Web  hindi.cri.cn
    आप की पसंद 151017
    2015-10-18 15:47:39 cri

     पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, मित्रों हम हर सप्ताह आपको जैसी रोचक और आश्चर्यजनक जानकारियां देते हैं आप भी हमें कुछ ऐसी ही जानकारियां भेज सकते हैं, या फिर अपने शहर की विरासत के बारे में भी हमें लिखकर भेज सकते हैं जिसका कोई ऐतिहासिक महत्व हो। अगर आपके शहर में कोई भी अनोखी बात है या फिर कोई अनोखी घटना घटी है जिसे आप हमारे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें पत्र या फिर हमारी वेबसाईट पर लिखकर हमें भेज सकते हैं, और अब मित्रों हम आज के कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    दिनेश – श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोता मित्रों जो जानकारियां आप हमें भेजना चाहते हैं वो आप पत्र के माध्यम से हमें भेज सकते हैं लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपकी भेजी हुई जानकारी हमतक जल्दी पहुंचे तो इसके लिये आप हमारी वेबसाईट www.hindi.cri.cn पर भेज सकते हैं जिससे आपके द्वारा भेजी गई जानकारी हमतक बहुत जल्दी पहुंच जाएगी। हर सप्ताह हमारे पास आपके ढेरों पत्र आते हैं, जिसमें आप हमसे अपने पसंद के गाने सुनाने का अनुरोध करते हैं। हम चाहते हैं कि आप हमसे और सक्रियता के साथ जुड़ें इसके लिये आप हमें अपना नाम, अपने परिजनों और मित्रों का नाम, शहर का नाम और पूरा पता साफ साफ अक्षरों में लिख भेजें। तो मित्रों इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का पहला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है..... मऊनाथ भंजन, उत्तर प्रदेश से मोहम्मद इरशाद, शमशाद अहमद, गुफ़रान अहमद, नियाज़ अहमद, इर्शाद अहमद अंसारी, अब्दुल वासे अंसारी, रईस अहमद, शादाब अहमद, शारिक अनवर और दिलकशां अनवर ने आप सभी ने सुनना चाहा है कटी पतंग फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. ये शाम मस्तानी .....

    पंकज - पूरा घुमाकर दिखाने वाला वीडियो बनाएं

    फ़ेसबुक पर अब 360 डिग्री वीडियो भी दिखने लगे हैं. फ़ेसबुक और कई इंडस्ट्री के दिग्गजों का मानना है कि जैसे-जैसे लोग ज़्यादा वीडियो देखना पसंद करेंगे, 360 डिग्री वीडियो बिलकुल आम बात हो जायेगी.

    कुछ समय पहले यूट्यूब ने 360 डिग्री वीडियो का चलन शुरू किया था और स्ट्रीट व्यू पर आपको ऐसे ही वीडियो देखने को मिलते हैं. 360 डिग्री वीडियो एक नए तरह का वीडियो है जो आजकल इंटरनेट और मोबाइल डिवाइस पर काफ़ी लोकप्रिय हो रहा है.

    अब ओक्कुलस रिफ़्ट जैसे वर्चुअल रियलिटी देखने वाले डिवाइस जल्दी ही बाज़ार में आएंगे जिसके कारण ऐसे वीडियो की मांग बढ़ने वाली है. जो भी ऐसे वीडियो देखता है उसे लगता है जैसे वो उस जगह खड़ा है जहां का वो वीडियो है.

    कैसे देखें वीडियो

    फ़िलहाल 360 डिग्री वीडियो को आप सिर्फ़ एंड्रॉयड ऐप या ब्राउज़र के ज़रिये देख सकते हैं. आइये आपको बताते हैं आप 360 डिग्री वीडियो कैसे बना सकते हैं.

    360 डिग्री वीडियो को बनाने के लिए आपको स्पेशल स्फ़ेरिकल कैमरा रिग चाहिए. कुछ 360 डिग्री वीडियो कैमरा आपको क़रीब दस से पचास हज़ार रुपये में मिल जाते हैं.

    ज़ाहिर है, बढ़िया कैमरा महंगा होगा. इसे ख़रीदने के पहले अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो बढ़िया होगा. उनके बारे में यहां पढ़ सकते हैं.

    एक बार 360 डिग्री वीडियो बना लिया उसके बाद उसको यूट्यूब पर अपलोड करना होगा और उसमें सही मेटाडेटा भी होना चाहिए. इस पूरी प्रक्रिया को समझने के लिए यहां आपको पूरी जानकारी मिल सकती है.

    बस इस बात का ध्यान रखिये कि जो फ़ेसबुक पर वीडियो हैं वो ज़्यादा से ज़्यादा 10 मिनट का हो सकती हैं या अधिकतम 1.75 गीगाबाइट का.

    दिनेश – मित्रों पंकज आपके साथ जानकारियां साझा करने के सिलसिले को आगे बढ़ाएं उससे पहले मैं आपका अगला पत्र उठाता हूं और आपकी पसंद का अगला गीत सुनवाता हूं, ये अगला पत्र हमारे पास आया है कापशी रोड अकोला महाराष्ट्र से संतोषराव बाकड़े, श्रीमती ज्योतिताई बाकड़े, कुमारी दिपाली बाकड़े, पवन कुमार बाकड़े और समस्त बाकड़े परिवार से आप सभी ने सुनना चाहा है ज्यूल थीफ़ फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने, गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 2. होठों पे ऐसी बात मैं दबा के चली आई ......

    पंकज - 'ख़त्म हो जाएंगे एक तिहाई कैक्टस'

    एक शोध में कहा गया है कि कैक्टस की एक तिहाई प्रजातियों पर लुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है.

    यह पौधे सूखे क्षेत्रों के पारिस्थिकी का एक महत्वपूर्ण तत्व हैं जो बहुत से जानवरों को खाना और पानी उपलब्ध करवाते हैं.

    इंटरनेशनल यूनियन फ़ॉर कन्ज़र्वेशन ऑफ़ नेचर के शोध के ये नतीजे नेचर प्लांट्स जरनल में प्रकाशित हुए हैं.

    47% प्रजाति पर ख़तरा

    इस शोध के अनुसार कैक्टस की 1480 प्रजातियों में से 31 प्रतिशत पर ख़तरा आदमी के कारण - जैसे कि ग़ैरक़ानूनी व्यापार, कृषि और मछली पालन के साथ ही भूमि प्रयोग बदलने से है.

    आईयूसीएन के कैक्टस और गूदेदार पौधों के विशेषज्ञ समूह की सह-अध्यक्ष बारबरा गोएट्टेश इस शोधपत्र की सह लेखक हैं.

    वह कहती हैं, "हमें कैक्टस पर इतने बड़े ख़तरे का और इसके लिए ग़ैरक़ानूनी व्यापार का एक बड़ा कारण होने का अंदाज़ नहीं था."

    शोध का अनुमान है कि ख़तरे में आई 47 प्रतिशत प्रजातियों पर ख़तरे की वजह पौधों और बीजों का बागवानी उद्योग और निजी संग्रह के लिए ग़ैरक़ानूनी व्यापार और असुरक्षित खेती है.

    कैक्टस की बहुत सारी प्रजातियों को संग्रहकर्ता उनके ख़ूबसूरत फूलों के लिए चाहते हैं और आधी प्रजातियों का खाने और दवा के स्रोत के रूप में प्रयोग किया जाता है.

    दिनेश – मित्रों जिस तरह से कैक्टर का अस्तित्व खतरे में पड़ने की बात की जा रही है ठीक वैसे ही धरती पर मानव बस्तियों के निरंतर विस्तार के कारण कई और तरह की वनस्पतियां और कीट पतंगे खत्म होने की कगार पर हैं, अगर इसपर जल्दी ही लगाम नहीं लगाई गई तो इको सिस्टम की जो श्रृंखला है उसके टूटने का खतरा बना रहेगा जो हम मनुष्यों के लिये कतई अच्छा नहीं होगा, इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जो हमें लिख भेजा है शनिवार पेठ, बीड शहर महाराष्ट्र से पोपट कुलथे, हनुमंत कुलथे, समर्थ कुलथे, पी बी कुलथे, और समस्त कुलथे परिवार ने इनके साथ ही हमें पत्र लिखा है नारेगांव, औरंगाबाद महाराष्ट्र से दीपक आडाणे, श्याम आडाणे और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है हीरालाल पन्नालाल फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. कहिये कहां से आना हुआ .....

    गर्म और सूखे स्थानों पर उगने वाला कैक्टस जहां बहुत कम पौधे हो सकते हैं पारिस्थिकी तंत्र को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

    जो जानवर खाने और पानी के लिए कैक्टस को इस्तेमाल करते हैं उनमें हिरन, कोयोटी, छिपकलियां और कछुए शमिल हैं. इसके बदले ये जानवर इन पौधों के बीज को फैलाने में मददगार होते हैं.

    पंकज - दमा से बचा सकता है बैक्टीरिया

    कनाडा के कुछ वैज्ञानिकों ने पाया है कि शिशु के शरीर में अगर चार प्रकार के बैक्टीरिया न हों तो दमा होने की आशंका बढ़ जाती है.

    ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी और वैंकुवर के चिल्ड्रेन अस्पताल के शोधकर्ताओं की एक टीम ने 319 बच्चों पर शोध किया है.

    उन्होंने तीन महीने, एक साल और तीन साल की उम्र वाले बच्चों के शरीर में मौजूद सूक्ष्म जीवों का अध्ययन किया है.

    इस दौरान उन्होंने पाया कि तीन महीने के शिशुओं के शरीर में फेइकैलिबैक्टेरियम, लैक्नोस्पिरा, विलोनेल्ला और रोथिया नाम के चार बैक्टीरिया न हों तो तीन साल की उम्र में दमा होने की आशंका बहुत ज़्यादा होती है.

    जबकि ऐसे बैक्टीरिया एक साल के बच्चों में न हों तो यह आशंका बहुत कम होती है. डॉक्टरों की टीम का कहना है कि जन्म के शुरुआती कुछ महीने बच्चों के लिए ज़्यादा महत्वपूर्ण होते हैं.

    दिनेश – मित्रों विज्ञान और तकनीक के विकास करने से हमारे जीवन स्तर में बढ़ोतरी हुई है विश्व भर में मनुष्यों की औसत आयु में बढ़ोतरी हुई है इसके साथ ही कई असाध्य बीमारियों से हमें छुटकारा भी मिला है, खैर ये बातें तो होती ही रहेंगी मैं आपका भेजा अगला पत्र उठाता हूं, ये पत्र हमारे पास आया है कहारवाड़ी, राजपुर, मध्यप्रदेश से धींसू दिलवारे, लक्ष्मी दिलवारे, माधुरी दिलवारे, कुणाल दिलवारे और सोनाली दिलवारे ने आप सभी ने सुनना चाहा है सौदागर फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं रविन्द्र जैन और संगीत दिया है रविन्द्र जैन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. तेरा मेरा साथ रहे .....

    पंकज - पढ़ें विस्तार से

    अध्ययन से जुड़े एक सदस्य डॉक्टर स्टुअर्ट टूर्वे का कहना है कि हमारा मक़सद यह है कि बच्चों को शुरू में ही दमा जैसी बीमारी से बचाया जा सके.

    डॉक्टर टूर्वे कहते हैं, ''इसके लिए शर्त ये है कि उनके शरीर में ज़रूरी बैक्टीरिया डाला जाए. हालांकि हम अब भी इसके लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि अभी हमें ऐसे बैक्टीरिया के बारे में कम जानकारी है.''

    इस शोध टीम के एक दूसरे सदस्य डॉक्टर ब्रेट फिनले का कहना था कि वो इस तरह के अध्ययन से हैरान हैं कि बैक्टीरिया इतने असरदार भी हो सकते हैं.

    हालात

    ब्रिटेन में हर 11 बच्चों में से एक में दमा की बीमारी दिख रही है.

    इसका कारण बच्चों का इस बीमारी से बचाने वाले बैक्टीरिया से दूर होना है.

    कई बार गर्भवती महिलाएं और शिशु जो दवाइयां खाते हैं उससे भी इस तरह के बैक्टीरिया ख़त्म हो जाते है.

    दिनेश – मित्रों हमारे पास आपका अगला पत्र आया है बहादुरगंज, गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश से जिसे हमें लिख भेजा है आज़ाद अली अनवर, रिज़वाना परवीन, अब्दुल्लाह आज़ाद ने और इनके साथ ही हमें पत्र लिखा है अस्तुपुरा, मऊनाथ भंजन से मज़हर अली अंसारी, रज़िया बेगम अंसारी, सादिक, साजिद, सारिम और शारिक ने आप सभी ने सुनना चाहा है गीत गाता चल (1975) फिल्म का गाना जिसे गाया है जसपाल सिंह ने गीतकार हैं रविन्द्र जैन, संगीत दिया है रविन्द्र जैन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. गीत गाता चल ओ साथी ......

    पंकज - स्विट्ज़रलैंड के लुज़ैन यूनिवर्सिटी के डॉक्टर बेंजामिन मार्सलैंड ने बीबीसी को बताया, "लंबे समय से यह देखा जा रहा है कि सूक्ष्म जीवों का संपर्क दमा से बचाव के साथ जुड़ा हुआ है."

    डॉक्टर मार्सलैंड का अपना अध्ययन बताता है कि रेशा युक्त यानी कच्चा दूध पीने से फेफड़े के संक्रमण को रोका जा सकता है.

    यह दमा की आशंका को भी कम करता है. उनका कहना है कि सही समय पर सही कीटों का संपर्क एलर्जी और दमा से बचाव का सबसे अच्छा तरीक़ा हो सकता है.

    हालांकि इस विषय पर अभी और भी जानकारी जुटाने की ज़रूरत है ताकि माता-पिता को सही सलाह दी जा सके.

    दिनेश – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं प्रियदर्शिनी आकाशवाणी श्रोता संघ,बहादुरपुर, रथ चौक, जिला जलगांव के संतोष कुमार, सोनार, नरेन्द्र दंडगव्हाल, रविन्द्र सोनार, सन्नी, मुन्ना, बंडूदादा, आप सभी ने सुनना चाहा है पहेली (1977) फिल्म का गाना जिसे गाया है सुरेश वाडकर और हेमलता ने गीतकार और संगीतकार रविन्द्र जैन हैं और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 6. सोना करे कैसे झिलमिल .......

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश - नमस्कार।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040