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    आप की पसंद 160123
    2016-01-25 09:13:52 cri

    पंकज – श्रोता मित्रों आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की करते हैं शुरुआत और आपका मित्र पंकज श्रीवास्तव करता है आप सभी को नमस्कार, तो मित्रों आपके इस सबसे चहेते आपकी पसंद कार्यक्रम में हम आपको हैरतअंगेज़ और ज्ञानवर्धक जानकारियां देने का सिलसिला शुरु करते हैं और साथ ही आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत।

    चंद्रिमा – श्रोता मित्रों को चंद्रिमा का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं आपके प्यार के कारण ही दिनों दिन हमारे श्रोताओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और हम चाहते हैं कि आप हमारे कार्यक्रम में अपने कुछ सुझाव भी भेजें जिससे हम अपने इस कार्यक्रम को नए रूप में ढालें तो वो आपके अनुरूप हो, जिससे आप अपने इस चहेते और प्यारे कार्यक्रम को सुनने के लिये और भी अधिक उत्सुकता दिखाएं, हमारा उद्देश्य है आपको ढेर सारी जानकारी देना साथ ही हम आपको आपकी पसंद के फिल्मी गाने भी सुनवाते हैं तो चलिये करते हैं आज के कार्यक्रम की शुरुआत। मित्रों हमारे पहले श्रोता हैं ... उत्तर प्रदेश के ज़िला मुरादाबार के ग्राम महेशपुर खेम से तौफ़ीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके तमाम दोस्तों ने आप सभी ने सुनना चाहा है आकाशदीप (1965) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है चित्रगुप्त ने और गीत के बोल हैं मुझे दर्दे दिल का पता न था ....

    पंकज - पिता हैं बस ड्राइवर, सैलरी मिलती है 12 हजार, बेटा कर रहा क्रिकेट में कमाल

    अक्षय कार्णेवार इस वक्त सुर्खियों में हैं। विदर्भ के 23 साल के इस बॉलर ने बड़ौदा के खिलाफ दोनों हाथों से ऑफ स्पिन करते हुए सभी को शॉक्ड कर दिया। इरफान पठान और यूसुफ पठान जैसे प्लेयर्स को चौंकाने वाले इस टैलेंटेड बॉलर के पिता स्टेट ट्रांसपोर्ट में बस ड्राइवर हैं। उनकी सैलरी सिर्फ 12 हजार रुपए महीना है।

    - पापा किशन स्टेट ट्रांसपोर्ट में बस ड्राइवर हैं। वे 25 साल से नौकरी कर रहे हैं।

    - उन्हें हर महीने 12 हजार रुपए मिलते हैं। बस यूं समझ लीजिए किसी तरह गुजारा हो जाता है।

    - पापा को क्रिकेट बहुत पसंद है। खासकर सचिन की बैटिंग। वे चाहते थे मैं भी क्रिकेटर बनूं तो उन्होंने मुझे यवतमाल में लगे कैंप में शामिल करवाया।

    - पूर्व इंडियन बॉलर नरेंद्र हिरवानी से मिले टिप्स ने मुझे काफी हेल्प किया।

    - अक्षय विदर्भ के यवतमाल जिले में पंधारकवडा गांव के हैं।

    - 23 साल के अक्षय ने करियर की शुरुआत राइट आर्म ऑफ स्पिनर के रूप में की थी।

    - वे 6 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं।

    - इस साल विजय हजारे ट्रॉफी में विदर्भ की कामयाबी में अक्षय का रोल अहम रहा। उन्होंने 7 मैचों में 16 विकेट चटकाए।

    चंद्रिमा – ये प्रेरणादायक उदाहरण है और ऐसे लोग हमारे अंदर भी भरपूर उत्साह भर देते हैं, हम सोचते हैं कि जब हमारे अंदर कुछ करने का जज़्बा है तो फिर हमें अमीरी गरीबी जैसी चीज़ों के बारे में नहीं सोचना चाहिए क्योंकि आपको अगर कोई चीज़ आगे बढ़ाती है तो वो है आपके अंदर का जज़्बा और आपके सपने, ये जज्बा आपमें लगन पैदा करता है यानी वो जुनून जो अगर जाग जाए तो फिर कामयाबी आपके कदम चूमेगी.... व्यक्तिगत रूप से मुझे ऐसी खबरें और ऐसे लोग बहुत प्रेरणा देते हैं जो तमाम दुश्वारियों के बावजूद अपनी मंज़िल पा लेते हैं और दुनिया के सामने एक मिसाल पेश करते हैं। मित्रों इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है बाबू रेडियो श्रोता संघ आबगिला गया बिहार से मोहम्मद जावेद खान, ज़रीना खानम, मोहम्मद जामील खान, रज़िया ख़ानम, शाहिना परवीन, खाकशान जाबीन, बाबू टिंकू, जे के खान, बाबू, लड्डू, तौफीक उमर खान, इनके साथ ही केपी रोड गया बिहार से मोहम्मद जमाल खान मिस्त्री, शाबिना खातून, तूफ़ानी साहेब, मोकिमान खातून, मोहम्मद सैफुल खान, ज़रीना खातून ने आप सभी ने सुनना चाहा है रूप की रानी चोरों का राजा (1962) फिल्म का गाना रूप की रानी चोरों का राजा .....

    पंकज - रहस्यों से घिरा है यह कुंड, यहां ताली बजाने से निकलता है उबलता हुआ पानी

    रांची। झारखंड के बोकारो जिले में एक पानी का कुंड ऐसा है, जहां ताली बजाने पर तेजी से पानी बाहर निकलता है। ऐसा लगता है मानो किसी बरतन में पानी उबल रहा हो।

    ठंड में निकलता है गर्म पानी

    यहां गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म पानी निकलता है। लोगों का मानना है कि इसमें नहाने से चर्म रोग दूर होते हैं। साथ ही मन्नतें भी पूरी होती हैं। कुंड से निकलने वाला पानी जमुई नामक छोटी नाले से होते हुए गरगा नदी में मिलता है। इसे दलाही कुंड के नाम से जाना जाता है। कंक्रीट की दीवारों से घेरा हुआ छोटा जलाशय। बेहद साफ और औषधीय गुणों वाला है।(स्थानीय प्रचलन के अनुसार)।

    कुंड पर शोध होना चाहिए

    ऐसी जगहों पर पानी जमीन के बहुत नीचे से आता है। पानी का तापमान हमेशा फिक्स्ड होता है। तापमान घटना-बढ़ना शोध का विषय है। अगर इस पानी से नहाने पर चर्म रोग दूर होते हैं तो इसका मतलब इसमें गंधक और हीलियम गैस मिला हुआ है। ताली बजाने से ध्वनि तरंगों की वजह से पानी पर असर तो होता है लेकिन नीचे से ऊपर कैसे आता है यह पता करना होगा।

    चंद्रिमा - मित्रों इस खबर से मुझे याद आया कि यूरोप के बाल्कन क्षेत्र में ऐसी ही एक झील है जिसमें गंधक का पानी निकलता है और वहां पर जाकर नहाने से चर्म रोग दूर हो जाते हैं, बताया जाता है कि अक्सर वहां पर लोग कई दूसरे देशों से आराम करने आते हैं, इसके साथ ही इस झील की मिट्टी का अपने शरीर पर वो लेप भी करते हैं, यहां की मिट्टी मित्रों काली है जिसे त्वचा पर लगाने के बाद त्वचा में निखार आ जाता है। जो पर्यटक यहां पर आते हैं वो अपने पूरे शरीर पर यहां की मिट्टी लगाते हैं और उसे सूखने देते हैं फिर जब वो झील के पानी में स्नान करके बाहर निकलते हैं तो उनकी त्वचा में एक अलग ही चमक दिखाई पड़ती है। वैसे हमारी धरती पर ऐसी कई अचरज भरी जगहें हैं जिनमें से अभी कुछ का ही हमें पता चल पाया है। मित्रों इसी के साथ मैं उठाने जा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है मुबारकपुर ऊंची तकिया, आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश से दिलशाद हुसैन, फातेमा सोगरा, वकार हैदर, हसीना दिलशाद और इनके सभी परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है एक गांव की कहानी (1957) फिल्म का गाना जिसे गाया है तलत महमूद ने गीतकार हैं शैलेन्द्र और संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं रात ने क्या क्या ख्वाब दिखाए .....

    पंकज -नितिन प्रियदर्शी, भू-वैज्ञानिक

    संक्रांति में लगता है मेला

    वर्ष 1984 से यहां हर साल मकर संक्रांति पर मेला लगता है। लोग स्नान के लिए पहुंचते हैं। कुंड के पास दलाही गोसाईं नामक देवता का स्थान है। यहां हर रविवार लोग पूजा करने पहुंचते हैं।

    बन सकता है पर्यटन केंद्र

    2011-12 में पर्यटन विभाग ने इसकी दीवार बनवाई। इसके बाद इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। लेकिन प्रशासन चाहे तो यह बेहतरीन पर्यटन स्थल बन सकता है।

    यहां जाने का रास्ता

    बोकारो से करीब 27 किमी दूर। सड़क से जगासुर तक उसके बाद कच्चे रास्ते पर करीब 300 मीटर पैदल चलना पड़ता है।

    तेलंगाना : ताली बजाओ, नंदी के मुंह से पानी पाओ

    तेलंगाना के करीमनगर जिले में कल्वाश्रीरामपुर मंडल में स्थित एदुलापुर पहाड़ी पर भगवान शिव का मंदिर है। वहां भी नंदी के सामने ताली बजाने पर उसके मुंह से पानी निकलता है। इसका कारण स्रोत पता करने की कोशिश भू-वैज्ञानिकों ने की थी। लेकिन कारण पता नहीं कर पाए।

    पानी बिल्कुल साफ है। यहां गहराई में पड़े सिक्कों को आसानी से देखा जा सकता है।इस कुंड में स्नान के लिए दूर-दूर से पहुंचते हैं ग्रामीण।ठंड के दिनों में गर्म और गर्मी के दिनों में ठंडा पानी निकलता है यहां।हमेशा निकलता रहता है इस कुंड से पानी।ताली बजाने पर इस कुंड से निकलता है पानी का फव्वारा। कुंड के पास दलाही गोसाईं नामक देवता का स्थान है। यहां हर रविवार लोग पूजा करने पहुंचते हैं।

    चंद्रिमा – श्रोता मित्रों तुर्की में एक झील है जिसे वान झील या फिर लेक वान बोलते हैं, इस झील की खासियत ये है कि इसका पानी दुनिया में सबसे अधिक नमकीन होता है, और इस झील के पानी का पीएच value 9.7 और 9.8 के बीच रहता है, इस झील की एक और खासियत है, इस झील का पानी कहीं भी बाहर नहीं जाता यानी यहां से पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है बल्कि चारों तरफ़ से पहाड़ों से घिरी इस झील में पहाड़ों से पानी ज़रूर आता है और इसके पानी में नमक की मात्रा दुनिया में सबसे अधिक होने के कारण यहां पर कोई व्यक्ति डूबता भी नहीं है। है न अचरज भरी बात। तो इसी के साथ वक्त हो चला है एक और गाना सुनने का इसके लिये हमें पत्र लिखा है कुरसेला तिन धरिया से ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी, कुमारी मधु और एल के सिंह ने आप सभी ने सुनना चाहा है भाभी (1957) फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं राजेन्द्र कृष्ण और संगीत दिया है चित्रगुप्त ने और गीत के बोल हैं चली चली रे पतंग मेरी चली रे ....

    पंकज - छत्तीसगढ़: इस गड्ढे में रातोंरात समा गया 12 साल पुराने तालाब का पानी

    रायपुर. बलौदाबाजार जिले के मानिकपुर गांव में करीब तीन एकड़ में फैले 12 साल पुराने एक तालाब का पानी रातों-रात गड्ढे में समा गया था। जबकि उससे सटे दूसरे तालाब में अब भी पानी है। इस घटना के बाद गांव वाले डर गए हैं कि कहीं दूसरा तालाब भी इस तरह सूख न जाए।

    कैसे सूख गया तालाब...

    - मामला शनिवार की रात का है। यह तालाब 8 फीट गहरा आैर 3 एकड़ में फैला था।

    - जियोलॉजी के एक्सपर्ट्स के मुताबिक यहां की जमीन के अंदर चूना-पत्थर है।

    - यह पानी में घुल जाता है। पानी ने इसमें से अपना रास्ता बना लिया और जमीन के अंदर समा गया।

    - आस-पास के इलाकों में माइनिंग की वजह से जमीन में बनी दरारें भी पानी के गायब हो जाने की वजह बताई जा रही है।

    - ग्रामीणों में इसे लेकर नाराजगी है। वे मामले को उठाने के लिए प्रदर्शन की तैयारी में हैं।

    चंद्रिमा – मित्रों अभी वक्त हो चला है एक और गाना सुनने का इसके लिये हमारे पुराने श्रोता ने हमें पत्र लिखा है ये हैं कलेर बिहार से आसिफ खान, बेगम निकहत परवीन, सदफ आरज़ू, बाबू अरमान आसिफ़ इनके साथ मदरसा रोड कोआथ से हाशिम आज़ाद, दुर्गेश दीवाना, डॉक्टर हेमन्त कुमार, पिंटू यादव और बाबू साजिद, आप सभी ने सुनना चाहा है चांद मेरे आजा (1960) फिल्म का गाना।

    पंकज - क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

    जियोलॉजी एक्सपर्ट के मुताबिक पानी कहां जा रहा है, यह पता लगाने के लिए गड्ढे में रंग डालना होगा। यह रंग आसपास किसी जल स्रोत में निकलेगा जिससे पता चलेगा कि पानी उसमें समा रहा है। आसपास के किसी जलस्रोत का जलस्तर बढ़ने से भी इसका पता चलता है कि पानी कहां जा रहा है।

    चूना पत्थर वाले इलाके में हो सकती है ऐसी घटना

    रविशंकर यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डाॅ. निनाद बोधनकर ने बताया कि इस तरह की घटनाओं को कार्स्ट कैप्चर कहा जाता है। कार्स्ट कैप्चर चूना पत्थर वाले इलाकों में नार्मल है। चूना पत्थर सॉलिड होता है लेकिन इसके घुलने का नेचर कार्स्ट कैप्चर का कारण बनता है। कार्स्ट कैप्चर में तालाबों और बहती नदियों का पानी गड्ढों के जरिए गायब होना आम घटना है। धरती की सतह के नीचे नालियों का नेटवर्क कार्स्ट कैप्चर की खासियत है।

    चंद्रिमा - श्रोता मित्रों अब हम आपको सुनवाने जा रहे हैं कार्यक्रम का अगला गीत जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिखा है धनौरी तेलीवाला, नैनीताल उत्तराखंड से निसार सलमानी, समीना नाज़, सुहैल बाबू, आयान सलमानी और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है तीन देवियां (1960) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेश्कर ने, गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने , गीत के बोल हैं लिखा है तेरी आंखों में किसका अफसाना ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    चंद्रिमा – नमस्कार।

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