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    आप की पसंद 160116
    2016-01-16 18:53:30 cri

    नमस्कार श्रोता मित्रों मैं पंकज श्रीवास्तव आपकी पसंद कार्यक्रम में आप सभी का स्वागत करता हूं। हर सप्ताह की तरह हम आज भी आपको देंगे कुछ रोचक,ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारियां और साथ में सुनवाएँगे आपकी पसंद के कुछ फिल्मी गाने।

    अंजली:श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपको ढेर सारी दिलचस्प जानकारियां देते हैं साथ ही आपको सुनवाते हैं आपकी पसंद के फिल्मी गीत। आज हम जिस फिल्म का गाना आपको सुनवाने जा रहे हैं उसे हमने लिया है फिल्म जैसे को तैसा से इसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने संगीतकार हैं आर डी बर्मन और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. अब के सावन में जी डरे ....

    पंकज: पर्यावरण की रक्षा के लिये कम मांस खाना बेहतर

    .... ब्रितानी वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर मौजूदा रफ़्तार से ही मांस और डेयरी उत्पादों की खपत होती रही तो ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में कटौती के लक्ष्य को हासिल मुमकिन नहीं होगा.

    ये बात 'नेचर क्लाइमेट चेंज' में प्रकाशित कैम्ब्रिज और एबरडीन विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं के एक अध्ययन में कही गई है.

    इस अध्ययन में अनुमान जताया गया है कि साल 2050 तक खाद्य उत्पादन से होने ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में 80 फ़ीसदी की वृद्धि होगी.

    उनका कहना है कि अगर विकासशील देशों में खेती करने के तौर तरीक़ों को बेहतर बनाएं, तो इसे रोका जा सकता है.

    लेकिन इसके लिए खाने की बर्बादी और मांस की खपत को कम करना भी ज़रूरी है.

    अंजली: चलिये ये जानकारी तो बहुत अच्छी थी खासकर भारतीयों के लिये क्योंकि विश्व की आधी शाकाहारी जनसंख्या भारत में ही रहती है, वैसे हम चीनियों के लिये ये खबर अच्छी नहीं है क्योंकि हमलोग तो हर वक्त के खाने में मांस खाते हैं, हमारे लिये ये संभव नहीं है कि हम मांस और मछली खाना छोड़ दें क्योंकि हमारे खानों का मुख्य आधार ही मांस है। खैर इस समय मेरे हाथ में हमारे पुराने और चिर परिचित श्रोता का पत्र है जिसे हमें भेजा है परमवीर हाऊस, आदर्श नगर, बठिंडा, पंजाब से अशोक ग्रोवर, परवीन ग्रोवर, नीती ग्रोवर, पवनीत ग्रोवर, और विक्रमजीत ग्रोवर आप सभी ने सुनना चाहा है कालीचरण फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. ये पल चंचल खो न देना ....

    पंकज: मित्रों हमारे पास जो अगली जानकारी आई है वो है थाईलैंड से, यहां पर एक मंदिर है जो कि हिंदू और बौद्ध कल्चर का मिला-जुला नमूना, इसे थाईलैंड का व्हाइट टेंपल भी कहा जाता है।

    थाईलैंड का वैट रोंग खुन मंदिर, यह अपने खूबसूरत डिज़ाइन की वजह से दुनियाभर में बहुत फेमस है। इस मंदिर के अंदर फोटोग्राफी करना मना है। बाहर से ही देखने में यह मदिंर किसी स्वर्ग से कम नहीं है। इसका आर्किटेक्चर हिंदू और बुद्ध स्टाइल में है। व्हाइट मंदिर नाम से फेमस इसे 1997 में आर्किटेक्ट चालरेमशाई कॉसिपिपैट ने बनाया था।

    5 मई 2014 को थाईलैंड में आए भूकंप की वजह से यह मंदिर पूरी तरह तबाह हो गया। भूकंप का सेंट्रल पॉइंट मंदिर के कुछ दूरी पर ही था, जिससे यह खूबसूरत मंदिर बुरी तरह डैमेज हुआ। लेकिन आर्किटेक्ट चालरेमशाई कॉसिपिपैट ने इस मंदिर को 2 साल के अंदर ही एक बार फिर पहले जैसे बनाने का जिम्मा उठाया। अब इस मंदिर का केवल कुछ भाग ही लोगों के लिए खुला है मंदिर का शेष हिस्सा धीरे-धीरे लोगों के लिए खुल रहा है।

    पंकज: यहां आदीवासी करते हैं शिवलिंगम की पूजा, INDIA की गुफाएं और उनका महत्व

    भारत सुंदरता और विविधताओं का देश है। इसकी विशेषताओं के बारे में जितना बताया जाए, कम होगा। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन गुफाएं आज भी लोगों को आश्चर्यचकित कर देती हैं। देश की गुफाएं यहां के इतिहास की कहानी कहती हैं। आज हम आपको भारत की कुछ ऐसी ही ऐतिहासिक गुफाओं के बारे में बता रहे हैं। यहां आप बच्चों और फैमिली के साथ घूमने के लिए जा सकते हैं।

    1-बॉर्रा गुफा

    यह गुफा आंध्र प्रदेश के विशाखापट्ट्नम जिले में अराक वैली की अनंतगिरी पहाड़ी में स्थित है। विशाखापट्टनम के बेस्ट टूरिस्ट प्लेसेस में यह गुफा शामिल है। इस गुफा में आपको शिवलिंग मिलेगा, जिसकी पूजा आस-पास के आदिवासी लोग करते हैं। आंध्र प्रदेश की बेलम और उंडावल्ली गुफाएं फेसम गुफाओं में से हैं।

    2-बाघ गुफाएं

    मध्य प्रदेश में विध्यांचल की दक्षिणी ढलानों के बीच में बौद्ध रॉक कट गुफा स्थित है। यह गुफा फेमस नौ रॉक कट पहाड़ों में से एक है, जिन पर पेंटिंग्स बनायी गई हैं, जिसे 'रंग महल' और 'प्लेस ऑफ कलर' के नाम से जाना जाता है। मध्य प्रदेश में इन गुफाओं के अलावा भीमबैटका और विदिशा में स्थित उदयगिरी गुफाएं भी प्रसिद्ध हैं।

    अंजली: आप हमारे श्रोताओं को जानकारी देने का सिलसिला आगे बढ़ाएं इससे पहले मैं अपने श्रोताओं को सुनवाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है लालूचक, भागलपुर, बिहार से विष्णु कुमार चौधरी, श्रीमती गायत्री देवी, आरती कुमारी, सागर और बादल ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म बदलते रिश्ते का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार, मोहम्मद रफ़ी और सुमन कल्याणपुर ने, गीतकार हैं अंजान और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. ये दुनिया के बदलते रिश्ते ....

    पंकज: 3-उदयगिरी गुफाएं

    उदयगिरी की गुफाएं आदिवासी बहुल राज्य ओडिशा में भुवनेश्वर के निकट स्थित हैं। उदयगिरी गुफा और खंडगिरी गुफा 33 पहाड़ों को काटकर बनाई गई हैं। ये अपने कक्षों, मूर्तियों और दीवारों पर की गई चित्रकारी के लिए फेमस हैं। बेहद आकर्षक इन दोनों गुफाओं से कई धार्मिक मान्यताएं भी जुड़ी हैं।

    4-बादामी गुफा

    यह सुंदर और नक्काशीदार गुफा कर्नाटक के बादामी में स्थित है। बादामी की चार गुफाओं में से दो गुफाएं भगवान विष्णु, एक भगवान शिव और एक जैन धर्म से संबंधित बताई जाती हैं। पहाड़ों को काट कर लाल पत्थर से बनायी गई ये गुफाएं अपनी सुंदरता के लिए फेमस हैं। पत्थरों में की गयी नक्काशी देखने लायक है। इसके अलावा, कर्नाटक में एहिलो गुफा भी आकर्षण का केंद्र है।

    5-बाराबर गुफाएं

    बाराबर गुफाएं बिहार के गया जिले में स्थित हैं। ये गुफाएं बाराबर की दो पहाड़ियों में हैं। यहां कुल चार गुफाएं हैं और नागार्जुन की पहाड़ियों में तीन गुफाएं हैं। ये गुफाएं देश की सबसे प्राचीन गुफाओं में से हैं। यहां कलाकृतियां भी मिलती हैं। इन गुफाओं के अलावा, सुदामा और सोनभद्रा भी बिहार की प्रसिद्ध गुफाओं में से एक हैं।

    6-अजंता की गुफाएं

    महाराष्ट्र के जलगांव में देश की सबसे खूबसूरत और बड़ी गुफाओं में से एक है यह गुफा। इन गुफाओं की दीवारों पर पेंटिंग्स बनी हुई हैं, जो प्राचीन मनुष्य की कला का अनूठा उदाहरण हैं। भारत की अजंता और एलोरा की गुफाओं की कलाकृतियों दुनिया भर के पर्यटकों का मन मोह लेती हैं। ये बौद्ध काल की बताई जाती हैं। महाराष्ट्र की दूसरी फेमस गुफाएं हैं कारला, भाजा और कन्हेरी। एलोरा और एलिफेंटा तो दुनिया भर में मशहूर गुफाओं में से एक हैं।

    7-एडाक्कल गुफा

    केरल के वयनाड की अंबुकुथी हिल्स में दो प्राकृतिक गुफाएं हैं। एडाक्कल की ये दोनों गुफाएं पवित्र स्थलों के रूप में प्रसिद्ध हैं। एडाक्कल गुफा का मतलब होता है 'पत्थरों के बीच', जो प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है।

    अंजली: मुझे ऐसा महसूस हो रहा है कि इस समय हमारे श्रोताओँ का मन कर रहा है कि उन्हें एक मधुर गीत सुनवाया जाए, क्योंकि आप जो जानकारी दे रहे हैं उसमें और भी मज़ा तब आएगा जब हम श्रोताओं को गाना सुनवाएंगे, हमारे पास कार्यक्रम का अगला पत्र आया है जिला मुरादाबाद, ग्राम महेशपुर खेम उत्तर प्रदेश से जिसे लिखा है तौफ़ीक अहमद सिद्दिकी, अतीक अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है अर्पण फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. परदेस जा के परदेसिया ....

    पंकज: 8-वराह गुफाएं

    तमिलनाडु में चेन्नई के कोरोमंडल के पास महाबलिपुरम में यह गुफा स्थित है। वराह गुफा में भगवान विष्णु का मंदिर है। चट्टानों को काट कर की गई कलाकारी इतनी सुंदर है कि इसे यूनेस्को की विश्व विरासत का हिस्सा बनाया गया है। वराह गुफा पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। इस गुफा के अलावा सित्तनवसल और नार्थमलाई गुफा भी काफी फेमस है।

    9-माव्समाई गुफा

    माव्समाई गुफा मेघालय के चेरापूंजी के पास स्थित है, जिसे दुनिया का सबसे नमी वाला स्थान माना जाता है। लाइमस्टोन से बनी यह ख़ूबसूरत गुफा नौशन्तियांग झरने से ज़्यादा दूर नहीं है। माव्समाई गुफा भारत की सबसे प्रसिद्ध गुफाओं में एक है, जहां रोशनी भी है, जबकि दूसरी गुफाएं अंधकारमय हैं।

    10-जोगीमारा गुफा

    छत्तीसगढ़ में आपको देखने के लिए घने जंगल, वन्य जीव, आदिवासी और प्राकृतिक सुंदरता मिलेगी। सीताबेंग गुफा सरगुजा जिले के अंबिकापुर की रामगढ़ पहाड़ियों में स्थित है। दरअसल, ये दो गुफाएं हैं। एक सीताबेंग और दूसरी जोगीमारा। यहां तक पहुंचने के लिए आपको प्राकृतिक टनल हतिपल के रास्ते से जाना होगा। छत्तीसगढ़ के पहाड़ी इलाकों और घने जंगल से होते हुए ही आप कैलाश गुफा, दंडक गुफा और कुटुमसर गुफा (जो कांगड़ वैली के नेशनल पार्क के पास है) तक पहुंच सकते हैं।

    पंकज: मित्रों इस जानकारी के बाद अब हम आपको एक ऐसी खबर सुनाने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप अचरज में पड़ जाएंगे, क्या कभी आपने ऐसा सुना है कि किसी बच्चे के तीन माता पिता हैं ?

    जीहां ऐसी एक लड़की है जिसके तीन 'माता-पिता' हैं

    एक मां और एक पिता की संतान में तो कुछ भी असामान्य नहीं है। लेकिन अगर किसी बच्चे के शरीर में तीन लोगों का डीएनए हो तो ?

    कुछ ऐसा ही मामला है अलाना सारीनेन का और दुनिया में ऐसे गिने चुने ही किस्से हैं।

    अलाना सारीनेन को गोल्फ़ खेलना, पियानो बजाना, संगीत सुनना और दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद है। इन सब आदतों को देखते हुए वह दुनिया की दूसरी किशोरियों की तरह ही है, लेकिन असल में उनसे भिन्न हैं।

    अंजली: ये जानकारी काफ़ी दिलचस्प है लेकिन आगे बढ़ने से पहले मुझे अपने श्रोताओं को एक और गाना सुनाना है इस गाने के लिये हमें पत्र भेजा है इन्द्रपाल सिंह भाटिया, बंटी भाटिया, साबो भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, सिमरन भाटिया और पूरे भाटिया परिवार ने आप सभी ने सुनना चाहा है अपनापन फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और सुलक्ष्णा पंडित ने संगीतकार हैं लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. सोमवार को हम मिले .....

    पंकज: अलाना कहती हैं, "कई लोग मुझसे कहते हैं कि मेरा चेहरा मेरी मां से मिलता है, मेरी आंखे मेरे पिता की तरह हैं. वगैरह-वगैरह.. मुझे कुछ विशेषताएं उनसे मिली हैं और मेरी शख्सियत भी कुछ उनकी ही तरह है."

    वह कहती हैं, "मेरे शरीर में एक और महिला का भी डीएनए है. लेकिन मैं उन्हें अपनी दूसरी मां नहीं मानती, मेरी शरीर में उनके कुछ माइटोकॉन्ड्रिया हैं."

    अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्या होता है माइटोकॉन्ड्रिया और क्या है इसका महत्व

    माइटोकॉन्ड्रिया किसी भी कोशिका के अंदर पाया जाता है जिसका मुख्य काम कोशिका के हर हिस्से में ऊर्जा पहुंचाना होता है. इसी कारण माइटोकांड्रिया को कोशिका का पावर हाउस भी कहा जाता है.

    माइटोकॉन्ड्रिया की एक ख़ासियत यह है कि यह सिर्फ़ मां से ही विरासत में मिलते हैं, पिता से कभी नहीं.

    अलाना दुनिया की उन 30 से 50 लोगों में से एक हैं, जिनके शरीर में किसी तीसरे व्यक्ति के कुछ माइटोकॉन्ड्रिया हैं और इसी वजह से कुछ डीएनए भी.

    अमरीका के एक मशहूर इनफर्टिलिटी केंद्र में उपचार के बाद वह गर्भ में आई थीं, जिस पर बाद में प्रतिबंध लगा दिया गया था.

    कब ज़रूरी होती है ये तकनीक

    लेकिन, जल्द ही अलाना जैसे लोगों की तादाद बढ़ सकती है, क्योंकि ब्रिटेन अनुवांशिक बीमारी को खत्म करने के लिए माइटोकॉन्ड्रिया लेने की नई तकनीकी को क़ानूनी दर्जा दे सकता है.

    इसे माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट कहा जाता है और अगर ब्रितानी संसद से इसे मंज़ूरी मिल जाती है तो ब्रिटेन तीन लोगों के डीएनए लेकर पैदा होने वाले बच्चों को क़ानूनी वैधता देने वाला पहला देश होगा.

    दरअसल, अलाना की मां शेरोन सारीनेन दस साल से आईवीएफ तकनीक से मां बनने का प्रयास कर रही थी.

    शेरोन कहती हैं, "मैं अयोग्य महसूस कर रही थी. मुझे अपराधबोध हो रहा था कि मैं अपने पति को एक बच्चा नहीं दे पा रही हूं. मैं सो नहीं सकती थी और चौबीसों घंटे मेरे दिमाग में यही सब चलता रहता था."

    साइटोप्लास्मा

    1990 के दशक में विकसित साइटोप्लास्मिक ट्रांसफ़र टेस्ट ट्यूब बेबी की उन्नत तकनीक है, जिसमें शुक्राणु को एक अंडाणु में डाला जाता है.

    अमरीका के न्यू जर्सी में डॉक्टर ज्याक कोहेन ने एक महिला के साइटोप्लास्म को शेरोन के अंडाणु में स्थानांतरित किया. इसके बाद उसे उसके पति के शुक्राणु के साथ फर्टिलाइज़ किया गया.

    इस प्रक्रिया के दौरान कुछ माइटोकॉन्ड्रिया भी स्थानांतरित हुआ और उस महिला का कुछ डीएन भी भ्रूण में पहुंच गया.

    शेरोन कहती हैं कि उनकी बेटी अलाना स्वस्थ और अन्य किशोरियों की तरह है.

    वह कहती हैं, "मैं इससे बेहतर बच्चे की इच्छा नहीं रख सकती थी. वह कुशाग्र और सुंदर है. उसे गणित और विज्ञान पसंद हैं. जब वो पढ़ नहीं रही होती है तो घर के काम में मेरी मदद करती है."

    अंजली: और अब चलते चलते हम अपने श्रोताओं को कार्यक्रम का अंतिम गीत भी सुनवाते चलें जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिखा है धर्मेंद्र सिंह और इनके सभी परिजनों ने माल्थोर, जिला सागर मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है जंगल में मंगल फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने संगीत दिया है शंकर जयकिशन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. तुम कितनी खूबसूरत हो ....

    पंकज: तो मित्रों इस गाने के साथ ही हमें आपकी पसंद कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दें, अगले सप्ताह हम आज के दिन और आज ही के समय पर फिर आपके सामने आएंगे कुछ रोचक, ज्ञानवर्धक और आश्चर्यजनक जानकारी के साथ और आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के कुछ मधुर फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली: नमस्कार।

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