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    टी टाइम 160119 (अनिल और ललिता)
    2016-01-20 08:54:28 cri

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दोस्तो, सबसे पहले आपको हम सुनवाएंगे, चीन में अध्ययन कर रहे भारतीय छात्र विवेक के साथ बातचीत।

    ....लीजिए पेश हैं, बातचीत के मुख्य अंश----

    अनिलः लीजिए दोस्तो, अब शुरू करते हैं, प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला।

    फेसबुक की मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) शेरिल सैंडबर्ग ने फेसबुक में अपने 3.1 करोड़ डॉलर (210 करोड़ रु.) मूल्य के शेयर दान में देने की घोषणा की है। इससे पहले कंपनी के प्रमुख मार्क जकरबर्ग ने अपने 99 प्रतिशत शेयर दान में देने की घोषणा की थी।

    अमरीका के सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज कमिशन के दस्तावेज के मुताबिक, 46 वर्षीय सैंडबर्ग ने फेसबुक के 2,90,000 शेयर विभिन्न संस्थाओं को दान में देने की घोषणा की जिनकी बाजार मूल्य 3.1 करोड़ डॉलर है।

    ये शेयर अब शेरिल सैंडबर्ग फिलेंथ्रपी फंड में होंगे। इस फंड पर सैंडबर्ग का कंट्रोल रहेगा। ज्यादातर राशि उन्हीं मुद्दों के समर्थन में जाएगी जिनसे वह पहले से जुड़ी रही हैं। सैंडबर्ग गूगल और वल्र्ड बैंक के लिए भी काम कर चुकी हैं। इसके अलावा बेस्ट सेलर किताब लीन इन: वुमन, वर्क एंड द विल टू लीड की राइटर भी हैं।

    ललिताः उधर हरियाणा के लुडाना गांव के एक किसान ने टमाटर और आलू को एक ही पौधे पर उगने का दावा किया है। किसान रणबीर ने कहा कि 6 महीने पहले उसको सड़क पर आलू का थैला मिला। उसमें से कुछ को उसने 250 स्कवायर मीटर की जमीन पर बो दिया।

    कुछ दिन बाद पौधे में से फूल आ गए। जो बाद में हेर रंग के फल के रुप में बदल गए। ये फल टमाटर की तरह थे और उनका स्वाद खट्टा था। रणबीर ने बताया कि पौधे को उठाने के बाद मुझे 4 से 6 आलू के गुच्छे मिले।

    वहीं एक और किसान दीपक ने कहा कि शुरू में तो हमें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन रणबीर के खेत में जाने के बाद हमने पाया कि जिस पौधे पर आलू उग रहे थे उसी पौधे पर टमाटर भी।

    अनिलः जबकि हरियाणा के फरीदाबाद के रहने वाले 3 साल के प्रिंस के पेट से 29 चुंबक, एक सिक्का और रिस्ट वॉच का एक सेल ऑपरेशन के दौरान निकाला गया। एक मासूम के पेट में इतना सबकुछ देख डॉक्टर भी हैरान रह गए थे। डॉक्टर्स ने साढ़े तीन घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद इन चीजों को बाहर निकाला। प्रिंस की हालत अब ठीक है, लेकिन उसकी आंतें गल चुकी हैं। प्रिंस पिछले एक साल से पेट दर्द की शिकायत कर रहा था। ज्वैलरी बॉक्स बनाने का काम करने वाले प्रिंस के पिता के मुताबिक पहले तो हमने ध्यान नहीं दिया। बाद में हकीम से लेकर डॉक्टर को दिखाया। पेट दर्द की दवाइयां देते रहे। लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था। बाद में जब पेट दर्द बढ़ने लगा, तो फिर फरीदाबाद के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में डॉक्टर को दिखाया। एक्स-रे करने के बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। 30 नवंबर को ऑपरेशन हुआ। ये ऑपरेशन साढ़े तीन घंटे तक चला।

    हॉस्पिटल के डॉक्टर्स के मुताबिक ऑपरेशन कर इतने सारे चुंबक निकालने का यह पहला मामला देखने को मिला है।

    सर्जरी करने वाले डॉ बीडी पाठक के मुताबिक पहले दर्द के वजह समझ नहीं आ रही थी। लेकिन एक्सरे रिपोर्ट में पेट में धातु जैसी चीजें दिखाई दीं। हालांकि साफ पता नहीं चल पा रहा था कि ये चीजें क्या हैं? इसलिए ऑपरेशन का निर्णय लिया गया। डॉ. पाठक के मुताबिक चुंबकों ने प्रिंस की आंतों को जकड़ रखा था। इनकी वजह से आंतें कई जगह से गल चुकी थीं। करीब डेढ़ फुट गली हुई आंत को काटकर निकालना पड़ा।

    वहीं बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता रहे दिवंगत राज कपूर ने पाकिस्तान में जिस हवेली में जन्म लिया था, उसके मौजूदा मालिक ने उसे आंशिक रूप से ढहा दिया है।

    मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुरातत्व निदेशालय के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने शनिवार को ढाकी मुन्नवर शाह इलाके में स्थित ऐतिहासिक इमारत को बचाने की आखिरी कोशिश की, लेकिन उनकी यह कोशिश नाकाम रही।

    बताया जाता है कि अधिकारियों के पहुंचने तक 98 साल पुरानी चार मंजिला इमारत 'कपूर हवेली' की ऊपरी मंजिल को ढहा दिया गया था। उन्होंने बताया कि शेष इमारत भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

    खैबर पख्तूंख्वाह सरकार ने इससे पूर्व पेशावर में जन्मे राज कपूर और दिलीप कपूर के घरों को ऐतिहासिक धरोहर घोषित करते हुए उन्हें बचाने की घोषणा की थी।

    अधिकारियों ने बताया कि शनिवार सुबह उन्हें हवेली को ढहाए जाने की सूचना मिली और उन्होंने इसे ढहाने से रोकने के लिए पुलिस की मदद मांगी।

    उन्होंने शिकायत की कि हवेली को ढहाने से रोकने की जगह पुलिस अधिकारी औपचारिकताओं में ही लगे रहे और उन्होंने एक लिखित आवेदन की मांग की।

    ललिताः एक अधिकारी ने कहा, ''काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मी हमारे साथ घटनास्थल पर पहुंचे और हवेली ढहाने की कार्रवाई रोकी गई।" समाचार पत्र के मुताबिक, पुरातत्व निदेशालय हवेली के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज कराना चाहता है।

    रिपोर्ट के मुताबिक, हवेली के मौजूदा मालिक ने कहा कि उसकी हालत जर्जर थी और वह कभी भी गिर सकती थी, इसलिए उसके पास मकान को गिराने का नगर निगम का नोटिस था। हालांकि अधिकारियों ने कहा, ''हवेली को और हानि न पहुंचे, इसकी हम पूरी निगरानी रखेंगे।"

    स्थानीय पार्षद मियां जुल्फिकार ने बताया कि इलाके के निवासी प्रशासन को चेतावनी देते रहे थे कि इमारत की हालत जर्जर है और इससे उनकी जिंदगी को खतरा है।

    उन्होंने कहा कि अगर वह एक ऐतिहासिक इमारत थी तो बाद में कार्रवाई करने के स्थान पर निदेशालय को पहले ही उसकी देखभाल करनी चाहिए थी।

    'सरहद कंजर्वेशन नेटवर्क' का कहना है कि हवेली ढहाने की कार्रवाई से पेशावर के इतिहास प्रेमी और लोग स्तब्ध हैं और अगर सरकार ने उसे बचाने के लिए शीघ्र कदम नहीं उठाए तो यह इमारत एक इतिहास की बात हो जाएगी।

    अनिलः वहीं शाहिद कपूर इन दिनों जापानी सीख रहे हैं। शाहिद कपूर इन दिनों विशाल भारद्वाज के निर्देशन में बन रही फिल्म रंगून में काम कर रहे हैं।

    शाहिद ने विशाल के साथ कमीने और हैदर जैसी हिट फिल्मों में काम किया है। अब यह जोड़ी फिल्म रंगून में नजर आयेगी। रंगून दूसरे विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म है। बताया जाता है कि शाहिद इस फिल्म में इंडियन आर्मी ऑफिसर के रोल में हैं।

    शाहिद ने इसके लिये तैयारी भी शुरू कर दी है। फिल्म को रियलिस्टिक टच देने के लिए 50 जापानी कलाकार भी भारत पहुंच चुके हैं। शाहिद कपूर जापानी भाषा सीख रहे हैं जो दुनिया की कठिनतम भाषाओं में से एक मानी जाती है।

    एक ट्यूटर शाहिद को जापानी सीखा रहा है। वह सेट पर भी मौजूद रहता है ताकि शाहिद का शॉट परफेक्ट हो। फिल्म में शाहिद कपूर के अलावा सैफ अली खान और कंगना रनौत की भी महत्वपूर्ण भूमिकायें है।

    अब प्रोग्राम में पेश करते हैं, स्पोर्ट्स की ख़बर।

    ललिताः भारत की टेनिस स्टार सानिया मिर्जा और उनकी स्विस जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस ने शनिवार को सिडनी इंटरनेशनल टेनिस टूर्नामेंट का महिला युगल खिताब जीत लिया।

    सानिया और हिंगिस ने फाइनल मुकाबले में केरोलिन गार्सिया और क्रिस्टीना लादेनोविक को हराया। सानिया और मार्टिना की शीर्ष वरीय जोड़ी ने अपनी तीसरी वरीय प्रतिद्वंद्वियों को 1-6, 7-5 10-5 से हराया।

    यह इस जोड़ी की लगातार 30वीं जीत है और 2016 में लगातार दूसरा खिताब। इससे पहले यह जोड़ी 2016 में ही ब्रिस्बेन इंटरनेशनल टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम कर चुकी है।

    अनिलः सानिया इस साल यह खिताब जीत कर अपने खिताब को बनाए रखने में सफल रहीं। उन्होंने पिछली बार अमेरिका की बैथनी मैटेक के साथ यह खिताब जीता था।

    पहला सेट सानिया-मार्टिना की जोड़ी के लिए काफी खराब रहा उन्होंने इस सेट में चार बार गलती की जिसका खामियाजा उन्हें सेट गंवा कर भुगतना पड़ा।

    तीसरे सेट के सुपर टाई ब्रेकर में कोई भी जीत सकता था लेकिन सानिया और मार्टिना ने अपने अनुभव का इस्तेमाल करते हुए तीसरा सेट जीता और खिताब अपने नाम किया।

    आप भी कहीं घूमने जाते हैं तो उन्हीं गंदे बदबूदार कपड़ों से परेशान हो जाते हैं न! अब हर जगह तो आपको न वॉशिंग मशीन मिलने वाली है न इतनी सुविधा कि कपड़े धुल कर सुखा सकें। लेकिन ये नई मशीन बिना आपका बोझ बढ़ाए ऐसा कर सकती है।

    सिडनी के रहने वाले एक छात्र मैथ्यू कॉरी ने ड्राई-गो नाम की 400 ग्राम की एक मशीन बनाई है जो सिर्फ एक मिनट में कपड़े सुखा देगी।

    इस मशीन में बने छेद गीले कपड़ों से पानी सोक कर उसे भाप में बदल देते हैं। इसके लिए कपड़ों को इस मशीन में लगी दो प्लेटों के बीच रखना होता है, बंद करना होता है और एक मिनट में सारे कपड़े सूख जाते हैं।

    डेलीमेल की खबर के मुताबिक कॉरी को ये आईडिया अपनी एशिया की यात्रा के दौरान आया जहां उन्होंने लोगों को बसों की खिड़कियों पर अपने गीले मोजे, रुमाल सुखाते देखा। तभी उन्होंने तय किया कि ऐसी मशीन बनाई जाए जिसे आसानी से साथ भी ले जा पाएं और काम भी हो जाए.

    ललिताः अब समय हो गया है, हेल्थ टिप्स का।

    प्रोटीन की कमी से कई तरह की सेहत संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी प्रोटीन की कमी से प्रभावित होती है। बार-बार भूख लगती हो, खासतौर पर कैंडी, चॉकलेट, चिप्स और फास्ट फूड खाने का मन करता हो। जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द रहता हो। प्रोटीन की कमी से सिनोविअल फ्लूइड कम बनता है जिससे जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है। यह फ्लूइड प्रोटीन से बना होता है जो जोड़ों को लचीला बनाने के साथ साथ मांसपेशियों का पुनर्निर्माण करता है। थकान जल्दी होने लगे। प्रोटीन की कमी से ब्लड शुगर लेवल कम होता है।

    रात को ठीक से नींद न आती हो। बार-बार जल्दी जल्दी बीमार होना भी प्रोटीन की कमी का संकेत है।

    अनिलः अगर दिनभर थकने के बाद भी नींद नहीं आ रहा है तो जानिए कुछ आसान तरीके जिनसे रात को एक बेहतर नींद पा सकेंगे।

    एक अच्छी नींद के लिए जरुरी है कि रोज सुबह के अलार्म का समय एक ही रखा जाए। अगर किसी रात देर से भी सोए हैं तो भी नींद नहीं आएगी।

    अपने सोने वाले कमरे से टीवी और लैपटॉप को बाहर रखें। रात को सोने से पहले टीवी, लैपटॉप या फोन पर काम करने नींद नहीं आएगी। अगर नींद में दिक्कत आती है तो रात को एक ग्लास दूध जरुर पिएं।

    दोस्तो, प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है, लीजिए अब पेश है श्रोताओं की टिप्पणी।

    सबसे पहला ई-मेल हमें आया है, अल्मोड़ा, उत्तराखंड से वीरेंद्र मेहता का। वे लिखते हैं कि टी-टाइम का ताज़ा अंक बहुत रोचक और जानकारियों से भरपूर था। इनमें से कुछ बातें अलर्ट करती हैं तो कुछ बातें सोचने के लिए मजबूत करती हैं। अनिल और श्याओयांग जी को बहुत-बहुत धन्यवाद। हो सके तो मेरे लिए पत्रिका भेजें। वॉ युलू के बारे में ज्यादा कुछ न कहकर, यहीं कहना पसंद करूंगा कि ऐसे लोगे गॉ़ड गिफ्टेड होते हैं। इसी के साथ मैं सवालों के जवाब भी भेज रहा हूं।

    धन्यवाद, वीरेंद्र मेहता जी, हमें ई-मेल भेजने के लिए।

    ललिताः अगला पत्र हमें भेजा है, मॉनिटर सुरेश अग्रवाल ने।

    उन्होंने लिखा है कि अन्तर्राष्टीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "टी टाइम" की शुरुआत विश्व हिन्दी दिवस की चर्चा तथा क़्वांगदोंग विदेशी भाषा अध्ययन विश्वविद्यालय के प्राध्यापक गंगाप्रसाद शर्मा के साथ बातचीत से किया जाना न केवल अच्छा लगा, कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान कर गया। हिन्दी की दशा और दिशा को लेकर प्रोफ़ेसर शर्मा की बातों में कोरा आशावाद नहीं, अपितु इक्कीसवीं सदी में हिन्दी की सुदृठ होती स्थिति के पीछे उन्होंने जो तर्क पेश किया, वह सौ फ़ीसदी सही प्रतीत हुआ। वास्तव में, हिन्दी की मज़बूत होती स्थिति के पीछे किसी की सहानुभूति नहीं, बढ़ता बाज़ारवाद है। हिन्दी ही क्यों, भूमण्डलीकरण के दौर में वे तमाम भाषाएं भी विकसित हो रही हैं, जिनका वास्ता बाज़ार से है। आख़िर, चीनी मैंडरिन जैसी कठिन भाषा को भी तो देश अपनाने लगे हैं। यह जान कर अच्छा लगा कि चीन में सन 1942 से पेइचिंग विश्वविद्यालय में हिन्दी पढ़ाये जाने की शुरुआत हुई और आज वहां के ग्यारह विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जा रही है। कार्यक्रम में आगे चीन में थुंगचो के एक कम पढ़े-लिखे किसान द्वारा खेती में काम आने वाला रोबोट विकसित किये जाने तथा ऑस्ट्रेलिया में ग्रेट विक्टोरिया रेगिस्तान में भटके एक व्यक्ति द्वारा कुछ दिन चीटियाँ खाकर गुज़ारने सम्बन्धी समाचार काफी आश्चर्यजनक लगे। अमेरिका में मैकेक बन्दरों की खींची गई सेल्फ़ी पर न्यायालय के फ़ैसले के अलावा हेल्थटिप्स में मोमबत्ती के धुएं से निकलने वाला पैराफिन हो सकता है कैंसर का कारक तथा सिरदर्द में पुदीने की पत्तियों के मुफ़ीद होने की बात काफी उपादेय एवं सूचनाप्रद लगी। आज के हंसगुल्लों में -पति-पत्नी के लिये भी बने ऑड-ईवन नम्बर वाला क़ानून, जोक काफी उम्दा लगा। धन्यवाद एक मनोरंजक प्रस्तुति हेतु।

    सुरेश जी, कार्यक्रम के बारे में सटीक ढंग से टिप्पणी करने के लिए आपका शुक्रिया।

    अनिलः वहीं, अगला पत्र हमें भेजा है, भावनगर, गुजरात से मकवाना, विशाल कुमार धीरूभाई ने। वे लिखते हैं कि मुझे आपके द्वारा पेश किया गया प्रोग्राम बहुत पसंद आया।

    हिंदी दिवस के बारे में जानकारी दी गयी, बताया गया कि किस तरह हिंदी का प्रसार हो रहा है।

    फिर विश्वविद्यालय के प्रो. गंगा प्रसाद जी से बातचीत के मुख्य अंश सुनने को मिले, उन्होंने हिंदी के बारे में विस्तार से बताया।

    वहीं थोंगचोउ शहर मे रहने वाले वो युलु एक किसान हैं जिन्होंने पढाई ना करने बावजूद एक ऐसा आविष्कार किया, जो काबिलेतारीफ है, उन्होंने एक रोबोट बनाया जो उनकी लाइफ में काम आ सके। जबकि ऑस्ट्रेलिया में एक व्यक्ति रेगिस्तान में रास्ता भटक गया, उसने चीटिय़ां खाकर खुद को जीवित रखा। यह उसकी जीवटता का उदाहरण है।

    वहीं अमेरिकी कोर्ट ने पिछले साल इंटरनेट पर वाइरल हुई बंदरों की सेल्फ़ी के अनोखे मामले में फैसला सुनाया। हेल्थ टिप्स में मोमबत्ती से होने वाले खतरों से हमें आगाह किया गया। धन्यवाद, प्रोग्राम में तमाम जानकारी पेश करने के लिए।

    विशाल जी, प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी भेजने के लिए आपका शुक्रिया।

    ललिताः लीजिए अब हम शामिल कर रहे हैं, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु का पत्र। वे लिखते हैं कि टी-टाइम का अंक ध्यान से सुना। प्रोग्राम में दी गई जानकारी मुझे महत्वपूर्ण लगी। शुरुआत में 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के मौके पर ग्वांगदोंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर के साथ अनिल पाण्डेय जी की बातचीत के मुख्य अंश हमें सुनने को मिले। इससे पता चला कि इस समय दुनिया भर के तमाम देशों में हिंदी सीखने की चाहत बढ़ी है। अनिल जी को हार्दिक धन्यवाद विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी दिवस की सार्थकता को लेकर प्रो. गंगा प्रसाद जी का इंटरव्यू सुनवाने हेतु।

    वहीं चीन के थोंगचोऊ शहर में रहने वाले किसान वांग युलु 30 साल की मेहनत और अपनी समझ से एक ऐसे खास रोबोट को तैयार किया है जो लिखने, ड्राईंग करने के साथ ही खेती में फसलों को काटने के भी मदद करता है। आज जो जानकारी मुझे सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाली लगी वह है कि ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट विक्टोरिया के रेगिस्तान में रास्ता भटक गया रेग फॉगडी नाम का एक व्यक्ति 6 दिन तक चींटियां खाकर खुद को जिंदा रखा। वहीं बंदरों की सेल्फी को लेकर आप द्वारा दी गयी जानकारी काफी मज़ेदार लगी। हेल्थ टिप्स में मोमबत्ती की खुशबू से कैंसर जैसा खतरनाक बीमारियां भी हो सकता है, यह जानकारी बहुत सूचनाप्रद लगी। धन्यवाद।

    बसु जी हमें पत्र भेजने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।

    अनिलः दोस्तो, श्रोताओं की टिप्पणी यहीं संपन्न होती है, लीजिए अब वक्त हो गया है हंसगुल्लों यानी जोक्स का।

    पहला जोक..

    पप्पू ऑफिस में लेट पहुंचा।

    बॉस- कहां थे अब तक?

    पप्पू- जी वो गर्लफ्रेंड को कॉलेज छोडऩे गया था।

    बॉस- शटअप, कल से ऑफिस टाइम से आना, नहीं तो खैर नहीं।

    पप्पू- ठीक है, अपनी बेटी को खुद ही कॉलेज छोड़ देना।

    बॉस बेहोश!!!

    दूसरा जोक---हर सुबह जब मेरी आंख खुलती है तो मैं यही प्रार्थना करता हूं कि भगवान सबको तुम्हारे जैसी पत्नी दे!

    पत्नी (खुश होते हुए)- अच्छा! पति- हां... आखिर मैं अकेला ही दुखी क्यों रहूं?

    तीसरा और अंतिम जोक...

    पत्नी (पति के बर्थडे पर) – "क्या गिफ्ट दूँ ?"

    पति – "गिफ्ट रहने दे । बस कभी-कभी प्यार से

    देख लिया कर, इज्ज़त किया कर, और तमीज से

    बात कर लिया कर…"

    .पत्नी (एक मिनट सोचकर)– "नहीं… मैं

    तो गिफ्ट ही दूंगी !"

    प्रोग्राम में हंसगुल्ले यहीं तक......धन्यवाद।

    अब समय हो गया है, सवाल-जवाब का। पिछले सप्ताह हमने दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवाल था- चीन में एक किसान किस वजह से सुर्खियों में है।

    सही जवाब है- चीन में थोंगचो के एक किसान ने रोबोट तैयार करने में सफलता हासिल की है। जो खेती व अन्य कार्यों में मदद करता है।

    दूसरा सवाल— पिछले दिनों रेगिस्तान में भटक गए एक व्यक्ति ने खुद को किस तरह ज़िंदा रखा।

    सही जवाब- ऑस्ट्रेलिया के रेग फॉगडी नाम के व्यक्ति रेगिस्तान में भटक गए थे. उन्होंने चीटियां खाकर ख़ुद को ज़िंदा रखा

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है, अल्मोड़ा उत्तराखंड से वीरेंद्र मेहता, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु, देवाशीष गोप, भावनगर गुजरात से विशाल कुमार और केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल आदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    अब लीजिए सुनिये आज के सवाल।

    पहला सवालः फ़ेसबुक के सीओओ ने क्या क़दम उठाया है।

    दूसरा सवालः आस्ट्रेलिया, सिडनी के एक छात्र ने कपड़े सुखाने के लिए क्या तैयार की है।

    सवाल एक बार फिर सुन लीजिए।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।

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