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    टी टाइम 151222 (अनिल और ललिता)
    2015-12-23 19:44:36 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः लीजिए दोस्तो, पोग्राम शुरू करते हैं।

    ललिताः प्रोग्राम की शुरुआत में हम आपको बताएंगे। हाल में हिंदुस्तान समाचार पत्र में प्रकाशित अनिल पांडेय जी के लेख के बारे में। जो कि प्रदूषण के बारे में है।

    अनिलः लीजिए आपको बताते हैं कि बीजिंग किस तरह प्रदूषण की समस्या से निपट रहा है।

    दोस्तों, दिल्ली की तरह ही चीन की राजधानी बीजिंग भी प्रदूषण से परेशान है। चीन सरकार को पहली बार वायु गुणवत्ता पर रेड अलर्ट जारी करना पड़ा। जबकि दिल्ली हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद केजरीवाल सरकार ने निजी कारों के लिए सम-विषम फॉर्मूला अपनाने की योजना तैयार की है। शायद यह पहला मौका है, जब भारत में वायु प्रदूषण की समस्या को इतनी गंभीरता से लिया गया है। लेकिन लगभग दो करोड़ की आबादी और 60 लाख से अधिक कारों वाले बीजिंग में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए विभिन्न तरह के उपाय बहुत पहले शुरू हो गए थे।

    प्रदूषण की वजह से खराब होती चीन और बीजिंग की छवि को सुधारने का पहला बड़ा प्रयास 2008 के बीजिंग ओलंपिक से पहले हुआ। तब कारों को सम-विषम नंबरों के आधार पर चलाने का नियम लागू किया गया। इसके साथ ही प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों को बीजिंग से सटे हबेई प्रांत में स्थानांतरित कर दिया गया। इससे प्रदूषण के स्तर में कमी आई है, फिर भी ठंड के दिनों में प्रदूषण बीजिंग और आसपास के इलाकों को घेर लेता है।

    समस्या की मुख्य वजह अब भी कोयले से चलने वाले पावर प्लांट और कारें हैं। सर्दियों में उत्तरी चीन में घरों में सेंट्रल हीटिंग चलती है, जिसका उत्पादन कोयले से चलने वाले प्लांट्स से होता है। हालांकि सरकार ने 2017 तक बीजिंग में वैकल्पिक उपाय कर इन्हें बंद करने की योजना बनाई है। कारखानों के लिए भी उत्सर्जन संबंधी नियम सख्त कर दिए गए हैं। वहीं सौर, पवन और अन्य अक्षय ऊर्जा में भारी निवेश किया जा रहा है। मगर तेज आर्थिक विकास का खामियाजा चीन को भुगतना पड़ रहा है। कोयले से चलने वाले सैकड़ों पावर प्लांट्स यहां अब भी हैं। चीन विद्युत उत्पादन के लिए 60 प्रतिशत से अधिक कोयले पर ही निर्भर है।

    ललिताः पिछले कुछ वर्षों के दौरान बीजिंग में एयर क्वालिटी नापने के लिए कई जगहों पर उपकरण लगाए गए हैं। इनके जरिए लोगों को पार्टिकुलेट मैटर के खतरों की जानकारी हासिल होती है। प्रदूषण के वक्त मास्क पहनने के अलावा बाहर ज्यादा न घूमने की हिदायत दी जाती है। बीजिंग की सड़कों से नौ लाख से अधिक पुराने वाहनों को भी हटाया गया है। सरकार पुरानी कारों को छोड़कर नई कारें लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए दस अरब रुपए की सालाना सब्सिडी दी जा रही है। इसी महीने एक हजार वाहनों को 20 दिसंबर से प्रतिबंधित करने का एलान हो चुका है। बीजिंग म्यूनिसिपल एनवायरमेंट प्रोटेक्शन ब्यूरो के मुताबिक, जो कोई भी इस तरह के वाहन चलाते हुए पकड़ा जाएगा, उसे 100 युआन (एक हजार रुपए) का जुर्माना देना होगा।

    बीजिंग में आमतौर पर सोमवार से शुक्रवार तक एक दिन निर्धारित नंबर वाली कारें चलाने की इजाजत नहीं होती। शनिवार और रविवार को कोई पाबंदी नहीं है। यह व्यवस्था 13 सप्ताह के लिए होती है, जिसके बाद इसमें बदलाव होता है। कुछ विशेष अवसरों पर या प्रदूषण बढ़ जाने की स्थिति में सम-विषम सिस्टम पूरे सप्ताह के लिए लागू कर दिया जाता है। इस दौरान लोग या तो बस व मेट्रो से आते-जाते हैं या फिर कार पूल आदि का सहारा लेते हैं। जनवरी, 2012 से बीजिंग में नई कार खरीदने के लिए भी नियम लागू हैं। हर महीने यहां महज 17,600 कारें ही लॉटरी सिस्टम से खरीदी जा सकती हैं। दोपहिया वाहनों में केवल बैटरी चालित बाइक और साइकिलें ही सड़कों पर चलती हैं। पेट्रोल वाली मोटरबाइक आदि पर भारी टैक्स लगाया गया है। शहर में जगह-जगह पर साइकिल स्टैंड हैं, जहां से छोटी दूरी तय करने के लिए किराए पर साइकिल ली जा सकती है।

    अनिलः निजी वाहनों पर सख्ती के बावजूद बीजिंग में एक जगह से दूसरी जगह जाने में कोई मुश्किल नहीं आती। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था सुलभ है। मेट्रो और बसों का तेजी से विस्तार किया गया है। 18 लाइनों वाली बीजिंग मेट्रो 527 किलोमीटर से अधिक लंबी रूट पर चलती है। वर्ष 2020 तक इसकी कुछ और नई लाइनें चालू करने की योजना है। वहीं लगभग 22,555 बसें बीजिंग पब्लिक ट्रांसपोर्ट और 1,348 बसें निजी ऑपरेटर द्वारा यहां संचालित हो रही हैं। प्रदूषण बढ़ने के कारण मेट्रो का एक ही किराया दो युआन यानी बीस रुपया रखा गया। बसों का किराया एक युआन से भी कम कर दिया गया था, हालांकि अब इसे बढ़ा दिया गया है।

    इतने उपाय करने के बावजूद अक्तूबर के बाद ठंड के मौसम में प्रदूषण का स्तर बढ़ना यहां आम बात है। इस साल अक्तूबर में वायु की औसत गुणवत्ता 74 रही, जबकि नवंबर में यह 118 थी। दिसंबर में औसत स्तर 150 के आसपास रहता है। आठ से 10 दिसंबर तक एयर क्वालिटी का लेवल 300 से अधिक पहुंच गया था। लेकिन सरकार ने इससे पहले ही 53 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया। इसके साथ ही हबेई प्रांत में कई कारखानों को आंशिक तौर पर बंद करने के निर्देश भी दिए गए। कर्मचारियों को जरूरी काम होने पर ही ऑफिस आने को कहा गया। बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्कूल भी तीन दिन तक बंद रहे। इससे प्रदूषण के स्तर में भारी कमी आ गई। आसमान पूरी तरह नीला हो गया।

    बीजिंग में होने वाले किसी भी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन या आयोजन के दौरान वाहनों और कारखानों पर कड़े नियम लगाए जाते हैं। पिछले साल हुए एपेक सम्मेलन के दौरान ऐसा ही किया गया था। स्कूलों में छुट्टियां कर दी गईं, जबकि तमाम सरकारी दफ्तर भी बंद रहे। इस वजह से वायु की गुणवत्ता बहुत अच्छी रही। जबकि इस साल सितंबर में द्वितीय विश्व युद्घ में जापान की हार की 70वीं बरसी पर भी यही किया गया।

    इन प्रयासों से चीन की राजधानी में दिल्ली के मुकाबले प्रदूषण का स्तर बहुत कम है। सड़कों की स्थिति और शहर में स्वच्छता भी दिल्ली से कई गुना बेहतर है। सबसे बड़ी बात है कि बीजिंग प्रदूषण के खिलाफ जंग में ज्यादा गंभीर दिखता है। हालांकि चीन को एक फायदा यह भी है कि यहां एक पार्टी सिस्टम है। सरकार जो योजना बनाती है, वह हकीकत में लागू भी होती है। अगर लोगों को तमाम बीमारियों से बचाना है और हालत सुधारनी है, तो दिल्ली को बीजिंग से कुछ तो सीखना ही होगा।

    प्रदूषण संबंधी यह आलेख पिछले दिनों हिंदुस्तान अखबार के संपादकीय पेज पर प्रकाशित हुआ था।

    दोस्तो, आप इस बारे में क्या सोचते हैं, हमें जरूर लिखिएगा।

    ललिताः दोस्तो अब पेश करते हैं अगली जानकारी। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने अपने पूर्णकालिक कर्मियों को पैटरनिटी लीव (पितृत्व अवकाश) के तहत ये लाभ देने का फैसला किया है। संतान पैदा होने पर फेसबुक अपने पुरूष कर्मियों को मां की तरह पिता को भी वेतन सहित चार महीने की छुट्टी और 4000 डॉलर का बोनस देगा।

    कंपनी के कर्मचारियों को इस योजना का लाभ एक जनवरी से मिलने लगेगा। फेसबुक के मुताबिक फिलहाल अमेरिका से बाहर कंपनी में काम करने वाले कर्मियों को पिता बनने पर चार हफ्तों की छुट्टी का प्रावधान है, लेकिन अब इसे चार माह किया जा रहा है। इसके अलावा बच्चे के जन्म पर समलैंगिक जोड़ों में दोनों को चार माह का अवकाश मिलेगा।

    फेसबुक की एचआर हेड लॉरी मैटलॉफ गोलर के मुताबिक पैटरनिटी लीव पॉलिसी की समीक्षा के बाद हमने ये फैसला किया है, जो कि कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए यह लाभकारी होगा। उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि यह योजना मुख्य रूप से अमेरिका के बाहर के उन कर्मचारियों के लिए खासी उपयोगी होगी, जो पिता बनने वाले हैं। यही नहीं, बच्चे को गोद लेने वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल सकेगा। पितृत्व अवकाश के तौर पर चार महीने की यह छुट्टियां साल में किसी भी दौरान ली जा सकती हैं।

    अनिलः वहीं तंजानिया में पहली बार फोटोग्राफर निक ब्रांड्ट ने अपने कैमरे में ऐसी तस्‍वीरों को कैद किया है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। निक को झील के किनारे जगह-जगह पर पशु-पक्षियों के स्टैच्यू नजर आए। उनका कहना है कि उत्तरी तंजानिया में नेट्रॉन नाम की एक ऐसी झील है जो भी इसके पानी को छूता है वह पत्थर बन जाता है।

    निक की मानें तो झील के पानी में जाने वाले जानवर और पशु-पक्षी कुछ ही देर में कैल्सिफाइड होकर पत्थर बन जाते हैं। ब्रांड्ट ने अपनी फोटो बुक 'Across the Ravaged Land' में इन स्टैच्यू को दिखाते हुए लिखा है कि कोई भी निश्चित तौर पर यह नहीं जानता कि वह पक्षी कैसे मरे हैं, लेकिन कहा जाता है कि पानी में नमक और सोडा की मात्रा बहुत ही ज्‍यादा है, इसने मेरी कोडक फिल्म बॉक्स की स्याही को कुछ ही सेकंड में जमा दिया। पानी में सोडा और नमक की ज्यादा मात्रा इन पक्षियों के मृत शरीर को सुरक्षित रखती है।

    वहां कैल्सिफिक्शेन के कारण सारे पक्षी और जानवर चट्टान की तरह मजबूत हो चुके थे। बेहतर फोटो लेने के लिए उनमें किसी तरह का खास बदलाव नहीं किया जा सकता था, इसलिए फोटो में वैसे ही सीन दिख रहे, जैसा वहां का नजारा हमेशा हुआ करता है।

    उधर..... अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा के फॉलोअर्स की संख्या ट्विटर पर 60 लाख हो गई है। अभिनेत्री ने इसके लिए अपने प्रशंसकों व चाहने वालों का आभार व्यक्त किया है।

    परिणीति ने शुक्रवार को ट्विटर पर लिखा, ''क्या चल रहा है! यह ब्रेक बहुत अच्छा था, लेकिन मैं ज्यादा देर तक तक ट्विटर से दूर नहीं रह सकती... हाहा। प्यार देने के लिए 60 लाख लोगों को धन्यवाद।

    उन्होंने फिल्म 'लेडिस वर्सेस रिकी बहल (2011) से अपने करियर की शुरुआत की। वहीं सोशल मीडिया के जरिए वह अपने प्रशंसकों और शुभचिंतकों के साथ जुड़ी रहती हैं।

    परिणीति की पिछली फिल्म शाद अली निर्देशित 'किल दिल' (2014) थी। इसमें गोविंदा, रणवीर सिंह, अली जफर भी प्रमुख भूमिका में नजर आए। वर्तमान में अभिनेत्री के पास कोई फिल्म नहीं है।

    ललिताः अब स्पोर्ट्स की बात।

    भारतीय मूल के फुटबाल खिलाड़ी यान धांडा ने इंग्लिश प्रीमियर लीग क्लब लीवरपूल के साथ करार किया है।

    किसी शीर्ष इंग्लिश फुटबाल क्लब के साथ पेशेवर करार करने वाले धांडा पहले भारतीय मूल के खिलाड़ी हैं।

    इंग्लैंड की युवा अंतर्राष्ट्रीय टीम के सदस्य धांडा हाल ही में 17 साल के हुए हैं और इसी के साथ उन्होंने लीवरपूल के साथ ढाई साल का करार किया है।

    वह शीर्ष स्तर पर पेशेवर करार करने वाले दूसरे ब्रिटिश एशियाई हैं। इससे पहले नील टेलर ने स्वानसी के साथ करार किया था। धांडा का जन्म बर्मिघम में हुआ था। 2013 में वह वेस्ट ब्रॉमविक एल्बायन से लीवरपूल की अकादमी से जुड़े थे।

    अनिलः वहीं राष्ट्रमंडल टेबिल टेनिस चैम्पियनशिप में भारतीय पुरुष टीम ने शुक्रवार को इंग्लैंड को 3-1 से हरा टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया जबकि भारतीय महिला टीम को प्रतियोगिता में रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। उसे फाइनल में सिंगापुर ने 3-1 से हराया।

    अब तक हुए इस प्रतियोगिता के 20 संस्करणों में से यह दूसरी बार है जब भारतीय पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक हासिल किया हो।

    इससे पहले 2004 में मलेशिया में भारतीय पुरुष टीम ने स्वर्ण पदक जीता था जबकि भारतीय महिलाओं ने इस प्रतियोगिता में चौथी बार रजत पदक हासिल किया है। इससे पहले 1975, 1983, 1991 में महिला टीम को रजत पदक मिला था।

    ....हेल्थ टिप्स.. चने खाने का फायदे

    चने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन व विटामिन्स पाए जाते हैं। चने के सेवन से सुंदरता बढ़ती है साथ ही दिमाग भी तेज हो जाता है।

    1. 25 ग्राम काले चने रात में भिगोकर सुबह खाली पेट सेवन करने से डायबिटीज दूर हो जाती है।

    2. गर्म चने रूमाल या किसी साफ कपड़े में बांधकर सूंघने से जुकाम ठीक हो जाता है।

    3. मोटापा घटाने के लिए रोजाना नाश्ते में चना लें।

    4. अंकुरित चना 3 साल तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है।

    5. गर्भवती को उल्टी हो तो भुने हुए चने का सत्तू पिलाएं।

    6. चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है। चने से खून साफ होता है जिससे त्वचा निखरती है।

    7. सर्दियों में चने के आटे का हलवा अस्थमा में फायदेमंद होता है।

    8. चने के आटे की नमक रहित रोटी 40 से 60 दिनों तक खाने से त्वचा संबंधित बीमारियां जैसे-दाद, खाज, खुजली आदि नहीं होती हैं।

    9. भुने हुए चने रात में सोते समय चबाकर गर्म दूध पीने से सांस नली के अनेक रोग व कफ दूर हो जाता हैं।

    10. शहद मिलाकर पीने से नपुंसकता समाप्त हो जाती है।

    11. चने के पौधे के सूखे पत्तों का धुम्रपान करने से हिचकी तथा आमाशय की बीमारियों में लाभ होता है।

    12. पीलिया में चने की दाल खाने से राहत मिलती है।

    13. चीनी के बर्तन में रात को चने भिगोकर रख दे। सुबह उठकर खूब चबा-चबाकर खाएं इसके लगातार सेवन करने से वीर्य में बढ़ोतरी होती है व पुरुषों की कमजोरी से जुड़ी समस्याएं खत्म हो जाती हैं। भीगे हुए चने खाकर दूध पीते रहने से वीर्य का पतलापन दूर हो जाता है।

    14. दस ग्राम चने की भीगी दाल और 10 ग्राम शक्कर दोनों मिलाकर 40 दिनों तक खाने से धातु पुष्ट हो जाती है।

    15. बार-बार पेशाब जाने की बीमारी में भुने हूए चनों का सेवन करना चाहिए। गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्या में राहत मिलती है। रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है।

    दोस्तो, प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यहीं संपन्न होता है। अब समय हो गया है श्रोताओं की टिप्पणी शामिल करने का।

    पहला पत्र हमें आया है अल्मोड़ा उत्तराखंड से वीरेंद्र मेहता का। वे लिखते हैं कि आज मैंने पहली बार आपका प्रोग्राम एडवांस में सुना। अर्थात 15 दिसंबर का प्रोग्राम 14 दिसंबर को ही सुन लिया। जो पहले ही नेट पर अपडेट हो चुका था। मुझे प्रोग्राम बहुत अच्छा लगा। जो कि तमाम जानकारी और रोचक बातों से भरपूर था। वहीं सऊदी अरब में महिलाओं को अपना अधिकार मिलना बहुत अच्छी बात है। अच्छी प्रस्तुति के लिए आपका शुक्रिया। धन्यवाद वीरेंद्र जी, हमें पत्र भेजने के लिए।

    वहीं विराटनगर नेपाल से उमेश रेग्मी ने भी हमें पत्र भेजकर प्रोग्राम के बारे में लिखा है।

    ललिताः वहीं अगला ई-मेल आया है केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल का। वे लिखते हैं कि "टी टाइम" के ताज़ा अंक का पूरा मज़ा लिया। यह जान कर अति प्रसन्नता हुई कि पेरिस जलवायु सम्मेलन में आया गतिरोध टूट गया और सभी देश अंततः किसी समझौते पर पहुँच गये हैं। सउदी अरब में पहली बार नगरपालिका चुनावों में महिलाओं को मिले प्रत्याशी बनने के अधिकार सम्बन्धी जानकारी भी काफी उत्साहवर्द्धक लगी। तबीयत ख़राब होने के बावज़ूद अपनी ड्यूटी का निर्वहन करने वालों पर हुये शोध का परिणाम भी सटीक जान पड़ा। इंग्लैण्ड में अस्सी फुट की ऊंचाई पर बंधे तारों पर चल कर शादी के बंधन में बंधने वालों को तो सनकी ही कहा जा सकता है, क्यों कि रिकॉर्ड बनाने के लिये तो और भी बहुत कुछ है। हाँ, उत्तरप्रदेश की तेरह वर्षीय किशोरी मानसी को गेहूँ से बनी चीज़ों से एलर्जी होने की बात ज़रूर निराशाजनक लगी। सम्भव है कि आगे चल कर इसका भी कुछ इलाज़ निकल आये। खेल की ख़बरों में राफेल नडाल और रोज़र फेडरर जैसे दिग्गज़ों की दिल्ली में हुई भिड़ंत का समाचार ही अपने आप में महत्वपूर्ण है, फिर जीत-हार चाहे किसी की हो। हेल्थटिप्स में दूध की पौष्टिकता को एकबार फिर से समझाने हेतु भी आपका शुक्रिया। वास्तव में, दूध अपने आप में एक सम्पूर्ण आहार है। हंसगुल्लों में भी आज के तीनों हंसगुल्ले रसगुल्लों जैसे लगे। धन्यवाद फिर एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    सुरेश जी हमें लगातार पत्र भेजने के लिए आपका शुक्रिया।

    अनिलः लीजिए अब पढ़ते हैं अगला ई-मेल- जो आया है पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र सान्याल जी का। उन्होंने लिखा है 15 दिसंबर को साप्ताहिक टी टाइम का नया अंक सुनने को मिला। जिसके तहत पेरिस मेँ हुये जलवायु परिवर्तन सम्मेलन पर चर्चा की गयी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई शुरुआत है। पेरिस समझौते मेँ ना कोई विजेता है और ना ही किसी की हार हुई है और इम सब एक हरे भरे भविष्य पर काम कर रहे हैं। सऊदी अरब मेँ नगर पालिका चुनावों मेँ महिला उम्मीदवारों की भागीदारी एक नए युग की शुरुआत कही जा सकती है। धर्म के आधार पर किसी को अधिकारों से वंचित करना अन्याय है। चाहे वह पुरुष हो या महिला, दोनों को समान हक होना चाहिए। वहीं इंग्लैंड में हुई गजब शादी, उत्तर प्रदेश की एक किशोरी को गेहूं से बनी चीज़ें खाने पर होने वाली परेशानी से दुख हुआ।

    शुक्रिया प्रोग्राम पेश करने के लिए।

    ललिताः अब पेश है आखिर में पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु जी का पत्र। वे लिखते हैं कि "टी-टाइम" प्रोग्राम को मैडम श्याओ यांग जी ने अनिल जी के साथ प्रस्तुत कर प्रोग्राम का मज़ा और भी बढ़ा दिया।

    प्रोग्राम की शुरुआत में पेरिस जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में पारित हुए समझौते को लेकर एक अच्छी चर्चा हमें सुनने को मिली। जिसमे बताया गया है कि करीब 200 सदस्य देशों ने एकमत होकर समझौता पारित किया। समझौते के अनुसार, विभिन्न पक्ष जलवायु परिवर्तन से आए खतरे का वैश्विक मुकाबला मजबूत करेंगे, वैश्विक औसत तापमान की वृद्धि को औद्योगीकरण के पूर्व की तुलना में 2 डिग्री सेंटीग्रेड के भीतर नियंत्रित करेंगे और इसे 1.5 डिग्री के नीचे नियंत्रित करने के लिए कोशिश करेंगे।

    दूसरा जिस जानकारी ने मेरा ध्यान सबसे ज्यादा आकर्षित किया वह है कि अत्यंत रूढ़िवादी माने जाने वाले सऊदी अरब के नगर पालिका चुनाव में पहली बार महिलाओं ने मतदान किया और चुनाव भी लड़ा। सऊदी अरब में महिला और पुरुषों को समान अधिकार दिए जाने की दिशा में यह एक स्वागत योग्य कदम है।

    एक शोध के मुताबिक असुरक्षा के भय से तबीयत खराब होने पर भी बहुत से लोग ऑफिस जाते हैं,सिर्फ बॉस को खुश रखने के लिए। इंग्लैंड में 80 फुट की ऊंचाई पर हवा में लटकते तारों पर विचित्र तरीके से संपन्न हुए विवाह के बारे में सुनकर मैं हैरान हो गया। वहीं सुना है कि उत्तर प्रदेश के कैराना की 13 साल की लड़की मानसी ने जन्म से आज तक गेहूं रिएक्शन के कारण गेहूं से बनी चीजें नहीं खायी। भगवान से मेरी प्रार्थना है कि इस अज़ब बीमारी से वह जल्द ही स्वस्थ हो जाएगी।

    अच्छा प्रोग्राम पेश करने के लिए शुक्रिया।

    अनिलः जोक्स

    दामाद एक दिन चिढ़कर अपनी सास को फोन लगाता है। दामाद- आपकी लड़की में हजारों कमियां हैं। सास- हां, बेटा यह सभी जानते हैं, इसलिए तो उसे ढग़ का लड़का तक नहीं मिला।

    2.

    पति आजकल न तुम शराब पीने से मना करती हो, न सिगरेट पीने से क्या सारी शिकायतें खत्म।

    पत्नी- नहीं, इंश्योरेंस वाला परसों ही इसके फायदे बता कर गया है ।

    3.

    एक दिन संता के घर चोर आ गया। संता जी ने देख लिया तो चोर भागा। संता भी चोर के पीछे भागा। भागते-भागते चोर से आगे निकल गया और बोला- 'एक तो चोरी,.. ऊपर से हमसे रेस'।

    अब समय हो गया सवालों का।

    पिछले सप्ताह हमने दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवाल था- किस देश में महिलाओं को एक महत्वपूर्ण अधिकार हासिल हुआ है।

    सही जवाब है- सउदी अरब में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला है।

    दूसरा सवाल था- पिछले दिनों दिल्ली में हुए टेनिस टूर्नामेंट में किन दो दिग्गज खिलाड़ियों के बीच मुक़ाबला हुआ।

    सही जवाब है- रोज़र फेडरर और रफ़ैल नडाल के बीच।

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है....

    अल्मोड़ा उत्तराखंड से वीरेंद्र मेहता, विराटनगर नेपाल से उमेश रेग्मी, पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप, विधान चंद्र सान्याल व रविशंकर बसु और केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल आदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    अब लीजिए सुनिये आज के सवाल।

    पहला सवालः भारतीय मूल के एक फ़ुटबाल खिलाड़ी ने क्या किया है।

    दूसरा सवाल— फ़ेसबुक ने क्या फैसला किया है।

    सवाल एक बार फिर सुन लीजिए।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर, चाय च्यान।

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