कट जाने के कारण उसके माता-पिता उसे जूडो सीखने की आज्ञा नहीं देते थे. पर अब वो बड़ा हो रहा था और उसकी जिद्द भी बढती जा रही थी. अंततः माता-पिता को झुकना ही पड़ा और वो ओकायो को नजदीकी शहर के एक मशहूर मार्शल आर्ट्स गुरु के यहाँ दाखिला दिलाने ले गए.

    गुरु ने जब ओकायो को देखा तो उन्हें हैरानी हुई कि बिना बाएँ हाथ का यह लड़का भला जूडो क्यों सीखना चाहता है? उन्होंने पूछा, " तुम्हारा तो बायाँ हाथ ही नहीं है तो भला तुम और लड़कों का मुकाबला कैसे करोगे." "ये बताना तो आपका काम है", ओकायो ने कहा. मैं तो बस इतना जानता हूँ कि मुझे सभी को हराना है और एक दिन खुद "सेंसेई"(मास्टर) बनना है "

    गुरु उसकी सीखने की दृढ इच्छा शक्ति से काफी प्रभावित हुए और बोले, " ठीक है मैं तुम्हे सीखाऊंगा लेकिन एक शर्त है, तुम मेरे हर एक निर्देश का पालन करोगे और उसमे दृढ विश्वास रखोगे." ओकायो ने सहमती में गुरु के समक्ष अपना सर झुका दिया .

    गुरु ने एक साथ लगभग पचास छात्रों को जूडो सीखना शुरू किया. ओकायो भी अन्य लड़कों की तरह सीख रहा था. पर कुछ दिनों बाद उसने ध्यान दिया कि गुरु जी अन्य लड़कों को अलग-अलग दांव-पेंच सीखा रहे हैं लेकिन वह अभी भी उसी एक किक का अभ्यास कर रहा है जो उसने शुरू में सीखी थी . उससे रहा नहीं गया और उसने गुरु से पूछा, " गुरु जी आप अन्य लड़कों को नयी-नयी चीजें सीखा रहे हैं, पर मैं अभी भी बस वही एक किक मारने का अभ्यास कर रहा हूँ. क्या मुझे और चीजें नहीं सीखनी चाहियें ?"

    गुरु जी बोले, " तुम्हें बस इसी एक किक पर महारथ हासिल करने की आवश्यकता है" और वो ये कहते हुए आगे बढ़ गए.

    ओकायो को हैरानी हुई पर उसे अपने गुरु में पूर्ण विश्वास था और वह फिर अभ्यास में जुट गया. समय बीतता गया और देखते-देखते दो साल गुजर गए, पर ओकायो उसी एक किक का अभ्यास कर रहा था. एक बार फिर ओकायो को चिंता होने लगी और उसने गुरु से कहा, " क्या अभी भी मैं बस यही करता रहूँगा और बाकी सभी नयी तकनीकों में पारंगत होते रहेंगे " गुरु जी बोले, " तुम्हे मुझमे यकीन है तो अभ्यास जारी रखो"। ओकायो ने गुरु कि आज्ञा का पालन करते हुए बिना कोई प्रश्न पूछे अगले 6 साल तक उसी एक किक का अभ्यास जारी रखा.

    सभी को जूडो सीखते आठ साल हो चुके थे कि तभी एक दिन गुरु जी ने सभी शिष्यों को बुलाया और बोले " मुझे आपको जो ज्ञान देना था वो मैं दे चुका हूँ और अब गुरुकुल की परंपरा के अनुसार सबसे अच्छे शिष्य का चुनाव एक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से किया जायेगा और जो इसमें विजयी होने वाले शिष्य को "सेंसेई"की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा."

    प्रतिस्पर्धा आरम्भ हुई.

    गुरु जी ओकायो को उसके पहले मैच में हिस्सा लेने के लिए आवाज़ दी. ओकायो ने लड़ना शुरू किया और खुद को हैरान करते हुए उसने अपने पहले दो मैच बड़ी आसानी से जीत लिए. तीसरा मैच थोडा कठिन था, लेकिन कुछ संघर्ष के बाद विरोधी ने कुछ क्षणों के लिए अपना ध्यान उस पर से हटा दिया, ओकायो को तो मानो इसी मौके का इंतज़ार था, उसने अपनी अचूक किक विरोधी के ऊपर जमा दी और मैच अपने नाम कर लिया. अभी भी अपनी सफलता से हैरान होते हुए ओकयो ने फाइनल में अपनी जगह बना ली.

    इस बार विरोधी कहीं अधिक ताकतवर, अनुभवी और विशाल था. देखकर ऐसा लगता था कि ओकायो उसके सामने एक मिनट भी टिक नहीं पायेगा. मैच शुरू हुआ, विरोधी ओकायो पर भारी पड़ रहा था, रेफरी ने मैच रोक कर विरोधी को विजेता घोषित करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन तभी गुरु जी ने उसे रोकते हुए कहा, " नहीं, मैच पूरा चलेगा "

    मैच फिर से शुरू हुआ.

    विरोधी अतिआत्मविश्वास से भरा हुआ था और अब ओकायो को कम आंक रहा था. और इसी दंभ में उसने एक भारी गलती कर दी, उसने अपना गार्ड छोड़ दिया !! ओकयो ने इसका फायदा उठाते हुए आठ साल तक जिस किक की प्रैक्टिस की थी उसे पूरी ताकत और सटीकता के साथ विरोधी के ऊपर जड़ दी और उसे ज़मीन पर धराशाई कर दिया. उस किक में इतनी शक्ति थी की विरोधी वहीँ मुर्छित हो गया और ओकायो को विजेता घोषित कर दिया गया.

    मैच जीतने के बाद ओकायो ने गुरु से पूछा, " सेंसेई, भला मैंने यह प्रतियोगिता सिर्फ एक मूव सीख कर कैसे जीत ली?" "तुम दो वजहों से जीते, " गुरु जी ने उत्तर दिया. " पहला, तुमने जूडो की एक सबसे कठिन किक पर अपनी इतनी मास्टरी कर ली कि शायद ही इस दुनिया में कोई और यह किक इतनी दक्षता से मार पाए, और दूसरा कि इस किक से बचने का एक ही उपाय है, और वह है विरोधी के बाएँ हाथ को पकड़कर उसे ज़मीन पर गिराना ." ओकायो समझ चुका था कि आज उसकी सबसे बड़ी कमजोरी ही उसकी सबसे बड़ी ताकत बन चुकी थी.

    दोस्तों, मानव होने का मतलब ही है imperfect होना. और Imperfection अपने आप में बुरा नहीं होता, बुरा होता है हमारा उससे deal करने का तरीका. अगर ओकायो चाहता तो अपने बाएँ हाथ के ना होने का रोना रोकर एक अपाहिज की तरह जीवन बिता सकता था, लेकिन उसने इस वजह से कभी खुद को हीन नहीं महसूस होने दिया. उसमे अपने सपने को साकार करने की दृढ इच्छा थी और यकीन जानिये जिसके अन्दर यह इच्छा होती है भगवान उसकी मदद के लिए कोई ना कोई गुरु भेज देता है, ऐसा गुरु जो उसकी सबसे बड़ी कमजोरी को ही उसकी सबसे बड़ी ताकत बना उसके सपने साकार कर सकता है.

    वनिता- तो दोस्तों, ये थी एक प्रेरक कहानी.. उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आयी होगी। दोस्तों, हर बार की तरह इस बार भी हम आपको नई रिलिज हिन्दी फिल्मों के बारे मे बताएंगे और फिल्म का प्रोमो भी सुनवाएंगे। हम आपको बताते हैं कि इस शुक्रवार रिलिज हुई है फिल्म 'सनम रे'

    अखिल- दोस्तों, इस शुक्रवार यानि वैलेंटाइन्स डे के 2 दिन पहले, 12 फरवरी को रिलीज़ हुई दिव्या कुमार खोसला की दूसरी फ़िल्म 'सनम रे'। जी हां, इस फिल्म में पुलकित सम्राट और यामी गौतम की रोमांटिक जोड़ी साथ नज़र आयी है... साथ ही में उर्वशी रौतेला और ऋषि कपूर भी हैं. ये फिल्म लद्दाख की मनमोहक वादियों में शूट हुई है और ट्रेलर देखने से लगता है कि वहां की खूबसूरती किसी का भी मन मोह लेने के लिए काफी है. ये फ़िल्म वैलेंटाइन्स डे के 2 दिन पहले, 12 फरवरी को रिलीज़ हुई है. आइए... हम आपको सुनवाते हैं सनम रे फिल्म का ट्रेलर

    वनिता- दोस्तों, ये था 'सनम रे'फिल्म का ट्रेलर, चलिए हंसी की डबल डोज देने के लिए हम हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए लेकर आए कुछ मजेदार जोक्स, जिन्हें सुनकर आप लोट-पोट हो जाएंगे... आइए.. सुनते हैं कुछ मजेदार जोक्स

    अखिल- 1. एक दिन पप्पू का सिर फूट गया।

    मोनू ने पूछा कैसे हुआ?

    तो पप्पू बोला, मैं चप्पल से पत्थर तोड़ने की कोशिश कर रहा था,

    तभी शर्मा अंकल ने मुझसे कहा,

    गधे, कभी अपनी खोपड़ी का इस्तेमाल भी कर लिया कर।

    2. एक दोस्त दूसरे दोस्त से कहता है- भाई 2016 में मैं सिंगल नहीं रहूंगा। इस साल तो पक्का लड़की पटा लूंगा।

    दूसरा दोस्तः अरे पागल! सिर्फ साल बदला है तेरी शक्ल नहीं, जो तू लड़की पटा लेगा।

    3. शादी की पार्टी में एक लड़का टिश्यू पेपर को देखकर सोचने लगा...

    ...यह भी खाने की चीज है,

    जैसे ही वो इसे खाने चला वहां मौजूद सभी लोग जोर से चिल्लाए-

    "यो मत खा छोरे, एकदम फीका है"

    4. दोस्तों, केसिंगा, ओडिशा से सुरेश अग्रवाल जी ने हमारे साथ एक मजेदार ओडियो जोक शेयर किया है। हम आपको सुनवाते हैं...

    अखिल- दोस्तों, आप भी हमारे साथ जोक और हंसी मजाक की बातें शेयर कर सकते हैं। चलिए... अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और वनिता को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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