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    टी टाइम 150609 (अनिल और वेइतुंग)
    2015-06-15 18:25:12 cri

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः छोटी सी समझदारी भी कर्इ बार बड़ी समस्य का समाधान कर देती है। रांची की दुर्गा स्वांसी की एक ऐसी ही दिमागी उपज ने 107 मासूम जानें बचा लीं।

    अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार रांची निवासी दुर्गा स्वांसी ने जो आपबीती सुनार्इ उसे सुनकर कोर्इ भी दंग रह जाएगा।

    दुर्गा ने बताया कि इंटर की पढ़ाई पास करने के बाद घर की खस्ता हालत और गरीबी के कारण उसे रोजगार की तलाश थी। उसके दोस्तों ने उसे कोई नौकरी करने की सलाह दी। दोस्तों ने दुर्गा को एक एजेंट से मिलवाया जिसने उसे बंगलुरू में एक फैक्ट्री के बारे में बताया।

    उसने वादा किया कि उसे वहां काम करने पर 7 हजार रुपए तनख्वाह के अलावा भोजन, कपड़े और रहने की व्यवस्‍था मिलेगी। दिनभर में उसे आठ घंटे काम करना होगा और रविवार को छुट्टी भी मिलेगी। उस पर विश्वास कर दुर्गा गत 21 अप्रैल को बंगलुरू की उस फैक्ट्री में पहुंच गर्इ।

    वहां पहुंचते ही उसे पहला झटका तब लगा जब फैक्ट्री प्रबंधन ने सभी कर्मचारियों के मोबाइल फोन और अन्य सामान अपने कब्जे में ले‌लिया। लेकिन दुर्गा ने अपना फोन नहीं दिया और उसे छुपा लिया। हालांकि उसके फोन में मात्र एक रुपए का बैलेंस ही बचा था, जिसे उसने खर्च नहीं किया।

    वेइतुंगः दुर्गा और उसके साथ के अन्य मजदूरों को ये एहसास हो चुका था कि वो इस शहर की भूल भुलैया में खो चुके हैं। उसने बताया कि हमे नाश्ते के बाद सुबह 9 बजे काम शुरू करने के बाद दोपहर दो बजे के करीब भोजन करने के लिए 10 मिनट का ही समय मिलता।

    इसके बाद फिर काम शुरू किया जाता जो रात दो बजे तक जारी रहता। अगर हम बीच में काम बंद करते तो हमें पीटा जाता। कोई बीमार पड़ जाता तो उसकी भी बुरी तरह पिटाई की जाती। मेरे कई साथियों की काम नहीं कर पाने पर बुरी तरह पिटाई की गई।

    लगभग डेढ़ महीने तक अत्याचार झेलने के बाद दुर्गा स्वांसी ने खूंटी में रहने वाली अपनी बड़ी बहन हरियाली देवी को 27 मई को अपने मोबाइल से मैसेज भेजते हुए इस नर्क से बचाने की गुहार लगाई। लेकिन इसकी भनक फैक्ट्री प्रबंधन को लग गई जिसके बाद दुर्गा को बुरी तरह पीटा गया।

    बंगलुरू की बालाजी अगरबत्ती फैक्ट्री में मजदूरों की दुर्दशा की जानकारी मिलते ही दुर्गा की बहन हरियाली देवी ने रांची के डिप्टी कमिश्नर को इसकी जानकारी दी।

    डिप्टी कमिश्नर तक यह मामला पहुंचने के बाद उन्होंने बंगलुरू के डिप्टी‌कमिश्नर से इस संबंध में बात की, जिसके बाद सभी मजदूरों को फैक्ट्री से छुड़ाने का काम शुरू किया गया।

    बंगलुरू की फैक्ट्री से 107 मजदूरों को मुक्त करवाने वाली एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की इंचार्ज अराधना सिंह बताती हैं कि अपने मैसेज में दुर्गा स्वांसी ने फैक्ट्री में मजदूरों पर हो रहे अत्याचार को बयां किया था जिसके बाद बचाव अभियान की रूपरेखा तैयार की गई।

    उसकी बहन ने भी इसमें प्रभावी भूमिका निभाई जिन्होंने सीधे इस मामले को डिप्टी पुलिस कमिश्नर के सामने उठाया। पुलिस ने उस एजेंट प्रदीप बोस को भी गिरफ्तार कर लिया जो अभी तक सैकडों युवाओं को इस दलदल में फंसा चुका था।

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    अनिलः अब वक्त हो गया है, दूसरी जानकारी शेयर करने का। दोस्तो क्या आपने सुना है कि कभी 72 रुपय में मिल सकता है, सुनने में भले ही ये बात मजाक लगे लेकिन ये बात सौ आने सच है कि आपको इतने कम रुपए में घर मिलेगा। जी हां, इटली के गांगी, सिसिली, केरेगा लिगर, पिडमॉन्ट और लेके नी मार्सी इलाकों में महज 72 रुपये में घर बिक रहा है।

    लेकिन फिर भी इन घरों को खरीदने के लिए ग्राहक नही मिल रहे हैं क्योंकि इन इलाकों को भुतहा और खराब किस्मत वाली जगह के तौर पर देखा जाता है। आज के दौर में भले ही कुछ लोगों के जेहन में भूत, डायन जैसी चीजों पर भरोसा न करते हो लेकिन सही मायने में तो भूत हकीकत में भी होते हैं। यही वजह है कि इतने सस्ते दामों में भी ये घर महज भूतों के निवास के चलत विक नहीं रहा है।

    दरअसल, इन शहरों की पहचान भुतहा शहर के तौर पर बन गई है और कहा जाता है कि यहां रहने पर रोजगार नही मिलता। अक्सर नेचुरल डिजास्टर आते रहते हैं और कई बार तो लोगों का अपहरण भी कर लिया जाता है। इसलिए डर से लोग यहां रहना पसंद नहीं करते, जिसके चलते आकर्षक ऑफर देकर इन घरों को बेचा जा रहा है।

    इटली के मेयर ने घोषणा की है कि लोगों को सिर्फ 72 रूपए 1 यूरो में घर दिया जाएगा। हालांकि इसके साथ एक शर्त भी पूरी करनी होगी कि आप इन घरों को रीयनोवेट करने के लिए करीब 18 लाख रूपये खर्च करेंगे, क्योंकि ये घर काफी पुराने हैं और इन्हें मरम्मत की सख्त जरूरत है। लिहाजा अब भले ही ये घर सस्ते दामों में बिक रहे हों लेकिन आखिरकार दाम से ज्यादा तो इनकी मरम्मत में मालिक को पैसा खर्च करना पड़ेगा।

    वेइतुंगः अपनी जान बचाने के लिए कोई कुछ भी कर सकता है। इन दिनों लोकप्रिय हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि दो कसाई ऊंट को काटने की कोशिश कर रहे हैं और ऊंट अपनी जान बचाने में अपनी पूरी ताकत लगा रहा है।

    लेकिन दोनों ने उसके हाथ-पैर और गर्दन को पेड़ से बांध रखा है, एेसे में ऊंट के मुंह में एक कसाई की गर्दन आ जाती है और वो उसे मुंह में पकड़ कर उठा कर फेंक देता है।

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    फिल्म 'पीकू' तो आपको याद है ना? अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को अपने पिता का किरदार निभा रहे अमिताभ बच्चन के साथ देखा होगा। कैसे वो अपने पिता को कब्ज होने के बाद भी संभालती है।

    डेली मेल के मुताबिक ये कहानी है चीन के ऐसे ही आदमी की जिसे कब्ज की ही दिक्कत थी। वो इससे ऐसा परेशान था कि उसने एक गजब का काम कर डाला।

    कब्ज में राहत पाने के लिए उसने अपने गुदा यानी के मलाशय में ही बीयर की ग्लास डाल ली। उसे लगा ऐसा करने से उसे कुछ दर्द से राहत मिलेगी, आराम मिलेगा।

    उसके ऐसे अजीबोगरीब प्रयास से बीयर ग्लास उसके मलाशय में ही फंस गया। इसे बाद उसके दर्द का पारा असहनीय। उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया।

    उसे वुक्सी अस्पताल में ले जाया गया। एक्स रे से दिखा कि बीयार ग्लास अंदर तक अटक गई है। उसका फौरन ही ऑपरेशन करना पड़ा।

    लेकिन ऑपरेशन इतना पेचीदा था कि उसे निकालते वक्त ग्लास टूट गया। टुकड़ों में गिलास को निकाल ही लिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें ऐसा केस देखकर कोई अचरज नहीं हुआ।

    ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी दिक्कतों के साथ उनके पास तीन से चार मरीज हर साल ही आते रहते हैं।

    उन्होंने ये भी बताया कि इस ऑपरेशन के लिए उन्हें एक घंटे का वक्त लगा।

    इसमें तीन सर्जन को लगना पड़ा और शीशे के टुकड़ों को तीन दिशाओं से निकाला गया।

    ये वाकई किसी भी आम आदमी के होश उड़ा देने के लिए काफी था।

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    अनिलः एक मधुमक्खी के कारण दक्षिण इंग्लैंड से आयरलैंड की ओर जाने वाले के एक विमान की आपात लैंडिंग करानी पड़ी। उसके कारण विमान 2 घंटे की देरी से दोबारा उïड़ान भर पाया।

    दरअसल, बीई384 विमान साउथंपटन से डुबलिन के लिए उड़ान भरा ही था कि विमान के किसी उपकरण में मधुमक्खी फंस गई। यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पायलट ने तत्काल विमान को साउथंपटन एयरपोर्ट की ओर मोड़ दिया। विमान की आपत लैंडिंग कराई गई। जांच दलों को जांच में एक मधुमक्खी मिली, जो मर चुकी थी।

    एक यात्री नोएल रूनी ने बताया कि साउथंपटन एयरपोर्ट से मुश्किल से 10 से 15 मिनट दूर गए होंगे, तभी पायलट ने कहा कि नेविगेशनल सिस्टम में कुछ गड़बड़ी हो गई है।

    फ्लाईबी कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि तकनीकी कारणों से विमान को वापस साउथंपटन एयरपोर्ट पर लैंड कराया गया। सभी यात्री सुरक्षित और सामान्य हैं।

    उन्होंने बताया कि जांच में एक मधुमक्खी मिली है, जो जहाज के बाहरी उपकरण में फंस गई थी। यात्रियों की सुरक्षा कंपनी की प्राथमिकता है। यात्रा में विलंब होने के लिए खेद है।

    वेइतुंगः एक महिला ने सोशल मीडिया पर ऐसी फोटो पोस्ट की है जिससे बवाल खड़ा हो गया है। लोग उस फोटो की जमकर आलोचना कर रहे हैं।

    दरअसल, 6 महीने की गर्भवती महिला ने फेसबुक पर अपने "बेबी बंप" की फोटो पोस्ट की हैÐ

    महिला ने फोटो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है "मैं इस बच्चे को नहीं चाहती। इसे पैसे और ड्रग्स के लिए बेचना है। मै गारंटी लेती हूं बच्चा एक दम गोरा होगा इसलिए मेरे पास कम पैसे लेकर मत आना, केवल अच्छे ऑफर"।

    इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर एक्टिव लोगों को ये फोटो डालना नागवार गुजरा।

    एक अंग्रेजी वेबसाइट के मुताबिक, जॉजिया के अधिकारी इस मामले की जांच में जुटे हैं। उनका मानना है कि 22 मई को क्रिगलिस्ट अटलांटा नामक फेसबुक पेज पर अपलोड की गई तस्वीर कहीं फर्जी तो नहीं है।

    हालांकि जिस महिला ने इस पोस्ट को डाला है उसकी अभी तक पहचान नहीं हो सकी है।

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    अनिलः.लीजिए अब आपको रूबरू करवाते हैं, तकनीक संबंधी जानकारी से।

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    इंटरनेट की धीमी स्पीड को देखते हुए फेसबुक ने यूजर्स के लिए फेसबुक ऐप का हल्का वर्जन फेसबुक लाइट लॉन्च किया है। 'फेसबुक लाइट' के जरिए यूजर्स धीमे मोबाइल नेटवर्क पर बिना रुकावट फेसबुक चला पाएंगे।

    फेसबुक का कहना है कि फेसबुक लाइट ऐप सबसे कम इंटरनेट स्पीड पर भी फेसबुक की स्पीड को प्रभावित नहीं करेगा और काफी तेजी से काम करता है। फेसबुक की नई एप्लिकेशन मोबाइल में 1 एमबी से भी कम स्पेस लेती है। इस ऐप के इस्तेमाल से इंटरनेट की खपत भी कम होगी।

    फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने अपनी एक फेसबुक पोस्ट पर लिखा, 'हमने फेसबुक लाइट नाम से एक एप्लिकेशन लॉन्च किया है, इस नए ऐप के जरिए दुनियाभर में धीमे मोबाइल नेटवर्क और एंड्रॉयड फोन यूजर्स तेज स्पीड के साथ फेसबुक का आनंद ले सकेंगे।'

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    मनोरंजन संबंधी खबरः

    एक कार्यकर्ता ने आमिर खान पर आरोप लगाया है कि उन्होने देश के प्रतीक का बिना इजाजत के इस्तेमाल किया है। इसके लिए उन्होने आमिर खान को नोटिस भी भेजा है।

    नोटिस भेजने वाले मनोरंजन रॉय का कहना है कि सत्यमेव जयते राष्ट्रीय प्रतीक का हिस्सा है। मनोरंजन रॉय के वकील मनोज सिंह ने आमिर को नोटिस भेजकर उनसे अपने शो में सत्यमेव जयते के इस्तेमाल के लिए अनुमति की प्रति दिखाने को कहा है।

    आमिर खान के साथ उनकी बावी किरन राव को भी नोटिस मिला है। किरन आमिर के साथ शो की प्रोड्यूसर है। शो के निर्देशक सत्यजीत भक्तलाल को भी नोटिस दिया गया है।

    'सत्यमेव जयते' को मिले नोटिस और इस पर जवाब देने के बारे में आमिर खान कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

    राष्ट्रीय प्रतीक का बिना इजाजत इस्तेमाल 2009 के एक्ट के तहत नहीं किया जा सकता है। कोई भी आर्थिक फायदे के लिए राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

    अब वक्त हो गया है, प्रोग्राम में श्रोताओं के कमेंट शामिल करने का।

    बिहार से हेमंत कुमार ने हमें जोक लिखकर भेजा है। जोक कुछ इस तरह है। बहुत पुरानी बात है ....

    एक AFRICAN अपने परिवार के साथ जंगल में ही रहता था ....

    उसने और उसके परिवार ने कभी आईना नहीं देखा था ...

    एक दिन जंगल में उसे शीशा मिल गया...

    उसमें खुद को देखकर समझा कि उसके बाप की तस्वीर है...

    और वो उसे अपने घर ले गया और रोज बातें करने लगा...

    उसकी बीवी को शक़ हुआ...

    एक दिन जब उसका पति घर से बाहर गया हुआ था तब उसने वो शीशा निकाला... .

    खुद अपनी शक्ल देखकर बोली :

    "अच्छा...

    तो ये है वो कल-मूही

    जिस से मेरा पति रोज़ बातें करता है "

    उसने शीशा अपनी सास को दिखाया,

    😨 तो सास बोली :

    "चिंता मत कर...

    शुक्र मना...

    बुड्ढी है ,

    जल्दी ही मर जाएगी" .

    वहीं मधुबनी बिहार से अवधेश कुमार ने हमें मेल भेजा है।

    वहीं..केसिंगा, उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल लिखते हैं कि टी-

    टायम प्रोग्राम में यह जानकर आश्चर्य हुआ कि छुंगछिंग में आयोजित मैराथन दौड़ के समय लड़कियाँ एक स्मार्ट से दिखने वाले पुलिस वाले पर कैसे फ़िदा हो गयीं। भड़ूच, गुजरात के साठ वर्षीय सुधीर राणा द्वारा चालीस साल में एमबीबीएस हासिल करने का समाचार भी काफी प्रेरक लगा। एक ख़ास सिन्ड्रोम की वज़ह से शरीर में तेज़ी से निकलने वाले बाल मर्ज़ के बारे में जान कर हैरानी हुई। बैंकों की तरह भारतीय डाकघरों में भी एटीएम सेवा की शुरुआत वाला समाचार यहाँ आम हो गया है। चण्डीगढ़ सेक्टर 22 के नित्याशीष द्वारा विकसित पानी की किट से पेट्रोल की बजाय पानी से बाइक चलने की जानकारी वास्तव में, उत्साहवर्धक थी। करण जौहर द्वारा "झलक दिखला जा" से बाहर होने की विवशता समझाने हेतु आपका आभार। ग्रीन टी की उपयोगिता पर पुनः एकबार चर्चा करने के लिये भी धन्यवाद। वैसे बेहतर होगा कि जानकारियाँ इतनी ज़ल्द न दोहरायी जायें। प्लास्टिक की बोतल वाला पानी कैंसर का कारण बन सकता है, इसके बावजूद इसका धड़ल्ले से बिकना अफ़सोसनाक कहा जायेगा। संगीत में दिल-ओ-दिमाग को चुस्त-दुरुस्त रखने की क्षमता भी जगज़ाहिर है। आज पेश हंसगुल्लों में तीसरा जोक काफी अच्छा लगा। धन्यवाद तमाम जानकारी से लबरेज़ इस ख़ास प्रस्तुति के लिये।

    धन्यवाद। सुरेश अग्रवाल जी। आपने हमारे कार्यक्रम पर टिप्पणी की।

    अगला मेल हमें आया है, बडगाम, जम्मू-कश्मीर, भारत से के.एस. बाशिर का।

    वे लिखते हैं कि आपके द्वारा प्रस्तुत प्रोग्राम बहुत अच्छा और सूचनाप्रद होता है। मैंने इससे पहले भी आपको मेल भेजा था, लेकिन कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाया। इसमें शामिल होने वाले सवालों का अंग्रेजी में अनुवाद कर पूछिएगा।

    अगला मेल हमें भेजा है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने।

    आज अखिल पाराशर जी द्वारा पेश किये गए अंतर्राष्ट्रीय समाचार सुनने के बाद अनिल जी एवं ललिता जी द्वारा पेश साप्ताहिक "टी टाइम" प्रोग्राम का ताज़ा अंक मनोयोग से सुना और आज के प्रोग्राम में दी गई तमाम जानकारी मुझे काफी इंटरेस्टिंग लगी।

    आज कार्यक्रम के शुरुआत में पिछले दिनों चीन के छोंगछिंग शहर में मैराथन दौड़ को लेकर आपने जो मज़ेदार स्टोरी सुनवाई वह मुझे बहुत पसंद आई । सुना है कि मैराथन दौड़ में तैनात पुलिसवालों में एक पुलिसवाले की स्मार्टनेस को देखकर कई लड़कियों ने दौड़ भूलकर सेल्फी खिंचवाने के लिए बहुत ही व्यस्त हो गयी । लेकिन दुःख की बात यह है कि उक्त पुलिसवाले लड़कियों को दिल तोड़कर शादी कर लिया। हाय !हाय ! "ओ साथी रे कभी बंधन जुड़ा लिया कभी दामन छुड़ा लिया/ कैसा सिला दिया ये वफ़ा का कैसा सिला दिया/ ओ साथी रे/ तेरे वादे वो इरादे/ओ साथी रे/सब कुछ भुला दिया ये वफ़ा का कैसा सिला दिया। "

    आज 2014 साल में एमबीबीएस करने वाले सुधीर राणा जिन्होंने 40 साल में मेडिकल की पढ़ाई सम्पूर्ण की स्टोरी वाकई हम सब के लिए प्रेरणादायक है। सुधीर राणा ने यह साबित किया सीखने का कोई अंत नहीं है,कोई उम्र नहीं है। सुधीर राणा को मेरा सलाम।

    आज आपने हमें एक खुशखबरी सुनाई ।सीबीएस योजना के तहत भारत के डाक विभाग अजमेर शहर के मुख्य डाकघर में एटीएम सेवा चालू कर दिया । यह एक स्वागतेय प्रयास है ।

    मुझे भी आशा है कि आने वाले दिनों हमारे पश्चिम बंगाल राज्य में इस तरह डाक सेवा

    स्थापित होंगे। यह समाचार सुनकर मुझे लगा कि भारत के हर क्षेत्र में डाकघर में एटीएम का उपयोग सभी वर्गों के लिए लाभदायक साबित होगा।

    आज जो खबर मुझे आश्चर्यचकित कर दिया वह है पानी से चलने वाली मोटरसाइकिल का समाचार । सुना है कि चंडीगढ़ के 10वीं क्लास का एक स्टूडेंट नित्यआशीष ने बाइक के लिए एक ऐसी किट तैयार की है,जिस से एक लीटर पानी से चलेगी बाइक और दौड़ेगी 250 KM । अगर यह वास्तव में प्रयोग होगा तो हर गरीब भारतीय को बाइक चलाना आसान हो जाएगी। मैं उक्त छात्र की इस कामयाबी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं ।

    हम सभी ने ग्रीन टी और सेब का उपयोगिता के बारे में वाकिफ है ;फिर भी आज आपके कार्यक्रम में आपने ग्रीन टी और सेब को लेकर जो खास चर्चा की उसके लिए आपके प्रति मेरा आभार व्यक्त कर रहा हूं। आज सब कुछ मिलाकर एक सुंदर प्रस्तुति पेश करने के लिए आपको धन्यवाद।

    ......

    अब प्रोग्राम में समय हो गया है, हंसगुल्लों का।

    पहला जोकः पत्नी ने अचानक पति के गाल पे चांटा जड़ दिया चटाक! पति बेचारा तिलमिला उठा... पति- मारा क्यों ...? पत्नी- जानू , गाल पे मच्छर था....... और मेरे जीते जी कोई और, आपका खून पिये ये मुझसे बिलकुल बर्दाश्त नहीं होता

    दूसरा जोकः डॉक्टर- अब कैसा है तुम्हारा सिरदर्द? मरीज- वो तो मायके गई है .....!!!! –

    तीसरा जोकः

    एक दस साल का बच्चा बहुत ध्यान से एक किताब पढ़ रहा था, जिसका टाइटल था, 'बच्चों का पालन-पोषण कैसे करें? मां- तुम इस किताब को क्यों पढ़ रहे हो? बच्चा- मैं ये देखना चाहता हूं कि मेरा पालन-पोषण ठीक से हो रहा है या नहीं। -

    हंसगुल्ले यही तक...उम्मीद है आपको पसंद आए होंगे।

    अब सवाल-जवाब की बारी है, हमने पिछले सप्ताह दो सवाल पूछे थे,

    पहला सवाल था... डाकघरों में आने वाले समय में क्या बदलाव होने वाला है।

    सही जवाब है, डाकघरों में जल्द ही एटीएम व्यवस्था चालू हो जाएगी।

    दूसरा सवाल था... ग्रीन टी और सेब से क्या लाभ होता है।

    सही जवाब है- हृदय रोग और कैंसर का खतरा कम करने में मदद मिलती है।

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है, केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, पश्चिम बंगाल से रवि शंकर बसु, बडगाम जम्मू-कश्मीर से के.एस. बाशिर, मधुबनी बिहार से अवधेश कुमार और बिहार से ही हेमंत कुमार आदि ने।

    आप सभी का शुक्रिया।

    अब आज के सवालों का वक्त हो गया है...

    पहला सवाल है..

    दूसरा सवाल है.....

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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