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    संडे की मस्ती 2015-11-29
    2015-11-30 14:24:16 cri

    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ देंगी वनिता जी...।

    वनिता- हैलो... दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- दोस्तों, इससे पहले हम अपना प्रोग्राम शुरू करें, चलिए हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    वनिता- इस चीनी गीत का नाम है नमस्कार।

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    वनिता- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, जहां आज बताएंगे कि जिम्बाब्वे में सबसे बदसूरत इंसान बनने के लिए हुई मारामारी

    अखिल- जिम्बाब्वे में आयोजित एक प्रतियोगिता में जजों को देश का सबसे बदशक्ल आदमी चुनना था, लेकिन इस दौरान हुए हंगामे ने इस प्रतियोगिता को ही बदसूरत बना दिया।

    सेरे चुने गए सबसे बदसूरत शख्स

    राजधानी हरारे के एक पब में शनिवार को हुई चौथी सलाना 'मिस्टर अग्ली' प्रतियोगिता में जजों ने 42 साल के मैसन सेरे को देश के सबसे बदसूरत व्यक्ति का खिताब दिया गया। मैसन सेरे के मुंह के कई दांत गायब हैं और उनका रंग भी काफी गहरा है।

    रनर अप को फैसले से आपत्ति

    जज के इस फैसले से नाराज प्रतियोगिता के रनर अप विलियम मसवीनू और उनके समर्थकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया। साल 2012 से ही देश के बदसूरत इंसान के खिताब पर काबिज मसवीनू का कहना था कि वह ही जिम्बाब्वे का सबसे बदसूरत व्यक्ति है और जजों ने पूर्वाग्रह की वजह से उसको खिताब के लिए नहीं चुना।

    मसवीनू का कहना था कि सेरे बदसूरती की इस प्रतियोगिता के लिहाज से बेहद खूबसूरत हैं। उनकी बदसूरती प्राकृतिक नहीं है, बस टूटे हुए दांतों की वजह से हैं। वह कहते हैं, 'मैं पाकृतिक रूप से बदसूरत हूं। वह तो मुंह खोलने पर ही बदसरूत दिखता है।'

    विजेता को मिला 500 डॉलर का इनाम

    हालांकि सेरे अपने आलोचकों को कोई तव्वजों नहीं देतें और उन्हें बस हार से खिजा हुआ बताते हैं। बदसूरती के अवॉर्ड के तौर पर उन्हें कुल 500 डॉलर की पुरस्कार राशि दी गई थी। शुक्रवार को खिताब जीतने के बाद सेरे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मैं इस खिताब के लिए भगवान का धन्यवाद अदा करता हूं। पिछली बार मैं इस प्रतियोगिता में चौथे स्थान पर आया था। मुझे विजेता के तौर पर चुनने के लिए मैं जजों का धन्यवाद देता हूं।' इसके साथ ही वह कहते हैं, उन्हें स्वीकार करना चाहिए कि मैं उनसे ज्यादा बदसूरत हूं। मुझे उम्मीद है कि अब मुझे टीवी से कॉन्ट्रैक्ट भी मिलेंगे।

    वहीं मसवीनू का यही कहना है कि उनके साथ नाइंसाफी हुई है। मसवीनू को उपविजेता के तौर पर 100 डॉलर की इनामी राशि से नवाजा गया। मसवीनू ने कहा, 'जजों ने निष्पक्षता से फैसला नहीं लिया। प्रतियोगिता को सही ढंग से चलाने के लिए आयोजकों को नए जज रखने थे।'

    वनिता- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    वनिता- दोस्तों, चीन के हुबेई प्रांत में आश्चर्यजनक घटना देखने को मिली जहां एक युवक छह महीनों से कोमा में था। डॉक्टर लगातार उसे ठीक करने की कोशिश करने के बाद अब हार मान चुके थे। लेकिन आखिरकार मां की ममता ही उस युवक को 198 दिन बाद कोमा से बाहर निकालने में कामयाब हुई। जानकारी मुताबिक कॉलेज के सेकंड ईयर का विद्यार्थी यू पिंजिया के दिमाग में रक्तस्त्राव हुआ और वह इस साल मार्च में कोमा में चला गया था।

    युवक के पांच ऑपरेशन भी हुए लेकिन वह कोमा से बाहर नहीं आ सका। कुछ जानने वालों ने तो हुओ और उनके पति को दूसरा बच्चा पैदा कर लेने की सलाह तक दे डाली। चिकित्सक उसके कोमा से बाहर आने की उम्मीद छोड चुके थे, लेकिन मां को पूरा भरोसा था कि वह अपने बेटे को ठीक कर लेगी। वह हर दिन अपने बेटे से बातें करती थी। मां अपने बेटे से कहती थी कि बेटा तुमने हमें वादा किया है कि तुम पैसा कमाकर लाओगे। अपने पिता की मदद करोगे। हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं।

    एक दिन मां की बातें सुनकर यू ने धीरे से आंख खोली और उठ बैठा। अपने बेटे को कोमा से बाहर आया देख मां की खुशी का कोई ठिकाना न रहा। मां ने अपने बेटे को से गले लगा जोर-जोर से रोने लगी।

    अखिल- चलिए, बढ़ते हैं आगे, अब मैं बताने जा रहा हूं दिल को छू जाने वाले ये प्रेम कहानी

    दोस्तों, जहां प्यार को आजकल लोग खिलवाड़ समझने लगे हैं वहीं चीन की ये अद्भुत प्रेम कहानी दुनिया के सभी पतियों के लिए एक मिसाल बन रही है। ये कहानी एक ऐसे पति की है जो पिछले 56 सालों से अपनी बीमार पत्नी की सेवा में लगा हुआ है।

    जानकारी मुताबिक चीन के शैंनडॉन्ग प्रांत के लिनयी शहर में रहने वाले डू युआनफा और जाउ युआई की शादी साल 1958 के नवंबर महीने में हुई थी। शादी को अभी सिर्फ पांच महीने ही हुए थे कि जाउ युआई को लकवा हो गया। डू ने अपनी पत्नी का कई जगह इलाज करवाया लेकिन हर जगह निराशा ही हाथ लगी। डॉक्टरों ने बताया कि अब जाउ कभी ठीक नहीं हो सकेंगी।

    कई लोगों ने डू को सलाह दी कि अब उसकी पत्नी कभी नहीं चल पाएगी। वह उसे तलाक देकर दूसरी शादी कर लें और एक नई जिंदगी की शुरूआत करें, लेकिन डू ने ऐसा बिल्कुल नहीं किया। उन्होंने बीमार पत्नी की सेवा के लिए नौकरी छोड़ दी। वह पिछले 57 सालों से लगातार अपनी पत्नी की सेवा कर रहां हैं।

    यहां तक कि जाउ अपने बिस्तर से उठ नहीं सकती इसलिए डू रोज सुबह उन्हें नहलाने से लेकर टॉयलेट ले जाने और हर तरह के काम करते हैं। इन दोनों के प्यार को देख वहां की सरकार इन्हें खाने-पीने का सामान मुफ्त में मुहैया कराती है। वहीं आस-पास के लोगों का कहना है कि डू अपनी पत्नी की दिल से सेवा करता है, एक मिनट भी उसे अपने से दूर नहीं करता।

    वनिता- अब मैं बताती हूं कि 7 वर्षीय बेटी के लिए खरीदा विश्व का सबसे महंगा हीरा

    दोस्तों, दुनिया भर की महिलाओं में हीरे को लेकर दीवानगी तो जग जाहिर है ही और अब हांगकांग निवासी 7 वर्षीय बालिका के पिता ने अपनी बेटी के लिए विश्व का सबसे महंगा हीरा 'ब्लू मून' 319 करोड़ रुपए यानी 4.82 करोड़ डॉलर में खरीद कर एक मिसाल कायम की है।चीन के कारोबारी जोसफ लाउ ने अपनी बेटी के लिए यह हीरा खरीदा है। उन्होंने जेनेवा में सॉदेबी नीलामघर की नीलामी में 'ब्लू मून' की सर्वाधिक कीमत लगाकर उसे खरीद लिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड 'ग्राफ पिंक' हीरे के नाम था जिसे हांगकांग के ही एक निजी संस्थान ने पांच वर्ष पहले 4.6 करोड़ डॉलर में खरीदा था।

    ब्लू मून के खरीदार ने इस हीरे का नाम 'द ब्लू मून ऑफ जोसफिन'रखा है। 29.62 कैरेट का यह दुर्लभ हीरा दक्षिण अफ्रीका के कलिनन खान में पिछले वर्ष जनवरी में मिला था। दुनियाभर में मिलने वाले हीरे में सिर्फ 0.1 प्रतिशत ही ब्लू मून हीरा होता है। इस हीरे को न्यूयॉर्क में तराशा और पालिश किया गया जिसमें 6 माह का समय लगा। तराशे जाने के बाद 'ब्लू मून'हीरा 12.03 कैरेट का हो गया जो बेहद ही आकर्षक दिख रहा था। इससे पहले जोसफ लाउ ने ही जेनेवा के क्रिस्टी नीलामघर से 16.08 कैरेट के एक गुलाबी हीरे को 2.85 करोड़ डॉलर में खरीदा था।

    अखिल- दोस्तों, आपको बताता हूं कि 3.5 कैरट की डायमंड रिंग के मालिक को फेसबुक पर खोजकर वापस लौटाया।

    दोस्तों, अगर आपको सड़क पर कहीं 3.5 कैरेट हीरे वाली अंगूठी लावारिस मिले तो आप क्या करेंगे। जाहिर है तरह-तरह के विकल्प और ख्याल मन में आ सकते हैं लेकिन ब्रितानी अखबार 'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक एक रेस्तरां के बाहर ऐसी ही एक हीरे जड़ी अंगूठी लावारिस मिलने के बाद 31 साल के ऐंडी सैमुअल्स ने इसके मालिक की तलाश फेसबुक पर शुरू कर दी।

    यह महंगी अंगूठी दरअसल किसी की सगाई की अंगूठी थी। ऐंडी बताते हैं कि उनका खुद का मोबाइल फोन कई बार गुम हुआ है और हर बार उन्होंने इसका जिक्र फेसबुक पर किया। ऐंडी के फेसबुक पोस्ट को देखकर लोगों ने उन्हें उनका फोन वापस लौटाया है।

    इसलिए ऐंडी को अंगूठी के मालिक को तलाशने के बारे में दो बार सोचने की जरूरत नहीं पड़ी। ऐंडी को यह अंगूठी रविवार की सुबह एक गटर के पास मिली और मंगलवार को एक महिला ने बीमा दस्तावेजों के साथ अंगूठी की मालकिन होने का दावा किया।

    ऐंडी टेलिग्राफ अखबार से कहते हैं, 'आखिर में सब कुछ ठीक हो गया और यह पता चला कि सोशल मीडिया में अच्छी बातें भी हैं। मुझे लगा कि इस साल के लिए मैंने एक अच्छा काम किया।'

    वनिता- अब मैं एक ऐसे हलवे के बारे में बताने जा रही हूं कि जो 40 दिन तक कुछ नहीं बिगड़ता।

    दोस्तों, अकेले रहने वाले लोगों के लिए अकसर खाने की समस्या रहती है। शायद अब उन लोगों की समस्या का समाधान हो सके, क्योंकि बाजार में ऐसा हलवा आ गया है, जिसे 40 दिन तक रखा जा सकता है। खास बात यह है कि इस दौरान इसकी गुणवत्ता पर तनिक भी असर नहीं पड़ेगा। प्रगति मैदान में चल रहे 35वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में कर्नाटक के मंडप में मैसूर के नसीरुद्दीन शाह आपको हलवा के लिए आवाज लगाते दिखेंगे।

    देखने में यह हलवा आपको किसी केक की तरह लगेगा। लेकिन हकीकत में यह हलवा है, जिसमें सूखे मेवे, आटा, घी और कई अन्य स्वास्थ्यवर्धक चीजों का समावेश है। नसीरुद्दीन ने बताया, 'यह हलवा कर्नाटक के मैसूर की पंसदीदा मिठाई है। यह मूल रुप से गेहूं, चावल या मक्के के आटे का बनता है। साथ ही इसमें ढेर सारा घी, सूखा मेवा और फ्लेवर के लिए फलों का रस डाला जाता है।'

    उन्होंने बताया कि इसे बहुत देर तक पकाया जाता है इसी वजह से यह जल्दी खराब नहीं होता और 30-40 दिन तक बिना फ्रिज में रखे भी प्रयोग किया जा सकता है।

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- दोस्तों, आज हम आपको एक ऐसा प्रसंग सुनवाने जा रहे हैं, जो सफल व्यक्ति और महान व्यक्ति के बीच के अंतर को स्पष्ट करता है। इस प्रसंग को सुनाया है मोटिवेशनल गुरू डॉ. स्नेह देसाई जी ने। आइए... सुनते हैं उनका प्रेरक प्रसंग।

    वनिता- चलिए, अब हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है हाथी और छह अंधे व्यक्ति

    अखिल- दोस्तों, बहुत समय पहले की बात है , किसी गावं में 6 अंधे आदमी रहते थे. एक दिन गाँव वालों ने उन्हें बताया , " अरे , आज गावँ में हाथी आया है." उन्होंने आज तक बस हाथियों के बारे में सुना था पर कभी छू कर महसूस नहीं किया था. उन्होंने ने निश्चय किया, " भले ही हम हाथी को देख नहीं सकते , पर आज हम सब चल कर उसे महसूस तो कर सकते हैं ना?" और फिर वो सब उस जगह की तरफ बढ़ चले जहाँ हाथी आया हुआ था.

    सभी ने हाथी को छूना शुरू किया. "मैं समझ गया, हाथी एक खम्भे की तरह होता है", पहले व्यक्ति ने हाथी का पैर छूते हुए कहा. "अरे नहीं, हाथी तो रस्सी की तरह होता है." दूसरे व्यक्ति ने पूँछ पकड़ते हुए कहा. "मैं बताता हूँ, ये तो पेड़ के तने की तरह है.", तीसरे व्यक्ति ने सूंढ़ पकड़ते हुए कहा. "तुम लोग क्या बात कर रहे हो, हाथी एक बड़े हाथ के पंखे की तरह होता है." , चौथे व्यक्ति ने कान छूते हुए सभी को समझाया. "नहीं-नहीं , ये तो एक दीवार की तरह है.", पांचवे व्यक्ति ने पेट पर हाथ रखते हुए कहा. " ऐसा नहीं है , हाथी तो एक कठोर नली की तरह होता है.", छठे व्यक्ति ने अपनी बात रखी. और फिर सभी आपस में बहस करने लगे और खुद को सही साबित करने में लग गए.. ..उनकी बहस तेज होती गयी और ऐसा लगने लगा मानो वो आपस में लड़ ही पड़ेंगे.

    तभी वहां से एक बुद्धिमान व्यक्ति गुजर रहा था. वह रुका और उनसे पूछा," क्या बात है तुम सब आपस में झगड़ क्यों रहे हो?" " हम यह नहीं तय कर पा रहे हैं कि आखिर हाथी दीखता कैसा है." , उन्होंने ने उत्तर दिया. और फिर बारी बारी से उन्होंने अपनी बात उस व्यक्ति को समझाई.

    बुद्धिमान व्यक्ति ने सभी की बात शांति से सुनी और बोला ," तुम सब अपनी-अपनी जगह सही हो. तुम्हारे वर्णन में अंतर इसलिए है क्योंकि तुम सबने हाथी के अलग-अलग भाग छुए हैं, पर देखा जाए तो तुम लोगो ने जो कुछ भी बताया वो सभी बाते हाथी के वर्णन के लिए सही बैठती हैं."

    " अच्छा !! ऐसा है." सभी ने एक साथ उत्तर दिया . उसके बाद कोई विवाद नहीं हुआ ,और सभी खुश हो गए कि वो सभी सच कह रहे थे.

    दोस्तों, कई बार ऐसा होता है कि हम अपनी बात को लेकर अड़ जाते हैं कि हम ही सही हैं और बाकी सब गलत है. लेकिन यह संभव है कि हमें सिक्के का एक ही पहलु दिख रहा हो और उसके आलावा भी कुछ ऐसे तथ्य हों जो सही हों. इसलिए हमें अपनी बात तो रखनी चाहिए पर दूसरों की बात भी सब्र से सुननी चाहिए , और कभी भी बेकार की बहस में नहीं पड़ना चाहिए. वेदों में भी कहा गया है कि एक सत्य को कई तरीके से बताया जा सकता है. तो , जब अगली बार आप ऐसी किसी बहस में पड़ें तो याद कर लीजियेगा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके हाथ में सिर्फ पूँछ है और बाकी हिस्से किसी और के पास हैं.

    वनिता- चलिए, अभी हम आपको महाभारत धारावाहिक में भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख सुनवाते हैं, जो हमारे हर प्रोग्राम में जारी रहता है। आइए.. सुनते हैं।

    अखिल- दोस्तों, यह थी भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख, हमें यकीन है कि आप इस पर जरूर विचार करेंगे।

    वनिता- चलिए, अभी हम आपको ले चलते हैं हंसी-खुशी की दुनिया में जहां सुनाए जाएंगे चटपटे और मजेदार जोक्स, पर उससे पहले सुनते हैं यह हास्य कविता। इस कविता के कवि हैं अरूण जेमनी जी। आइए... सुनते हैं।

    अखिल- तो दोस्तों, यह थी हास्य कविता, उम्मीद है कि जरूर पसंद आयी होगी। चलिए अब समय हो गया है मजेदार चुटकुलों का।

    अखिल- पत्नी- जानू, क्या प्रॉब्लम है। तुम आजकल इतना लेट रिप्लाई क्यों करते हो?

    पति - बस थोड़ा बिजी हूं।

    पत्नी - कुछ छिपा तो नहीं रहे हो। मुझे तो शक होने लगा है कि कहीं तुम किसी और के साथ...।

    पति - जैसा तुम सोच रही हो ऐसा कुछ भी नहीं है।

    पत्नी - तो प्लीज बोलो न। मैं तुम्हारी समस्या बांटना चाहती हूं।

    हसबैंड- तो सुनो। - 40 प्रतिशत की ग्रोथ चाहिए। - दो क्वार्टर का टारगेट नहीं हुआ। -वायटीडी 80% से भी कम है। - वैकेंट टेरेटरी भी देखना है। - डे ग्रोथ भी मैनेज करना है। - प्रोडक्ट मिक्स सेल भी चाहिए।

    पत्नी - ओके, जानू बाय। पापा का कॉल आ रह है। मैं बाद में बात करती हूं।

    चपरासी (नेताजी से)- साहब, आप अपने कार्यालय में सिर्फ शादीशुदा आदमियों को ही क्यों रखते हो ?

    नेताजी : क्योंकि उन्हें रोजाना बेइज्जती सहने की आदत होती है।

    चपरासी- आप कुंवारों को क्यों नही रखते?

    नेताजी- क्योंकि कुंवारों को घर जाने की जल्दी होती है और शादीशुदा आदमियों को घर जाने की जल्दी नहीं होती।

    एक बार पति-पत्नी में किसी बात पर झगडा़ हो गया ! पति किसी बात से नाराज होकर पत्नी से बात नहीं कर रहा था..! 

    पत्नी बोली : अब मैं 10 तक गिनूंगी...! अगर, तुम नहीं बोले तो... मैं जहर खा लूंगी...!!!    

    पत्नी : 'एक'...

    पति : खामोश !!!

    पत्नी : 'दो'...

    पति, फिर भी चुप्प...!!!

    पत्नी : 'बोलो ना प्लीज ~~~ !!' ...और पत्नी का रोना शुरू !!!

    पति : 'गिनती गिन..... गिनती !!!!!'

    पत्नी : शुक्र है.....! आप बोले तो !! नहीं तो, मैं जहर खाने ही वाली थी...!!!

    देखिए प्रे‍मी का प्रेमिका को प्रपोज करने का अनूठा अंदाज। एक प्रेमी ने सोचा कि प्रेमिका से विवाह का प्रस्ताव नए अंदाज में किया जाए। उसने एक दिन प्रेमिका से मुलाकात होने पर कहा- प्रिये, मैं स्वयं को तुम्हें भेंट करना चाहता हूं। प्रेमिका ने बुरा-सा मुंह बनाकर कहा- मुझे घटिया तोहफे लेने की आदत नहीं हैं।

    वनिता- चलिए... इसी के साथ ही हम आपको एक ओडियो जोक भी सुनवाते हैं।

    अखिल- दोस्तों, अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और वनिता को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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