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    संडे की मस्ती 2016-01-17
    2016-01-18 08:48:57 cri

     


    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ देंगी मेरी सहयोगी वनिता जी...।

    वनिता- हैलो... दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- दोस्तों, इससे पहले हम अपना प्रोग्राम शुरू करें, चलिए हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    वनिता- इस चीनी गीत का नाम है नीले रंग का पठार।

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    वनिता- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज बताएंगे कि ग्रीनलैंड की बर्फ की परत को तेजी से पिघला रहे हैं बादल

    अखिल- दोस्तों, आकाश में छाए बादलों के कारण ग्रीनलैंड की बर्फ की परत का तापमान दो से तीन डिग्री बढ़ रहा है, जिस कारण इसका 30 प्रतिशत हिस्सा पिघल रहा है।

    एक नए अध्ययन में शोधार्थियों ने पाया कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी बर्फ की चादर को पिघलाने में बादल पहले की तुलना में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इस चादर के पिघलने वैश्विक समुद्रस्तर में लगभग एक तिहाई का इजाफा हो सकता है। अमेरिका में युनिवर्सिटी ऑफ विस्कोंसिन-मेडिसन के ट्रिस्टैन लेएक्युअर ने बताया, 'अगले 80 सालों में हम विश्वभर में समुद्रस्तर में बढ़ोत्तरी के एक नए चरण से हमें जूझना होगा।'

    बेल्जियम में युनिवर्सिटी ऑफ लियुवेन के क्रिस्तॉफ वान त्रिख्त ने बताया, 'जलवायु परिवर्तन की बात पहले से हमारे दिमाग में है और समुद्र स्तर बढ़ने के विनाशकारी परिणाम देखने होंगे। हमें जरूरत है कि हम इन प्रक्रियाओं को समझें और भविष्य के लिए बेहतर कार्ययोजनाएं बनाएं। जैसा हम सोचते हैं बादल इस प्रक्रिया के लिए उससे अधिक महत्वपूर्ण हो सकते हैं।'

    शोधार्थियों ने बताया कि उष्मा के लिए बादल दो तरह से कार्य करते हैं। एक तो वह धरती के ऊपर एक चादर बनाकर सूर्य की गर्मी को धरती तक आने से रोकते हैं, वहीं ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन से पैदा होने वाली ऊर्जा को धरती पर ही बांधे रखते हैं जिस कारण धरती पर ग्रीनहाउस गैसों का प्रभाव बना रहता है।

    ग्रीनलैंड में यही बादल धरती की उष्मा को बाहर जाने से रोकते हैं और इसका प्रभाव यहां दिखाई देता है। शोधार्थियों ने इस अध्ययन के लिए दो उपग्रह क्लाउडसैट और कैलिप्सो से मिले आंकड़ों का प्रयोग किया। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशन्स नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

    वनिता- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    अखिल- दोस्तों, क्या आपको मालूम है कि एक ऐसा अनोखा फ्रिज है जो गाकर बताएगा कि आपकी सब्जियां खत्म हो रही हैं! नहीं हुआ यकीन.. पर ये सच है।

    जी हां दोस्तों, एक कंपनी ने अनोखा फ्रिज पेश किया है जो केवल खाने-पीने की चीजों को फ्रेश रखने के ही काम नहीं आता बल्कि यह आपको गाना भी सुनाता है.

    एक कंपनी ने लास वेगास में आयोजित 'सीईएस 2016' के दौरान अपना अनोखा फ्रिज पेश किया है. यह फ्रिज केवल खाने-पीने की चीजों को फ्रेश रखने के ही काम नहीं आता बल्कि यह आपको गाना भी सुनाता है. साथ ही यह फ्रिज यह भी बताता है कि इसमें सब्जियां कम हो रही है और अब घर के लिए सब्जी खरीदने का वक्त आ गया है. यह फ्रिज कोई मामूली फ्रिज नहीं. इस फ्रिज में कई और भी खासियत हैं.

    इस फ्रिज में सामने की ओर दो स्पीकर्स दिए गए हैं. जो गाने सुनने के काम आते हैं. इस फ्रिज पर एक बड़ा सा 21.1 इंच का डिस्प्ले भी दिया गया है. जिस पर आप बाहर जाने से पहले फैमिली के लिए कोई मेसेज भी छोड़ सकते हैं.

    कई बार हम बाजार सामान लेने जाते हैं और भूल जाते हैं कि घर पर क्या है क्या नहीं. इस फ्रिज में भीतर की ओर एक कैमरा दिया गया है. अब आप अपने स्मार्टफोन के जरिए स्टोर से ही अपने फ्रिज को स्कैन कर पता लगा सकते हैं कि उसमें क्या है क्या नहीं.

    ग्रोसरी इस फ्रिज पर दिए गए स्क्रीन की मदद से आप इससे डायरेक्ट ऑनलाइन ग्रोसरी भी ऑर्डर कर सकते हैं.

    वनिता- मैं बताती हूं कि उड़ते विमान में महिला को ऐसा करते देख लोग हुए हक्के बक्के

    दोस्तों, चीन में एक महिला यात्री ने फ्लाइट के दौरान विमान का दरवाजा खोलने की कोशिश करने लगी जिसे देख सभी सवार लोग हक्के-बक्के रह गए। दरअसल, यह महिला खुदकुशी करने की कोशिश कर रही थी। ये वाकया उस वक्त हुआ जब बीजिंग कैपिटल एयरलाइंस की चागशा से सान्या की उड़ान के दौरान हुआ।

    बताया जा रहा है कि दो अन्य यात्रियों ने महिला को ऐसा करने में मदद करने की कोशिश की। चालक दल के सदस्यों ने मुश्किल से उन पर काबू पाया। ऐसा करने पर महिला विमान पर ही खुद को खत्म करने की धमकी देने लगी।

    चाइना एविएशन डेली ने एक चश्मदीद यात्री रोजर स्टैंडी के हवाले से ये रिपोर्ट प्रकाशित की। चश्मदीद यात्री रोजर ने बताया कि चालक दल के सदस्यों के लिए इस तरह के दुस्साहसी यात्रियों पर काबू पाना आसान नहीं था। हालांकि, तीनों हुड़दंगी यात्रियों को विमान की लैंडिंग के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है और तीनों पर खतरा उत्पन्न करने के चार्ज लगाए गए हैं।

    अखिल- दोस्तों, मैं आपको बताता हूं कि चीन में एक महिला ने छेनी-हथौड़े से पहाड़ काटकर बना दी 200m लंबी सुरंग

    जी हां दोस्तों, चीन में तंग नाम ने छेनी-हथौड़े की मदद से पहाड़ को खोदकर 200 मीटर लंबी सुंरग बना दी। इस सुरंग के जरिए माहुआई गांव शहर की ओर जाने वाली मुख्य सड़क से जुड़ गया है। इससे पहले गांव के लोग दुनिया से कटे हुए थे। हालांकि उन्हें इस मिशन को पूरा करने में 15 साल लगे। महिला की इच्छाशक्ति ने कुछ गांववालों को भी प्रेरित किया और वे भी इनके साथ जुड़ गए।

    डेंग ने बताया कि जब 1999 में हमने ये काम शुरू किया था तो हिम्मत जवाब दे गई थी, जितना सोचा था उससे कहीं मुश्किल था इस पहाड़ में रास्ता बनाना। कुछ जगह तो इतनी संकरी थी कि उन्होंने पीठ के बल लेटकर कटाई की, जिससे पेट और सिर पर चोटें भी आईं। इस दौरान डेंग का पूरा जोर इस बात पर था कि लोगों के गुजरते समय चट्‌टान या पत्थर गिरने न लग जाएं। जब खुदाई पूरी हो गई तब भी डेंग संतुष्ट नहीं थी। उसने गांववालों को इसे और बेहतर करने के लिए तैयार किया।

    गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि डेंग ने हमें बताया कि गांव के ज्यादातर लोग बाइक और कार चलाना जानते हैं। वे भी गाडिय़ों को लेकर जाएंगे। इसलिए उन्होंने गांव के हर परिवार में जाकर बात की और इस पहल से जुड़कर सुरंग को बेहतर बनाने में मदद मांगी। पहले इस पहाड़ को पार कर शहर जाने में दो घंटे लगते थे। अब मुश्किल से 15 मिनट में रास्ता तय हो जाता है।

    वनिता- दोस्तों, आपको मैं बताने जा रही हूं एक अनोखे Ice bar के बारे में।

    दोस्तों, उत्तर-पूर्वी चीन के हारबिन सिटी में आज बर्फ से बना हुआ एक बार खोला गया है । पर्यटकों के बीच लोकप्रिय शहर के मशहूर सेन्ट्रल पैडेस्ट्रीअन स्ट्रीट में 100 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में आईस बार खोला गया है । बार के मालिक के अनुसार 200 घन मीटर बर्फ का इस्तेमाल करके 10 दिनों में इसका निर्माण किया गया है । इस पर 300,000 यूआन (45,000 अमेरिकी डॉलर) खर्च किया गया है ।

    जानकारी के मुताबिक पेय के अलावा बार में आने वाले व्यक्ति बर्फ के बने काउंटरों पर बर्फ के बने हुए स्टूलों पर बैठ कर हॉटपॉट, बारबेक्यू और पश्चिमी खानों का आनंद ले सकेंगे । चीन इस समय शहर में वार्षिक अंतरराष्ट्रीय बर्फ महोत्सव का आयोजन कर रहा है ।

    अखिल- चलिए एक बहुत ही दिलचस्प खबर की तरफ कि पनवेल की लड़की ने साइकिल से 19 दिनों में कन्याकुमारी तक 18,000 किलोमीटर की दूरी तय की

    दोस्तों, मुंबई से 50 किलोमीटर दूर स्थित पनवेल से 22 वर्षीय प्रिसिलिया मदान ने साइकिल से कन्याकुमारी तक 18,000 किलोमीटर की दूरी तय की. मुंबई से 50 किलोमीटर दूर स्थित पनवेल से 22 वर्षीय प्रिसिलिया मदान ने जब अपनी साइकिल से यात्रा शुरू की तब वह इस बात को लेकर आश्वस्त थीं कि महीनों का प्रशिक्षण उन्हें खुद के बलबूते कन्याकुमारी तक के उनके पड़ाव तक पहुंचाने में मदद करेगा.

    बहरहाल, हर दिन के साथ सटीक यात्रा कार्यक्रम और हर दिन की यात्रा के बाद कहां रूका जाए इसकी योजना छूटती चली गई. शहर के एक कॉलेज में मास्टर्स इन कम्प्यूटर साइंस की छात्रा प्रिसिलिया के दिमाग में सिर्फ दूरी और सड़कों का उतार चढ़ाव ही अंकित था. अपनी 1800 किलोमीटर की इस यात्रा के दौरान होटलों के बजाय लोगों के घर में 18 रातें गुजारकर प्रिसिलिया सोमवार को शाम देश के दक्षिण छोर पर पहुंचीं.

    प्रिसिलिया ने कन्याकुमारी से बताया, 'सड़क पर मैंने खुद को कभी भी अकेला या असुरक्षित महसूस नहीं किया. लोग मेरे पास आते और वे मेरी यात्रा के बारे जानना चाहते और कई बार उन्होंने मुझसे अपने घर चलने का अनुरोध किया और घर की महिलाओं को भी प्रेरित किया.'

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अभी हम बात करते हैं कि गूगल अब 5 साल बाद चीन में वापसी कर रहा है। जी हां दोस्तों, इंटरनेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल चीन में करीब पांच साल बाद वापसी की तैयारी कर रही है। चीन सरकार के साथ मतभेदों के चलते वह उस समय हांगकांग चली गई थी । एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है । सोशल मीडिया पर गूगल द्वारा कई नौकरियों के बारे में पोस्ट डालने के बाद यह चर्चा चल रही है कि वह चीन में वापसी की तैयारी में है ।

    जानकारी के अनुसार गूगल ने अपने पेशेवर ऑनलाइन नेटवर्क लिंकेडिन पर बीजिंग और शंघाई में 60 नौकरियों का विज्ञापन दिया है । हालांकि, गूगल ने अभी तक चीन में वापसी की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है ।

    वनिता- चलिए, आपको अमरीका की मशहूर सिलिकॉन वैली के गूगल की ये रोचक बातों के बारे में बताते है जो शायद ही आप जानते होंगे।

    1. गूगल में नौकरी पाने का पैमाना डिग्रियां, स्कूली और कॉलेज की पढ़ाई नहीं है। यहां पर काम कर रहे 14 प्रतिशत लोग वे हैं जो कभी भी कॉलेज ही नहीं गए।

    2. गूगल की बजाए बिंग इस्तेमाल करने के लिए माइक्रोसॉफट यूजर को पैसे देता है।

    3. गूगल विज्ञापन से सालाना 2000 करोड़ डालर की कमाई करता है। प्रमुख अमरीकी न्यूज चैनल जैसे सीबीएस, एनबीसी, एबीसी और फॉक्स की कमाई को मिलाकर जो आंकड़े निकलते हैं ये उससे कहीं ज्यादा है।

    4. लोकप्रियता के मामले में फेसबुक गूगल से पीछे है। यदि गूगल के किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को दस साल तक वेतन की आधी रकम और बच्चों को 19 वर्ष की आयु तक 1000 डालर प्रति माह मिलेंगे।

    5. गूगल का पहला नाम बैकरब था। तब ये एक सेकेंड में 30-50 पेज प्रति सेकेंड की रफ्तार से पेज प्रोसेस करता था पर अब उसकी रफ्तार दस लाख प्रति सेकेंड है। हररोज 16 प्रतिशत सर्च पहली बार हो रही होती हैं। हर मिनट विश्व भर में बीस लाख से ज्यादा सर्च होती हैं।

    6. जीमेल पहली अप्रैल को लांच की जाने के कारण गूगल यूजर्ज ने इसे मजाक समझा। पहली अप्रैल के ही दिन गूगल ने एक ई-मेल अपने कर्मचारियों को भेजा जिसमें लिखा था कि कैंपस में एक अजगर खुला घूम रहा है। ये भी मजाक नहीं था।

    7. गूगल अपने कैंपस की घास कटवाने के लिए बकरियां किराये पर लाता है उससे मशीनों से साफ नहीं करवाता। उनका मानना है कि बकरियां घास चरते हुए बहुत अच्छी लगतीं हैं। वे अपने कर्मचारियों को दफतर में कुत्ते लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं ।

    8. गूगल के कर्मचारियों को गूगलर और नए कर्मचारियों को नूगलर कहा जाता है।

    9. गूगल 2001 से हर हफ्ते कम से कम एक कंपनी खरीद रहा है। गूगल गणित की एक प्रणाली है।

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है विजेता मेंढक

    अखिल- दोस्तों, बहुत समय पहले की बात है एक सरोवर में बहुत सारे मेंढक रहते थे. सरोवर के बीचों-बीच एक बहुत पुराना धातु का खम्भा भी लगा हुआ था जिसे उस सरोवर को बनवाने वाले राजा ने लगवाया था. खम्भा काफी ऊँचा था और उसकी सतह भी बिलकुल चिकनी थी.

    एक दिन मेंढकों के दिमाग में आया कि क्यों ना एक रेस करवाई जाए. रेस में भाग लेने वाली प्रतियोगीयों को खम्भे पर चढ़ना होगा, और जो सबसे पहले एक ऊपर पहुच जाएगा वही विजेता माना जाएगा.

    रेस का दिन आ पंहुचा, चारो तरफ बहुत भीड़ थी; आस-पास के इलाकों से भी कई मेंढक इस रेस में हिस्सा लेने पहुचे. माहौल में सरगर्मी थी, हर तरफ शोर ही शोर था.

    रेस शुरू हुई, लेकिन खम्भे को देखकर भीड़ में एकत्र हुए किसी भी मेंढक को ये यकीन नहीं हुआ कि कोई भी मेंढक ऊपर तक पहुंच पायेगा। हर तरफ यही सुनाई देता.." अरे ये बहुत कठिन है " "वो कभी भी ये रेस पूरी नहीं कर पायंगे" "सफलता का तो कोई सवाल ही नहीं, इतने चिकने खम्भे पर चढ़ा ही नहीं जा सकता " और यही हो भी रहा था, जो भी मेंढक कोशिश करता, वो थोडा ऊपर जाकर नीचे गिर जाता, कई मेंढक दो-तीन बार गिरने के बावजूद अपने प्रयास में लगे हुए थे, पर भीड़ तो अभी भी चिल्लाये जा रही थी, " ये नहीं हो सकता, असंभव ", और वो उत्साहित मेंढक भी ये सुन-सुनकर हताश हो गए और अपना प्रयास छोड़ दिया .

    लेकिन उन्ही मेंढकों के बीच एक छोटा सा मेंढक था, जो बार-बार गिरने पर भी उसी जोश के साथ ऊपर चढ़ने में लगा हुआ था। वो लगातार ऊपर की ओर बढ़ता रहा और अंततः वह खम्भे के ऊपर पहुंच गया और इस रेस का विजेता बना.

    उसकी जीत पर सभी को बड़ी हैरानी हुई, सभी मेंढक उसे घेर कर खड़े हो गए और पूछने लगे , "तुमने ये असंभव काम कैसे कर दिखाया, भला तुम्हें अपना लक्ष्य प्राप्त करने की शक्ति कहाँ से मिली, ज़रा हमें भी तो बताओ कि तुमने ये विजय कैसे प्राप्त की ?"

    तभी पीछे से एक आवाज़ आई, "अरे उससे क्या पूछते हो, वो तो बहरा है"

    दोस्तों, अक्सर हमारे अन्दर अपना लक्ष्य प्राप्त करने की काबीलियत होती है, पर हम अपने चारों तरफ मौजूद नकारात्मकता की वजह से खुद को कम आंक बैठते हैं और हमने जो बड़े-बड़े सपने देखे होते हैं उन्हें पूरा किये बिना ही अपनी ज़िन्दगी गुजार देते हैं . आवश्यकता इस बात की है हम हमें कमजोर बनाने वाली हर एक आवाज के प्रति बहरे और ऐसे हर एक दृश्य के प्रति अंधे हो जाएं. और तब हमें सफलता के शिखर पर पहुँचने से कोई नहीं रोक पायेगा.

    वनिता- तो दोस्तों, ये थी एक प्रेरक कहानी.. उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आयी होगी। चलिए... अब हम आपको बताते हैं एक जीवन मंत्र के बारे में, जो हमारे आने वाले कार्यक्रम में भी जारी रहेगा।

    अखिल- आजका जीवन मंत्र है... जब भी कोई सफलता मिले तो सबसे पहले क्या करना चाहिए?

    दोस्तों, रामायण में सीता की खोज करते-करते श्रीराम और लक्ष्मण पहले हनुमान से मिले। हनुमानजी ने उनकी मुलाकात सुग्रीव से कराई। सुग्रीव को उसके बड़े भाई बाली ने अपने राज्य से निकाल दिया था। उसकी पत्नी रोमा को भी अपने पास ही रख लिया था।

    श्रीराम ने सुग्रीव को मदद का भरोसा दिलाया। श्रीराम ने अपना वादा निभाया। श्रीराम ने बाली को मार कर किष्किंधा का राजा सुग्रीव को बना दिया। सुग्रीव को बरसों बाद राज्य और स्त्री का संग मिला। वो पूरी तरह राज्य को भोगने और स्त्री सुख में लग गया। तब वर्षा ऋतु भी शुरू हो चुकी थी। भगवान श्रीराम और लक्ष्मण एक पर्वत पर गुफाओं में निवास कर रहे थे।

    वर्षा ऋतु निकल गई। आसमान साफ हो गया। श्रीराम को इंतजार था कि सुग्रीव आएंगे और सीता की खोज शुरू हो जाएगी। लेकिन सुग्रीव पूरी तरह से राग-रंग में डूबे हुए थे। उन्हें यह याद भी नहीं रहा कि भगवान श्रीराम से किया वादा पूरा करना है।

    जब बहुत दिन बीत गए तो श्रीराम ने लक्ष्मण को सुग्रीव के पास भेजा। लक्ष्मण ने सुग्रीव पर क्रोध किया, तब उन्हें अहसास हुआ कि विलासिता में आकर उससे कितना बड़ा अपराध हो गया है। सुग्रीव को अपने वचन भूलने और विलासिता में भटकने के लिए सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ा, माफी भी मांगनी पड़ी। इसके बाद सीता की खोज शुरू की गई।

    दोस्तों, यह प्रसंग सिखाता है कि थोड़ी सी सफलता के बाद अगर हम कहीं ठहर जाते हैं तो मार्ग से भटकने का डर हमेशा ही रहता है। कभी भी छोटी-छोटी सफलताओं को अपने ऊपर हावी ना होने दें। अगर हम छोटी या प्रारंभिक सफलताओं में उलझकर रह जाएंगे तो कभी बड़े लक्ष्यों को हासिल नहीं कर पाएंगे। जब भी कोई सफलता मिले तो सबसे पहले परमात्मा के और निकट पहुंचने के प्रयास किए जाने चाहिए, सफलता के जश्र में उसे भूलना नहीं चाहिए।

    वनिता- दोस्तों, अब से हमारे कार्यक्रम संडे की मस्ती में नई रिलिज हिन्दी फिल्मों के बारे मे बताया जाएगा और प्रोमो भी सुनवाया जाएगा। उम्मीद है कि आपको ये जरूर पसंद आएगा।

    वनिता- इस शुक्रवार को रिलिज हुई हिन्दी फिल्म 'चॉक एन डस्टर'

    अखिल- दोस्तों, इस शुक्रवार को जयंत गिलाटर के निर्देशन में बनी फिल्म 'चॉक एन डस्टर'रिलिज हुई। इस फिल्म में जूही चावला, शबाना आजमी, दिव्या दत्ता, जैकी श्रॉफ, समीर सोनी और गिरीश कर्नाड मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म शिक्षक और स्कूल की जिंदगी पर आधारित है। इसमें शबाना और जूही दोनों अध्यापक की भूमिका निभा रही हैं। इस फिल्म के बारे में जूही चावला का कहना है कि इस फिल्म की कहानी बहुत ही दिलचस्प है और पूरी भावना से लिखी गई है। यह फिल्म शिक्षकों पर आधारित एक शैक्षिक फिल्म है।

    आपको बता दें कि इस फिल्म में अनुभवी अभिनेता ऋषि कपूर अतिथि भूमिका निभाते नजर आये। आइए... हम आपको इस फिल्म का ट्रेलर सुनवाते हैं...

    वनिता- दोस्तों, ये था 'चॉक एन डस्टर'फिल्म का ट्रेलर, चलिए हंसी की डबल डोज देने के लिए हम हर बार की तरह इस बार भी आपके लिए कुछ मजेदार जोक्स लेकर आए, जिन्हें सुनकर आप लोट पोट हो जाएंगे... आइए.. सुनते हैं कुछ मजेदार जोक्स

    अखिल- 1. बेटा- पापा ये साढ़ू भाई का कौन सा रिश्ता होता है ?

    पापा- जब दो अंजान व्यक्ति एक ही कंपनी द्वारा ठगे जाते हैं तो आपस में साढ़ू कहलाते हैं।

    2. एक बार पप्पु अपने साथ कमल का फूल लेकर गया, सोचा अलग तरह से प्रपोज करेगा। जैसे ही उसने दरवाजा खटखटाया, लड़की की मम्मी ने दरवाजा खोला यह देख पप्पु सकपकाया और केवल यह ही कह पाया आंटी, अपना वोट कमल को ही देना।

    3. पत्नी- जो आदमी रोज शराब पीकर आये उसके लिए मेरे मन में कोई हमदर्दी नहीं है।

    पति- जिसको रोज शराब मिले उसे तुम्हारी हमदर्दी की जरुरत भी नहीं है।

    4. पति- तुम मेरी फिल्म में काम करोगी।

    पत्नी- हां पर सीन क्या है।

    पति- तुम्हें धीरे-धीरे पानी में जाना होगा।

    पत्नी- ठीक है पर फिल्म का नाम क्या है।

    पति- गयी भैंस पानी में।

    अखिल- दोस्तों, अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और वनिता को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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