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    आप की पसंद 150926
    2015-10-05 18:27:16 cri

     पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    दिनेश – श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है ... नवीन रेडियो श्रोता संघ के दीपक उदयभान ठाकरे और इनके सभी परिजनों ने, आपने हमें पत्र लिखा है गुरैया ढाना, रानीकामठ रोड, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है विश्व विधाता (1997) फिल्म का गाना जिसे गाया है कविता कृष्णामूर्ति ने गीतकार हैं पी के मिश्रा, संगीत दिया है ए आर रहमान ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. नज़रों के मिलने से .....

    पंकज - सिर्फ 13 साल की उम्र में एक बच्चा एक कंपनी का मालिक है बल्कि कंपनी की नींव इसी ने डाली। इस बच्चे का नाम मॉजिया ब्रिज है। पिछले तीन सालों के दौरान जब उसके दोस्त अपना होमवर्क करने और खेलने में व्यस्त थे, उस दौरान उसने करोड़ों की कंपनी खोल ली।

    जब वह 9 साल का था तभी उसने अपना बिजनस शुरू किया। अभी वह किशोर अवस्था में भी नहीं पहुंचा है कि उसके पास 5 स्टाफ है। उसकी कंपनी का नाम मो बाउज है जो तरह-तरह के डिजाइन वाले टाइ का काम करती है। उसके इस काम मां भी हाथ बंटाती है।

    ब्रिज अपनी वेबसाइट पर लिखता है, 'मैं बो टाइज पहनना पसंद करता हूं क्योंकि वे मुझे अच्छी लगती हैं और पहनकर बहुत अच्छा महसूस होता है। रंगीन बो टाइ का डिजाइन करना दुनिया को खुशी भरे स्थान में बदलने के मेरे सपने का हिस्सा रहा है।'

    दिनेश – किसी ने सही कहा है कि प्रतिभा की कोई उम्र नहीं होती अगर आप कोई भी काम जज्बे के साथ शुरु करें तो उसे पूरा होने में समय नहीं लगता। बस ज़रूरत है तो मन पक्का कर कोई काम शुरु करने में, वैसे मित्रों आपने अक्सर सुना होगा कि किसी भी शहर का कोई महत्वपूर्ण रेस्त्रां, कोई मशहूर मिठाई की दुकान, कारीगरों का मोहल्ला जहां पर अक्सर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है, मित्रों ये भीड़ यूं ही नहीं लगी रहती है बल्कि ये उन लोगों के अथक परीश्रम का परिणाम होती है जिसकी बदौलत वो इस मुकाम पर पहुंचते हैं। इसी के साथ मैं कार्यक्रम का अगला पत्र उठा रहा हूं अगला पत्र जो हमें लिख भेजा है बहादुरगंज, गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश से आज़ाद अली अनवर, रिज़वाना परवीन, अब्दुल्लाह आज़ाद ने इनके साथ ही हमें पत्र लिखा है अस्तुपुरा मऊनाथ भंजन से मज़हर अली अंसारी, रज़िया बेगम अंसारी, सादिक, साजिद, सारिम और शारिक ने आप सभी ने सुनना चाहा है क्रिमिनल (1995) फिल्म का गाना जिसे गाया है कुमार शानू, अलका याग्निक और के एस चित्रा ने गीतकार हैं इंदेवर और संगीत दिया है एम एम क्रिम ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 2. तुम मिले दिल खिले -----

    पंकज - बो टाइ के प्रति उसके लगाव और उसकी उम्र के बच्चों के लिए मार्केट में उपलब्ध क्वॉलिटी से उसका संतुष्ट न होना उसके बिजनस का आधार बना। कुछ ही महीने के अंदर उसने दो दर्जन से ज्यादा बो टाइ का अपना कलेक्शन तैयार कर लिया। उसके दोस्त और परिवार के लोग उसका कलेक्शन देखकर उस पर फिदा हो गए।

    पंकज - सुरंग में कागज और कीचड़ खाकर बचाई जान

    हिमाचल प्रदेश बिलासपुर के तिहरा से एक खबर आई है

    नौ दिनों तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर स्थित सुरंग से निकले दो वर्करों ने इस दौरान कागज और कीचड़ खाकर जान बचाई। दोनों ने बताया कि नौ दिनों तक उन्होंने पेपर, कार्टून और कीचड़ खाकर अपनी भूख मिटाई।

    12 सिंतबर को सतीश तोमर और मणि राम ने ड्यूटी जॉइन की और 30 मीटर लंबी सुरंग में घुसे। वे एक पहाड़ के नीचे पहुंचे ही थे कि सुरंग के ऊपर की जमीन धंस गई और वे बुरी तरह फंस गए। लेकिन, दोनों ने हिम्मत नहीं हारी।

    रात 8.20 बजे जमीन धंसने की आवाज सुन कर दोनों सुरंग के एंट्रेंस की ओर भागे लेकिन तब तक ऊपर गिरे मलवे से रास्ता बंद हो चुका था। इस उम्मीद के साथ कि बचाव दल उन्हें ढूंढ लेगा, वे लंबे इंतजार की तैयारी में जुट गए। पहाड़ के 150 फीट नीचे वे वैसे सामान जुटाने लगे जो उनके जिंदा रहने की संभावना को बढ़ा सकते थे। तोमर ने बताया कि पहले दो दिन वे घुप्प अंधेरे में बिताए। इस दौरान वह हालात को भांपने और उपयोगी वस्तुओं की तलाश के लिए सिर्फ मोबइल टॉर्च जला लिया करते थे। उन्होंने सबसे पहले पीने के पानी का जुगाड़ किया। तोमर कई साल पहले भी सुरंग में फंस चुके थे।

    दिनेश – मित्रों हम इस बारे में आगे भी जानेंगे लेकिन इस समय आप सभी को एक गाना सुनाऊं तो आपकी दिलचस्पी इस जानकारी में और भी अधिक हो जाएगी और हमारा जानकारियों का सफर भी और आसान होगा .....हमें अगला पत्र लिखा है पूज्य महात्मा गांधी क्लब के अध्यक्ष मुकुंद कुमार तिवारी और इनके ढेर सारे मित्रों ने पिपरही, ज़िला शिवहर, बिहार से आप सभी ने सुनना चाहा है सात रंग के सपने (1997) फिल्म का गाना जिसे गाया है बाबुल सुप्रियो और अलका यागनिक ने संगीत दिया है नदीम श्रवण ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. आती है तू चल .....

    पंकज - उन्होंने बताया, 'हमने पाइप का दोनों सिरा बंद कर उसमें पानी जमा कर लिया। लेकिन, इसे बहुत किफायत से खर्च कर रहा था क्योंकि हमें लग रहा था कि हो सकता है सुरंग से निकलने में महीना भी लग जाए। हमने ऑक्सिजन सप्लाई करने वाले पाइप को भी अपने सोने की जगह की ओर मोड़ दिया, ताकि ऑक्सिजन की कमी की वजह से सेहत खराब ना हो जाए।'

    तोमर ने कहा कि पानी जमा करने के बाद दोनों ने कागज, कार्डबोर्ड और मुलायम मिट्टी जमा की ताकि उन्हें खाकर भूख मिटाया जा सके। अंधेरे में चहलकदमी करने में कठिनाई पाकर दोनों ने एक मशीन से डीजल निकाला और उसे बारदानों के जरिए रोशनी पैदा करने में इस्तेमाल किया।

    दिनेश – वैसे मित्रों मैं आपको बताना चाहूंगा कि ऐसी ही एक घटना चिली के कोयला खदान में हुई थी जहां पर दस से भी अधिक खनिक करीब 70 दिनों तक कोयले की खदानों के अंदर कैद हो गए थे, हालांकि उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया था लेकिन वो दिन उन खनिकों के लिये नारकीय थे। फिर भी उन्होंने जीने की उम्मीद नहीं छोड़ी थी जिसका परिणाम था कि उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इसी दौरान एक खनिक की एक बेटी ने भी जन्म लिया था, ये पल बहुत ही भावुक कर देने वाला था। मित्रों इसीलिये कहते हैं कि हमें हर परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारना चाहिए। जो व्यक्ति हिम्मत से काम लेते हैं उनके अपने लक्ष्यतक पहुंचने में सफलता मिलती है। इसी के साथ मैं कार्यक्रम का अगला पत्र उठा रहा हूं जो हमारे पास आया है मुबारकपुर ऊंची तकिया आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश से जिसे लिख भेजा है दिलशाद हुसैन, फातेमा सोगरा, वकार हैदर, हसीना दिलशाद और इनके ढेर सारे मित्रों ने ... आप सभी ने सुनना चाहा है तेज़ाब फिल्म का गाना जिसे गाया है अमित कुमार और अनुराधा पौडवाल ने संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. कह दो कि तुम हो मेरी वरना ......

    पंकज - कृत्रिम समुद्री लहर बनाने वाली मशीन

    नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी विशालकाय मशीन तैयार की है जिसकी मदद से दुनिया की सबसे बड़ी कृत्रिम लहर बनाई जा सकती है.

    नीदरलैंड के शहर डेल्फ्ट के बाहर डेल्टारेस रिसर्च इंस्टीट्यूट में इंजीनियर इस नई मशीन का अंतिम परीक्षण कर रहे हैं.

    इस नई मशीन की लागत 2.6 करोड़ यूरो है और इसे तैयार करने में दो साल लग गए.

    दिनेश – मित्रों इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है ऋषि प्रसाद और उनके साथियों ने संत श्री आसाराम जी आश्र्म, वंदे मात्रम मार्ग, नई दिल्ली से आप सभी ने सुनना चाहा है दिल (1990) फिल्म का गाना जिसे गाया है उदित नारायण और अनुराधा पौडवाल ने गीतकार हैं समीर और संगीत दिया है आनंद मिलिंद ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. हम प्यार करने वाले .....

    पंकज - कैसी है मशीन?

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    इस मशीन में 90 लाख लीटर पानी रखने की क्षमता है जिसे एक जलाशय से 1,000 लीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से भरा जाता है.

    लहरों को 10 मीटर ऊंची स्टील की दीवार के ज़रिये तैयार किया जाएगा जो पानी को आगे और पीछे दबाव देती है.

    पानी की गति पर कृत्रिम तरीक़े से नियंत्रण कर लहरों को तरंगित करने से लेकर, समुद्र की तूफ़ानी लहरें और फिर उसे सुनामी वाली लहरों में तब्दील किया जा सकता है.

    बाढ़ से बचाव

    वैज्ञानिकों का कहना है कि बड़ी लहरें तैयार करना ही एकमात्र उपाय है ताकि अशांत समुद्र से बाढ़ जैसी स्थिति से बचने का तरीक़ा ढूंढा जाए.

    इस मशीन से समुद्र जैसी ही परिस्थितियां बनाईं जा सकती जो बाढ़ जैसी स्थितियों से बचाव के प्रयोग का विकल्प भी देता है.

    वर्ष 1953 में नीदरलैंड भयानक बाढ़ से तबाही के कगार पर पहुंच गया था और क़रीब 2000 लोगों की मौत हो गई थी.

    दिनेश – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं कापशी रोड, अकोला महाराष्ट्र से संतोषराव बाकड़े, श्रीमती ज्योतिताई बाकड़े, कुमारी दिपाली बाकड़े, पवनकुमार बाकड़े और समस्त बाकड़े परिवार आप सभी ने सुनना चाहा है बेनाम बादशाह (1991) फिल्म का गाना जिसे गाया है अमित कुमार और कविता कृष्णामूर्ति ने, संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 6. मेरा कुंवारा पड़ोसी ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश – नमस्कार।

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