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    आप की पसंद 160206
    2016-02-03 16:54:52 cri

    पंकज – श्रोता मित्रों आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की करते हैं शुरुआत और आपका मित्र पंकज श्रीवास्तव करता है आप सभी को नमस्कार, तो मित्रों आपके इस सबसे चहेते आपकी पसंद कार्यक्रम में हम आपको हैरतअंगेज़ और ज्ञानवर्धक जानकारियां देने का सिलसिला शुरु करते हैं और साथ ही आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत।

    चंद्रिमा – श्रोता मित्रों को चंद्रिमा का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं आपके प्यार के कारण ही दिनों दिन हमारे श्रोताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और हम चाहते हैं कि आप हमारे कार्यक्रम में अपने कुछ सुझाव भी भेजें जिससे हम अपने इस कार्यक्रम को नए रूप में ढालें तो वो आपके अनुरूप हो, जिससे आप अपने इस चहेते और प्यारे कार्यक्रम को सुनने के लिये और भी अधिक उत्सुकता दिखाएं, हमारा उद्देश्य है आपको ढेर सारी जानकारी देना साथ ही हम आपको आपकी पसंद के फिल्मी गाने भी सुनवाते हैं तो चलिये करते हैं आज के कार्यक्रम की शुरुआत। मित्रों हमारे पहले श्रोता हैं ... एम एफ़ आज़म जो आत्माओ रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष हैं इनके साथ इनके ढेर सारे मित्रों ने हमें पत्र लिखा है गढ़हिया, शिवहर बिहार से और सुनना चाहा है एक राज़ (1963) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने, गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है चित्रगुप्त ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. अगर सुन ले तू इक नगमा .....

    पंकज - मधुमक्खियों ने किसान को बनाया लखपति, दूसरों के खेत से करते हैं कमाई

    बुलढाणा/मुंबई. एक किसान बिना जमीन, पानी और फसल उगाए हर महीने लाखों रुपए कमा रहा है। वह भी दूसरों के खेत से। जी हां ऐसा कर दिखाया है बुलढाणा के यंग किसान राजेंद्र बैरागी ने।

    जानिए आखिर राजेंद्र कैसे कमा रहे हैं लाखों रुपए...

    - राजेंद्र के पास 8 एकड़ पुश्तैनी जमीन थी, जिस पर मुनगा (ड्रम स्टिक्स) की खेती होती थी।

    - लेकिन बार-बार बिगड़ते मौसम के कारण मुनगा की फसल खराब हो रही थी।

    - इस दिक्कत को लेकर राजेंद्र बुलढाणा के एग्रीकल्चर कॉलेज गए, जहां उन्हें मधुमक्खी पालन की सलाह मिली।

    - उन्होंने ग्रामोद्योग से मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग ली, इसके साथ ही इंटरनेट से भी पढ़ाई की।

    - फिर क्या था, उन्होंने अपने खेत में एक्सपेरिमेंट किया और बिना पानी, मिट्टी, बिजली इस्तेमाल किए मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया।

    - उनका बिजनेस आज महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश तक फैल चुका है।

    कैसे करते हैं कमाई

    चंद्रिमा - अब ये कमाई कैसे करते हैं ये जानना ज़रूरी है लेकिन उससे पहले एक गीत सुनना भी बहुत ज़रूरी है जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है मुबारकपुर ऊंची तकिया, आज़मगढ़, उत्तरप्रदेश से दिलशाद हुसैन, फातेमा सोगरा, वकार हैदर, हसीना दिलशाद और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है आकाशदीप (1965) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी, संगीत दिया है चित्रगुप्त ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 2. मुझे दर्दे दिल का पता न था .....

    पंकज – मित्रों हम महान संगीतकार चित्रगुप्त जी के संगीत से सजे इस मधुर गीत से पहले बात कर रहे थे कि राजेन्द्र जी की कमाई कैसे होती है .... तो राजेंद्र के मुताबिक कई राज्यों के किसान उनसे कॉन्टेक्ट करते हैं। वे उनके खेतों पर जाकर फसल और जियोग्राफिकल कंडीशंस का इंस्पेक्शन करते हैं। इसके बाद संबंधित किसान से डील कर कुछ हफ़्तों के लिए खेत का एक एरिया ऑक्युपाय कर लेते हैं। यहां रैक्स वाले डिब्बों में मधुमक्खी पालते हैं।

    मधुमक्खी के फसल पर बैठने पर फसल भी अच्छी होती है और शहद की क्वालिटी बेहतर हो जाती है। इस बिजनेस से राजेंद्र और किसान दोनों को फायदा होता है। आयुर्वेदिक मार्केट में शहद की बड़ी डिमांड होने पर कीमत भी अच्छी मिल जाती है।

    अभी क्या है स्थिति

    - फिलहाल राजेंद्र के पास मधुमखियां पालने 700 पेटियां हैं।

    - इससे उन्हें हर साल 10 से 15 टन शहद मिलता है।

    - बाजार में लगभग 300 किलो के रेट पर शहद बिक जाता है।

    - इस हिसाब से सालभर में कमाई 40 से 45 लाख रुपए होती है।

    पंकज – अगली जानकारी भी हमारे पास आई है मुंबई से .... .इस किले में अंदर जाने की होड़ में गई कई जान, रहस्य बना है इसका पानी

    मुंबई. महाराष्ट्र के रायगढ़ से सटे मुरुद बीच पर पुणे के 13 स्टूडेंट्स की डूबने से मौत हो गई। जिस जगह हादसा हुआ वह मुरुद-जंजीरा किले से बेहद नज़दीक स्थित है। अक्सर यहां टूरिस्ट घूमने आते हैं, लेकिन किले में जाने की होड़ में समुद्र में डूब जाते हैं। 350 साल से भी पुराना किला अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है। हम बताते हैं कि क्या हैं वो रहस्य....

    चंद्रिमा – श्रोता मित्रों ये बातें आगे भी जारी रहेंगी लेकिन अभी मैं आप सभी को सुनवाने जा रही हूं कार्यक्रम का अगला गाना जिसके लिये हमारे पास फरमाईशी पत्र आया है मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश से मोहम्मद इरशाद, शमशाद अहमद, गुफ़रान अहमद, नेयाज़ अहमद, इरशाद अहमद अंसारी, अब्दुल वासे अंसारी, रईस अहमद, शादाब अहमद, शारिक अनवर, दिलकशां अनवर आप सभी ने सुनना चाहा है दिल अपना और प्रीत पराई (1960) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शैलेन्द्र और संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. मेरा दिल अब तेरा ओ साजना ....

    पंकज - 22 वर्ष में बना, 22 एकड़ में फैला, 22 है सुरक्षा चौकियां

    बताया जाता है कि इसका निर्माण 22 वर्षों में हुआ था। यह किला 22 एकड़ में फैला हुआ है। इसमें 22 सुरक्षा चौकियां हैं। कहते हैं कि ब्रिटिश और पुर्तगालियों सहित कई मराठा शासकों ने इसे जीतने का काफी प्रयास किया था, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। इस किले में सिद्दीक शासकों की कई तोपें अभी भी रखी हुई हैं, जो हर सुरक्षा चौकी में आज भी मौजूद हैं।

    रहस्य बनी है मीठे पानी की झील

    भारत के पश्चिमी तट का यह एक मात्र ऐसा किला है, जो दुश्मनों द्वारा कभी जीता नहीं गया। यह किला 350 वर्ष पुराना है। इसमें मीठे पानी की एक झील है। समुद्र के खारे पानी के बीच होने के बावजूद इसमें मीठा पानी आता है। यह मीठा पानी कहां से आता है इस बात पर आज भी रहस्य कायम है। इसमें एक शाह बाबा का मकबरा भी है। अरब सागर में स्थित यह किला समुद्र तल से 90 फीट ऊंचा है। इतिहास में यह किला जंजीरा के सिद्दीकियों की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है।

    दूर होते ही दिखना बंद हो जाता है दरवाजा

    मुरुद-जंजीरा किले का दरवाजा दीवारों की आड़ में बनाया गया है। जो किले से कुछ मीटर दूर जाने पर दीवारों के कारण दिखाई देना बंद हो जाता है। यही वजह रही है कि दुश्मन किले के पास आने के बावजूद चकमा खा जाते हैं और किले में घुस नहीं पाते हैं।

    चंद्रिमा – अब चलिये आप लोगों को मैं कार्यक्रम का अगला गाना सुनवा देती हूं .....जिससे आपका मूड भी फ्रेश रहेगा और जानकारी सुनने का मज़ा भी दोगुना होगा। मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं मंदार श्रोता संघ बांका बिहार के कुमोद नारायण सिंह, बाबू, गीतांजली, सनातन, अभय प्रताप गोलू, कृष भूटानी और इनके परिजन, आप सभी ने सुनना चाहा है सागर (1985) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं जावेद अख्तर और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. सागर किनारे ....

    पंकज - 10 सबसे अजीबोगरीब बीमारियां: किसी के पूरे चेहरे पर बाल, कोई हुआ नीला

    न्यूयॉर्क। दुनिया में कई रेयर बीमारियों से लोग जूझ रहे हैं। आजकल कैंसर और एड्स से लेकर जीका जैसी बीमारियां लोगों को होना आम बात है। लेकिन इनमें से कई बीमारियां हैं जो रेयरेस्ट होती हैं। ये बीमारियां लाखों या करोड़ों में किसी एक को होती हैं।

    1. हाइपरट्राइकोसिस (वेयरवुल्फ सिंड्रोम) - इस बीमारी को वेयरवुल्फ सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। हार्मोनल अस्थिरता के कारण इंसान के चेहरे से लेकर पूरे शरीर पर बाल उग जाते हैं। कई लोगों को पैदा होने के साथ और कई को उम्र बढ़ने के साथ ये बीमारी लग जाती है। 2008 में यह रेयर बीमारी भारत में भी सामने आई थी, जब 11 साल के लड़के के शरीर और चेहरे पर बाल उग गए थे। परिजनों ने सभी तरह का इलाज करवाया, लेकिन अपने बच्चे को इस बीमारी से निजात नहीं दिलवा सके।2. एर्गिरिया (ब्लू स्किन) - इस बीमारी में इंसान का पूरा शरीर नीला पड़ जाता है। ये रियल लाइफ 'स्मर्फ' (एक नीला कार्टून) डिजीज है। फुगेट फैमिली के सदस्य इस बीमारी से 200 सालों से जूझ रहे हैं। परिवार के एक सदस्य के शरीर का रंग नीला और पर्पल हो गया है। इन्हें देखकर लोग चौंक जाते हैं। यह बीमारी खून के डिसऑर्डर की वजह से होती है।3. हेरिडिटर एंजियोएडेमा (HAE) - यह बीमारी पूर्वजों या फैमिली मेंबर्स से एक दूसरे में ट्रांसफर होती है। इस बीमारी में इंसानी शरीर के हाथ, पैर, चेहरा, आंत और कई अंगों में सूजन आ जाती है। अबतक दुनिया में इसके सिर्फ 50 हजार केस सामने आए हैं।

    4. एलियन हैंड सिंड्रोम - यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इस बीमारी में इंसान के हाथ पर उसके दिमाग का नियंत्रण नहीं रह जाता, हाथ अपने आप ही काम करने लगते हैं। ऐसे में कह सकते हैं कि इस बीमारी से जूझ रहा इंसान न चाहते हुए भी अपने आप को नुकसान पहुंचा सकता है।

    चंद्रिमा – दुनिया में हम आए दिन कई तरह की बीमारियों के बारे में सुनते रहते हैं लेकिन इन बीमारियों के बारे में सुनकर ऐसा लगता है कि अभी हमें बीमारियों पर दो स्तर पर काम करने की ज़रूरत है पहला तो बीमारियों के इलाज के लिये काम करना होगा और दूसरा नई बीमारियां जिनके बारे में हम बिल्कुल भी नहीं जानते उनके बारे में भी शोध कर ये जानना होगा कि इनके होने के कारण क्या हैं और इनका इलाज कैसे संभव है। ये वाकई एक बड़ी विचित्र पहेली जैसा है। चलिये इसी के साथ मैं बाबू रेडियो श्रोता संघ आबगिला गया बिहार से आया एक पत्र उठा रही हूं जिसे हमें लिख भेजा है मोहम्मद जावेद खान, ज़रीना खानम, मोहम्मद जमील खान, रज़िया खानम, शाहिना परवीन, खाकशान जाबीन, बाबू टिंकू, जेके खान, बाबू, लड्डू, तौफीक उमर खान, इनके साथ ही केपी रोड गया से हमें पत्र लिखा है मोहम्मद जमाल खान मिस्त्री, शाबिना खातून, तूफ़ानी साहेब, मोकिमान खातून, मोहम्मद सैफुल खान, ज़रीना खातून ने आप सभी ने सुनना चाहा है बागी (1990) फिल्म का गाना जिसे गाया है अमित कुमार और अनुराधा पौडवाल ने गीतकार हैं समीर और संगीत दिया है आनंद मिलिंद ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. कैसा लगता है ....

    पंकज - 5. ह्यूमन पाप्पिलोमा वायरस - यह एक स्किन डिजीज है और पूरी जिंदगी इंसान इससे जूझता रहता है। यह एक रेयरेस्ट बीमारी है और अबतक दुनिया में इसके सिर्फ 195 केस ही सामने आए हैं। इस बीमारी में इंसान का पूरा शरीर पेड़ जैसा हो जाता है। कई बार इस बीमारी से सिर्फ हाथ पैर और चेहरा ही लकड़ी जैसा होता है। बता दें कि यह लाइलाज बीमारी है और कई फिजिशियन इसका इलाज करने की कोशिश कर चुके हैं लेकिन नाकाम हुए।6. वाटर एलर्जी - एक्वाजेनिक युर्टिकेरिया नाम की इस बीमारी में इंसान के शरीर पर पानी लगते ही उसकी त्वचा लाल हो जाती है। यह बीमारी बहुत रेयर है और दुनिया में इसके सिर्फ 30 केस ही सामने आए हैं। यह बीमारी ठीक होने में बहुत समय लेती है, कई बार आधी या उससे ज्यादा उम्र बीत जाने के बाद ठीक हो पाती है। सिर्फ नहाने ही नहीं पानी पीने पर भी शरीर में जलन होने लगती है।7. फेटल फैमिलियल इनसोम्निया (अनिद्रा) - अगर आप पूरे दो दिन या उससे ज्यादा सो न पाएं तो आप बीमार पड़ सकते हैं। लेकिन कई दिनों तक नींद न आना भी एक बीमारी है। ऐसी ही एक बीमारी इनसोम्निया है और इससे पीड़ित व्यक्ति कई हफ्तों से लेकर महीनों तक सो नहीं पाता। यह बीमारी दुनिया में सिर्फ 40 परिवारों में देखी गई है। नींद न आने के साथ इस बीमारी में हाई पल्स, ब्लड प्रेशर और ज्यादा पसीना भी आता है।

    8. पोरफीरिया - 18वीं सदी में अंग्रेज किंग जॉर्ज III इस बीमारी से पीड़ित थे। इस बीमारी में प्रोटीन प्रोडक्शन से रेड ब्लड सेल्स की मात्रा बहुत बढ़ जाती है, जिससे इंसान का मल-मूत्र बैंगनी रंग का हो जाता है। इस बीमारी में इंसान उल्टी, कांस्टिपेशन, पेट दर्द, सूर्य किरणों से परेशानी, सूजन, खुजली जैसी कई समस्याओं से जूझता है। इसमें माथे पर बाल आ जाना, धूप में चमड़ी लाल हो जाना आदि से भी परेशान रहता है।

    9. लाफिंग डेथ या कुरु - इस बीमारी में इंसान हंसते-हंसते मर जाता है। यह बीमारी मनुष्य के दिमाग में एक छेद कर देती है। इस बीमारी के फैलने का सबसे बड़ा कारण नरभक्षण है। आदिवासी इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का दिमाग पकाकर खा जाया करते थे, जिससे ये बीमारी और फैल गई। लेकिन नरभक्षी लोगों के इस एक्ट पर सरकार के बैन के बाद अब ये बीमारी लगभग खत्म हो चुकी है।

    10. प्रोजेरिया - बॉलीवुड मूवी 'पा' में अमिताभ बच्चन को यही बीमारी हुई थी। यह बीमारी रेयर है और 80 लाख बच्चों में सिर्फ एक को होती है। इस बीमारी में बचपन से ही इंसानी शरीर बूढ़ा सा हो जाता है। इसमें बच्चा 13 साल की उम्र तक ही जिंदा रह पाता है, लेकिन कुछ बच्चे 20 साल तक भी जीवित रहे हैं।

    चंद्रिमा - चलिये श्रोता मित्रों अब हम आपको सुनवाते हैं कार्यक्रम का अगला गीत जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिखा है नारनौल हरियाणा से उमेश कुमार शर्मा, प्रेमलता शर्मा, सुजाता, हिमांशु और नवनीत ने आप सभी ने सुनना चाहा है प्यार झुकता नहीं (1985) फिल्म का गाना जिसे गाया है शब्बीर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं एस एच बिहारी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं-----

    सांग नंबर 6. चाहे लाख तूफान आएं.....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    चंद्रिमा – नमस्कार।

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