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    संडे की मस्ती 2015-12-06
    2015-12-10 14:52:59 cri

     


    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ देंगी वनिता जी...।

    वनिता- हैलो... दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- दोस्तों, इससे पहले हम अपना प्रोग्राम शुरू करें, चलिए हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    वनिता- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज बताओंगे कि ओडियो-विडियो के माध्यम से की अमिताभ बच्चन ने एड्स की जागरूकता।

    अखिल- दोस्तों, एचआईवी को ह्यूमन इम्मयूनोडिफिशियेंसि वायरस (Human Immuno Deficiency Virus) कहते हैं। इस वायरस के फैलने के कारण ही एड्स की बीमारी होती है। यह बीमारी पूरे भारत को अपने कब्जे मे धीरे-धीरे लेता जा रहा है। इसका मूल कारण है लोगों को इस बारे में सही जानकारी नहीं है। हाल में अमिताभ बच्चन ने ओडियो-विडियो के माध्यम से एड्स की जागरूकता की है । आइए... हम आपको अमिताभ बच्चन का एड्स की जागरूकता से संबंधित ओडियो सुनवाते हैं।

    वनिता- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। इसका अगला अंक हमारे अगले कार्यक्रम में भी जारी रहेगा। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    वनिता- दोस्तों, मैं आपको बताने जा रही हूं कि इस पीले रंग के Waterfall का दीदार करने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं।

    दुनिया में वैसे तो कई ऐसे वाटरफॉल है जिनकी खूबसूरती आपको उनकी और आकर्षित करती है पर चीन में शांक्सी प्रांत में एक हुकोउ नाम का वाटरफॉल जो यलो रिवर का सबसे बड़ा वाटरफॉल होने के कारण चीन का दूसरा सबसे बड़ा झरना है जिसका पानी पूरा पीले रंग का दिखाई देता है और पानी का पीला रंग होने का कारण गाद और मिट्टी है।

    इस वाटरफॉल की चौड़ाई 98 फीट से भी ज्यादा है और यह लगभग 66 फीट गहराई में गिरता है। बता दें दुनियाभर से लोग इस पीले रंग के वाटरफॉल को देखने के लिए आते हैं और इस वाटरफॉल का दायरा बाढ़ के दौरान काफी बढ़ जाता है, तब ये 164 फीट तक फैल जाता है। इसे देखने के लिए दुनियाभर से लोग यहां आते हैं।

    अखिल- चलिए, बढ़ते हैं आगे, अब मैं बताने जा रहा हूं कि क्यों नहीं होते हैं सांप के पैर

    दोस्तों, लोगों के दिमाग में अक्सर यह सवाल उठता है कि सांप के पैर क्यूं नहीं होते लेकिन किसी को इस सवाल का जवाब नहीं मालूम. सांप जीवाश्म के नए अध्ययन ने इस सवाल का जवाब दिया है. वैज्ञानिकों को 90 लाख साल पुराने सांप के अवशेष से उनके विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है. वैज्ञानिकों ने आधुनिक सांपों और अवशेष के सीटी स्कैन का तुलनात्मक अध्ययन किया. इससे पता चला कि वर्तमान में सांपों के पैर न होने के पीछे उनके पूर्वज जिम्मेदार हैं. एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता होंग्यु यी के अनुसार, "सांपों ने अपने पैर कैसे खो दिए यह लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य रहा है, लेकिन इस अध्ययन से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि इसकी वजह सांपों के पूर्वजों का बिलों में रहना है." बिल में रहने की वजह से सांपों को रेंगने की आदत पड़ गई और उन्होंने पैंरों का उपयोग करना बंद कर दिया. शायद इसी वजह से उनके पैर पीढ़ी-दर-पीढ़ी गायब होते चले गए.

    वैज्ञानिकों ने 3 मीटर लंबी क्रेटेशियस सांपों की विलुप्त प्रजाति डिनिलिसया पैटागोनिका के कान की भीतरी हड्डी का सीटी स्कैन से परीक्षण किया. इससे पता चला कि आधुनिक सांपों के समान डिनिलिसया पैटागोनिका की गुहा (कैविटी) और नली (कैनाल) सांपों की सुनने की शक्ति को नियंत्रित करती थी. वैज्ञानिकों ने एक 3डी मॉडल की सहायता से जीवाश्म के कानों के अंदरूनी अंगों की तुलना आधुनिक सांपों के अंगों के साथ की. इसके बाद इन्होंने अवशेष के कान में एक विशेष संरचना को पाया जो इन्हें शिकार और शिकारियों का पता लगाने में मदद करती थी. यह संरचना पानी और जमीन में रहने वाले आधुनिक सांपों में मौजूद नहीं है.

    इन निष्कर्षो से वैज्ञानिकों को सांपों के विकास संबंधी जानकारी मिली और साथ ही इस बात की पुष्टि भी हो गई कि डिनिलिसया पैटागोनिका ही बिलों में रहने वाला सबसे लंबा सांप था. यह अध्ययन 'साइंस एडवांसेज' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है.

    वनिता- अब मैं बताती हूं कि चीन बनाएगा दुनिया का सबसे बड़ा पशु क्लोनिंग केंद्र

    दोस्तों, चीन दुनिया का सबसे बड़ा पशु क्लोनिंग केंद्र बनाने की योजना बना रहा है जहां हर साल दस लाख मवेशी भू्रण का उत्पादन किया जाएगा और इससे तेजी से पशुधन की गुणवत्ता में सुधार होगा। तियानजिन शहर के तियानजिन आर्थिक तकनीकी विकास क्षेत्र (टेडा) में 20 करोड़ युआन (3.13 करोड़ अमरीकी डॉलर) की लागत से एक व्यवसायिक क्लोनिंग केंद्र बनाया जाएगा।

    जानकारी के अनुसार केंद्र की मुख्य इमारत का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो गया है और इसके अगले साल जून तक पूरा होने की संभावना है। केंद्र में जिन पशुओं की क्लोनिंग की जाएगी उनमें स्निफर और पालतू कुत्ते, उच्च गुणवत्ता के गोजातीय पशु, दौड़ में हिस्सा लेने वाले घोड़े और अन्य पशु शामिल हैं। इन जानवरों का उपयोग व्यवसायिक सेवाओं और नस्लों की बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।

    अखिल- दोस्तों, आपको बताने जा रहा हूं ब्रिटेन में मोटे लोगों की आफत, पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मिलने लगे हैं तानों वाले कार्ड्स!

    जी हां, दोस्तों, सुनने में ये जरूर अजीब लगे, पर ब्रिटेन में इस समय मोटे लोग कुछ खास लोगों के निशाने पर आ गए हैं। यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सफर करने वाले मोटे लोगों को भद्दे कमेंट्स के साथ कार्ड्स मिल रहे हैं, जिसमें उनके मोटापे को लेकर निशाना बनाया जा रहा है। हाल ही में एक लड़की को जब ऐसा ही कार्ड मिला, तो वो सबके सामने ही फूट फूट कर रोने लगी।

    ब्रिटिश ट्रांसपोर्ट पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। जिसमें 'फैट-शेमिंग' कार्ड्स मिलने की बाते सामने आ रही है। हाल ही में लंदन अंडरग्राउंड मेट्रो में ऐसी ही घटना हुई, जिसमें खुद को ओवरवेट हेटर्स लिमिटेड नाम के संगठन से जुड़े लोगों ने एक युवती को ऐसे ही कार्ड्स दिए। जिसपर लिखा था कि उनके संगठन को मोटे लोगों से नफरत है।

    कार्ड पर आगे लिखा था, 'मोटे लोग दुनिया का आधा भोज्य पदार्थ चट कर जाते हैं। हम ऐसे लोगों से काफी परेशान है। अगर आप कम खाएंगे, तो आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा, उल्टे आप खुश रहेंगे। साथ ही पतले रहेंगे, तो बेहतर साथी भी आपको मिल सकता है।' इस कार्ड में युवती की तुलना सुअर के मोटापे से भी की गई। वहीं, कार्ड के दूसरी ओर सिर्फ 'फैट' शब्द लिखा था।

    कारा फ्लोरिश, जिन्हें ये कार्ड मिला। उन्होंने कहा कि मैं इससे परेशान नहीं हूं। कारा गायिका भी हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि मैं मोटापे के राष्ट्रीय औसत से पतली हूं। पर ऐसे बुजदिल लोगों पर गुस्सा भी आ रहा है। वहीं, युवती को कार्ड पाने के बाद रोते देखने वाले एक व्यक्ति ने ट्वीट किया कि उसने कार्ड को पाते और पढ़ते देखने के बाद युवती को रोते देखा। युवती का रोना अजीब नहीं लगा। वो पहले रुआंसी हुई, फिर आंखों से आंसू गिरने लगे। जबकि युवती कहीं से भी ज्यादा मोटी नहीं लग रही थी। उसने तो सलीकेदार कपड़े भी पहने थे।

    बहरहाल, पुलिस अभी तक ये तय नहीं कर पाई है कि ऐसे आरोपों तक पकड़े गए लोगों पर वो क्या आरोप लगाए। क्योंकि ये मामला बिल्कुल अनूठा है। हालांकि पुलिस अबतक किसी भी आरोपी को पकड़ने में भी नाकाम रही है।

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    वनिता- हम अभी अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है महानता के बीज

    अखिल- दोस्तों, यूनान देश के एक गाँव का लड़का जंगल में लकड़ियाँ काट के शाम को पास वाले शहर के बाजार मे बेचकर अपना गुजारा करता था. एक दिन एक विद्वान व्यक्ति बाजार से जा रहा था. उसने देखा कि उस बालक का गट्ठर बहुत ही कलात्मक रूप से बंधा हुआ है.

    उसने उस लड़के से पूछा- "क्या यह गट्ठर तुमने बांधा है?"

    लड़के ने जवाब दिया : "जी हाँ, मै दिनभर लकड़ी काटता हूँ, खुद ही गट्ठर बांधता हूँ और रोज शामको गट्ठर बाजार मे बेचता हूँ."

    उस व्यक्ति ने कहा कि "क्या तुम इसे खोलकर इसी प्रकार दोबारा बांध सकते हो?"

    "जी हाँ, यह देखिए" – इतना कहेते हुए लडके ने गट्ठर खोला और बड़े ही सुन्दर तरीके से फिर से उसे बांध दिया. यह काम वह बड़े ध्यान, लगन और फूर्ती के साथ कर रहा था.

    लड़के की एकाग्रता, लगन और कलात्मक रीति से काम करने का तरीका देख उस व्यक्ति ने कहा "क्या तुम मेरे साथ चलोगे? मै तुम्हे शिक्षा दिलाऊंगा और तुम्हारा सारा खर्चा वहन भी करूँगा."

    बालक ने सोच-विचार कर हामी भर दी और उसके साथ चला गया. उस व्यक्ति ने बालक के रहने और उसकी शिक्षा का प्रबंध किया. वह स्वयं भी उसे पढ़ाता था. थोड़े ही समय में उस बालक ने अपनी लगन तथा कुशाग्र बुद्धि के बल पर उच्च शिक्षा आत्मसात कर ली. बड़ा होने पर यही बालक युनान के महान दार्शनिक पाइथागोरस के नाम से प्रसिद्द हुआ.

    वह भला आदमी जिसने बालक की भीतर पड़ी महानता के बीज को पहचान कर उसे पल्लवित किया, वह था यूनान का विख्यात तत्त्व ज्ञानी डेमोक्रीट्स .

    दोस्तों, इस कहानी से हम सीख ले सकते हैं कि हमें छोटे-छोटे कार्य भी लगन एवं इमानदारी से करने चाहियें , उसी में महानता के बीज छिपे होते है.

    वनिता- चलिए, अभी हम आपको महाभारत धारावाहिक में भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख सुनवाते हैं, जो हमारे हर प्रोग्राम में जारी रहता है। आइए.. सुनते हैं।

    अखिल- दोस्तों, यह थी भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख, हमें यकीन है कि आप इस पर जरूर विचार करेंगे।

    वनिता- चलिए, अभी हम आपको ले चलते हैं हंसी-खुशी की दुनिया में जहां सुनाए जाएंगे चटपटे और मजेदार जोक्स, पर उससे पहले सुनते हैं यह हास्य ओडियो। उम्मीद करते हैं कि जरूर पसंद आएगा। आइए... सुनते हैं।

    अखिल- तो दोस्तों, यह था हास्य ओडियो, चलिए अब समय हो गया है मजेदार चुटकुलों का।

    अखिल- तीन औरतें थीं। एक की मंगनी हो चुकी थी। एक का ब्वॉयफ्रेंड था। एक की शादी को 5 साल हो गए थे। तीनों ने ब्लैक ड्रेस खरीदी। ऊपर से काले चश्मे पहन लिए। तीनों को डिनर पे जो कमेंट मिले वो इस प्रकार है...

    मंगेतर ने कहा- 'यू आर लुकिंग ग्रेट।'

    ब्वॉयफ्रेंड ने कहा- 'मैं बहुत किस्मत वाला हूं, जो मुझे तुम जैसी GF मिली।

    पतिदेव ने कहा- 'रोटी मिल जाएगी आज बैटमैन...।'

    बेटा – मां आज दाल के साथ रोटी खाने का मन कर रहा है। प्लीज आप दाल बना दीजिए।

    मां – बेटा इतने पैसे नहीं हैं कि मैं दाल बनाऊं.. चुपचाप बटर चिकन के साथ रोटी खा ले।

    सेल्समैन ने एक घर की डोरबेल बजाई, तो एक महिला ने दरवाजा खोला।

    सेल्समैन (महिला से) - मैडम, मेरे पास एक ऐसी किताब है, जिसमें पतियों के देर रात तक घर से बाहर रहने के 100 बहाने बताए गए है, क्या आप इस किताब को खरीदना चाहेंगी?

    महिला- मैं इस किताब को खरीदूं ऐसा आपको क्यों लगता है ??

    सेल्समैन- मैडम, क्योंकि इस किताब की एक कॉपि आज सुबह ही मैंने आपके पति को बेची है।

    बेटा (अपनी मां से) - मम्मी, आज मेरे कुछ दोस्त घर पर आ रहे हैं। प्लीज मेरे सारे खिलौने अपनी अलमारी में छिपा दो।

    मम्मी- क्यों, क्या तुम्हारे सारे दोस्त चोर हैं?

    बेटा- नहीं मां, वे अपनी चीजें पहचानते हैं।

    अखिल- दोस्तों, अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और वनिता को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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