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    संडे की मस्ती 2015-11-08
    2015-11-12 09:13:30 cri

     


    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ देंगी वनिता जी...।

    वनिता- हैलो... दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- दोस्तों, इससे पहले हम अपना प्रोग्राम शुरू करें, चलिए हम सुनते हैं यह चीनी गीत।

    वनिता- इस चीनी गीत का नाम है दुनिया में सबसे सुन्दर भूल।

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    वनिता- चलिए दोस्तों... आज हम आपको ले चलते हैं हमारे संडे स्पेशल की तरफ, मुस्लिम परिवार ने गाय का मनाया हैपी बर्थडे, काटा 10 किलो का केक

    (Music)

    अखिल- दोस्तों, भारत में एक ओर साम्प्रदायिकता जहां लोगों की दुश्मन बनी हुई है वहीं साम्प्रदायिक सद्भाव कायम करने वाले लोगों की भी कमी नहीं है.

    उत्तर प्रदेश के हापुर शहर के सिकन्दर गेट में रहने वाले एक मुस्लिम परिवार ने अपनी गाय 'जूली' का जन्मदिन धूमधाम से मनाया और उसके जन्मदिन की पार्टी में इस परिवार ने 40,000 रुपए खर्च कर दिए. जूली के जन्मदिन पर परिवार ने 10 किलो का एग लेस केक ऑर्डर किया और उसको बर्थ डे कैप भी पहनायी.

    गाय के मालिक इरशाद बताते हैं किए जूली और उसकी मां भोली हमारे परिवार की सदस्य हैं, हम उनका वैसे ही ध्यान रखते हैं जैसे अपने बच्चों का रखते हैं. ये जूली का पहला जन्मदिन था इसलिए हमने पहले से ही इसे भव्य तरीके से मनाने की योजना बनायी और करीब 100 मेहमानों को इस बर्थ डे पार्टी में आमंत्रित किया.

    इरशाद आगे बताते हैं कि, 'हमने 10 किलो का एगलेस वनीला केक ऑर्डर किया जिस पर दो काऊ शेप की कैन्डल भी लगी थी. सभी मेहमान भी जूली के लिए उसके पसंदीदा फल गिफ्ट के तौर पर लेकर आए.'

    इरशाद एक केमिकल वेस्ट मैनेजमेन्ट कंपनी में काम करते हैं. इरशाद के पिता हाजी अब्दुल गनी को अपनी गायों से बेहद प्यार था. उनके परिवार में 40 सालों से गाय पाली जाती रही है. उन्होंने 2008 में अपने घर में पैदा होने वाली गायों के नामकरण और उनके जन्मदिन मनाने की परंपरा शुरू की.

    अपनी गायों के बारे में इरशाद बताते हैं, 'जूली और उसकी मां भोली हमारे परिवार की सदस्य हैं, हम उनका वैसे ही ध्यान रखते हैं जैसे अपने बच्चों का रखते हैं.

    वनिता- दोस्तों, यह था हमारा संडे स्पेशल। चलिए... दोस्तों, अभी हम चलते हैं अजीबोगरीब और चटपटी बातों की तरफ।

    वनिता- दोस्तों, आमतौर पर बिस्किट की कीमत भी ज्यादा नहीं होती, लेकिन यही बिस्किट जब लगभग 100 साल पहले समुद्र में समा गए जहाज 'टाइटैनिक' से जुड़े हों तो यह दुनिया का सबसे कीमती बिस्किट बन जाता है।

    ब्रिटेन में एक नीलामी के दौरान 1912 में टाइटैनिक के साथ डूबने से बच गए ऐसे बिस्किट की कीमत 15,000 पौंड लगाई गई और इसी के साथ जहाज से जुड़ा एक फोटोग्राफ ऐसा है जो 21,000 पौंड में नीलाम हुआ। यह फोटोग्राफ उस हिमखंड का है, जिससे टकराने के बाद यह जहाज डूब गया था। यह पिक्चर उस हिमखंड के पास से गुजर रहे दूसरे जहाज से ली गई थी।

    विल्टशायर में हेनरी एल्ड्रिज एंड संस नीलामी समूह के नीलामी कर्ता एंड्रयू एल्ड्रिज ने बताया कि जहाज की जीवन रक्षक किट में से प्राप्त हुआ 'द स्पिलर्स एंड बेकर्स पायलट क्रैकर' विश्व का सबसे कीमती बिस्किट है।

    इस बिस्किट की नीलामी से पहले इसकी कीमत आठ से दस हजार पौंड आंकी गई थी, लेकिन जब यूनान के एक संग्रहकर्ता ने इसके लिए बोली लगाई तो यह आंकी गई कीमत से बहुत आगे निकल गई।

    इस बिस्किट को जेम्स फेनविक ने बचाया था। वह इस जहाज में कार्पथिया से सवार हुआ था और उसने टाइटैनिक हादसे में बचने वाले लोगों को बचाया था।

    उन्होंने इसे एक लिफाफे में मूल टिप्पणी के साथ संभालकर रखा हुआ था। इसमें लिखा था, 'अप्रैल 1912 में टाइटैनिक जीवन रक्षक नाव से पाया गया पायलट बिस्किट।' बीबीसी न्यूज के मुताबिक, इस नीलामी के दौरान एक फोटो की बोली 21,000 पौंड लगाई गई। यह फोटो उस हिमखंड की है, जिससे टकराकर यह जहाज डूब गया था।

    अखिल- चलिए, बढ़ते हैं दूसरी ख़बर की तरफ।

    दोस्तों, चीन के बीजिंग में जन्म नियंत्रण नीति में बदलाव के बाद से 53,000 से अधिक दंपत्तियों ने दूसरे बच्चे के लिए आवेदन दिया है। इस नीति में 2014 की शुरुआत में बदलाव किया गया था। बीजिंग में सितंबर के अंत में 53,034 दंपत्तियों ने आवेदन पत्र दाखिल किए, जिनमें से 48,392 दंपत्तियों को मंजूरी मिल गई है।

    चीन ने देश में बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के लिए 1970 के दशक में परिवार नियोजन योजना पेश की थी, जिसके तहत अधिकांश शहरी दंपत्तियों को एक बच्चे और अधिकांश ग्रामीण दंपत्तियों को दो बच्चों को जन्म देने का अधिकार दिया गया था।यदि पहला बच्चा लड़की है, उसी स्थिति में दूसरे बच्चे के जन्म को मंजूरी दी गई थी। देश में 2013 के अंत में इस नीति में बड़ा बदलाव करते हुए देशभर में दंपत्तियों को दूसरा बच्चा पैदा करने को मंजूरी दी गई। लेकिन इसके लिए एक शर्त तय की गई कि अभिभावकों में से कोई एक अपने मां-बाप की एकमात्र संतान हो, उसी स्थिति में वे दूसरे बच्चे को जन्म दे सकते हैं।

    वनिता- अब मैं पांडा के 12 जुड़वा बच्चों के बारे में बताती हूं, जो कि लोगों से रूबरू करवाया गया है।

    दोस्तों, चीन के सिचुआन प्रांत के चेंग्दू में पहली बार 2015 में जन्मे पांडा के 13 बच्चों को लोगों से रूबरू कराया गया। इनमें छह जोड़ी पांडा के जुड़वा बच्चे हैं।

    संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और चेंग्दू रिसर्च बेस ऑफ जाइंट पांडा ब्रीडिंग ने पांडा के इन बच्चों से लोगों को मिलवाया।साथ ही उन्होंने दुनियाभर के पांडा प्रशंसकों और लोगों से इसकी रक्षा का आह्वान किया।चीन में यूएनडीपी के उपनिदेशक पैट्रिक हेवरमैन ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने बताया कि चीन के किन्हे में सितंबर में पैदा हुए पांडा के जुड़वा बच्चों को यूएनडीपी का इमेज एम्बेसडर बनाया गया है।

    अखिल- दोस्तों, आपको बताता हूं कि चीन में है 'स्वर्ग का दरवाजा'जहां 999 सीढिय़ां करनी पड़ती है पार!

    दुनियाभर में ऐसी कई जगह है, जहां के बारे में सुनकर और देखकर आप यकीन नहीं कर पाते कि ऐसी भी कोई जगह हो सकती है। ऐसा ही एक जगह चीन का तियानमेन माउंटेन है, जो टूरिस्टों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

    1518 मीटर ऊंचे इस पहाड़ पर दुनिया की सबसे ऊंची गुफा है। बताया जाता है कि 253 ईस्वी में पहाड़ का कुछ हिस्सा टूट गया था, जिससे इस गुफा का निर्माण हुआ। इसकी लंबाई 196 फीट, ऊंचाई 431 फीट तथा चौड़ाई 187 फीट है। लगभग 5 हजार फीट की ऊंचाई पर होने की वजह से ये गुफा बादलों के बीच घिरा रहता है। शायद यही कारण है कि लोग इसे स्वर्ग का दरवाजा कहते है।

    यहां जाने के लिए सड़क के अलावा केबल वे का उपयोग भी किया जाता हैं। दुनिया का सबसे लंबा (24459 फीट) और ऊंचाई पर बने इस केबल वे का नाम गिनीज बुक्स ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। केबल वे और सड़कों से उतरने के बाद लोग 999 सीढिय़ां चढ़कर गुफा तक पहुंचते हैं। कहा जाता है कि इस गुफा में काफी खजाने छुपे हुए हैं, जिन्हें ढूंढने की चाह में कई लोग यहां आएं, लेकिन असफल रहे।

    वनिता- चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं यह हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- दोस्तों, रावण को अधर्म और बुराइयों का प्रतीक माना जाता है। रावण जन्म से ब्राह्मण था और वह सभी शास्त्रों का जानकार था। ज्योतिष और पूजा-पाठ के सभी नियमों की भी जानकारी उसे थी। इन अच्छी बातों के अलावा रावण में बुराइयां काफी अधिक थीं। बुराइयों के कारण ही उसकी सभी अच्छाइयों का महत्व खत्म हो गया। रावण ने कई ऐसे गलत काम किए थे, जिनसे किसी भी व्यक्ति का जीवन बर्बाद हो सकता है। आज हम आपको बता रहें हैं रावण की गलतियां, जिनसे आज भी सभी को बचना चाहिए...

    1. सही सलाह न मानना

    रावण की एक गलती ये थी कि वह कभी भी सही सलाह नहीं मानता था। मंदोदरी, विभीषण, माल्यवंत, कुंभकर्ण, हनुमान आदि ने रावण को सलाह दी थी कि वह श्रीराम से शत्रुता न करें और सीता को पुन: लौटा दे, लेकिन रावण ने ये बात नहीं मानी। इस गलती के कारण रावण का अंत हुआ।

    इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जब भी हमें सही सलाह मिले तो उसे तुरंत मान लेना चाहिए।

    2. स्त्री का सम्मान नहीं करना

    रावण स्त्रियों का सम्मान नहीं करता था, उन्हें सिर्फ भोग-विलास की वस्तु समझता था। रावण ने कई स्त्रियों के साथ बल प्रयोग किया। रावण ने जब अप्सरा रंभा को देखा तो वह रंभा की सुंदरता पर मोहित हो गया। रावण ने रंभा के साथ अपने बल का प्रयोग किया। जब रंभा ने नलकुबेर को यह बात बताई तो नलकुबेर ने रावण को शाप दिया था कि रावण जब किसी भी स्त्री की इच्छा के बिना उसे स्पर्श करेगा या अपने में महल में रखेगा तो वह भस्म हो जाएगा। इस कारण रावण ने सीता को अपने महल में नहीं, बल्कि अशोक वाटिका में रखा था। नलकुबेर रावण के भाई कुबेर देव का पुत्र था।

    जो लोग स्त्रियों का सम्मान नहीं करते हैं, उन्हें दुखों का सामना करना पड़ता है। इस एक बुराई के कारण दूसरी सभी अच्छाइयों का महत्व खत्म हो जाता है।

    3. घमंड करना

    रावण को अपनी शक्तियों पर इतना अधिक भरोसा था कि वो बिना सोचे-समझे ही किसी को भी युद्ध के लिए ललकार देता था। इस आदत के कारण उसे कई बार युद्ध में हार का मुंह भी देखना पड़ा। शास्त्रों के अनुसार रावण को भगवान शिव, सहस्त्रबाहु अर्जुन, बालि और राजा बलि ने युद्ध में बुरी तरह हराया था। शक्तियों के घमंड के कारण ही रावण ने सीता का भी हरण किया और श्रीराम से युद्ध करने के लिए तैयार गया। रावण घमंड के कारण ही श्रीराम को साधारण शत्रु समझ रहा था, लेकिन श्रीराम ने उसका वध कर दिया।

    खुद की शक्ति पर विश्वास होना अच्छी बात है, लेकिन शत्रु को कभी भी छोटा नहीं समझना चाहिए।

    4. सिर्फ खुद की तारीफ सुनना

    रावण की यह भी एक बुरी आदत थी कि वह सिर्फ खुद की तारीफ ही सुनता था। रावण के सामने जो भी उसके शत्रु की प्रशंसा करता था वह उसे दंड देता था। रावण की प्रशंसा न करते हुए, उसकी गलतियां बताने वालों को भी वह पसंद नहीं करता था। इसी कारण रावण ने भाई विभीषण, नाना माल्यवंत, मंत्री शुक को अपने से दूर कर दिया था। रावण हमेशा ही चापलूसों से घिरा रहता था।

    जो लोग चापलूसों से घिरे रहते हैं और सच बोलने वालों को नापसंद करते हैं, वे कई बार परेशानियों का सामना करते हैं। हमें चापलूसों से बचना चाहिए।

    लिली- चलिए, अब हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी। कहानी का शीर्षक है प्रेरणा का स्रोत

    अखिल- दोस्तों ,जिंदगी है तो संघर्ष हैं,तनाव है,काम का pressure है, ख़ुशी है, डर है ! लेकिन अच्छी बात यह है कि ये सभी स्थायी नहीं हैं! समय रूपी नदी के प्रवाह में से सब प्रवाहमान हैं! कोई भी परिस्थिति चाहे ख़ुशी की हो या ग़म की, कभी स्थाई नहीं होती ,समय के अविरल प्रवाह में विलीन हो जाती है!

    ऐसा अधिकतर होता है की जीवन की यात्रा के दौरान हम अपने आप को कई बार दुःख, तनाव, चिंता, डर, हताशा, निराशा, भय, रोग इत्यादि के मकडजाल में फंसा हुआ पाते हैं। हम तत्कालिक परिस्थितियों के इतने वशीभूत हो जाते हैं कि दूर-दूर तक देखने पर भी हमें कोई प्रकाश की किरण मात्र भी दिखाई नहीं देती, दूर से चींटी की तरह महसूस होने वाली परेशानी हमारे नजदीक आते-आते हाथी के जैसा रूप धारण कर लेती है और हम उसकी विशालता और भयावहता के आगे समर्पण कर परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी हो जाने देते हैं, वो परिस्थिति हमारे पूरे वजूद को हिला डालती है, हमें हताशा, निराशा के भंवर में उलझा जाती है…एक-एक क्षण पहाड़ सा प्रतीत होता है और हममे से ज्यादातर लोग आशा की कोई किरण ना देख पाने के कारण हताश होकर परिस्थिति के आगे हथियार डाल देते हैं!

    अगर आप किसी अनजान,निर्जन रेगिस्तान मे फँस जाएँ तो उससे निकलने का एक ही उपाए है, बस -चलते रहें! अगर आप नदी के बीच जाकर हाथ पैर नहीं चलाएँगे तो निश्चित ही डूब जाएंगे ! जीवन मे कभी ऐसा क्षण भी आता है, जब लगता है की बस अब कुछ भी बाकी नहीं है ,ऐसी परिस्थिति मे अपने आत्मविश्वास और साहस के साथ सिर्फ डटे रहें क्योंकि- "हर चीज का हल होता है,आज नहीं तो कल होता है|"

    एक बार एक राजा की सेवा से प्रसन्न होकर एक साधू नें उसे एक ताबीज दिया और कहा की राजन इसे अपने गले मे डाल लो और जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये की जब तुम्हे लगे की बस अब तो सब ख़तम होने वाला है ,परेशानी के भंवर मे अपने को फंसा पाओ ,कोई प्रकाश की किरण नजर ना आ रही हो ,हर तरफ निराशा और हताशा हो तब तुम इस ताबीज को खोल कर इसमें रखे कागज़ को पढ़ना ,उससे पहले नहीं!

    राजा ने वह ताबीज अपने गले मे पहन लिया !एक बार राजा अपने सैनिकों के साथ शिकार करने घने जंगल मे गया! एक शेर का पीछा करते करते राजा अपने सैनिकों से अलग हो गया और दुश्मन राजा की सीमा मे प्रवेश कर गया,घना जंगल और सांझ का समय , तभी कुछ दुश्मन सैनिकों के घोड़ों की टापों की आवाज राजा को आई और उसने भी अपने घोड़े को एड लगाई, राजा आगे आगे दुश्मन सैनिक पीछे पीछे! बहुत दूर तक भागने पर भी राजा उन सैनिकों से पीछा नहीं छुडा पाया ! भूख प्यास से बेहाल राजा को तभी घने पेड़ों के बीच मे एक गुफा सी दिखी ,उसने तुरंत स्वयं और घोड़े को उस गुफा की आड़ मे छुपा लिया ! और सांस रोक कर बैठ गया , दुश्मन के घोड़ों के पैरों की आवाज धीरे धीरे पास आने लगी ! दुश्मनों से घिरे हुए अकेले राजा को अपना अंत नजर आने लगा ,उसे लगा की बस कुछ ही क्षणों में दुश्मन उसे पकड़ कर मौत के घाट उतार देंगे ! वो जिंदगी से निराश हो ही गया था , की उसका हाथ अपने ताबीज पर गया और उसे साधू की बात याद आ गई !उसने तुरंत ताबीज को खोल कर कागज को बाहर निकाला और पढ़ा ! उस पर्ची पर लिखा था —"यह भी कट जाएगा "

    राजा को अचानक ही जैसे घोर अन्धकार मे एक ज्योति की किरण दिखी , डूबते को जैसे कोई सहारा मिला ! उसे अचानक अपनी आत्मा मे एक अकथनीय शान्ति का अनुभव हुआ ! उसे लगा की सचमुच यह भयावह समय भी कट ही जाएगा ,फिर मे क्यों चिंतित होऊं ! अपने प्रभु और अपने पर विश्वासरख उसने स्वयं से कहा की हाँ ,यह भी कट जाएगा !

    और हुआ भी यही ,दुश्मन के घोड़ों के पैरों की आवाज पास आते आते दूर जाने लगी ,कुछ समय बाद वहां शांति छा गई ! राजा रात मे गुफा से निकला और किसी तरह अपने राज्य मे वापस आ गया !

    दोस्तों, यह सिर्फ किसी राजा की कहानी नहीं है यह हम सब की कहानी है !हम सभी परिस्थिति,काम ,तनाव के दवाव में इतने जकड जाते हैं की हमे कुछ सूझता नहीं है ,हमारा डर हम पर हावी होने लगता है ,कोई रास्ता ,समाधान दूर दूर तक नजर नहीं आता ,लगने लगता है की बस, अब सब ख़तम ,है ना?

    जब ऐसा हो तो 2 मिनट शांति से बेठिये ,थोड़ी गहरी गहरी साँसे लीजिये ! अपने आराध्य को याद कीजिये और स्वयं से जोर से कहिये –यह भी कट जाएगा ! आप देखिएगा एकदम से जादू सा महसूस होगा , और आप उस परिस्थिति से उबरने की शक्ति अपने अन्दर महसूस करेंगे !

    वनिता- चलिए, अभी हम आपको महाभारत धारावाहिक में भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख सुनवाते हैं, जो हमारे हर प्रोग्राम में जारी रहता है। आइए.. सुनते हैं।

    अखिल- दोस्तों, यह थी भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण सीख, हमें यकीन है कि आप इस पर जरूर विचार करेंगे।

    वनिता- चलिए, अभी हम आपको ले चलते हैं हंसी-खुशी की दुनिया में जहां सुनाए जाएंगे चटपटे और मजेदार जोक्स, पर उससे पहले सुनते हैं यह हिन्दी सोंग

    अखिल- वैलकम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे की मस्ती मेरे और वनिता के साथ

    वनिता- चलिए दोस्तों, सुनते हैं अब मजेदार चुटकुलें

    अखिल- 1. सुनो, संता ने कैसे लिया अपनी गर्लफ्रेंड से बदला। संता ने बंता से कहा- बंता, मेरी गर्लफ्रेंड ने मेरा दिल तोड़ा लेकिन मैंने उससे बदला ले लिया।

    बंता बोला- वो कैसे

    संता ने कहा- जब आखिरी बार मिलने आई थी मैंने उसका iphone 6 ही तोड़ दिया।

    2. जब संता को समझ नहीं आया कि उसे क्यों निकाला नौकरी से। संता वोडाफोन नें ओपरेटर की जॉब कर रहा था। संता ने कस्टमर से कहा- मैं आपकी कैसे मदद कर सकता हूं सर।

    कस्टमर बोला- मेरा वोडाफोन का सिम कार्ड ढंग से काम नहीं कर रहा है।

    संता बोला- अबे तो एयरटेल का ले लो ना।

    3. एक दिन पापा ने अपने बेटे से कहा- दिन भर फेसबुक पर बैठा रहता है, ये तुझे रोटी नहीं देगी।

    बेटा बोला- पापा मुझे भी पता है।

    फिर पापा बोले- तो फिर इसमें क्यों वक्त बर्बाद कर रहे हो?

    बेटा बोला- पापा, रोटी नहीं देगी पर रोटी बनाने वाली यहीं से तो मिलेगी।

    4. जब बेटे ने ऐसे ऊंचा किया बाप का सिर। बाप अपने बेटे से बोला- नालायक तूने आज तक कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे मेरा सिर ऊंचा हुआ हो।

    बेटा बोला- डैडी भूल गए। कल ही तो रात को आपके सर के नीचे तकिया लगाया था।

    5. एक खूबसूरत लड़की बस स्टैंड पर खड़ी थी। एक नौजवान बोला- चांद तो रात में निकलता है, आज दिन में कैसे निकल आया?

    लड़की बोली- अरे उल्लू तो रात को बोलता था, आज दिन में कैसे बोल रहा है।

    अखिल- दोस्तों, अब हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। अभी के लिए मुझे और मैडम वनिता को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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