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    आप की पसंद 150829
    2015-09-25 09:07:17 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    दिनेश – श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है ... मित्रों हम कार्यक्रम का पहला पत्र उठाते हैं जिस हमें लिख भेजा है बहादुरगंज, गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश से आज़ाद अली अनवर, रिज़वाना परवीन, अब्दुल्लाह आज़ाद और इनके ढेर सारे मित्रों ने इनके साथ ही हमें पत्र लिखा है अस्तुपुरा मऊनाथ भंजन से मज़हर अली अंसारी, रज़िया बेगम अंसारी, सादिक, साजिद, सारिम और शारिक ने आप सभी ने सुनना चाहा है झील के उस पार फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 1. क्या नज़ारे.....

    पंकज - कांच के इस रास्ते पर कुछ ही टूरिस्ट जुटा पाते हैं चलने की हिम्मत

    अगर आप एडवेंचर पसंद हैं, तो आपके लिए चीन के तियानमेन माउंटेन पार्क से दूसरा कोई विकल्प नहीं हो सकता। यह पार्क झैंगजियाजी (Zhangjiajie) में मौजूद है। जहां 4,700 फीट (1430 मीटर) की ऊंचाई पर बना शीशे का 'स्काईवॉक' न सिर्फ आपको रोमांच से भर देगा, बल्कि अपने साहस को परखने का भी मौका देगा। सोशल मीडिया पर इन दिनों यह स्काईवॉक एक बार फिर चर्चा में है। इसकी तस्वीरें शेयर की जा रही हैं।

    सीधी चट्टान के बीच बना कांच का यह पारदर्शी रास्ता तकरीबन 200 फीट (60 मीटर) लंबा है। दुनिया के कोने-कोने से लोग इस स्काईवॉक के जरिए यहां की खूबसूरती को देखने आते हैं। हालांकि, बहुत कम टूरिस्ट ही इस स्काईवॉक पर चलने की हिम्मत जुटा पाते हैं। 2.5 इंच मुटाई वाले इस कांच के रास्ते की चौड़ाई 3 फीट है।

    यहां से तियानमेन माउंटेन पार्क का विहंगम नजारा देखने को मिलता है। यहां आने वाले हर टूरिस्ट को स्काईवॉक पर चलने से पहले अपने जूते उतारने होते हैं, ताकि कांच का यह रास्ता साफ और पारदर्शी बना रहे।

    पंकज - बोल कर टाइप किया है कभी?

    अपने स्मार्टफोन पर अगर आपको टाइपिंग करने में अधिक समय लगता है तो आपके पास दो विकल्प हैं. आप चाहें तो अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करके उसको लिखित शब्दों में बदल लें या फिर हैंडराइटिंग टूल का इस्तेमाल करें.

    बोले हुए शब्दों की मदद से टाइपिंग आसान नहीं है, ख़ास तौर पर हिंदी में. अंग्रेजी में भी बोले हुए शब्दों के उच्चारण को समझने में आपका फ़ोन गड़बड़ियाँ करता है.

    अगर गूगल वॉइस आपके काम नहीं आता है तो अपनी हैंडराइटिंग से टाइपिंग कर सकते हैं.

    दोनों की तुलना करें तो अपने हैंडराइटिंग का इस्तेमाल करके टाइप करना ज़्यादा आसान है. आइए आपको बताते हैं अपने टचस्क्रीन स्मार्टफोन पर आप अपनी उंगलियों से लिखकर कैसे टाइपिंग कर सकते हैं.

    प्ले स्टोर से आप गूगल हैंडराइटिंग इनपुट डाउनलोड कर के इनस्टॉल कर लीजिए.

    दिनेश – मित्रों कार्यक्रम का सिलसिला हम आगे बढ़ाएं उससे पहले मैं उठाता हूं अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है ऋषि प्रसाद और इनके ढेर सारे मित्रों ने आपने हमें पत्र लिख भेजा है संत आसारामी आश्रम, वन्दे मातरम मार्ग, नई दिल्ली से आप सभी ने सुनना चाहा है इम्तिहान (1974) फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 2. रुक जाना नहीं .....

    पंकज - इनस्टॉल करने के बाद ओके प्रेस करके इसकी शर्तें मंज़ूर कीजिए. उसके बाद आपके स्क्रीन पर नए की बोर्ड के लिए जानकारी आएगी. यहां पर आपको अगर अंग्रेजी के अलावा कोई दूसरी भाषा भी इनस्टॉल करना है तो उसके लिए विकल्प मिलेगा.

    उसके बाद आपको तीन विकल्प मिलेंगे जिसमें गूगल हैंडराइटिंग तीसरा होगा.

    जब आप इस्तेमाल करके देखेंगे तो थोड़ा हैरान होंगे क्योंकि आपकी हैंडराइटिंग को पहचानने में ये ऐप बहुत ही सटीक है.

    अगर आप पूरे शब्द को टाइप नहीं कर सकते हैं तो दो-चार शब्द लिखकर देख सकते हैं. उसके बाद कीबोर्ड से टाइप कर शब्द पूरा कर सकते हैं.

    पंकज - मित्रों अब हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी जगह के बारे में जहां पर रोज़ाना 1000 लोग तीन लाख से भी अधिक लड्डू बनाते हैं और इन्हें बेचने पर 200 करोड़ रुपये की आमदनी होती है

    पहले जरा देश के मंदिरों से जुड़े इन 5 फैक्ट्स को जान लीजिए...

    1- देश के 4 बड़े मंदिरों (तिरुपति, शिर्डी साईं बाबा, सिद्धि विनायक और काशी विश्वनाथ) की एक दिन की औसत कमाई 8 करोड़ रुपए और हर मिनट कमाई 55 हजार रुपए है। इसमें से अकेले करीब 7 करोड़ रुपए दान तिरुपति मंदिर के पास आता है। इतना दान एक दिन में पाने वाले ये इकलौते भगवान हैं। तिरुपति मंदिर के भगवान 24 घंटे 70 किलो सोने की ज्वैलरी पहने रहते हैं।

    2- तिरुपति मंदिर में करीब एक हजार लोग मिलकर 3 लाख से ज्या़दा लड्डू बनाते हैं। इन्हें बेचकर मंदिर को सालाना करीब 200 करोड़ रुपए की कमाई होती है।

    3- 1200 नाईं महिलाओं के बाल काटने के लिए तिरुपति मंदिर में रखे गए हैं। इन बालों को बेचकर मंदिर को सालाना 220 करोड़ रुपए की कमाई होती है। मंदिर सालाना 850 टन बाल बेचता है। 283.5 ग्राम औसत वजन वाला महिलाओं का बाल 17900 रुपए में बिकता है। 453.6 ग्राम वजन के लंबे बालों के 29,900 रु मिलते हैं।

    दिनेश – वैसे जानकारियों के साथ साथ अगर हम बीच बीच में गाने भी सुनते जाएं तो गाने सुनने का मज़ा दोगुना हो जाता है। इसलिये मैं हमारे श्रोताओं का अगला पत्र उठा रहा हूं जिसे हमें लिखा है दीपक उदयभान ठाकरे और परिवार ने आपने हमें पत्र लिखा है गुरैया ढाना, रानीकामठ रोड, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म दो और दो पांच का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने संगीतकार हैं राजेश रौशन और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. तूने अभी देखा नहीं .....

    पंकज - 4- देश के मंदिरों के पास 50 लाख करोड़ रुपए की कीमत का कुल 22 हजार टन (करीब 20 लाख क्विंटल) सोना है।

    5- इतने पैसे में पूरा देश 60 साल (21 हजार दिन) तक फ्री में अनलिमिटेड इंटरनेट यूज कर सकता है। (एक साल में भारतीय 82 हजार करोड़ रुपए का इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं।)

    अब जरा देश के इन 2 अनोखे मंदिरों पर नजर डालें...

    1- चिलकुर बालाजी मंदिर

    देश में एक मंदिर ऐसा भी है जहां दान देना सख्त मना है। वीजा टेंपल के नाम से मशहूर हैदराबाद के चिलकुर बालाजी मंदिर में कोई हुंडी या दान पात्र नहीं है। मंदिर अपना खर्च परिसर के बाहर बने पार्किंग से आए पैसों से चलाता है। मंदिर प्रबंधन का मानना है कि श्रद्धालुओं को ये पैसा मंदिर की दान पेटी में डालने की जगह गरीबों और जरूरतमंदों पर खर्च करना चाहिए। इससे ज्यादा पुण्य मिलेगा। हफ्ते में सिर्फ 3 दिन खुलने वाले मंदिर में 70 हजार से 1 लाख श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि विदेश जाने की इच्छा रखने वाले लोग अगर इस मंदिर में 108 परिक्रमा करते हैं तो उन्हें वीजा जरूर मिल जाता है।

    2- भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर

    कानपुर में स्थित ये देश का इकलौता ऐसा मंदिर हैं जहां न्यायधीश, नेता, सांसद, विधायक और मंत्रियों का प्रवेश वर्जित है। मंदिर प्रबंधन का मानना है कि देश में फैले भ्रष्टाचार के लिए यही लोग जिम्मेदार हैं। ऐसे में ये मंदिर के अंदर नहीं आ सकते हैं।

    अब ये बताइए, क्या आपने कभी सोचा इन मंदिरों के पास आखिर पैसा आता कहां-कहां से है और ये इतने पैसे का करते क्या हैं? देश के 4 बड़े मंदिरों (तिरुपति, शिर्डी साईं बाबा, सिद्धि विनायक और काशी विश्वनाथ) के बारे में आपको बताने जा रहा है कि मंदिर आपके दान किए हुए पैसों का कैसे करते हैं इस्तेमाल...

    दिलचस्प है कि इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट को बनाने के लिए मंदिरों से जुड़ी 9 हजार से ज्यादा पेज की अलग-अलग रिपोर्ट अपने सोर्स की मदद से मंगाई। इसकी स्टडी कर देश के 4 बड़े मंदिरों में आपके दान के इस्तेमाल के बारे में बताया।

    दिनेश – मित्रों इतनी महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ मैं आपको गाने सुनवा रहा हूं और साथ ही आपके पत्र भी पढ़ रहा हूं कृपया आप हमारे कार्यक्रम में और पत्र लिखें, हमें अपने क्षेत्र की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां लिखकर भेजें जिसे हम बाकी श्रोताओं के साथ साझा करेंगे। ये अगला पत्र हमारे पास आया है कुरसेला, तिनधरिया से जिसे लिखा है ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी और एल के सिंह ने आप सभी ने सुनना चाहा है जुर्माना (1979) फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और मन्ना डे ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. ऐ सखी राधिके बावरी हो गई .....

    पंकज - इन 4 इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स को भी जान लीजिए...

    1- अकेले तिरुपति तिरुमला मंदिर की कुल संपत्ति (1.30 लाख करोड़) देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अबांनी की कुल दौलत (फोर्ब्स 2015 के मुताबिक 1.29 लाख करोड़) से ज्यादा है।

    2- देश के मंदिरों के पास कुल 22 हजार टन (करीब 20 लाख क्विंटल) सोना है, जो अमेरिकी गोल्ड रिजर्व (8133.5 टन) का ढाई गुना और भारतीय गोल्ड रिजर्व (557.7 टन) का 40 गुना है।

    3- मंदिरों के इस स्वर्ण भंडार की कीमत करीब 50 लाख करोड़ रुपए है। इतने पैसे से पूरा देश 500 साल तक फ्री में पेट्रोल भरवा सकता है। (एक साल में भारतीय 10,200 करोड़ का पेट्रोल भरवाते हैं।) या 100 साल तक ट्रेन में फ्री में सफर सकता है। (2015 के रेल बजट के अनुसार, 2014 में देश के लोगों ने ट्रेन में सफर करते हुए रेलवे को 42,000 करोड़ रुपए की कमाई कराई।) या 2 साल तक फ्री में खाना खा सकता है। (तेंडुलकर कमेटी में प्रति व्यक्ति सालाना भोजन की लागत 18000 रुपए बताई गई है।)

    4- देश भर में 80 बुलेट ट्रेन चलाई जा सकती हैं। (एक बुलेट ट्रेन को चलाने में 62 हजार करोड़ रुपए की लागत आती है।)

    पंकज - काम के लंबे घंटे सेहत के लिए ख़तरा

    काम के घंटे जितने अधिक होते हैं, सेहत पर उतना ही ख़तरा बढ़ जाता है.

    इस बात को एक रिपोर्ट में भी सही पाया गया है.

    लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों के काम के घंटे ज़्यादा होते हैं, उनमें दिल का दौरा पड़ने की संभावना अधिक होती है.

    इस अध्ययन में पांच लाख से ज्यादा लोगों का विश्लेषण किया गया.

    इस विश्लेषण से मालूम हुआ कि दिन में 9 बजे से 5 बजे के बीच दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज़्यादा होती है.

    दिनेश – श्रोता मित्रों हमें अगला पत्र लिखा है हमारे पुराने और चिर परिचित श्रोता पूज्य महात्मा गांधी रेडियो श्रोता संघ के मुकुन्द कुमार तिवारी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आपने हमें पत्र लिखा है पिपरही वार्ड नंबर 5, ज़िला शिवहर, बिहार से आप सभी लोगों ने सुनना चाहा है, तूफान फिल्म का गाना जिसे गाया है मनहर उदास और अमिताभ बच्चन ने गीत के बोल लिखे हैं इंदेवर और संगीत दिया है अन्नू मलिक ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. Don't worry be happy …..

    पंकज - काम के लंबे घंटे

    Image copyright

    काम के लंबे घंटे और दौरा पड़ने के बीच का संबंध फिलहाल अनिश्चित है लेकिन सैद्धांतिक तौर पर तनावपूर्ण काम के जीवन शैली पर नुकसानदेह असर को दौरा पड़ने की एक वजह माना जा रहा है.

    विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग लंबे घंटों तक काम करते हैं, उन्हें अपने रक्तचाप पर नज़र रखनी चाहिए.

    इस अध्ययन के अनुसार, हफ्ते में 35-40 घंटे काम करने की तुलना में अगर व्यक्ति 48 घंटे काम करता है तो उसे दौरा पड़ने की संभावना 10 फीसदी बढ़ जाती है.

    54 घंटे काम करने पर 27 फीसदी और 55 घंटे काम करने पर 33 फीसदी.

    यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के डॉ. मिका किविमाकी ने कहा कि हर दस साल में हर 35 से 40 घंटे प्रति हफ्ते काम करने वाले एक हज़ार लोगों में पांच स्ट्रोक्स से भी कम केस थे.

    स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं

    जो 55 घंटे प्रति हफ्ते काम करते थे उनमें यही संख्या बढ़ कर 6 स्ट्रोक प्रति हज़ार व्यक्ति हो गई. डॉ. किविमाकी ने स्वीकार किया कि अभी ये शोध शुरुआती अवस्था में है.

    दौरे पड़ने की वजहों में लंबे घंटों तक काम करने से होने वाला तनाव और लंबे समय तक बैठ कर काम करना शामिल है.

    बहरहाल, ये भी हो सकता है कि जिन्हें लंबे समय तक ऑफिस में बैठना पड़ता है, उनके पास सेहतमंद खाना पकाने और व्यायाम करने का वक्त नहीं होता.

    इसलिए सेहत पर ख़राब असर पड़ता है.

    डॉ. किविमाकी ने बीबीसी को बताया, "लोगों को इस बारे में अधिक सचेत रहने की ज़रूरत है कि वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और ये पक्का करें कि उनका रक्तचाप ना बढ़े."

    हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. टिम चिको का कहना था कि हममें से ज़्यादातर लोग लंबे घंटों तक काम करते हुए भी उस समय को कम कर सकते हैं जितना हम बैठे हुए बिताते हैं, अपनी शारीरिक गतिविधियों को थोड़ा ज्यादा कर सकते हैं और अपनी डाइट में भी सुधार ला सकते हैं.

    और जितना ज़्यादा वक्त हम दफ्तर में बिताते हैं, इन बातों पर अमल करना उतना ही अहम हो जाता है.

    दिनेश – मित्रों हमें अगला पत्र लिख भेजा है हमारे पुराने श्रोता ने मुबारकपुर ऊंची तकिया, आज़मगढ़ से दिलशाद हुसैन, फातेमा सोगरा, वकार हैदर, हसीना दिलशाद और इनके ढेर सारे साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है सिलसिला फिल्म का गाना जिसे गाया है अमिताभ बच्चन ने गीतकार हैं जावेद अख्तर और संगीत दिया है शिव-हरि ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 6. नीला आसमान सो गया.....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश – नमस्कार।

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