सौभाग्य की बात है कि सोलांग त्सोमो के विचार का स्थानीय सरकार ने समर्थन किया है। आबा कांउटी के विक्लांग संघ परिषद के निदेशक च्यांग यांग ने परिचय देते हुए कहा कि इस संघ ने सोलांग त्सोमो के विचार जानने के बाद उसकी सहायता की। एक छोटी सी दुकान खोलने के लिए उसे राशि दी। इसकी चर्चा करते हुए च्यांग यांग ने कहा:
"उस समय हमारे कर्मचारियों ने एक-एक परिवार में जाकर सर्वेक्षण किया। हमें मालूम हुआ कि सोलांग त्सोमो के पास इस प्रकार की अभिलाषा थी। तो हमने उसकी मदद की। देश में लागू की जारी रही उदार नीतियों के आधार पर हमने उसे सहायता राशि दी। धीरे धीरे उसकी दुकान स्थापित हो चुकी है। इसके साथ ही हमारे कर्मचारी ने उसे इन्टरनेट का प्रयोग करना सिखा रहे हैं इसके साथ ही कई क्षेत्रों में उसका मार्गदर्शन भी किया। अब वह इन्टरनेट के माध्यम से आवश्यक वस्तुएं खरीदने में सक्षम हो गई।"
दुकान खोलने के बाद से लेकर अब तक दो साल से अधिक समय बीत चुका है। दुकान का पैमाना छोटा होने के बावजूद प्रचालन स्थिति अच्छी रही। सोलांग त्सोमो खुद दुकान का प्रचालन करती है। हर दिन सुबह 9 बजे द्वार खोला जाता है और रात को 9 या 10 बजे तक बंद किया जाता है। प्रति माह उसे दुकान के लिए 800 युआन का किराया देना पड़ता है। लेकिन प्रति महीने वह 3 से 4 हज़ार युआन का लाभ कमा लेती है। दुकान का प्रचालन करने के साथ-साथ सोलांग त्सोमो थाओपाओ और वी-चैट जैसे मंच से वो अपनी दुकान की वस्तुओं को बेचती है। अपने सौदे की चर्चा करते हुए उसने कहा:"मेरे मित्र कई ग्राहकों को मेरी दुकान से वस्तुएं खरीदने का सुझाव देते हैं। हमारी कांउटी में जनसंख्या अधिक नहीं है। आम तौर पर पुराने ग्राहक वस्तुएं खरीदने आते हैं।"
दुकान का प्रचालन करने के साथ-साथ सोलांग त्सोमो क्रॉस सिलाई भी करती है। दुकान में दीवार पर उसके द्वारा बनाई गई दो सुन्दर सिलाई चित्र लगाई जाती है। सोलांग त्सोमो ने आबा कांउटी सरकार द्वारा आयोजित तकनीकी प्रशिक्षण कक्षा में भी हिस्सा लिया। जिसमें मुख्य तौर पर तिब्बती पोशाक और बेल्ट बनाना सिखाया जाता है। कक्षा के अवकाश के समय सोलांग त्सोमो दूसरे विक्लांग व्यक्तियों को क्रॉस सिलाई सिखाती थी। उसने कहा:"कलासरूम में सिलाई मशीन उपलब्ध है। दोपहर बाद आराम के समय में हमारे पास कोई खास काम नहीं रहता। मैं उन्हें क्रॉस सिलाई सिखाती हूँ।"
विक्लांगों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र में सोलांग त्सोमो दूसरे विक्लांगों को क्रॉस सिलाई सिखा रही है। आबा कांउटी के विक्लांग संघ के कर्मचारियों ने सोलांग त्सोमो की प्रशंसा करते हुए कहा:"वह बहुत बुद्धिमान लड़की है। आत्म-अध्ययन से उसे कई चीज़ें आतीं। हमारे तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र में वह बहुत मेहनत से सीखती है और एक श्रेष्ठ विद्यार्थी बन गई है।"
विक्लांगों का प्रशिक्षण केंद्र स्थानीय सरकार द्वारा आबा कांउटी में विक्लांगों के पुनः रोज़गार के लिए स्थापित विशेष संस्था है। पहली खेप के 9 विद्यार्थियों में सोलांग त्सोमो शामिल हुई। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा से आमंत्रित हुए विशेष अध्यापकों ने उन्हें तिब्बती पोशाक बनाना सिखाया। तीन महीने में सोलांग त्सोमो और दूसरे विक्लांग व्यक्तियों ने सिलाई मशीन से या हस्तगत तरीके से तिब्बती पोशाक बनाने की तकनीक प्राप्त की।
दोनों पैरों की विक्लांगता के बजाए सोलांग त्सोमो दृढ़ता के साथ जीवन बिताती है। वह कभी-कभार हंसती है। उसने कहा:"मेरी स्थिति ऐसी है। दृढ़ता के साथ मैं सब कुछ करने में सक्षम हूँ।"
अब सोलोंग त्सोमो अपनी कमाई से अपना खर्च भी उठाती है। जीवन इतना आसान नहीं होने के बावजूद वो संतुष्ट है। सोलांग त्सोमो ने कहा कि सपना साकार करना उसके लिए बड़ा विषय है। लेकिन उसके पास एक सीधी सादी अभिलाषा है। उसने कहा:"मैं अपनी दुकान का अच्छी तरह प्रचालन करती रहूंगी। भविष्य में एक बड़ी दुकान खोलूंगी।"