लेई युआनछ्यांग ने पहले लाल चेरी उत्सव का मौका उठाते हुए बाहर जाकर अस्थाई कार्य करना बंद किया। वे घर वापस लौटकर चेरी के उत्पादन करने लगे। सरकारी नीति और पूंजी के समर्थन से वे अपने घर को फ़ार्म हाउस बनाकर पर्यटकों की सेवा करने लगे। सबसे ज्यादा पर्यटकों के आने वाले दिनों में उन्हें 12 हज़ार युआन की आय प्राप्त हो जाती थी। धीरे-धीरे लेई युआछ्यांग का जीवन समृद्ध होने लगा। लेकिन समृद्धि का रास्ता हमेशा आसान नहीं रहा। पूंजी का अभाव, अनुभव की कमी और पेशेवर जानकारी का ना होना जैसे कारणों से शुरु-शुरु में लेई को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसे याद करते हुए उन्होंने कहा:
"शुरु में हमारे फॉर्म हाउस में कुछ पर्यटक आए। उन्होंने मुझ से पूछा कि यहां क्या बेचा जाता है और चीज़ों की किमत कैसी है?मैं पेशेवर रूप से इस प्रकार का सौदा करने वाला नहीं हूँ। शुरु में इसके बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं थी।"
वास्तव में किसानों के फ़ॉर्महाउस खोलने के लिए पूंजी के अभाव वाली समस्या को दूर करने के लिए स्थानीय सरकार ने हर फ़ॉर्महाउस को निःशुल्क 10 हज़ार युआन का भत्ता दिया। इसका उद्देश्य स्थानीय किसानों को समृद्ध रास्ते को खोज करने के लिए प्रोत्साहन करना है। ग्रामीण पर्यटन के चलते उच्च गुणवत्ता वाली चेरी के उत्पादन से लेई युआछ्यांग के जीवन में कदम ब कदम सुधार आया। उन्होंने पहला चेरी उत्सव के दौरान करीब 50 हज़ार युआन कमाए।
चेरी उत्सव के आयोजन के चलते स्थानीय सरकार और किसान विकास में मौजूद कमियों को दूर करते हुए संबंधित अनुभव इक्ट्ठे करते हैं। किसानों के फ़ॉर्महाउस के प्रबंधन और संबंधित पेशेवर आर्थिक प्रचालन के स्तर को उन्नत करने के लिए सरकार ने उनकी सहायता की। लेई युआनछ्यांग को भी सरकार की मदद से फायदा मिला। वे सरकार का आभारी हैं। उन्होंने कहा:
"सरकार ने हमारे लिए विशेष प्रशिक्षण का बंदोबस्त किया। शिक्षकों ने हमें पढ़ाया कि उद्यमिता बनाने के दौरान हमें कैसे करना चाहिए। इसके बाद सरकारी कर्मचारियों ने हमारा नेतृत्व कर दूसरे स्थलों का दौरा किया। हम दूसरे लोगों के प्रगतिशील अनुभव सीखते थे। धीरे-धीरे हम आज यहां तक आ पहुंचे हैं। मैं सरकार का आभारी हूँ। जिसने हमारे किसानों की सेवा के लिए बहुत कुछ किया है। वरना हम आज के समृद्ध जीवन को साकार नहीं कर पाते।"