दोस्तो, शायद आप ने ह्वांग शान पर्वत का नाम कभी सुना हो। ह्वांगशान पर्वत अपने अनोखे प्राकृतिक दृश्यों के लिए चीन में बहुत प्रख्यात है और साल भर देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर खींचे रखता है। इस प्रसिद्ध पर्वत की तलहटी में स्थित ई श्येन नामक काउंटी है तो छोटी सी पर देखने लायक है। पूर्वी चीन के आन ह्वी प्रांत में स्थित ई श्येन काउंटी में सी ती और हुंग छुन नामक दो गांवों में सुरक्षित प्राचीन वास्तुशैली वाले कोई तीन हजार छः सौ से अधिक मकान बहुत प्रसिद्ध हैं। इसलिये सी ती व हुंग छुन नामक ये दो गांव चीन के मिंग व छिंग राजवंशों के ग्रामीण रिहायशी मकानों के संग्रहालय माने जाते हैं। छः साल पहले पुरानी वास्तु शैलियों वाले ये मकान चीनी आन ह्वी प्रांत की पुरानी शैली वाले मकानों की हैसियत के कारण विश्व ऐतिहासिक सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किये गये हैं । आज के चीन का भ्रमण कार्यक्रम में हम आप को ले चल रहे हैं इसी ई श्येन काउंटी के सी ती और हुंग छुन गांवों की सैर पर।
सी ती और हुंग छुन नामक ये दो गांव ई श्यान कांऊटी शहर से ज्यादा दूर नहीं हैं । सी ती गांव ई श्यान कांऊटी शहर से केवल आठ किलोमीटर दूर है। यह गांव पूर्व से पश्चिम तक सात सौ मीटर लम्बा है और उत्तर से दक्षिण तक लगभग तीन सौ मीटर चौड़ा है । क्योंकि इस गांव के पास एक नहर पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है , और पुराने जमाने में यहां डाक-घर था , इसलिये इस गांव का नाम सी ती रखा गया ।
सी ती गांव में अब भी मिंग व छिंग राजवंशों में निर्मित दो सौ से अधिक मकान बड़े अच्छे ढंग से सुरक्षित रखे गये हैं , जिन में कुछ मकान छः सौ वर्ष से भी अधिक पुराने हैं । सी ती गांव का इतिहास कोई छः सौ वर्ष पुराना है। इस गांव में पुरानी शैली वाले सौ से अधिक मकानों का समूह वर्षों से हवा-पानी के थपेड़े सहता ज्यों का त्यों खड़ा है।
इस गांव में हर जगह पुरानी स्थानीय वास्तुशैली में निर्मित मकान देखे जा सकते हैं। छायादार वृक्षों के बीच स्थित सफेद दीवारों व काले खपरैलों वाले इन पुराने मकानों की अपनी अलग ही पहचान है।
चीनी अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन एजेंसी की गाईड सुश्री काऊ ली ने परिचय देते हुए कहा कि सी ती गांव में दो सौ से अधिक पुराने मकान 99 ऊंची दीवारों से घिरे हुए हैं। कोई भी पर्यटक इस प्रकार की चार दीवारी से घिरे बड़े घर में प्रवेष करते ही भ्रम में पड़ जाता है ।
उन्हों ने कहा कि सी ती गांव में बहुत से पुराने बड़े मकान हैं ।उन में कोई बारह,तेरह शानदार मकान पर्यटकों के लिये खुले हुए हैं । ये रोशनीदार मकान बहुत साफ-सुथरे दिखाई देते हैं , और मकानों में सुसज्जित फर्नीचर , चित्र जैसी सजावट भी कई सौ वर्ष पहले के मिंग व छिंग राजवंश कालों की ही है ।
ऐतिहासिक ग्रंथों के अनुसार सात वीं शताब्दी में चीन में एक राजकुमार विप्लव की वजह से भाग कर यहां आ पहुंचा था। इस के बाद धीरे-धीरे दूसरे लोगों ने भी यहां आकर इसे गांव का रूप दे दिया । 14 वीं शताब्दी के बाद इस गांव के कुछ लोग बाहर पढ़ने के बाद व्यापार का काम करने लगे , फिर मालामाल होकर घर वापस आये । वापसी के बाद उन्हों ने सी ती गांव में शानदार मकान , मंदिर , सड़क और पुल बनवाये और सी ती गांव बहुत रौनकदार हो गया ।
चीनी भवन निर्माण शास्त्री श्री यांग हूंग शुन ने कहा कि सी ती गांव की सब से बड़ी विशेषता पत्थर , संगमरमर और काष्ठ की नक्काशी है । उन्हों ने कहा
सी ती गांव की अपनी अलग पहचान यह है कि पुरानी वास्तु शैली वाले मकानों की संख्या अधिक है और नक्काशीदार सजावट उच्च कोटि की ही नहीं ,उस की कला व स्तर भी बहुत बढ़िया है ।
सी ती गांव का दौरा करने के बाद अब हम चलते हैं हुंग छुन नामक गांव देखने ।
हुंगछुन गांव का क्षेत्रफल 19 हैक्टर विशाल है और वह ई श्येन कांऊटी शहर से 11 किलोमीटर दूर है । हुंग छुन गांव सी ती गांव से कुछ पुराना है ।
सी ती गांव से 20 किलोमीटर दूर स्थित हुंग छुन गांव भी अपने ही ढंग का है। इस गांव का आकार एक सुप्त गाय जैसा है। गांव के चारों तरफ हरे- भरे पर्वत और छायादार वृक्ष नज़र आते हैं और गांव के भीतर की नालियों का पानी एकदम साफ दिखता है। अनेक नालियां कलकल करती गांव के घरों के सामने से होकर बहती हैं। गांव को चीर कर बहने वाली ये नालियां इस गांब की सब से बड़ी विशेषता हैं। गांव के अधिकतर परिवार अपने घरों में इन्हीं नालियों का पानी इस्तेमाल करते हैं।
चीनी भवन निर्माण शास्त्री श्री यांग हुंग शुन ने परिचय देते हुए कहा कि हुंग छुन गांव में पहाड़ से पानी की सप्लाई व्यवस्था ने चीन के भवन निर्माण वैज्ञानिकों को चमत्कृत कर दिया है ।साथ ही जापान , अमरीका और जर्मनी जैसे देशों के विशेषज्ञों का ध्यान भी अपनी ओर खींचा है ।
हुंगछुन गांव ने अपने भौगोलिक पर्यावरण और स्थिति का बखूबी ढंग से प्रयोग किया है । चीनी लोग प्राचीन-काल से ही प्रकृति का समादर करते हैं और स्थानीय प्राकृतिक स्थिति का प्रयोग भी करते हैं । हुंगछुन गांव पहाड़ से सटा हुआ है और सामने नहरें बहती हैं , इसलिये यह स्थिति जल निकासी के लिये बहुत सुविधाजनक है ।
हुंगछुन गांव में मिंग व छिंग राजवंश कालों में निर्मित प्राचीन शैलियों वाले मकान सुरक्षित हैं , जिन में 150 वर्ष से भी ज्यादा पुराना छंग ची थांग प्रांगण सब से उल्लेखनीय है। वह एक तत्कालीन नमक व्यापारी का निवास स्थान था। लकड़ियों से निर्मित इस मकान का क्षेत्रफल तीन हजार वर्गमीटर से अधिक है। मकान के पत्थरों व लकड़ियों पर चित्रों व मानवाकृतियों की जो सुनहरी नक्काशी की गयी है, वह बहुत सजीव लगती है। छंग ची थांग को अपनी अद्भुत भव्यता के लिए प्राचीन लोक प्रासाद के नाम से भी जाना जाता है।
इस प्रांगण के दौरे पर हमारे संवाददाता की पेइचिंग से आय़े एक पर्यटक ली चिन से मुलाकात हुई । उन्हों ने अपना अनुभव बताते हुए कहा
छंग ची थांग प्रांगण में लकड़ियों पर नक्काशीदार मानवाकृतियां हो या शीशों व पत्थरों पर फूलों व पक्षियों की आकृतियां...सब बहुत जीती-जागती लगती हैं। एक दरवाजे पर नक्काशीदार चित्र बहुत ध्यानाकर्षक है । चित्र में विभिन्न मुद्राओं में सौ बच्चे नाचते , ढोल पीटते , पटाखे छोड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं।
चीनी भवन निर्माण शास्त्री श्री यांग हुंग शुन ने कहा कि चित्र जैसे प्राचीन वास्तु शैली युक्त वातावरण अधिकाधिक देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभा लेता है ।
उन्हों ने कहा कि मानव जाति की विविधतापूर्ण सांस्कृतिक धरोहर की हैसियत से सी ती व हुंग छुन गांवों ने मिंग व छिंग राजवंशों की ऐतिहासिक स्थितियों को प्रतिबिंबित किया है । देशी-विदेशी पर्यटक यहां आकर इतने अच्छे ढ़ंग से संरक्षित इतनी सुंदर वास्तु कलात्मक कृतियों को देखकर खुश हो जाते हैं।