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    संडे की मस्ती 2015-12-13
    2015-12-14 16:08:06 cri

     


    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ देंगी वनिता जी...।

    वनिता- हैलो... दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- दोस्तों, इससे पहले हम अपना प्रोग्राम शुरू करें, चलिए हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    वनिता- इस चीनी गीत का नाम है जांदनी।

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    वनिता- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज बताओंगे कि ओडियो-विडियो के माध्यम से की अमिताभ बच्चन ने एड्स की जागरूकता की दूसरी कड़ी।

    अखिल- दोस्तों, पिछले अंक में हमने आपको अमिताभ बच्चन का एड्स की जागरूकता से संबंधित ओडियो सुनवाया था। आज के अंक में इस ओडियो का दूसरा भाग सुनवाने जा रहे हैं। आइए... सुनते हैं...

    वनिता- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। इसका आखिरी भाग हमारे अगले कार्यक्रम में जारी रहेगा। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    वनिता- दोस्तों, लाखों रुपये के नोट देखकर भी नहीं बदली इस ऑटो चालक की नीयत, बना ईमानदारी की मिसाल

    दोस्तों, लाखों रुपये के नोट देकर भी इंसान की नीयत नहीं बदली। उसने ईमानदारी से जिनके पैसे थे, उन्हें फोन किया और नोटों से भरी थैली वापस कर दी। ईमानदारी की ये सच्ची कहानी मुंबई से सटे भिवंडी की है।

    दरअसल, भिवंडी से काल्हेर जाने के लिए मिलिंद अंबावने सलीम शेख के ऑटो पर सवार हुए। मिलिंद अपने दोस्त के साथ मिलकर एक नई दुकान खोलने वाले थे, इसलिए साथ में दस सालों की कमाई 1 लाख 60 हज़ार रुपये, ज़रूरी कागज़ात और कुछ सामान भी था। ऑटो में बैठकर उन्होंने सामान आगे रखा, लेकिन नोटों से भरी थैली ऑटो के पीछे रख दी। जब ऑटो से उतरे तो सामान निकाल लिया, लेकिन पैसों से भरी थैली लेना भूल गए।

    आधे घंटे बाद मिलिंद को पैसों की याद आई। तीन घंटे भटकते रहे। उस दौरान ऑटो चालक सलीम शेख घर पहुंचे और ऑटो पार्क वक्त उन्हें वो थैली दिखी। लाखों रुपये देखकर भी सलीम का ईमान नहीं डोला। उन्होंने थैली में मौजूद कागज़ातों से मिलिंद का नंबर निकालकर उन्हें फोन किया और पैसे लौटाकर आए।

    बाद में सलीम ने बताया कि थैली पीछे छूट गई थी। घर गया तो देखा कि थैली रखी हुई है। मैंने उनको फोन करके बुलाया और पैसे वापस कर दिए। इतने पैसे थे, मुझे लगा कि ज़रूर किसी काम के लिए निकाले होंगे, इसलिए मेरे दिल में कोई खोट नहीं आया। मैंने उनको बुलाया और पैसे वापस कर दिए। किसी के मेहनत का पैसा है।

    सलीम की ईमानदारी से मिलिंद ने तो राहत की सांस ली है, साथ ही वो भरोसा भी बरकरार रहा कि दुनिया में ईमानदारी अभी भी क़ायम है।

    अखिल- चलिए, बढ़ते हैं आगे, अब मैं बताने जा रहा हूं कि चेन्नई में शादियों की भी बाढ़, दूल्हे को नाव पर मंडप तक लाया गया

    दोस्तों, चेन्नई में जिंदगी धीरे धीरे पटरी पर आ रही है, कई इलाकों का पानी कम हो रहा है लेकिन इन सबके बीच शहर में एक बार फिर बारिश शुरू हो गई। हालांकि इस परेशानी भरे मौहाल के बीच भी कई लोग ऐसे हैं जो पिछले हफ्ते रविवार के दिन शादी के बंधन में बंध रहे थे क्योंकि चेन्नई में उस दिन शादी के लिहाज से बहुत बड़ा मुहुर्त का दिन माना जा रहा था।

    ऐसी ही एक शादी मैलापुर इलाके के एक बड़े मंडप में हुई जहां की बुकिंग एक साल पहले हो चुकी थी। दुल्हा-दुल्हन दोनों ही अमेरिका से आए हुए थे इसलिए शादी को स्थगित किया जाना थोड़ा मुश्किल काम था। दिलचस्प बात यह है कि दुल्हे को अपने घर वेलाचिरी इलाके से नाव द्वारा लाया गया क्योंकि वह उस जगह से निकल नहीं पा रहे थे। नाव को किराए पर लेकर दुल्हे को उस इलाके से निकाला गया जहां वह तीन दिन तक फंसे रहे और आखिरकार वह अपनी शादी तक पहुंच पाएं।

    शादी संपन्न होने के बाद दुल्हे ने बताया कि 'तीन दिन पहले तक तो मैं कमर तक पानी में फंसा हुआ था और मैंने शादी की उम्मीद ही छोड़ दी थी।' वहीं दुल्हन ने बताया कि पहले दिन जब संपर्क नहीं हुआ तो ज्यादा चिंता नहीं हुई लेकिन जब दूसरे और तीसरे दिन भी बात नहीं हुई तो उनका पूरा परिवार चिंता में पड़ गया था। इसी परिवार की एक सदस्य ने बातचीत में कहा कि हालांकि सड़के साफ हो रही हैं लेकिन इसके बावजूद थोड़ी मुश्किल बनी हुई है।

    जहां तक खाने के सवाल है तो मेज़बानों को अंदाज़ा था कि कार्यक्रम में ज्यादा लोग हिस्सा नहीं ले पाएंगे और इसलिए जो खाना बना है उसे पास की झुग्गियों में वितरित किया जाएगा ताकि जरूरतमंदों को खाना मिल सके। ख़राब मौसम के बावजूद भी दुल्हा-दुल्हन को शुभकामनाएं देने के लिए काफी लोग जमा हुए जिसे देखकर नव दंपत्ति के चेहरे पर खुशी की लहर दिखाई दे रही थी।

    वनिता- दोस्तों, अब मैं जो खबर आपको बताने जा रही हूं वो सुनकर आप जरूर हैरान हो जाएंगे।

    दोस्तों, मिर्च का नाम सुनते ही उसके तीखेपन का एहसासहोने लगता है और अगर बात लाल मिर्च की हो तो इसे तो सिर्फ व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए ही इस्तेमाल किया जाता हैं लेकिन चीन में एक एेसा शख्स है जो दिनभर में ढाई किलो तक मिर्च खा जाता है।

    बता दें चीन के झेंगझू प्रांत में ली योंगझी नाम का शख्स लाल मिर्च को इतने चाव से खाता है जैसे कोई मीठी चीज खा रहा हो और वो सारे दिन में ढाई किलो लाल मिर्च खा जाता है और सभी बस उसे हैरत से देखते रह जाते हैं। ली बताते हैं कि पिछले 10 सालों से वे मिर्च को खाते आ रहे हैं । इससे उन्हें कोई परेशानी भी नहीं होती है और वह अंडे और मांस के बिना तो जिंदा रह सकता हैं, लेकिन मिर्च के बिना एक दिन भी जिंदा नहीं रह सकता । ली मेडिकल जांच में भी बिल्कुल फिट पाए गए।

    अखिल- दोस्तों, मैं आपको दुनिया के सबसे उम्रदराज पांडे के बारे में बताने जा रहा हूं जिसने मनाया खास तरीके से अपना जन्मदिन

    दोस्तों, चीन के फूझोउ शहर के पांडा रिसर्च सेंटर में रहने वाली बासी नाम की पांडा ने पिछले हफ्ते अपना 35वां जन्मदिन मनाया । बासी के जन्मदिन की पार्टी की शुरुवात उसकी डेली रुटीन खत्म होने के बाद की गई जिसमें सबसे पहले उसने डेली रुटीन के मुताबिक पहले व्यायाम किया और फिर उसकी स्वास्थ्य जांच की गई ।

    बता दें बासी को एक स्पैशल केक भी दिया गया जिसको उसने खूब मजे से खाया।उसकी बर्थडे पार्टी में 300 से ज्यादा लोग एकत्रित हुए जो उसके लिए तरह-तरह के उपहार भी लेकर आए थे जिसमें खिलौनों के साथ कुछ paintings भी थी। इस बार उसके जन्मदिन का उत्सव मई तक चलेगा, जिसमें पांडा संरक्षण का संदेश दिया जाएगा । बता दें 1987 में अमरीका के सैन डिआगो जू में एक शो के दौरान उसे देखने वालो की संख्या 25 लाख से ज्यादा थी । बीजिंग एशियाई खेलों के प्रतिनिधि पान पान के लिए भी उसे चुना गया था ।

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- दोस्तों, आज हम आपको शिक्षक सम्मान पर आचार्य चाणक्य द्वारा दिया गया व्याख्यान सुनवा रहे हैं जो चाणक्य टीवी सीरियल से लिया गया है। आइए... सुनते हैं...

    दोस्तों, जैसा की चाणक्य ने कहा है की "एक शिक्षक सफल तब होगा जब वह प्रत्येक व्यक्ति के अंदर राष्ट्रिय चरित्र का निर्माण कर पायेगा. इस ओडियो में आपने सुना की राष्ट्र की प्रगति में एक शिक्षक की भूमिका कैसे सर्वोपरि है।

    वनिता- चलिए हम अभी अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है सच्ची मदद

    अखिल- दोस्तों, एक नन्हा परिंदा अपने परिवार-जनों से बिछड़ कर अपने आशियाने से बहुत दूर आ गया था । उस नन्हे परिंदे को अभी उड़ान भरने अच्छे से नहीं आता था... उसने उड़ना सीखना अभी शुरू ही किया था ! उधर नन्हे परिंदे के परिवार वाले बहुत परेशान थे और उसके आने की राह देख रहे थे । इधर नन्हा परिंदा भी समझ नहीं पा रहा था कि वो अपने आशियाने तक कैसे पहुंचे?

    वह उड़ान भरने की काफी कोशिश कर रहा था पर बार-बार कुछ ऊपर उठ कर गिर जाता। कुछ दूर से एक अनजान परिंदा अपने मित्र के साथ ये सब दृश्य बड़े गौर से देख रहा था । कुछ देर देखने के बाद वो दोनों परिंदे उस नन्हे परिंदे के करीब आ पहुंचे । नन्हा परिंदा उन्हें देख के पहले घबरा गया फिर उसने सोचा शायद ये उसकी मदद करें और उसे घर तक पहुंचा दें ।

    अनजान परिंदा – क्या हुआ नन्हे परिंदे काफी परेशान हो ?

    नन्हा परिंदा – मैं रास्ता भटक गया हूँ और मुझे शाम होने से पहले अपने घर लौटना है । मुझे उड़ान भरना अभी अच्छे से नहीं आता । मेरे घर वाले बहुत परेशान हो रहे होंगे । आप मुझे उड़ान भरना सीखा सकते है ? मैं काफी देर से कोशिश कर रहा हूँ पर कामयाबी नहीं मिल पा रही है ।

    अनजान परिंदा – (थोड़ी देर सोचने के बाद )- जब उड़ान भरना सीखा नहीं तो इतना दूर निकलने की क्या जरुरत थी ? वह अपने मित्र के साथ मिलकर नन्हे परिंदे का मज़ाक उड़ाने लगा ।

    उन लोगो की बातों से नन्हा परिंदा बहुत क्रोधित हो रहा था ।

    अनजान परिंदा हँसते हुए बोला – देखो हम तो उड़ान भरना जानते हैं और अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकते हैं । इतना कहकर अनजान परिंदे ने उस नन्हे परिंदे के सामने पहली उड़ान भरी । वह फिर थोड़ी देर बाद लौटकर आया और दो-चार कड़वी बातें बोल पुनः उड़ गया । ऐसा उसने पांच- छः बार किया और जब इस बार वो उड़ान भर के वापस आया तो नन्हा परिंदा वहां नहीं था ।

    अनजान परिंदा अपने मित्र से- नन्हे परिंदे ने उड़ान भर ली ना? उस समय अनजान परिंदे के चेहरे पर ख़ुशी झलक रही थी ।

    मित्र परिंदा – हाँ नन्हे परिंदे ने तो उड़ान भर ली लेकिन तुम इतना खुश क्यों हो रहे हो मित्र? तुमने तो उसका कितना मज़ाक बनाया ।

    अनजान परिंदा – मित्र तुमने मेरी सिर्फ नकारात्मकता पर ध्यान दिया । लेकिन नन्हा परिंदा मेरी नकारात्मकता पर कम और सकारात्मकता पर ज्यादा ध्यान दे रहा था । इसका मतलब यह है कि उसने मेरे मज़ाक को अनदेखा करते हुए मेरी उड़ान भरने वाली चाल पर ज्यादा ध्यान दिया और वह उड़ान भरने में सफल हुआ।

    मित्र परिंदा – जब तुम्हे उसे उड़ान भरना सिखाना ही था तो उसका मज़ाक बनाकर क्यों सिखाया ?

    अनजान परिंदा – मित्र, नन्हा परिंदा अपने जीवन की पहली बड़ी उड़ान भर रहा था और मैं उसके लिए अजनबी था । अगर मैं उसको सीधे तरीके से उड़ना सिखाता तो वह पूरी ज़िंदगी मेरे एहसान के नीचे दबा रहता और आगे भी शायद ज्यादा कोशिश खुद से नहीं करता । मैंने उस परिंदे के अंदर छिपी लगन देखी थी। जब मैंने उसको कोशिश करते हुए देखा था तभी समझ गया था इसे बस थोड़ी सी दिशा देने की जरुरत है और जो मैंने अनजाने में उसे दी और वो अपने मंजिल को पाने में कामयाब हुआ ।अब वो पूरी ज़िंदगी खुद से कोशिश करेगा और दूसरों से कम मदद मांगेगा । इसी के साथ उसके अंदर आत्मविश्वास भी ज्यादा बढ़ेगा ।

    मित्र परिंदे ने अनजान परिंदे की तारीफ करते हुए बोला तुम बहुत महान हो, जिस तरह से तुमने उस नन्हे परिंदे की मदद की वही सच्ची मदद है !

    दोस्तों, सच्ची मदद वही है जो मदद पाने वाले को ये महसूस न होने दे कि उसकी मदद की गयी है . बहुत बार लोग help तो करते हैं पर उसका ढिंढोरा पीटने से नहीं चूकते . ऐसी help किस काम की ! परिंदों की ये कहानी हम इंसानो के लिए भी एक सीख है कि हम लोगों की मदद तो करें पर उसे जताएं नहीं !

    वनिता- दोस्तों, अभी आपने सुनी एक प्रेरक कहानी। चलिए, अभी हम आपको महाभारत धारावाहिक में भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख सुनवाते हैं, जो हमारे हर प्रोग्राम में जारी रहता है। आइए.. सुनते हैं।

    अखिल- दोस्तों, यह थी भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख, हमें यकीन है कि आप इस पर जरूर विचार करेंगे।

    वनिता- चलिए, अभी हम आपको ले चलते हैं हंसी-खुशी की दुनिया में जहां सुनाए जाएंगे चटपटे और मजेदार जोक्स।

    अखिल- एक शराबी ने 98.3FM पर फोन किया। उस शराबी ने रेडियो जॉकी को कहा- मुझे एस.वी. रोड पर एक पर्स पड़ा मिला है, जिसमें 15 हजार कैश, एक आईफोन 5एस, एक क्रेडिट कार्ड और किसी पल्लवी नाम का आईकार्ड मिला है।

    रेडियो जॉकी बोला- वाह, आप तो बहुत ईमानदार है। तो आप उन्हें वो पर्स वापस करना चाहेंगे... राईट.?

    शराबी बोला- नहीं, मैं चाहता हूं कि पल्लवी जी के लिए एक दर्द भरा गाना हो जाए।

    मां अपने बेटे से- सोफा लेटने के लिये नहीं बैठने के लिये होता है बेटा

    बेटा तभी कहता है- हां तो चप्पल भी मारने के लिये नही पहनने के लिये होती है....तभी एक चप्पल और पड़ी...

    मेरठ के चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगने के बाद एक आदमी ने कंट्रोल रूम में फोन कर के पूछा- सर तेजगढ़ी चौराहे के कैमरे में सब ठीक दिख रहा है ना?

    कंट्रोलर- हाँ

    मेरठा- तो बताना कहीं तेजगढ़ी पर चैकिंग तो नहीं हो रही।

    वनिता- दोस्तों, यह अगला जोक हमें पश्चिम बंगाल से भाई बिधान चंद्र सान्याल जी ने भेजा है। आइए... हम आपको सुनवाते हैं...

    अखिल- दोस्तों, एक बार एक पागलखाने में एक दर्शक को उसके गाइड ने बताया - 'यह जो पागल आपके सामने खड़ा है, इसकी यह दशा इसलिए हुई कि इसे उस लड़की ने ठुकरा दिया , जिसे वह प्यार करता था''

    दर्शक ने दूसरे पागल की तरफ इशारा करते हुए पूछा - और वो

    गाइड बोला- , ' ओह !' 'इसकी यह दशा इसलिए हुई कि इसने उसी लड़की से शादी कर ली'।

    अखिल- दोस्तों, अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और वनिता को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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