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    टी टाइम 151117 (अनिल और वेइतुंग)
    2015-11-16 16:32:56 cri

    टी-टाइम 18 नवंबर

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः लीजिए दोस्तो, पोग्राम शुरू करते हैं।

    अनिलः दोस्तों, उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में शनिवार को 73 साल बाद एक बार फिर से बंद गुरुद्वारे में रौनक नजर आएगी। सालों से बंद पड़े इस गुरुद्वारे को एक बार फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। यह गुरुद्वारा खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर के जोगीवारा इलाके में स्थित है।

    जानकारी के अुनुसार यह इस गुरुद्वारे को 1942 में स्थानीय नागरिकों की आपत्ति के बाद बंद कर दिया गया था। गुरुद्वारे को दोबारा खोलने का फैसला सिख समुदाय, स्थानीय नागरिकों और प्रशासन की बैठक में किया गया। बैठक की अध्यक्षता पेशावर के उपायुक्त रियाज महसूद ने की। इस दौरान खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री के अल्पसंख्यक मामलों के सलाहकार सरदार सुरन सिंह भी मौजूद थे।

    स्थानीय नागरिकों ने कहा अगर यहां फिर से पूजा-अर्चना के लिए इंतजाम किए जाते हैं तो उन्हें गुरुद्वारे को फिर से खोलने को लेकर कोई आपत्ति नहीं है। महसूद ने इसका भरोसा दिलाते हुए कहा कि गुरुद्वारे के चारों तरफ दीवार का निर्माण कराया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को सिखों की पूजा-अर्चना से कोई परेशानी नहीं हो।

    वेइतुंगः वहीं, उत्तराखंड के कुमाऊं के बागेश्वर जिले में 15 हजार साल पुरानी गुफा मिली है। इस गुफा के मिलने के बाद से ही वैज्ञानिकों में खासा उत्साह देखा गया। शुरुआती अध्ययन में पता चला है कि गुफा करीब 15 हजार साल पुरानी हो सकती है।

    गुफा के अन्दर शिवलिंग और कुंड भी मौजूद है। जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस गुफा में मानवीय गतिविधियां भी की जाती थी।

    उत्तराखंड की प्राचीन गुफाओं पर अध्ययन कर रहे कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और भूगर्भ वैज्ञानिक बहादुर सिंह कोटलिया ने बताया कि दस माह में बागेश्वर में यह दूसरी गुफा मिली है। पहले कांडा गांव में मिली गुफा भी करीब दस हजार साल पुरानी है।

    उन्होंने बताया कि शोध कार्य जारी है, लेकिन अब तक मिले संकेतों से प्रतीत हो रहा है कि इस पहाड़ी अंचल में मानवीय मौजूदगी काफी पहले से थी। डॉ. कोटलिया के अनुसार नए शोध से उत्तराखंड के इतिहास को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा।

    अनिलः अब बात मनोरंजन की करते हैं।

    सलमान खान की फिल्म 'प्रेम रतन धन पायो' का बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन जारी है। दिवाली के एक दिन बाद रिलीज हुई ये फिल्म पहले दिन सबसे ज्यादा कमाने वाली फिल्म का रिकॉर्ड बना चुकी है। फिल्म ने पहले दिन (हिन्दी वर्जन) 40.35 करोड़ की कमाई की।

    फिल्म ने पहले दिन शाहरुख की 'हैप्पी न्यू ईयर' के पहले दिन सबसे ज्यादा कमाई के रिकॉर्ड को तोड़ा। फिल्म ने दूसरे दिन भी शानदार प्रदर्शन किया। बॉलीवुड मूवी रिव्यूज के अनुसार, फिल्म के तेलुगू, तमिल वर्जन और दुनियाभर की कमाई मिलाकर दूसरे दिन ही 100 करोड़ का आंकडा़ छू लिया। अब फिल्म के अकेले हिन्दी वर्जन ने भी 100 करोड़ी क्‍लब में जगह बना ली है।

    वेइतुंगः सलमान खान और सोनम कपूर की मुख्य भूमिकाओं वाली 'प्रेम रतन धन पायो' हालांकि गुरुवार जैसा प्रदर्शन शुक्रवार और शनिवार को नहीं कर सकी। गुरुवार के 40.35 करोड़ को मुकाबले फिल्म ने शुक्रवार को 31.05 करोड़ जबकि शनिवार को 30.47 करोड़ की कमाई की। इस तरह फिल्म की कुल कमाई 101.47 करोड़ हो गई है।

    ये आंकड़े सिर्फ हिन्दी वर्जन के हैं। तमिल, तेलुगू और विदेशों में भी फिल्म शानदार प्रदर्शन कर रही है। फिल्म को पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में भी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।

    अनिलः स्पोर्ट्स सेक्शन

    एबी डिविलियर्स जब अपना 100वां टेस्ट मैच खेलने मैदान पर उतरे तो दर्शकों ने खड़े होकर इस साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज का अभिवादन किया। इससे स्टेडियम में मौजूद डिविलियर्स के माता पिता भी इससे भाव विभोर हो गए।

    उनके माता-पिता ने एबी के बारे में खुलकर बात करते हुए कुछ ऐसी बातें बताई हैं जो वाकई में मजेदार हैं। एबी इंडियन प्रीमियर लीग में इसी शहर की फ्रेंचाइजी से खेलते हैं और यहां उनके प्रशंसकों की कमी नहीं है। एबी के माता पिता भी मैच देखने के लिए भारत आए हुए हैं।

    उनके पिता एबी डिविलियर्स सीनियर (यही एबीडी के पिता का नाम है) ने कहा कि मैदान पर दर्शको ने जब एबीडी, एबीडी कहा तो मुझे बहुत आश्चर्य हुआ और जब एबी आउट हुआ तो पूरा स्टेडियम शांत हो गया। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी जानते हैं कि बेंगलूर एबी का दूसरा घर है क्योंकि वह रॉयल चैलेंजर्स बेंगलूर के लिए लंबे समय से आईपीएल में खेल रहा है। मुझे उम्मीद है कि अब वह भारतीय भाषाएं सीखेगा।

    डिविलियर्स की मां मिली ने उनके बचपन की कुछ घटनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि हम उसके बचपन से ही जानते हैं कि उसके लिए व्यक्तिगत खेल की बजाए किसी टीम के साथ रहना अच्छा रहेगा। क्योंकि उसे अपने आसपास लोगों की मौजूदगी और टीम में होना पसंद है। और वह उतना शांत भी नहीं है जितना मैदान पर दिखता है।

    उन्होंने आगे कुछ और खुलासे करते हुए कहा कि वह जब युवा था तो अच्छी गोल्फ खेलता था। मैंने जब उसे गोल्फ खेलते हुए देखा तो सपना देखने लगी कि मेरा बेटा एक दिन एर्नी एल्स बनेगा पर साथ ही वह एक अच्छा टेनिस खिलाड़ी भी था।

    वेइतुंगः एबी के पिता ने कहा कि एक बार किसी ने मुझसे पूछा कि क्या उनका बेटा डॉक्टर बन सकता है तो इस बात पर उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि हमारे परिवार का अकादमिक रिकॉर्ड अच्छा रहा है। मैं चाहूंगा कि मेरा बेटा कभी कोई डिग्री हासिल करे लेकिन अपने करियर में उसने जो कुछ हासिल किया, उससे मैं पूरी तरह खुश हूं।

    एबी की कौन सी पारी अच्छी लगती है इसके जवाब में उनके पिता ने कहा कि उसने सेंचुरियन में भारत के खिलाफ (2010 में ) 75 गेंदों पर शतक ठोका था। मुझे वह पारी पसंद है।

    उन्होंने आगे कहा कि एबी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच शतक लगाए हैं। इसको जानकर मुझे बेहद खुशी होती है। न्यूजीलैंड्स में एक मैच था जिसमें उसने ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज एंड्रयू मैकडोनाल्ड पर एक ओवर में चार छक्के लगाए थे। यह एक और पारी है जो मुझे पसंद है।

    अनिलः वहीं.

    अमेरिका में हुए क्रिकेट ऑल स्टार्स के तीसरे मुकाबले में सचिन की टीम को वार्न वॉरियर्स ने चार विकेट से हराकर सीरीज को 3-0 से अपने नाम किया।

    पहले बल्लेबाजी करते हुए सचिन ब्लास्टर्स ने 220 रनों का विशाल स्कोर बनाया और वार्न की टीम ने अंतिम ओवर में अपने कप्तान वार्न के छक्के से रोमांचक जीत दर्ज की।

    सचिन की टीम भले ही सीरीज हार गई हो लेकिन उनके टीम के पुराने क्रिकेटरों ने दिखा दिया कि उनमें अभी भी पूरा दमखम है। इस टीम ने टी-20 मैच में लगातार दूसरी बार 200 से ज्यादा का स्कोर किया है। वैसे यह पहला मौका है, जब इतने बड़े स्तर में अमेरिका में क्रिकेट खेला गया हो। इन मैंचों के लिए बेसबॉल ग्राउंड्स का इस्तेमाल किया गया। जिनमें बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे।

    वेइतुंगः उधर भारत की बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल चीन ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर टूर्नामेंट के एकल वर्ग के फाइनल में रविवार को चीन की ली जुइरेई से हार गईं।

    पूर्व विश्व चैम्पियन जुइरेई ने मौजूदा चैम्पियन और शीर्ष वरीय साइना को 21-12, 21-15 से हराया। यह मैच 39 मिनट चला।

    जुइरेई और साइना के बीच यह 12वां मुकाबला था और10 बार जुइरेई विजयी रही हैं। बीते छह मैचों से साइना लगातार जुइरेई के हाथों हारी हैं।

    साइना ने शनिवार को हुए सेमीफाइनल मैच में चीन की वांग यीहान को 41 मिनट में 21-13, 21-18 से हराया था।

    दूसरी ओर, जुइरेई ने सेमीफाइनल में अपने ही देश की शिजियान वांग को 21-14, 21-5 से हराया था।

    अनिलः अब समय हो गया है हेल्थ टिप्स का।

    दोस्तों, हम में से तमाम लोग कभी न कभी रोते हैं। सेहत के लिए रोना एक लिमिट में ठीक होता है। मिनीसोटा स्थित सैंट पॉल रामसे मेडिकल सेंटर के बायोकेमिस्ट डॉ. विलियम फ्रे ने अपने अध्ययन के आधार पर रोने के कई फायदे खोजे हैं। आइए जानते हैं आंसुओं को लेकर कुछ हैरत में डाल देने वाली जानकारी

    हंसना सेहत के लिए अच्छा है, ठीक वैसे ही रोना भी अच्छा है, लेकिन हद तक। आंसुओं के निकल जाने से सिर एवं हृदय में पीड़ा, जुकाम, चक्कर आना, गरदन का अकडऩा आदि में राहत मिलती है। आंखों में नमी बनी रहती है। भावनात्मक आंसू अवसाद, उदासी एवं क्रोध को दूर करते हैं। आंसुओं को रोकने का मतलब है बीमारियों को दावत देना। तनाव के दौरान रोने से आंसुओ के साथ एड्रेनोकॉर्टिकोट्रोपिक और ल्यूसीन एनसिफलिन जैसे हार्मोन निकलते हैं जिससे तनाव दूर होता है।

    आंखों के मेमब्रेन के सूखने पर रोशनी कमजोर हो जाती है। आंसू इसे सूखना नहीं देते हैं जिससे आंखों की रोशनी बनी रहती है। आंसुओं में लोसोजोम नामक तत्व होता है जो बाहरी बैक्टीरिया को खत्म करने में 90 से 95 प्रतिशत तक सफल होता है।

    बाहरी केमिकल से बचाव भी आंसू करते हैं। इसीलिए प्याज से निकलने वाले केमिकल या धूल के संपर्क में आंसू आते हैं जिससे आंखे सुरक्षित रहती हैं। भावनात्मक कारणों से निकलने वाले आंसुओं में एल्बुमिन प्रोटीन की मात्रा 24 प्रतिशत अधिक होती है जो मोटाबॉलिज्म प्रभावित करता है।

    परेशानी के दौरान रोने से दिमाग, दिल और लिंबिक सिस्टम का काम स्मूथ हो जाता है। पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन अधिक मात्रा में पाया जाता है, जो आंसू रोकने का काम करता है। यही वजह है कि पुरुष कम रोते हैं। वहीं प्रोलेक्टिन अधिक होने के कारण महिलाएं बात-बात पर रो देती हैं।

    वेइतुंगः आज के प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है। लीजिए अब पेश है, श्रोताओं की टिप्पणी।

    पहला ईमेल आया है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु का।

    वे लिखते हैं कि, सबसे पहले मैं यह बोलना चाहूंगा कि रात साढ़े नौ से साढ़े दस बजे तक आपका रात्रिकालीन प्रसारण 1188 किलोहर्ट्ज पर सुनाई नहीं दे रहा है। दूसरा फ्रीक्वेंसी 1269 किलोहर्ट्ज पर भी आपके प्रोग्राम की रिसेप्शन क्वालिटी आजकल बहुत ही बुरी है। अगर हम प्रोग्राम अच्छी तरह सुन नहीं पाएंगे तो ईमेल या पत्र कैसे लिखेंगे? मैंने कई बार इस बारे में आप लोगों का ध्यान आकर्षित किया लेकिन अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है। अगर आप आप technical department को मेरा यह सन्देश देंगे तो यह ठीक हो सकता है।

    बसु जी, हमने बात की टेक्निकल डिपार्टमेंट तक पहुंचा दी है,उम्मीद करते हैं कि जल्द ही आपकी शिकायत दूर होगी।

    वे आगे लिखते हैं कि "टी टाइम" प्रोग्राम का ताज़ा अंक बुरी रिसेप्शन की वजह से बमुश्किल सुना। प्रोग्राम की शुरुआत में आपने स्पेन के एक गांव में रहने वाले एक बुजुर्ग दंपति के बारे में बताया। जो पिछले 45 सालों से उस गांव में अकेले रह रहे हैं । 82 वर्षीय जुआन मार्टिन और उनकी पत्नी 79 वर्षीय कोलोमर अब भी खेतों में काम करते हैं। ये दोनो वहां अपने साथ कुछ दर्जन डॉगी और बिल्लियों की देखभाल करते हैं। सुना है कि उन दोनों के जीवन पर "जंगल्‍स इन पेरिस" नाम का एक शॉर्ट फिल्‍म भी बनाई गई है। जिसमें उस दंपति की कठिन जिंदगी के बारे में विस्‍तार से दिखाया गया है। वाकई यह एक दिल को छू लेने वाली जानकारी है ।

    वहीं आपने लेखिका श्रावणी बसु की एक किताब को लेकर चर्चा की ,जिससे पता चला कि प्रथम विश्व युद्ध के वक्त फ्रांस और बेल्जियम के बंकरों में लड़ रहे भारतीय सैनिकों ने भारतीय मिठाइयों का स्वाद पाने के लिए तड़प रहे थे । "तड़प तड़प के इस दिल से /आह निकलती रही है/तो लुट गए हां लुट गए/तो लुट गए हम भारतीय लड्डू के मोहब्बत में। "

    जबकि भारतीय छात्र मालव सांघवी ने शिशुओं को रखने के लिए कम लागत वाले गत्ते से एक इन्क्यूबेटर बनाया है। जो समय से पूर्व जन्मे और कम वजन के बच्चों की जान बचाने में मददगार होगा । मैं चाहता हूं कि भारत के हर हॉस्पिटल में ऐसा ही इन्क्यूबेटर रहना चाहिए क्योंकि भारत में हर वर्ष 3 लाख शिशुओं की मौत जन्म के बाद हो जाती है। भारत सरकार को मालव सांघवी को सम्मानित करना चाहिए । वहीं अमेरिका के बेरोजगार युवक 39 साल के स्पिवक का करोड़पति बन जाना काफी अजीबोगरीब लगा । एक कहावत है न भगवान जब देता है तो छप्पड़ फाड़के देता है। जबकि अपने काम में सफल होने के लिए ऐप्पल के को-फाउंडर स्‍टीव जॉब्‍स की बातें काफी प्रेरक लगी ।

    आज हेल्थ टिप्स में ब्लैक टी और ग्रीन टी से कुल्‍ला करने से हमारे दांतों से बू और पायरिया दूर हो जाता है इस बारे में हमें आगाह करने के लिए धन्यवाद ।

    आज मेरे नाम से प्रसारित चुटकुलों के बारे में मैं आपका का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं । मैंने कोई भी जोक नहीं भेजा था । शायद आप से ग़लती हो गयी हो या किसी ने मेरे नाम पर चुटकुले भेजा हो।

    बसु जी, इसके लिए माफी चाहते हैं, शायद किसी गलती की वजह से ऐसा हो गया होगा। हमें पता चला है कि उक्त जोक पश्चिम बंगाल से ही बिधान चंद्र सान्याल ने भेजा था।

    अनिलः

    वहीं, भागलपुर बिहार से हेमंत कुमार व पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप ने भी हमें पत्र भेजे हैं। वे लिखते हैं कि हम आपका प्रोग्राम नियमित रूप से सुन रहे हैं। पिछले अंक में स्पेन के एक गांव में गत 4 दशक से भी अधिक समय से रह रहे बुजुर्ग दंपति की कहानी वाकई दिल को छूने वाली थी। इससे पता चलता है कि एक वक्त पूरी तरह आबाद को युद्ध ने किस तरह बर्बाद कर दिया। यानी युद्ध लोगों के जीवन में कभी भी खुशी नहीं लाते। साथ ही आपके द्वारा हेल्थ टिप्स के तहत दी गई जानकारी भी अच्छी लगी। जिसमें बताया कि ग्रीन टी से कुल्ला या गरारा करना चाहिए। धन्यवाद शानदार प्रस्तुति के लिए।

    धन्यवाद आपका भी।

    लीजिए अब पेश है, बालुरघाट पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल का पत्र। वे लिखते हैं कि

    10 नवम्बर को टी-टाइम प्रोग्राम की शुरुआत रोचक जानकारी के साथ हुई। वैसे तो मुझे आपके द्वारा दी गई सभी जानकारी अच्छी लगी। लेकिन विशेषकर ग्रीन टी के फायदे के बारे में बताया जाना दांतों की सफाई के लिए बेहतरीन उपाय लगा। धन्यवाद तमाम जानकारी के लिए।

    श्रोताओं की टिप्पणी यही तक।.....

    जोक्स का समय हो गया है।

    पहला जोक....

    एक अमेरिकी डॉक्टर भारत आया, बस स्टैंड पर एक किताब देखते ही उसे दिल का दौरा पड़ गया . . . 20 रूपए की इस किताब का नाम था '30 दिन में डाक्टर कैसे बनें'।

    दूसरा जोक- सरकिट ने लड़की को प्रपोज किया- मुझसे प्यार करोगी।

    लड़की- शक्ल देखी है अपनी,

    तुझसे प्यार करने से तो बेहतर है मैं सुसाइड कर लूं।

    सरकिट- कमबख्त मर जाएगी पर किसी गरीब के काम नहीं आएगी...

    तीसरा जोक..

    एक इंजीनियर सिगरेट पी रहा था।

    तभी एक खुबसूरत लड़की वहां आई ओर बोली

    लड़कीः आप कितने सालों से सिगरेट पीते हैं?..

    इंजीनियरः आठ साल से!

    लड़कीः अगर आप इतने पैसे बचाते तो वो सामने खड़ी स्कॉर्पियो आपकी होती।...

    इंजीनियरः आप सिगरेट पीती हैं!

    लड़कीः नही।

    इंजीनियरः तो आपके पास स्कॉर्पियो है!

    लड़कीः नही!....

    इंजीनियरः तो तू ज्यादा ज्ञान मत बांटा कर,

    वो स्कॉँर्पियो मेरी ही है!!

    लड़की वहां से शर्मिन्दा हो कर चली गयी।

    जोक्स यही तक। उम्मीद है आपको पसंद आए होंगे।

    अब समय हो गया है सवाल-जवाब का।

    पिछले हफ्ते हमने दो सवाल पूछे थे।

    पहला सवाल था। एक भारतीय छात्र ने क्या आविष्कार किया है।

    सही जवाब है- मालव सांघवी नाम के भारतीय छात्र ने शिशुओं को रखने के लिए कम लागत वाले गत्ते से एक इन्क्यूबेटर बनाया है, जो समय से पूर्व जन्मे और कम वजन के बच्चों की जान बचाने में मददगार होगा ।

    दूसरा सवाल था—एप्पल के को-फाउंडर कौन थे।

    सही जवाब है- एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स थे।

    इन सवालों का सही जवाब हमें लिखकर भेजा है भागलपुर बिहार से हेमंत कुमार, पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल, रविशंकर बसु, देवाशीष गोप, भावनगर गुजरात से विशाल कुमार आदि ने।

    आप सभी का शुक्रिया।

    अब आज के सवालों का वक्त हो गया है.।

    पहला सवाल है। भारत में कौन सी जगह पर 15 हज़ार साल पुरानी गुफा मिली है।

    दूसरा सवाल है- दक्षिण अफ्रीका के किस बैट्समैन ने सौंवा टेस्ट मैच खेला है।

    सवाल एक बार फिर सुन लीजिए।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही, अगले हफ्ते फिर मिलेंगे चाय के वक्त, तब तक के लिए शुक्रिया....

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