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    टी टाइम 160105 (अनिल और ललिता)
    2016-01-07 08:57:45 cri

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः लीजिए दोस्तो, पोग्राम शुरू करते हैं।

    अनिलः चीन से जुड़ी एक और अजब-गजब खबर दुनिया में छाई हुई है। दरअसल, यहां साल 2014 में हुए ई-कॉमर्स की वजह से 28 लाख टन पार्सलों का कचड़ा जमा हो गया है।

    साल 2014 में चीन में 14 अरब पैकेटों की आपूर्ति की गई थी। इस कचड़े से 2 लाख फुटबॉल मैदानों को भरा जा सकता है और इनमें उपयोग किए गए टेप से धरती को 300 बार लपेटा जा सकता है।

    बीजिंग की शिशु उत्पाद विक्रेता शी चुन ऑनलाइन माध्यम से ऑर्डर देने वाले खरीदारों को भेजे जाने वाले पार्सलों पर हर महीने 20000 मीटर टेप चिपकाती हैं। शी चुन ने कहा कि मैं नहीं जानती कि कहीं टेप या पैकेजिंग सामग्री को रिसाइकिल भी किया जाता है या नहीं।

    ई-कॉमर्स कंपनियां ऑनलाइन बिक्री के सबसे बड़े दिवस सिंगल्स डे पर मिले ऑर्डर की आपूर्ति कर चुकी हैं, लेकिन चीन में बिक्री का दूसरा सबसे बड़ा दिन 12 दिसंबर या 'डबल 12' सामने खड़ा है। 11 नवंबर को सिंगल्स डे पर करीब 76 करोड़ पैकेटों की आपूर्ति की गई थी।

    पश्चिमोत्तर चीन के शांक्सी प्रांत की राजधानी शियान के एक रिसाइक्लिंग विशेषज्ञ चेन जियान ने कहा कि अधिकतर पैकेजिंग सामग्रियों को रिसाइकिल किया जा सकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि बहुत कम की रिसाइक्लिंग होती है। शियान में हर साल इन पैकेटों में से सिर्फ 60 फीसद को रिसाइकिल किया जाता है।

    ललिताः वहीं यूपी के वाराणसी में रहने वाले 9 साल के रोहित निषाद ने एक ऐसी नाव का आविष्कार कर दिया है, जिसे देख लोग चौंक रहे हैं। दरअसल, वेस्ट मैटेरियल के जरिए बनी ये नाव अभी तक बनने वाली परंपरागत नाव से काफी हल्की है और इससे मिलती-जुलती दूसरी नाव को बेहद कम खर्च में ही बनाया जा सकता है।

    वेस्ट मैटेरियल के जरिए नाव बनाने का ये कारनाम लोगों के साथ-साथ कई विशेषज्ञों को इसलिए भी हैरान कर रहा है, क्योंकि रोहित नेे सिर्फ तीसरी क्लास तक पढ़ाई की है। घर की कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते उसे अपने पढ़ाई छोड़ना पड़ गया था।

    रोहित की बनाई नाव का वजन 16 किलो से कम है, जिसमें बरबाद हो चुके थर्माकोल का खूब प्रयोग किया गया है। परंपरागत नाव का वजन लगभग 70 किलो होता है और उसकी कीमत भी करीब 40 हजार रुपए होती है। रोहित ने नाव में उन वेस्ट मैटेरियल का उपयोग किया है, जिसे लोग विभिन्न पूजन कार्यक्रम के दौरान फेंक दिया करते हैं।

    रोहित की बनाई खास नाव वजन में हल्की होने के साथ-साथ लोगों को देखने में इतनी अच्छी लग रही है कि वो अपने आपको उसकी सवारी करने से रोक नहीं पा रहे हैं। वाराणसी में गंगा नदी के जैन घाट पर उसकी इन नाव की सवारी करते लोगों को देखा जा सकता है।

    अनिलः दोस्तो, लोग आजकल अपनी मृत्यु से पहले क्या-क्या नहीं करते।

    62 साल की मेंडी मक्गावयर ने अपने बगीचे में ताबूत सजाया है। दरअसल, मेंडी अपने अंतिम संस्कार की तैयारी कर रही हैं और उन्होंने अपने ताबूत और कपड़ों से लेकर यह तक तय कर लिया है कि उस वक्त क्या म्यूजिक बजेगा।

    मेंडी ने जब यह बात अपनी दोस्त जीना को बताई तो पहले तो वह थोड़ा सकपका गई, लेकिन फिर दोनों ने मिल कर उसका ताबूत तैयार किया।

    मेंडी का ताबूत भी काफी खास और बाकी ताबूतों से अलग है। मेंडी ने अपना ताबूत कागज का बनवाया है, जो जमीन में आसानी से दफनाया जा सके और बाद में उसी में जल्द से जल्द गल जाए। मेंडी के न तो बच्चे हैं न परिवार में कोई और। खास रिश्तेदार के नाम पर बस एक भतीजी है।

    ललिताः मेंडी के दोस्तों ने मेंडी की पसंद को ध्यान में रखते हुए ताबूत को डिजाइन किया है। यह एक ऐसी काल्पनिक चिढ़िया के आकार में बना है, जिसका शरीर शेर जैसा और मुंह स्त्री जैसा है। यह बन कर इतना सुंदर लग रहा है कि मेंडी ने कुछ समय इनसे अपने बगीचे में ही रखने का फैसला किया है।

    मेंडी कहती हैं कि अंतिम संस्कार जैसी चीजों में बहुत तनाव भी होता है इसलिए वो नहीं चाहती कि उनके दोस्तों को उनके लिए परेशान होना पड़े, इसलिए सारी तैयारी खुद कर रही हैं। मेंडी के मुताबिक लकड़ी के बने ताबूत आखिरकार जला दिए जाते हैं और प्रदूषण फैलाते हैं, इसलिए उन पर ज्यादा रुपए खर्च करना बर्बादी है।

    वो अपने रुपए अपने दोस्तो पर खर्च कर देंना चाहती हैं, जिससे उनके मरने पर वह लोग दुखी होने के बजाए उन्हें याद करके जश्न मना सकें।

    अनिलः एक जमाने में खेल और खिलाड़ियों को लेकर बॉलीवुड में फिल्में नहीं बनाई जाती थी पर कुछ सालों में यह ट्रेंड बदला बदला सा नजर आ रहा है। इसका कारण यह है कि अव्वल नंबर (1990), जो जीता वही सिकंदर (1992), लगान(2001) और चक दे इंडिया (2007) ने फिल्मों को बड़ी स्क्रीन पर हिट करवाया है।

    'भाग मिल्खा भाग' और 'मैरीकॉम' जैसी सफल फिल्में बनने के बाद खिलाड़ियों पर बनने वाली बॉयोपिक मूवीज का बॉलीवुड में एक नया दौर शुरू हो गया है। आइए जानते हैं साल 2016 में खेल पर आधारित आने वाली कुछ बड़ी फिल्मों के बारे में।

    कुश्ती

    सुलतान---अली अब्बास जफर निर्देशित आने वाली फिल्म 'सुल्तान' में सुपरस्टार सलमान खान एक कुश्तीबाज का किरदार निभा रहे हैं। इस फिल्म के लिए सलमान खान ने मार्शल आर्ट्स और कुश्ती में प्रशिक्षण लिया है। ये फिल्म साल 2016 में रिलीज हो रही है।

    दंगल--आमिर खान कुश्ती पर ही आधारित फिल्म दंगल में काम कर रहे हैं। इस फिल्म में वह कुश्ती कोच के किरदार में हैं और यह फिल्म महाबीर फोगाट और उनकी रेसलर बेटियों गीता-बबीता फोगाट की जिंदगी पर अाधारित है।

    ललिताः बॉक्सिंग-

    राजकुमार हिरानी के प्रोडक्शन में बनी फिल्म 'साला खड़ूस' में आर माधवन एक बॉक्सिंग कोच की भूमिका अदा कर रहे हैं। गौरतलब है कि इससे पहले भी बॉक्सिंग के ऊपर 'मेरी कॉम' और अक्षय कुमार की फिल्म 'ब्रदर्स' भी आई थी। अब देखना यह है कि आर माधवन की यह फिल्म क्या कमाल दिखाती है। 'साला खड़ूस' अगले साल 28 जनवरी 2016 को रिलीज होगी।

    अनिलः

    धोनी बॉयोपिक-इंडिया के सबसे सफल कप्तान एमएस धोनी के ऊपर इस बॉयोपिक में सुशांत सिंह राजपूत क्रिकेटर हीरो के तौर पर फिल्‍माए गए हैं। इश फिल्म को नीरज पांडेय डायरेक्‍ट कर रहे हैं।

    अजहर बॉयोपिक--मोहम्मद अजहरूद्दीन पर बनने वाली फिल्म 'अजहर' भी साल 2016 में दर्शकों के बीच होगी। फिल्म में इमरान हाशमी मोहम्मद अजहरूद्दीन की भूमिका में दिखेंगे।

    ललिताः साइना नेहवाल बॉयोपिक--निर्देशक अमोल गुप्ते भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल पर फिल्म बना रहे हैं।

    अन्य बॉयोपिक फिल्में!---इसके साथ 2016 में कुछ अन्य फिल्मों को भी बनाया जा सकता है। जिनमें से ये शामिल है--गामा पहलवान के उपर परमीत सेठी फिल्म बना सकते हैं। फुटबॉलर सिबदास भादुड़ी पर सुजीत सरकार द्वारा निर्देशित की जा सकती है, हॉकी के जादुगर कहलाने वाले ध्यानचंद पर फिल्म करण जौहर द्वारा बनाई जा सकती है

    अनिलः वहीं.. रिलायंस कंपनी ने अपने ग्राहकों के लिए 4जी सेवाएं उप्लब्ध कराने का ऐलान किया है। लेकिन रिलायंस से पहले ही एयरटेल कंपनी ने अपनी 4जी सेवाएं बाजार में उतार दी हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या है 4जी, जानें 4जी के बार में चार अहम बातें:

    4जी?

    4जी यानी 'फोर्थ जेनरेशन'ऐसा मोबाइल नेटवर्क है जो बात करते वक्त बेहतर 'वॉयस क्वॉलिटी'और इंटरनेट इस्तेमाल करते हुए 3जी से कहीं ज़्यादा तेज़ स्पीड से जानकारी अपलोड और डाउनलोड करने की सुविधा देगा।

    3जी पर डाउनलोड की औसतन स्पीड 14 एमबीपीएस और अपलोड की स्पीड क़रीब पांच एमबीपीएस होती है। 4जी पर डाउनलोड स्पीड 100 एमबीपीएस और अपलोड स्पीड 50 एमबीपीएस होने का दावा किया जा रहा है।

    लेकिन मौजूदा समय में 3जी के उपभोक्ता भी बेहद कम स्पीड मिलने की शिकायत करते रहे हैं। इसी साल जारी फ़ेसबुक कंपनी के एक शोध के मुताबिक़ भारत में मोबाइल पर इंटरनेट इस्तेमाल करनेवाले उपभोक्ताओं में से महज़ 13 प्रतिशत ही 3जी और 4जी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

    4जी सेवा लेने के लिए ऐसा मोबाइल और ऐसा सिम कार्ड चाहिए जो 4जी 'एनेबल्ड' हों। बाज़ार में अब ज़्यादातर मोबाइल ब्रैंड 4जी 'एनेबल्ड' फोन बना रहे हैं।

    इनमें चीनी ब्रांड शियाओमी और आसुस से लेकर अन्य अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड्स जैसे सैमसंग और आई-फोन तक उप्लब्ध हैं।

    ललिताः 3जी नेटवर्क की शुरुआत के व़क्त 3जी 'एनेबल्ड'फोन काफ़ी महंगे थे। पर ऐसी दिक़्क़त अब नहीं है क्योंकि बाज़ार में 4जी 'एनेबल्ड'फोन 7-8 हज़ार रुपए में भी मिल रहे हैं।

    टेलीकॉम रेग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़ भारत में वायरलेस इंटरनेट सेवा देने वाली सबसे बड़ी कंपनी एयरटेल, इस साल अगस्त में 296 छोटे-बड़े शहरों में 4जी नेटवर्क उपलब्ध कराने वाली पहली कंपनी बन गई।

    फिलहाल वो 3जी सेवा की कीमत पर ही 4जी सेवा दे रही है और 4जी सिम ऑर्डर करने पर घर तक उसे पहुंचा भी रही है।

    वोडाफोन ने इसी महीने केरल के कोच्चि शहर में 4जी सेवा देना शुरू किया है। एयरटेल की ही तरह वोडाफोन भी बिना किसी अतिरिक्त दाम के उपभोक्ताओं को 4जी सेवा दे रहा है और सिम घर पहुंचा रहा है।

    दोनों कंपनियां संगीत और फिल्में देखने जैसे अन्य फ़ीचर्स भी मुहैया करवा रही हैं। रिलायंस ने अगले साल अप्रैल में देशभर में 4जी नेटवर्क उपलब्ध कराने का दावा किया है। वो 300-500 रुपए प्रति महीना जैसे कम दाम में ये सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा।

    वहीं आइडिया ने अगले साल मार्च से दक्षिण भारत के पांचों राज्यों में 4जी सेवा देना शुरू करने की घोषणा की है।

    अनिलः उधर फ़ेसबुक की ओर से भारतीय ग्राहकों को सीमित सेवाओं के लिए मुफ़्त इंटरनेट उपलब्ध कराने की पहल को बड़ा झटका लगा है.

    'फ़्री बेसिक्स' लागू कराने के लिए फ़ेसबुक का जिस मोबाइल नेटवर्क से समझौता हुआ था, उस पर टेलीकॉम रेग्युलेटर ट्राई ने रोक लगा दी है.

    रिलाएंस कम्युनिकेशंस के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ट्राई के फ़ैसले का सम्मान करेगी.

    वहीं फ़ेसबुक ने कहा है कि वह स्कीम आगे बढ़ाने के लिए कोशिशें जारी रखेगी.भारत में डेटा फ़ीस महँगी होने से फ़ेसबुक, 'फ़्री बेसिक्स' योजना लागू करके ग्राहकों को सुविधा पहुंचाना चाहता है. मगर आलोचकों का मानना है कि फ़्री बेसिक्स, नेट न्यूट्रेलिटी के आदर्शों का उल्लंघन करती है.आलोचकों का कहना है कि डेटा प्रोवाइडरों को किसी एक ऑनलाइन सेवा के हित में काम नहीं करना चाहिए.

    उधर फ़ेसबुक की दलील है कि 36 देशों में 'फ़्री बेसिक्स' होने से दुनियाभर के डेढ़ करोड़ लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगे हैं.

    रिलाएंस ने स्कीम के तहत फ़रवरी से ही लोगों को 'फ़्री बेसिक्स' सुविधा देनी शुरू कर दी थी और नवंबर तक उसके सभी ग्राहक इस स्कीम के दायरे में आ गए थे.

    मगर रिलाएंस को इसके लिए काफ़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

    ललिताः संगीत के दीवानों के लिए दुखद समाचार है। अमेरिका की प्रसिद्ध गायिका नताली कोल का 65 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। नताली कोल के प्रचारक मॉरीन ओ कोनोर के अनुसार नताली कोल का 31 दिसंबर को लॉस एंजिलिस के एक अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते उनका निधन हो गया।

    नताली के परिवार ने भी इस बात की पुष्टि की है। नताली कोल के परिवार ने एक बयान में कहा कि नताली हमेशा हमारे दिलों में रहेगी।

    साथ ही उन्होनें बयान में यह भी कहा कि बडे दुख के साथ सूचित करना पड रहा है कि नताली का निधन हो गया है।

    अनिलः अब वक्त हो गया है Health tips का।

    हैरानी होगी आपको यह जानकर कि म्यूजिक थैरेपी कैंसर में भी कारगर है। एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। अगर कोई कैंसर पीडि़त है, तो उसका तनाव म्यूजिक से कम किया जा सकता है। जानिए क्या कुछ सामने आया इस शोध में...

    कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार म्यूजिक थैरेपी से कैंसर पीडि़तों का तनाव कम हो सकता है। यह प्रयोग 11-24 साल के बीमारी से पीडि़त किशोरों व युवाओं पर किया गया। इसमें इन्हें गीत लिखकर और संगीत देकर एक म्यूजिक वीडियो बनाने के लिए कहा गया।

    उन्होंने इस कार्य के लिए तीन हफ्ते का समय लिया। वीडियो बनाने के बाद जब इस समूह का शोधकर्ताओं ने दोबारा अध्ययन किया तो पाया कि उनमें तनाव का स्तर काफी कम था और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वद्धि हुई थी।

    साथ ही इस शोध के दौरान उनका परिवार और दोस्तों से संबंध भी बेहतर हुआ और शारीरिक विकास सामान्य हुआ।

    ललिताः वहीं सर्दियों के मौसम में दर्द और जकड़न से अक्‍सर लोग परेशान रहते हैं। खासकर गठिया के रोगी के लिए तो सर्दी का मौसम बेहद कष्‍टदायी होता है। आपको कुछ आसान से उपाय बता रहे हैं, जिनको आजमाकर दर्द और जकड़न को कम कर सकते हैं।

    1. सूर्य की रौशनी-- धूप में बैठने से शरीर को विटामिन डी मिलता है। इसलिए, जोड़ों की समस्‍या वाले लोगों को दिन में 10 मिनट धूप में बैठना चाहिए। सर्दियों में 45 मिनट तक बैठने से काफी राहत मिलती है।

    2. पर्याप्‍त मात्रा में पानी पीना: दिन में ज्यादा से ज्यादा से पानी पीने की कोशिश करें। इससे शरीर में डिहाईड्रेशन नहीं होता है।

    3.आलस्‍य ना करें - हमेशा बैठे या लेटे न रहें। इससे जोड़ों में जकड़न और महसूस होगी। डॉक्‍टर्स भी यही सलाह देते हैं कि आपको घूमना और फिरना चाहिए।

    4. संतुलित आहार- शरीर को फिट रखने के लिएसंतुलित आहार लेना आवश्यक है। विटामिन डी, के और विटामिन सी का सेवन करें।

    5. एक्‍सरसाइज करें-- ऐसे लोगों को एक्सरसाइज करते रहना चाहिए।

    अनिलः दोस्तों, प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है, अब समय हो गया है श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का। पहला ई-मेल हमें आया है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। वे लिखते हैं कि बहरहाल, देश-दुनिया के ताज़ा समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "टी टाइम" की प्रस्तुति हर बार की तरह आज भी लाज़वाब रही। समाचार-पत्र हिन्दुस्तान के सम्पादकीय पृष्ठ पर प्रकाशित अनिलजी का लेख हमने फ़ेसबुक भी पढ़ लिया था। वायु प्रदूषण के कारण पेइचिंग में दूसरी बार रेड अलर्ट ज़ारी करने की मज़बूरी तथा प्रदूषण के मामले में दिल्ली और पेइचिंग की तुलनात्मक स्थिति पर महती सामग्री उपलब्ध कराने हेतु हार्दिक साधुवाद। इस लेख पर इतना ही कहना चाहूँगा कि -भारत और चीन दोनों के लिये ख़तरे की घण्टी बज चुकी है, और यदि उन्होंने इस चेतावनी के बावज़ूद समय रहते पर्याप्त एहतियाती कदम नहीं उठाये, तो खामियाज़ा भुगतने को तैयार रहें। कार्यक्रम में पेइचिंग की मेट्रो व्यवस्था पर दी गई जानकारी अच्छी थी। वैसे मेट्रो भारत में भी बहुत अच्छी है। फ़ेसबुक प्रमुख मार्क ज़करबर्ग द्वारा अपने कर्मचारियों को चार महीने के पितृत्व अवकाश के साथ चार हज़ार डॉलर की बोनस राशि प्रदान किया जाना, उनकी उच्च मानवीय भावना का परिचायक है। उत्तरी तंजानिया स्थित नेट्रॉन नामक झील के पानी को छूने मात्र से किसी के पत्थर में तब्दील होने सम्बन्धी फ़ोटोग्राफ़र निक की रिपोर्ट काफी हैरतअंगेज़ लगी। ट्विटर पर अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा के साठ लाख प्रशंसक होने की बात सामान्य सी लगी। हाँ, सत्रह वर्षीय यांग ढाण्डा द्वारा लीवरपूल फुटबॉल क्लब के साथ अढ़ाई साल का करार किया जाना, अवश्य ख़ास लगा। टेबल टेनिस में भारतीय पुरुषों को स्वर्ण और महिलाओं को रजत मिलना, दोनों ही समाचार उत्साहवर्द्धक लगे। स्वास्थ्य समाचार में चने की पोषकता पर विस्तृत जानकारी दिया जाना काफी उपादेय लगा। आज के जोक्स भी बेहतरीन लगे। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    वहीं....पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र सान्याल ने लिखा है कि 29 दिसंबर को दोबारा प्रोग्राम पेश किया गया। अगली बार से यह बात ध्यान रखें। धन्यवाद।

    वहीं देवाशीष गोप ने भी हमें पत्र भेजकर प्रोग्राम के बारे में टिप्पणी की है। वे लिखते हैं कि टी-टाइम का अंक सुना। जिसमें दिल्ली और बीजिंग में प्रदूषण की समस्या पर चर्चा की गई। यह जानकर अच्छा लगा कि चीन सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है। उम्मीद करते हैं कि भारत में भी लोग जागरूक होंगे और पर्यावरण को बचाने और वातावरण को साफ करने में अपना योगदान देंगे। धन्यवाद।

    जबकि विराटनगर नेपाल से उमेश रेग्मी ने भी हमें पत्र भेजकर प्रोग्राम के बारे में लिखा है, साथ ही नए साल की शुभकामनाएं भेजी हैं।

    ललिताः अगला पत्र हमें भेजा है, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु ने। वह लिखते हैं कि आज प्रोग्राम की शुरुआत में सीआरआई के हिंदी विभाग के विशेषज्ञ अनिल पाण्डेय जी द्वारा हिन्दुस्तान टाइम्स में लिखे गए लेख "प्रदूषण से जंग लड़ती एक राजधानी" हमें सुनने को मिला। जो वाकई अत्यन्त सूचनाप्रद व महत्वपूर्ण लगा। रिपोर्ट ध्यान से सुनकर पता चला कि वायु प्रदूषण की बदनाम से चीन की राजधानी पेइचिंग भी पीछे नहीं है। पेइचिंग में घनिष्ठ कोहरे और धुंध के प्रदूषण को रोकने के लिए पेइचिंग में पहली बार पिछले 7 दिसंबर को भारी प्रदूषण संबंधी रेड अलर्ट जारी कर दिया गया। दो करोड़ की आबादी और 60 लाख से अधिक कारों वाले पेइचिंग में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए विभिन्न तरह के उपाय बहुत पहले शुरू हो गए थे।पेइचिंग में अब मोटर गाड़ियों के चलन को परिसीमित करने जैसे कदम उठाये गए हैं। चीन ने न सिर्फ शहरों में स्वच्छ ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाते हुए बड़ी संख्या में ईंधन के रूप में कोयला जलाने वाले छोटे बायलरों को बन्द किया है, बल्कि पेइचिंग ओलंपिक, शांगहाई विश्व मेले तथा क्वांगचो एशियाड के मौके पर सक्रिय रूप से क्षेत्रीय वायु गुणवत्ता गारंटी व्यवस्था का विकास करने की कोशिश भी की है। वर्ष 2008 में पेइचिंग ओलंपिक के दौरान कारों को सम-विषम नंबरों के आधार पर चलाने का नियम लागू किया गया। इसके साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों को पेइचिंग से सटे हबेई प्रांत में स्थानांतरित कर दिया गया। इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आई है, फिर भी ठंड के दिनों में प्रदूषण पेइचिंग और आसपास के इलाकों को घेर लेता है। इन सभी प्रयासों से चीन की राजधानी में दिल्ली के मुकाबले प्रदूषण का स्तर बहुत कम है। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पेइचिंग की तुलना में दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति ज्यादा गंभीर है। चीन के वायु प्रदूषण रोकथाम कार्रवाई संबंधित योजना के अनुसार वर्ष 2017 के अंत से पहले पूरे चीन में अत्यधिक प्रदूषण कार हटा दिया जाएगा। पेइचिंग, शांगहाई और क्वांगचो आदि बड़े शहरों में मोटर वाहनों की संख्या पर भी कड़े रूप से प्रतिबंध लगाया जाएगा। मुझे आशा है कि भारत भी चीन जैसे कदम उठाकर नागरिकों को साफ-सुथरी हवा वापस दिलाने की कोशिश करेगा।एक सुंदर रिपोर्ट पेश करने के लिए अनिल पांडे जी को धन्यवाद।

    अनिलः वहीं आगे रविशंकर जी लिखते हैं कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के को-फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने कर्मचारियों को पिता बनने पर वेतन सहित चार महीने की छुट्टी देने का फैसला किया है। यह एक स्वागतयोग्य कदम है।

    तंजानिया में नेट्रॉन नाम की झील के पानी को छूते ही हर कोई पत्थर बन जाता है,यह जानकर हैरानी हुई। मनोरंजन संबंधी समाचार में बॉलीवुड एक्‍ट्रेस परिणीति चोपड़ा के ट्विटर पर 60 लाख फॉलोअर्स के बारे में रूबरू कराने के लिये भी धन्यवाद। वहीं भारतीय मूल के फुटबाल खिलाड़ी यान धांडा ने इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब लीवरपूल के साथ करार किया है। यह जानकारी वास्तव में उत्साहवर्धक है। आज हेल्थ टिप्स में रोजाना चने खाने की उपयोगिता पर चर्चा करने के लिये भी धन्यवाद। मैं सीआरआई-हिंदी परिवार के सभी कर्मचारियों को क्रिसमस व नये साल की मुबारकबाद देता हूं।

    श्रोताओं की टिप्पणी यही संपन्न होती है। आप सभी का शुक्रिया अदा करना चाहेंगे और नए साल की शुभकामनाएं भी देते हैं।

    अब समय हो गया है हंसगुल्लों का।

    जोक्स...

    पति- हर सुबह जब मेरी आंख खुलती है तो मैं यही प्रार्थना करता हूं कि भगवान सबको तुम्हारे जैसी पत्नी दे! पत्नी (खुश होते हुए)- अच्छा! पति- हां... आखिर मैं अकेला ही दुखी क्यों रहूं?

    2. संता का सिर फट गया। बंता- ये कैसे हुआ? संता- मैं चप्पल से पत्थर तोड़ रहा था, मुझे एक आदमी ने बोला 'कभी खोपड़ी' का इस्तेमाल कर लिया करो!

    3

    संता (बंता से) : पहले तो मच्छर सिर्फ रात में काटते थे,

    अब दिन में भी काटने लगे हैं।

    बंता (संता से) : दोस्त, मंहगाई की मार ऐसी ही है कि इंसान तो इंसान,

    मच्छर को भी दिन-रात काम करना पड़ता है।...

    जोक्स यही तक।

    अब समय हो गया सवालों का।

    पिछले सप्ताह हमने दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवाल था- भारतीय मूल के एक फ़ुटबाल खिलाड़ी ने क्या किया है।

    सही जवाब है- भारतीय मूल के फुटबाल खिलाड़ी यान धांडा ने इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब लीवरपूल के साथ करार किया है।

    दूसरा सवाल था- फ़ेसबुक ने क्या फैसला किया है।

    सही जवाब है- फेसबुक के को-फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने कर्मचारियों को पिता बनने पर वेतन सहित चार महीने की छुट्टी देने का फैसला किया है ।

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है....

    पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप, विधान चंद्र सान्याल व रविशंकर बसु और केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल और विराटनगर नेपाल से उमेश रेग्मीआदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    अब लीजिए सुनिये आज के सवाल।

    पहला सवालः चीन में ई-कॉमर्स की वजह से क्या हुआ

    दूसरा सवाल— भारत में कौन सी कंपनी 4 जी नेटवर्क मुहैया कराने जा रही है

    सवाल एक बार फिर सुन लीजिए।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।

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