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    टी टाइम 151208 (अनिल और ललिता)
    2015-12-09 15:33:30 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः लीजिए दोस्तो, पोग्राम शुरू करते हैं।

    अनिलः अब लोगों के लिए सोने की चॉकलेट भी मार्केट में उपलब्ध हो रही है, जिसकी शुरूआत फिलहाल जापान से हुई है। नूडल्स के मैगी ब्रैंड के लिए प्रसिद्ध कंपनी नेस्ले ने इस चौंकाने वाले प्रोडक्ट को लॉन्च किया है।नेस्ले ने इस चॉकलेट का उत्पादन कंपनी के चॉकलेट्री बुटीक्स के लिए किया है। इसे खाने योग्य सोने की पत्तियों से बनाया गया है। अभी चॉकलेट को वन फिंगर किटकैट के आकार में ही लॉन्च किया गया है। अनुमान है कि नेस्ले कंपनी दिसंबर के अंत से ऐसी 500 चॉकलेट्स को जापान भर के 8 किटकैट बुटीक्स में बेंच लेगी।

    बताया जा रहा है कि किटकैट चॉकलेट्री सबलाइम गोल्ड एक ऐसी वन-फिंगर किटकैट चॉकलेट्री सबलाइम बिटर बार है जिसपर खाने योग्य सोने की पत्तियों की परत चढ़ाई गई है।

    इन चॉकलेट्स की कीमत प्रति बार 2016 येन यानी करीब 16 डॉलर या करीब 1068 रुपए तय की गई है। ये कीमत सबलाइम बिटर बार से 8 गुनी है। जापान में नेस्ले करीब 30 किस्म की किटकैट बेचा करती है। जिनमें ग्रीन टी, वसावी और पर्पल पोटैटो एसकेयूस शामिल हैं।

    नेस्ले ने दुनिया का पहला किटकैट चॉकलेट्री स्टोर जापान में पिछले साल जनवरी में खोला था। इसके बाद 7 अन्य स्थानों पर भी इन्हें खोला गया है।

    ललिताः वहीं इस साल आईआईटी दिल्ली के प्लेसमेंट सिजन में चार छात्रों ने विदेशी कंपनियों के सलाना एक करोड़ से भी ज्यादा के पैकेज को ना कह कर देश में ही काम करने का फैसला किया है।

    प्लेसमेंट सेल से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस साल प्लेसमेंट के लिए गूगल, विसा, ओरेकल, माइक्रोसोफ्ट जैसे संस्थानों ने छात्रों को प्लेसमेंट दिया है। इनमें से कुल चार छात्रों ने इन विदेशी प्लेसमेंट को ना कहते हुए मिल रही सैलेरी से पांच गुणा कम सैलेरी पर देश में ही काम करना पसंद किया।

    अनिलः यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश में ही उद्योग को आगे बढ़ाने और मेक इन इंडिया का ही नतीजा है। यह कारनामा आईआईटी दिल्ली में कोर इंजीनियरिंग कंपनियों के प्लेसमेंट के साथ हुआ है। जब चार छात्रों ने विदेशी कंपनियों को नकार दिया।

    ललिताः वहीं एक ऐसी साइकिल, जो कि सड़क पर चलती नहीं है, लेकिन उसे एक ही स्थान पर चलाने से बिजली जरूर बनती है। ऐसी अजब-गजब साइकिल के बारे में हाल ही में खुलासा भारतीय अमेरिकन अरबपति और परोपकारी मनोज भार्गव ने किया है। इनकी मानें तो इन्होंने ऐसी साइकिल के बारें में चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी की थी।

    बिजली पैदा करने वाली इस अचल साइकिल में खास बात ये है कि थोड़ी मेहनत से ही छोटे घर की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सकता है। इस साइकिल में पैडल मारने से एक चक्का घूमता है, जिससे एक जनरेटर चलने लगता है। इससे जोड़ी गई एक बैटरी चार्ज होने लगती है।

    अनिलः बताया जा रहा है कि एक घंटे पैडल मारने से एक घर के लिए 24 घंटे की बिजली जरूरत पूरा हो सकती है। इससे 24 बल्ब, एक पंखा और मोबाइल, टेब्लेट चार्ज हो सकते हैं। साथ ही बिजली पैदा करने की पूरी प्रक्रिया बिना किसी प्रदूषण के संभव होती है।

    हालांकि ऐसी चौंकाने वाली अचल साइकिल की कीमत अभी तय नहीं की गई है। लेकिन अनुमानित कीमत 12-15 हजार के बीच बताई है और इसे अलगे साल मार्च तक बाजार में भी उतारने की योजना भी बन रही है।

    वहीं गाड़ियों का इस्तेमाल प्रदूषण को बढ़ावा देता है। लेकिन हम आपको बता रहे हैं स्मार्ट फोरटू कार के बारे में। इसमें पांच वर्ग मीटर के क्षेत्र में घास-फूस जमा हुआ है, जो असल में सीडम घास है। कार निर्माताओं ने उसी सीडम घास का इस्तेमाल किया है जिसे अमरीका की फोर्ड कंपनी ने कुछ ऐसा ही प्रयोग करते समय अपनी डियरबॉर्न ट्रक की छत पर लगाया था। स्मार्ट फोरटू कार दरअसल मूवल लैब की 'ग्रीन स्कीन' प्रोजेक्ट का हिस्सा है। मूवल ने दावा किया है कि सड़कों पर ऐसी कारों के चलने से प्रदूषण घटेगा और पर्यावरण का स्तर सुधरेगा।

    ललिताः इसे जर्मनी के स्टटगार्ट में पहली बार इसी महीने सड़क पर उतारा जाएगा। और अगले चार सप्ताह तक इसका पायलट प्रोजेक्ट चलेगा। कंपनी का अनुमान है कि हर साल ऐसी कार 7 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड गैस को साफ करेगी। हालांकि इतने ही समय में एक पेड़ 2.6 टन कार्बन डाइऑक्साइड को साफ़ करता है।

    बताया जाता है कि इससे कार्बन फुटप्रिंट पर निगेटिव असर पड़ सकता है। हालाँकि हर इलेक्ट्रिक कार के साथ एक पौधा गिफ्ट देने से भी ऐसा हो सकता है। मूवल लैब, मूवल का हिस्सा है जो डायमलर की सब्सिडियरी कंपनी है। यानी फोरटू कार मर्सिडीज़ बैंज बनाने वाली कंपनी की ही कार है।

    वैसे ऑटो सेक्टर के इंजीनियरों में ग्रीन सोल्यूशन को लेकर जागरुकता बढ़ी है। फोर्ड ने गीको के साथ मिलकर इस दिशा में काम करना शुरू किया।

    युवा आविष्कारक परम जग्गी ने एक एक्जास्ट पाइप अलग से बनाई है जिसमें खासे एलगी हैं और जो कार के चलने के दौरान निकलने वाली कार्बन डाइक्साइड को खत्म करते हैं।

    अनिलः अब भारत में रेलयात्रा करने वालों के लिए खुशखबरी है।

    अब पूरे देश में 400 रेलवे स्टेशनों पर फ्री वाई-फाई की सुविधा मिलने वाली है। इसके लिए भारतीय रेलवे की टेलीकॉम विंग और गूगल इंडिया ने करार किया है। इस योजना के तहत 400 स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

    यह जानकारी रेल राज्यमंत्री मनोज सिंहा ने राज्य सभा में एक लिखित दस्तावेज में दी। दस्तावेज के मुताबिक, रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड(आरसीआईएल) ने गूगल के एक कंपनी महाता इंफॉर्मेशन प्रा. लि. (एमआईआईपीएल) के साथ 400 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधा उपलब्ध लिए करार किया है। यह काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा।

    पहले चरण में यह सुविधा 100 ए-1 और ए सूची के स्टेशनों पर मुहैया कराई जाएगी। इसके बाद फाई-फाई सुविधा का विस्तार कर दूसरे चरण में 300 स्टेशनों पर मुहैया कराई जाएगी।

    गैर-उपनगरीय स्टेशन जहां सालाना यात्रियों से आय 60 करोड़ रुपए से ज्यादा है उसे ए1 सूची में रखा गया है और जिस स्टेशन से सालाना आय 8-60 करोड़ के बीच है उसे ए सूची में रखा गया है।

    साथ ही मंत्री ने बताया कि इस योजना पर होने वाला खर्च आरसीआईएल और एमआईआईपीएल दोनों संयुक्त रूप से करेंगे।

    ललिताः अब बात करते हैं खेल समाचार की। उधर एशियाई फुटबाल संघ(एएफसी) ने मैच फिक्सिंग के मामले में नेपाल के चार फुटबाल खिलाड़ियों और एक अधिकारी तथा एक ताजिक रेफरी पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है।

    एएफसी ने नेपाली अधिकारी अंजन केसी और चार खिलाड़ियों विकास सिंह छेत्री, संदीप राय, रितेश थापा और सागर थापा को वर्ष 2008 से 2012 के बीच दोस्ताना अंतरराष्ट्रीय मैचों के दौरान अनियमितताएं बरतने का दोषी पाते हुये आजीवन प्रतिबंध लगाया है।

    एफसी ने जारी एक बयान में मैच फिक्सिंग पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाते हुये कहा'' एएफसी ने जो कदम उठाया है उससे साफ है कि फुटबाल संस्था मैच फिग्सिंग को लेकर पुख्ता कदम उठा रहा है।''

    नेपाल के खिलाड़यिों और अधिकारियों के अलावा ताजिक रेफरी मुर्ताजोएव पारविज को मालदीव और तजाकिस्तान के बीच छह अक्टूबर 2015 को हुये एएफसी अंडर 19 मैच के दौरान परिणाम को प्रभावित करने के मामले में दोषी पाते हुये प्रतिबंध लगाया गया है।

    इन सभी छह दोषियों पर एएफसी की अनुशासनात्मक समिति ने अक्टूबर में अस्थायी प्रतिबंध लगाया था और जांच में दोषी पाए जाने के बाद इनके खिलाफ आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया है।

    अनिलः अब समय हो गया है हेल्थ टिप्स का।

    कभी-कभार लोग मध्य रात्रि में अपने बिस्तर से उठ जाते हैं। गहरी नींद में ही, कमरे या फिर फ्लैट में इधर-उधर घूमने लग जाते हैं।

    दरअसल पांच में से एक बच्चे को नींद में चलने की आदत होती है। करीब 40 फीसदी बच्चे कम से कम एक बार तो ऐसा करते ही हैं।

    जब हमारी उम्र बढ़ने लगती है तो यह कम हो जाता है, लेकिन एक से ढाई फ़ीसदी वयस्क ऐसा करते हैं।

    नींद में चलने वाले कुछ लोग कल्पना कर रहे होते हैं कि वे भयावह स्थिति से बचकर निकले हैं।

    दूसरे लोग ज्यादा शांत होते हैं और वे अपनी अलमारी और दराज में कुछ चीज ढूंढने की कोशिश करते हैं।

    एक लड़की ने बताया कि अपने बचपने में मैं नींद में चलते हुए घर में पहली मंजिल से सीढ़ियों से उतरकर नीचे आ जाती थी। वहाँ मेरे माता-पिता टीवी देख रहे होते थे और वो मुझे आराम से मेरे बिस्तर तक वापस ले जाते थे।

    जिनका सामना नींद में चलने वाले लोगों से हुआ होगा, उन्हें ये मालूम होगा कि ये बड़ी ही विचित्र स्थिति होती है। ऐसी स्थिति जिसमें इंसान नींद में भी होता है और जगा भी होता है।

    ललिताः लेकिन नींद में चलने वाले लोगों के बारे में एक सलाह बार-बार सुनी जाती है। वो ये कि नींद में चलने वालों को जगाना खतरनाक होता है, ऐसा करना उनके लिए नुकसानदेह होता है।

    हालांकि यह पूरी तरह सही नहीं है। इस बात में तो कोई शक नहीं है कि अगर ऐसे लोग को नींद में चलते हुए जगाया जाए तो उन्हें अच्छा नहीं लगेगा।

    हम ये नहीं जानते हैं कि दिमाग नींद में चलने का निर्देश क्यों देता है। लेकिन जब हम नींद में होते हैं तब क्या हो रहा होता है, इसके बारे में हम काफी कुछ जानते हैं।

    दोस्तो, हेल्थ टिप्स यहीं तक।

    अनिलः दोस्तों, आज हम आपको चीन के हाईनान प्रांत में हाई स्पील रेल के बारे में बताएंगे।

    दक्षिण चीन के हाईनान प्रांत में दुनिया की पहली राउंडअबाउट हाई स्पीड रेल लाइन शुरू होने वाली है। इसके साथ ही हाईनान में स्थित 19 शहर और काउंटियां हाई स्पीड रेल नेटवर्क से जुड़ जाएंगी।

    हाईनान में मध्य-पूर्व रेलवे लाइन पर परिवहन 30 दिसंबर 2010 को शुरू हुआ। इससे हाईनान द्वीप के पूर्वी इलाके में यातायात की स्थिति में बड़ा सुधार आया। यह रेलवे बोआओ एशिया मंच के दौरान चीनी और विदेशी नेताओं व मेहमानों का मुख्य मार्ग है और चीन में हाई स्पीड रेल का निर्माण और चीन का खुले व आधुनिक छाव दिखाने की अहम खिड़की भी है। इसके साथ ही स्थानीय लोगों और यात्रियों को भी इस रेलवे से सुविधा मिली है।

    हाईनान के सानया शहर में काम कर रहे सू वनमाओ पांच साल पहले जब काम के लिए सानया से हाईखो गए, तब उन्हें बहुत परेशानी होती थी। आम तौर पर जाते समय खुद की कार चलाते थे, इसके चलते बहुत टाइम लगता था। एक दिन में आना-जाना संभव नहीं होता था और उसे हाईखो में ही रुकना पड़ता था। हाई स्पीड रेल शुरू होने जाने के बाद वो बहुत खुश हैं। उन्होंने कहाः

    (आवाज 1)

    ललिताः "अब अगर मुझे हाईखो जाना पड़ता है, तो मैं अंतिम रेलगाड़ी से वापस आ सकता हूं। रात को हाईखो में ठहरने की कोई जरूरत नहीं है। हाई स्पीड रेल की गति बहुत तेज है। बहुत सुविधाजनक है।"

    सू वनमाओ को हाईनान द्वीप के पश्चिम इलाके में रेलवे लाइन शुरू होने की अपेक्षा है। उस समय वे पूरे हाईनान द्वीप का दौरा कर सकेंगे। खुशी की बात है कि उनकी आशा जल्द ही पूरी होगी। पश्चिमी हाईनान हाई स्पीड रेलवे का टेस्ट जारी है। जब इसे पूर्व-मध्य रेलवे से जोड़ा जाना है, तब राउंडअबाउट हाई स्पीड रेल स्थापित होगी। हाई स्पीड रेल हाईनान प्रांत को अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन द्वीप बनाने और हाईनान के पश्चिम इलाके में आर्थिक विकास बढ़ाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह चीन, यहां तक कि पूरी दुनिया में पहली राउंडअबाउट हाई स्पीड रेल है। हाई स्पीड रेल से सिर्फ तीन घंटों में हाईनान द्वीप का दौरा पूरा होगा।

    अनिलः पश्चिमी हाईनान हाई स्पीड रेलवे अब तक हाईनान में सबसे व्यापक पूंजी लगाने वाली बुनियादी संस्थापन परियोजना है। निर्माण के दौरान पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने के साथ साथ स्थानीय संस्कृति और ऐतिहासिक विशेषता को प्रतिबिंबित करने पर भी ध्यान दिया गया।

    चीन में एकमात्र उष्णकटिबंधीय द्वीप प्रांत होने के नाते हाईनान चीन का सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। हाईनान में मौसम सुहावना होता है, हवा ताजा है और पानी मीठा है। छुट्टियों के समय लोग यहां आना पसंद करते हैं। हाई स्पीड रेल के खुलने से पर्यटकों की यात्रा योजना में परिवर्तन भी आया है।

    सानया के रेतीले समुद्र तट पर शादी की तस्वीरें खींच रहे श्याओ चू और उसकी मंगेतर ने कहा कि आने से पहले उन्होंने हाई स्पीड रेल का अनुभव करने के लिए विशेष योजना बनाई।

    (आवाज 3)

    ललिताः "हमने सुना है कि हाईनान में हाई स्पीड रेल का निर्माण हुआ है। हाईखो से सानया तक ट्रेन से सिर्फ एक घंटे का समय लगता है। इसलिए हमने रेलवे से घूमने का फैसला किया। पूरे रास्ते में दृश्य सुन्दर है। हमने बड़ा आनंद उठाया।"

    दीदी ह्वांग वनहाई भी हाई स्पीड रेल से हाईनान द्वीप का दौरा करने पर सोच रही है। उसने कहा कि हाई स्पीड रेल परिवहन का सबसे सुविधाजनक तरीका है। ट्रैफ़िक जाम की चिंता की जरूरत नहीं, बल्कि सुरक्षित भी है। मोबाइल से आसानी से टिकट बुक हो सकता है।

    दोस्तो, अभी आपने हाईनान में हाई स्पीड रेल के बारे में रिपोर्ट सुनी।

    अनिलः इसी के साथ आज के प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है। अब वक्त होता है, श्रोताओं की टिप्पणी का।

    पहला ईमेल हमें आया है, उत्तर प्रदेश से बद्री प्रसाद वर्मा अंजान का। उन्होंने टी टाइम प्रोग्राम के बारे में कुछ इस तरह लिखकर भेजा है।

    मन को गुदगुदाता हंसाता है टी टाइम, इसे बैठकर सुनने में बड़ा मजा आता है टी टाइम।

    प्यार की याद दिलाता है टी.टाइम, अपनी बाहों में भर कर कीस लगाता है टी टाइम।

    पत्रों की चर्चा समाचार जानकारियां चुटकुले सवाल जवाब और मस्त मस्त गीत सुनकर टी टाइम का मजा दस गुना हो जाता है। 24 नवंबर के प्रोग्राम में छात्र जज चुटकुले खूब पसंद आए।

    धन्यवाद बद्री प्रसाद जी। आगे भी यूं ही हमें पत्र भेजते रहें।

    ललिताः अगला पत्र हमें भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल ने। वे लिखते हैं कि अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "टी टाइम" का भी पूरा मज़ा लिया। संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर की 125 जयन्ती और भारत में संविधान लागू होने सम्बन्धी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ कार्यक्रम की शुरुआत किया जाना अच्छा लगा। तत्पश्चात् भारत में तलाक़ के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र तलाक़ क़ानून में महत्वपूर्ण सुधार, जिसमें विवाहपूर्व लिखित समझौते का प्रावधान भी शामिल है, की चर्चा भी काफी सूचनाप्रद लगी। यह जान कर सुखद आश्चर्य हुआ कि भारत में मोबाइल का उपयोग जिस कदर बढ़ रहा है, उससे लगता है कि वह आने वाले कुछ वर्षों में चीन और अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा। भगवान शिव के कुल ग्यारह ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ में ड्रेस-कोड लागू किये जाने तथा सिखों के प्रथम गुरु नानकदेवजी के बारे में दी गई जानकारी भी ज्ञानवर्द्धक लगी। खेल समाचारों में देश के विभिन्न भागों में होने वाली कुश्ती लीग प्रतियोगिता, हेल्थटिप्स में जिम और जॉगिंग जाने के बाद क्या खायें तथा अमरूद के गुणों पर दी गई जानकारी भी काफी उपादेय लगी। आज के हंसगुल्ले भी ठीक-ठीक थे। श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं और सवाल-ज़वाब तो कार्यक्रम की जान हैं।

    धन्यवाद सुरेश जी। लगातार हमारा उत्साह बढ़ाने के लिए।

    अनिलः वहीं दक्षिण दिनाजपुर पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप ने भी हमें पत्र भेजा है। वे लिखते हैं कि एक दिसंबर का टी टाइम खराब रिसेप्शन के कारण अच्छा नहीं लगा। भारत के संविधान दिवस के बारे में जानकारी देकर आपने लोगों को इतिहास व देश के बारे में बताने की कोशिश की। वहीं गुरुनानक देव जी की जयंती के बारे में भी पता चला। साथ ही प्रोग्राम में पेश गीत संगीत व जोक्स भी बहुत पसंद आए। शुक्रिया।

    अगला खत हमें भेजा है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने। वे लिखते हैं कि "टी टाइम" प्रोग्राम का ताज़ा अंक सुना। बेहद पसंद आया।

    आज प्रोग्राम की शुरुआत में आपने हमें पिछले 26 नवम्बर को हमारे देश का पहला संविधान दिवस के बारे में रूबरू कराया जो मुझे बहुत ही सूचनाप्रद और प्रासंगिक लगा। भारत सरकार ने 26 नवंबर को हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंधिग्रहत किया गया था और 26 जनवरी 1950 में यह अस्तित्‍व में आया। इस वर्ष संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। संविधान दिवस का मकसद लोगों में संविधान और इसके निर्माता डॉक्‍टर अंबेडकर के प्रति लोगों में जागरुकता पैदा करना है। भारत का संविधान दुनिया में विशिष्ट माना जाता है। हमारे देश के संविधान के बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि हमने विभिन्न देशों के संविधान से अनेक प्रावधानों को लेकर भारत का संविधान बना लिया। संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर ने कहा कि हमने दुनिया के संविधानों से किन्हीं प्रावधानों को चुराया नहीं है बल्कि उन्हें भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल डालकर अंगीकार किया है। हमारे संविधान का एक अनूठा पहलू लचीलापन यानी flexibility है।

    ललिताः अमेरिका के संविधान में अब तक न्यूनतम संशोधन हुए हैं जबकि हमारे देश में 100 संशोधन हो चुके हैं। इसके पीछे मूल भाव यह है कि हम समय एवं परिस्थितियों के अनुसार नागरिकों के हित में संविधान में संशोधन करते रहते हैं। संविधान में देश की महिलाओं एवं कमजोर वर्गों को भी संरक्षण देने का प्रावधान किया गया है जो एक अनूठा पहलू है एवं दुनिया के किसी और देश में नहीं है। वहीं आज सुना कि देश में तलाक के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार शादी पूर्व समझौते को कानूनी रूप देना चाहता है। शादी पूर्व समझौते की प्रणाली पश्चिमी देशों में प्रभावी तरीके से चल रही है। लेकिन भारतीय कानून में इन्हें मान्यता नहीं है। भारत में बड़े शहरों में तलाक मामलों बढ़ रहे हैं। कानूनविदों में सहमति बनी तो संबंधित प्रावधान तलाक कानून में जोड़ेंगे।

    जबकि घरेलू श्रद्धालुओं की मांग के बाद वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में विदेशी सैलानियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। इसके तहत विदेशी महिलाओं को छोटे उत्तेजक कपड़े पहनकर मंदिर में घुसने पर पाबंदी लगा दी है। यह सही है क्योंकि छोटे कपड़ों से कुछ भड़काऊ संकेत तो मिलते हैं। 25 नवम्बर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान पर्व और सिख संप्रदाय के गुरु पर्व को लेकर आप दवरा दी गई जानकारी मुझे बहुत ही सूचनाप्रद लगी।

    अनिलः श्रोताओं की टिप्पणी यही संपन्न होती है। अब लीजिए वक्त हो गया है हंसी मजाक या हंसगुल्लों का।

    जोक्स

    1.

    एक आईडिया आपकी पूरी जिंदगी बदल सकता है! और एक खूबसूरत लड़की आपका पूरा आईडिया !

    2. डॉक्टर- तुम रोज सुबह क्लिनिक के बाहर खड़े होकर औरतों को क्यों घूरते हो? बंटी- जी आपने ही लिखा है, 'औरतों को देखने का समय सुबह 9 बजे से 11 बजे तक!'

    3. नेता का बेटा: पापा मुझे भी राजनीति में उतरना है, कुछ टिप्स दीजिए।

    नेता: बेटा, राजनीति के तीन कठोर नियम होते हैं, चलो पहला नियम समझाता हूं…

    नेताजी ने बेटे को छत पर भेज दिया और ख़ुद नीचे आकर खड़े हो गए।

    नेताजी: छत से नीचे कूद जाओ,

    बेटा: पापा, इतनी ऊंचाई से कुदूंगा तो हाथ-पैर टूट जायेंगे।

    नेताजी: बेझिजक कूद जा, में हूँ न, पकड़ लूंगा।

    लड़के ने हिम्मत की और कूद गया पर नेताजी नीचे से हट गए। बेटा धडाम से औंधे मुंह गिरा।

    बेटा: (कराहते हुए) आपने तो कहा था मुझे पकडेंगे फिर हट क्यों गए।

    नेताजी: ये है पहला सबक- राजनीति में अपने बाप पर भी भरोसा मत करो…

    अब समय हो गया सवालों का।

    पिछले सप्ताह हमने दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवाल था- भारत में संविधान कब लागू किया गया था?

    सही जवाब है- 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।

    दूसरा सवाल था- कार्तिक पूर्णिमा कब मनायी गयी?

    सही जवाब है- 25 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा थी।

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है....

    जीशान नायर, यूपी से बद्री प्रसाद वर्मा, मनाष प्रतिम नाथ असम, पश्चिम बंगाल से देबाशीष गोप व रविशंकर बसु और केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल आदि ने।

    आप सभी का शुक्रिया।

    अब लीजिए सुनिये आज के सवाल।

    पहला सवाल— हाल में साइकिल से जुड़ी कौन सी खोज हुई है।

    दूसरा सवाल—भारत में रेल यात्रा करने वालों को क्या लाभ मिलने वाला है?

    सवाल एक बार फिर सुन लीजिए।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए शुक्रिया..

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