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    संडे की मस्ती 2015-12-27
    2016-01-03 18:12:39 cri

    तब बुद्ध ने समझाया, "आज वह क्रोधित हो कर आया है। क्रोध से जीवन की एकाग्रता भंग होती है। क्रोधी व्यक्ति प्रायः मानसिक हिंसा कर बैठता है। इसलिए वह जबतक क्रोध में रहता है तब तक अछूत होता है। इसलिए उसे कुछ समय एकांत में ही खड़े रहना चाहिए।"

    क्रोधित शिष्य भी बुद्ध की बातें सुन रहा था, पश्चाताप की अग्नि में तपकर वह समझ चुका था की अहिंसा ही महान कर्तव्य व परम धर्म है। वह बुद्ध के चरणों में गिर पड़ा और कभी क्रोध न करने की शपथ ली।

    दोस्तों, इस प्रसंग का अर्थ यह कि क्रोध के कारण व्यक्ति अनर्थ कर बैठता है और बाद में उसे पश्चाताप होता है। इसलिए हमें क्रोध नहीं करना चाहिए। असल मायने में क्रोधित व्यक्ति अछूत हो जाता है और उसे अकेला ही छोड़ देना चाहिए। क्रोध करने से तन, मन, धन तीनों की हानि होती है। क्रोध से ज्यादा हानिकारक कोई और वस्तु नहीं है। बुद्ध ने कहा भी है– क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के समान है; इसमें आप ही जलते हैं।

    लिली- चलिए, अभी हम आपको महाभारत धारावाहिक में भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख सुनवाते हैं, जो हमारे हर प्रोग्राम में जारी रहता है। आइए.. सुनते हैं।

    अखिल- दोस्तों, यह थी भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख, हमें यकीन है कि आप इस पर जरूर विचार करेंगे।

    लिली- चलिए, अभी हम आपको ले चलते हैं हंसी-खुशी की दुनिया में जहां सुनाए जाएंगे चटपटे और मजेदार जोक्स, पर उससे पहले सुनते हैं यह हास्य कविता।

    अखिल- तो दोस्तों, यह थी हास्य कविता, उम्मीद है कि जरूर पसंद आयी होगी। चलिए अब समय हो गया है मजेदार चुटकुलों का।

    1. संता ने एक राह चलती अजनबी लड़की से कहा- आपने पहचाना मुझे?

    लड़की बोली- जी.. आप कौन हो?

    संता- जी.. मैं वही हूँ जिसे आपने कल भी नही पहचाना था

    2. संता और संता के घरवाले लड़की वालों के यहाँ रिश्ता ले कर पहुँचा।

    लड़की के माँ-बाप बोले- जी, हमारी बेटी अभी पढ़ रही है।

    संता के घरवाले बोले- ठीक है जी, कोई बात नहीं जी,... हम एक-दो घंटे बाद आ जायेंगे।

    3. संता:-- जल्दी पी.. वरना काफी ठंडी हो जायेगी ...

    संता की बीबी: -- फिर की होगा ??

    संता :-- बेवकुफ " मेनू कार्ड " देख , लिखा है हॉट काफी के 15 रुपये, और ठंडी काफी के 45 रूपये

    4. एक फ़क़ीर घर के बाहर आवाज़ लगा रहा था :-"कोई बाबा णु रोटी खवा दो ""बाबा चावल वी खा लेन्दा ""बाबा आइसक्रीम वी खा लेंदा ""बाबा बर्गर वी खा लेंदा ""बाबा सैंडविच वी खा लेंदा

    "घर के अंदर से आवाज़ आई :-बाबा "जुत्तिया" वी खा लेंदा के नई ?

    बाबा :- ना पुत्रर सख्त चीज दी मनाई है ।।

    अखिल- दोस्तों, अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और लिली को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।


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