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    टी टाइम 150602 (अनिल और ललिता)
    2015-06-02 10:35:16 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ... आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः पिछले दिनों चीन के छोंगछिंग में मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया। लेकिन इस दौरान एक ऐसा नजारा देखने को मिला, जो बेहद चौंकाने वाला था। मैराथन दौड़ में शामिल होने आईं कई लड़कियां तो कहीं और ही दौड़ती दिखी, जिससे जाम लग गया।

    दरअसल, मैराथन के दौरान तैनात पुलिसवालों में एक पुलिसवाले की स्मार्टनेस कई लड़कियों को इतना ज्यादा पसंद आ गई कि वो उसकी दीवानी ही हो गईं और दौड़ भूलकर सेल्फी खिंचवाने लगीं।

    मैराथन दौड़ में हिस्सा लेने के लिए लाखों की संख्या में लोग जमा हुए थे। सुरक्षा और शांति के लिए पुलिसवालों की तैनाती की गई थी। दौड़ लगाते वक्त खासकर कई लड़कियों की नजर काफी स्मार्ट और हीरो जैसे लुक वाले पुलिसवाले पर पड़ी तो वो सभी खुद को उससे मिलने से रोक नहीं सकी।

    जिस पुलिसवाले को शांति बनाए रखने के लिए लगाया था, खुद उसी की वजह से जाम लग गया। लड़कियों ने उसके साथ जमकर सेल्फी खिंचवाई।

    इतने बड़े आयोजन में ऐसा नजारा देख लोग हैरान रह गए। कई लड़कियों का दिल ये जानकर टूट गया कि हाल ही में इस पुलिसवाले की शादी हुई है।

    ललिताः लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्तियां भरुच के सुधीर राणा ने सच कर दिखाई।

    सुधीर ने मेडिकल की पढ़ाई 40 साल में पूरी की। भले ही 60 साल के हो गए पर अब इंटर्नशिप कर रहे हैं।

    उन्होंने पढ़ाई जारी रखने के लिए दक्षिण गुजरात वीर नर्मद यूनिवर्सिटी तथा कॉलेज डीन से विशेष अनुमति ली।

    दरअसल सुधीर ने वर्ष 1974 में सूरत मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया। दाखिले के कुछ महीने बाद ही बीमार हो गए।

    हॉस्टल में देखभाल कौन करता, लिहाजा घर चले जाना पड़ा। इससे पढ़ाई बाधित हुई। फिर वार्षिक परीक्षा में शामिल होने सूरत लौटे लेकिन फेल हो गए। 1975 में शुरू फेल होने का सिलसिला चार साल तक चला।

    इसके बाद भी वे किसी न किसी विषय में फेल होते रहे। वे फिर विचलित हुए और साधना की गरज से इधर-उधर भटकते रहे पर पढ़ाई नहीं छोड़ी।

    इधर, 1989 में पिता की मृत्यु हो गई और छह बहनों व दो छोटे भाइयों की जिम्मेदारी उन पर आ गई। 2008 में मझले भाई की भी मौत हो गई। इससे पढ़ाई फिर बाधित हुई। आखिर वर्ष 2014 में एमबीबीएस उत्तीर्ण कर ली।

    अनिलः सूरत से इटर्नशिप कर रहे सुधीर हॉस्टल में रहते हैं। साथी अंकल या भइया कह बुलाते हैं। लेकिन किसी ने उनका मजाक नहीं उड़ाया।

    क्लास में साथियों का सहयोग मिला। सुधीर ने बताया, कोई चैप्टर समझ नहीं आता तो छात्रों से पूछने में संकोच नहीं करता।

    प्रोफेसरों के अनुसार, कुछ विषय में पास और कुछ में फेल होने के बाद छात्रों को विषय क्लियर करने का मौका मिलता है।

    भरुच के सुधीर ने 1974 में सूरत के मेडिकल कॉलेज में लिया दाखिला पिछले साल हुए पास आउट।

    इससे सुधीर के मन में परीक्षा का खौफ बैठ गया। वे अध्यात्म की तरफ झुकने लगे। कई साधुओं से मिले। एक साधु ने अधूरी इच्छाओं को पूरा करने को प्रेरित किया। सुधीर कॉलेज लौटे। 78 में फस्र्ट ईयर किया।

    दोस्तो, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम-मेडिकल साइंस की भाषा में ये वो सिंड्रोम है, जिससे पीड़ित व्यक्ति के शरीर में बाल बड़ी तेजी से निकलते है। इस सिंड्रोम की वजह से पुरूषों के साथ-साथ महिलाओं को अनावश्यक बाल होने की स्थिति का सामना करना पड़ता है।

    अमेरिका के कैलिफोर्निया की रहने वाली ऐनालिसा हैकलमैन भी इस सिंड्रोम से पीड़ित हैं। औरत होने के बाद भी उनके चेहरे पर दाढ़ी देख हर कोई पहली बार तो हैरान हो ही जाता है।

    ललिताः लेकिन उन्हें शायद दाढ़ी रखना पसंद है और ये दाढ़ी उन्होंने अपने पति से पूछ कर ही रखी है, क्योंकि उनके पति को उनके दाढ़ी रखने या नहीं रखने से कोई फर्क नहीं पड़ता।

    ऐनालिसा का कहना है कि उनके पति उन्हें दाढ़ी में भी पसंद करते हैं। लेकिन अब वो अपनी शादी की पांचवी सालगिरह पर अपनी दाढ़ी हटवाएंगी। ऐनालिसा को लगता है कि ऐसा करने से वो अपने पति को और ज्यादा आकर्षित कर सकेंगी।

    अनिलः जल्द ही भारत में डाक विभाग के बचत खाताधारक बैंको की तरह एटीएम का उपयोग करते नजर आएंगे। डाक विभाग दक्षिणी क्षेत्र के तहत आने वाले अजमेर शहर के मुख्य डाकघर में से सीबीएस योजना के तहत एटीएम स्थापित कर दिया गया है। इसकी ट्रायल भी पूरी हो चुकी है। जल्द ही इसका उद्घाटन होगा। एटीएम में कैमरे भी लगाए गए हैं तथा गार्ड की भी व्यवस्था की गई है। एटीएम का उपयोग वे बचतखाता धारक कर पाएंगे जिनका डाकघर सीबीएस सेवा से जुड़ चुका है। अजमेर के 45 में से 35 डाकघर सीबीएस सेवा से जुड़ चुके हैं। सीबीएस योजना के तहत विभाग सभी डाकघरों को कोर बैंकिग सेवा (सीबीएस) से जोड़ रहा है। सभी खातों को ऑन लाइन करते हुए सेंट्रल सर्वर से जोड़ा जा रहा है।

    ललिताः बचत खाताधारकों की मांग पर विभाग उन्हें एटीएम कार्ड जारी करेगा। इसका उपयोग विभाग के किसी भी राज्य के एटीएम में हो सकेगा। इससे आमजन को सुविधा होगी और वे कभी भी कहीं से अपनी राशि निकाल सकेंगे तथा बैलेंस आदि की जानकारी हासिल कर सकेंगे।

    चालू वित्तीय वर्ष में प्रथम चरण में 8 एटीएम चालू हो जाएंगे। विभाग ने इसके लिए एक निजी कम्पनी को ऑर्डर दिया है। इनमें नसीराबाद, मदनगंज तथा ब्यावर में यह एटीएम खोले जाएंगे। जबकि शेष पांच एटीएम क्षेत्र के तहत आने वाले अन्य जिलों में स्थापित किए जाएंगे। कई जगहों पर एटीएम स्थापना के लिए निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है।

    अनिलः जरा सोचिए, अगर आपको बाइक चलाने के लिए पेट्रोल की जरुरत ही न पड़े और काम पानी डालने से हो जाए तो कैसा हो। आपके पैसे तो बचेंगे ही और आपको पेट्रोल खत्म होने का डर भी नहीं सताता रहेगा। विज्ञान और तकनीक उस दिशा में भी आगे बढ़ चुकी है। पानी से बाइक चलाने की कल्पना को सच करने में जुटा है चंडीगढ़ के सेक्टर-22 के गवर्नमेंट मॉडल स्कूल का स्टूडेंट नित्यआशीष।

    10वीं क्लास में पढ़ रहे नित्यआशीष ने अपने फिजिक्स के टीचर अजय गुप्ता की गाइडेंस और एक अन्य स्टूडेंट रुचिका की मदद से बाइक के लिए ऐसी किट तैयार की है, जिसके जरिए बाइक पानी से चल भी चल सकती है।

    नित्य ने अपने प्रयोग में दिखाया कि कैसे पानी की बाइक चलाई जा सकती है। उसने एक बाइक पर किट फिट कर उनमें पानी डाला, जो कि एचएचओ सेल में चला गया। सेल में लेक्ट्रोलाइसिस के बाद ऑक्सीजन गैस बनती है, जो कि गैस इंजन को चलाती है। जहां पेट्रोल से चलने वाली बाइक से धुआं निकलता है, वहीं इस बाइक से पानी निकलेगा। पानी के किट से बाइक चलाने पर अधिकतम स्पीड 50 किलोमीटर/प्रति घंटा तक हो सकती है।

    नित्य के मुताबिक किट को बनाने में 3 हफ्ते और 1900 रुपए लगे। किट में 2 लीटर से ज्यादा पानी नहीं आ सकता। किट में डिस्ट्रल वाटर की बजाए खारा पानी डालने पर बाइक ज्यादा दूरी तक चलती है। इसलिए बाइक के लिए समुद्री जल सबसे परफेक्ट है, इससे माइलेज डेढ़ गुणा बढ़ जाता है। समुद्री जल उपलब्ध न होने पर इसे डिस्ट्रल वॉटर से भी चलाया जा सकता है।

    एक लीटर डिस्ट्रल वॉटर से 100 किलोमीटर तक, जबकि समुद्र के एक लीटर पानी से 250 किलोमीटर तक का सफर तय किया जा सकता है। पानी के किट से चलने वाली ये बाइक लंबा सफर करने पर भी गर्म नहीं होती और आग लगने का भी खतरा नहीं होता।

    ललिताः पिछले काफी समय से टीवी के लोकप्रिय डांस रिएलिटी शो झलक दिखला को जज कर रहे हैं। करण को बतौर जज काफी पसंद भी किया गया है। लेकिन इस बार वह इस शो के जज नहीं बनेंगे।

    पिछले कुछ दिनों से खबर आ रही थी कि झलक दिखला जा के निर्माता माधुरी दीक्षित, करण जौहर और रेमो डिसूजा को शो का हिस्सा बनाने के बाद शिल्पा शेट्टी से भी बातचीत कर रहे हैं।

    शिल्पा ने तो इसके लिए हामी भर दी लेकिन अब करण इस शो से बाहर हो गए। चर्चा है कि झलक दिखला जा के पैनल में पहले की तरह इस सीजन में भी तीन जज नजर आएंगे। फिल्म बॉम्बे वेलवेट के विलेन इन दिनों इंडियाज गॉट टैलेंट के छठे सीजन को जज कर रहे हैं।

    इसके बाद वह रणबीर कपूर स्टारर अपनी अगली फिल्म 'ए दिल है मुश्किल' का काम शुरू करेंगे। उनकी यह फिल्म अगले साल सिनेमाघरों में दस्तक देगी। ऐसे में उनके लिए झलक में काम करना मुश्किल हो रहा है। अब देखना होगा करण की नामौजूदगी शो को नुकसान पहुंचाएगी कि नहीं।

    अनिलः दोस्तो, अब वक्त हो गया है हैल्थटिप्स का। एक नए शोध में ग्रीन टी और सेब में एक ऐसे तत्व का पता चला है, जिससे हृदयरोग और कैंसर का खतरा कम होने में मदद मिलती है।

    ग्रीन चाय और सेब में मौजूद पोलीफेनॉल्स शरीर में मौजूद एक अणु (मॉलीक्यूल) को अवरुद्ध कर देता है। इस अणु से ही शरीर में एथेरोस्लेरोसिस बढ़ता है।

    एथेरोस्लेरोसिस से ही आगे चलकर हृदयरोग, स्ट्रोक और मृत्यु का कारण बन सकता है।

    ब्रिटेन में इंस्टीट्यट ऑफ फूड रिसर्च (आईएफआर) के शोधकर्ता पॉल क्रून ने कहा, ''इन आंकड़ों से एक स्पष्ट तंत्र का पता चलता है, जो भोजन में बायोएक्टिव यौगिकों को लाभकारी प्रभावों के साथ जोड़ता है।''

    शरीर में मौजूद मॉलीक्यूल एसक्यूलर एंडोथीलाइल ग्रोथ फैक्टर (वीईजीएफ) अस्वस्थ कोशिका में रक्त वाहिनियों के निर्माण के मुय प्रवाहक हैं। इस प्रक्रिया को एन्जियोजेनेसिस कहा जाता है।

    एन्जियोजेनेसिस के जरिए ही कैंसर और एंथेरोस्लेरोटिक का खतरा बढ़ता है।

    इस शोध के दौरान शोधकर्ताओं को यह पता चला कि ग्रीन चाय में मौजूद एपीगलोकैटचीन गैलेट (ईजीसीजी) और सेब में मौजूद प्रोसाइनिडिन से वीईजीएफ के कामकाज को अवरुद्ध कर देता है।

    यह शोध 'मॉलीक्यूलर न्यूट्रीशन एंड फूड रिसर्च' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

    ललिताः ज्यादातर लोग प्लास्टिक की बोतल से पानी पीते हैं। चलन जो है। आप भी उन्हीं लोगों में शामिल हैं, तो अब सेहत के लिए प्लास्टिक की बोतल कितनी खतरनाक है, यह जरूर जान लें। यह जानने के बाद आप कर लेंगे प्लास्टिक की बोतल से तौबा...

    प्लास्टिक की बोतल में कई नुकसानदेह केमिकल होते हैं, जो गर्म होने पर रिसकर पानी में मिल जाते हैं। ये खतरनाक केमिकल सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। कैंसर, कब्ज और पेट संबंधी कई बीमारियों के अलावा कई अन्य नुकसान हैं इन बोतलों के।

    एक रिसर्च में यह सामने आया है कि प्लास्टिक के बोतल और कंटेनर के इस्तेमाल से कैंसर हो सकता है। हवाई के कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टर एडवर्ड फुजीमोटो ने प्लास्टिक और कैंसर पर काफी शोध किया है। उनका कहना है कि प्लास्टिक के बर्तन में खाना गर्म करना और कार में रखे बोतल का पानी कैंसर की वजह हो सकते हैं। उनका कहना है कि कार में रखी प्लास्टिक की बोतल जब धूप या तापमान की वजह से गर्म होती है तो प्लास्टिक में मौजूद नुकसानदेह डाइऑक्सिन का रिसाव शुरू हो जाता है। ये डाइऑक्सिन पानी में घुलकर हमारे शरीर में पहुंचता है। डाइऑक्सिन कोशिकाओं पर बुरा असर डालता है। इसकी वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

    अनिलः प्लास्टिक की बोतल में प्रयोग की जाने वाली बाइसफेनोल ए के कारण दिमाग के कार्यकलाप प्रभावित होते हैं। इससे समझने और याद रखने की शक्ति कम होने लगती है। कनाडा की एक रिसर्च टीम के अनुसार प्लास्टिक के कंटेनर बनाने के उपयोग में लिया जाने वाला बाइसफेनोल ए दिमाग के लिए हानिकारक है और इसके सेवन से आगे चलकर अल्जाइमर्स हो सकती है।

    बाइसफेनोल ए के कारण पेट पर भी बुरा असर पड़ता है। बीपीए रसायन जब पेट में पहुंचता है, तो पाचन क्रिया प्रभावित होती है। इससे खाना अच्छी तरह नहीं पचता और कब्ज और पेट में गैस की समस्या हो जाती है।

    वे महिलाएं जिन्हें प्रेगनेंट होने में परेशानी उठानी पड़ी है या जिनका पहले भी मिसकैरेज हो चुका है, उन्हें प्लास्टिक की बोतल से ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए। यह पुरुषों में स्पर्म काउंट कम करता है। हैरत होगी यह जानकर कि प्लास्टिक के रसायन से पुरुषों में यौन आकर्षण कम होने का पता लगाया गया है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि खाद्य पदार्थों के पेकेजिंग में पाए जाने वाले रसायन से यह समस्या उठ खड़ी हुई है। विस्फेनोल रसायन का उपयोग प्लास्टिक में कड़ापन लाने के लिए किया जाता है। यह दुनिया में ज्यादा तैयार होने वाले रसायनों में है। विस्फेनोल का उपयोग बेबी बोतल, सीडी कवर, खाद्य और पेय पदार्थों की पैकेजिंग आदि में होता है।

    ललिताः संगीत वास्तव में एक थैरेपी है। न्यूरोकेमेस्ट्री अनुसन्धान के अनुसार संगीत से रोग कंट्रोल में होते हैं। यह कई दर्द निवारक दवाओं से ज्यादा कारगर माना जाता है। कनाडा स्थित मेकगिल विश्यविद्यालय के स्नायु विज्ञान (न्यूरोसाइंस) विशेषज्ञ एवं एक समय के रॉक-संगीतकार डेनिएल लैवीटीन का कहना है कि संगीत भावनात्मक जीवन में एक रूपक का काम करता है। संगीत से भावना बेहतर पैदा होती है।

    संगीत ग्रंथियों में उत्तेजना पैदा करता है, जो नर्वस सिस्टम और रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है। अच्छा और उपयुक्त संगीत रिलेक्स करता है और तरोताजा रखता है। संगीत सुनने से गुस्सा जैसे नकारात्मक पहलू भी दूर रहते हैं।

    संगीत सिरदर्द, पेट संबंधी विकार दूर करता है। म्यूजिक थैरेपी से भावनाओं, ब्लड प्रेशर पर काबू रखने और लीवर के कार्यो को सुचारू रूप से चलाने में भी मदद मिलती है। यह बात सौ फीसदी सही है कि बीमार हैं, तो गीत-संगीत आपको ठीक कर सकता है।

    वेस्टर्न आटारियो यूनिवर्सिटी (कनाडा) में हुए एक शोध में यह सामने आया है। गीत-संगीत सुनने या गाने-बजाने से न सिर्फ बीमारी जल्दी ठीक होती है बल्कि तनाव भी कम होता है। गीत-संगीत से याददाश्त भी सुदृढ़ होती है और भूलने की बीमारी अलजाइमर में भी लाभ होता है। नए शोध के अनुसार गाने से गले के पिछले भाग में स्थित मांसपेशियां सुदृढ़ होती हैं। खर्राटे, श्वांस रोग व अन्य गले संबंधी परेशानियों में भी लाभ होता है।

    अनिलः शोधकर्ताओं ने गीत-संगीत को धूम्रपान छुड़ाने में भी सहायक माना है। परकिंसन, अन्य मूवमेंट डिसऑर्डर, ट्रॉमेटिक, स्ट्रोक, एक्यूट एंड क्रोनिक पेन, डिप्रेशन जैसी बीमारियों में म्यूजिक थैरेपी बहुत मददगार साबित होती है। संगीत शरीर में खुश रहने वाले केमिकल सिरोटिन की मात्रा बढ़ाता है।

    मेलबोर्न स्थित रॉयल टैलबोट रिहैबिलिटेशन अस्पताल में संगीत चिकित्सक जेनेटी टेम्प्लिन का कहना है कि यदि किसी कारणवश मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है और मनुष्य कुछ सोच नहीं पाता, तो ऐसे में संगीत की मदद से दोबारा सामान्य जीवन जीने की चाह पैदा की जा सकती है।

    इसके अलावा संगीत मस्तिष्क के भिन्न भागों में जाकर मनुष्य को चिंतामुक्त करता है। जिंदगी में हम सब जो कुछ करते हैं, वो संगीत की धुन पर आधारित होता है।

    विशेषज्ञ यह मानते हैं कि मनुष्य के दिमाग में चल रही कई तरह की रासायनिक क्रियाओं के बीच संतुलन साधने का काम भी संगीत करता है। संगीत और नृत्य जैसी विधाओं की सहायता से सामान्य स्वास्थ्य से लेकर कैंसर, ऑटिज्म आदि कई तकलीफों में राहत मिल सकती है। दुनियाभर में चिकित्सक संगीत और डांस का प्रयोग कई तरह के रोगियों के इलाज के लिए कर रहे हैं।

    अनिलः दोस्तो, आज के प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यहीं संपन्न होता है। अब वक्त हो गया है श्रोताओं के कमंट शामिल करने का।

    ललिताः पहला ई-मेल हमें भेजा है पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु ने। लिखते हैं कि "टी टाइम" प्रोग्राम का ताज़ा अंक मनोयोग से सुना और आज के प्रोग्राम में दी गई तमाम जानकारी मुझे काफी इंटरेस्टिंग लगी।

    आज कार्यक्रम के शुरुआत में हमारे देश की संसद की 88 साल पुरानी इमारत को फिर से निर्माण करने का विचार मुझे लगता है कि सही है। उसके बाद सुना है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20,000 करोड़ रुपए की राशि वाली "प्रधानमंत्री मुद्रा योजना" लॉन्च की। इस से हम जैसा साधारण आदमिओं को सस्ता कर्ज मिलेगा। मुझे लगता है कि इस योजना से हमारी देश की दरिद्रता दूर होगी साथ ही गरीबों को स्वरोजगार की सुविधा मिलेगी।

    आज आपके द्वारा पेश किये गए बिहार के भोजपुर जिले का रतनपुर गांव में शादी में बंदरों के कारण जो खौफ बनी हुई है, वह सुनकर मुझे काफी हैरानी हुई। वाकई यह एक रोचक घटना है। आज सुना है कि जेट एयरवेज अमरीका में अपनी सेवा का विस्तार करेगी और दो भारतीय वैज्ञानिकों ने एंड्रायड एप से चलने वाली कार तैयार की है। ये दोनों जानकारी देने के लिए आपको धन्यवाद।

    आज के दिनों में बाल झड़ने की समस्या या गंजापन एक आम समस्या बन गई है, चाहे महिला हो या पुरुष, ये समस्या दोनों को हो सकती हैं और आज इस समस्या से जुड़ी आपका चर्चा काफी सूचनाप्रद लगी। आज आपने हमे बताया कि शोधकर्ताओं के मुताबिक विटामिन-डी की कमी से हृदय संबंधी रोगों के अलावा कई अन्य बीमारियां जैसा शुगर लेवल बढ़े रहना, कोलोन, ब्रेस्ट व प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। आपका यह चर्चा काफी डरावना लगा।

    आज अनिल जी और वेइ तुंग जी ने हरी-भरी सब्जियों में, मुर्गियों में इंजेक्शन का इस्तेमाल को लेकर एक खास चर्चा की। इस विशेष चर्चा से मुझे पता चला कि इंजेक्शन लगी हुई हरी सब्जियों का सेवन करने से कैंसर, आखों की रोशनी कम होना, मोटापा, ब्लडप्रेशर, हाइपरटेंशन, हमेशा पेट खराब रहना सहित अन्य बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है।

    इतना तमाम जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद।

    ललिताः और दूसरा ई-मेल हमें भेजा है केसिंगा ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि ताज़ा समाचारों के उपरान्त पेश साप्ताहिक "टी टाइम" की आज की प्रस्तुति इसलिये ख़ास लगी कि उसमें भारत सम्बन्धी समाचारों का अनुपात अधिक था। फिर चाहे वह भारत में संसद की नई इमारत बनाने का प्रस्ताव हो या कि खेती की तरह स्वरोज़गार के लिये भी सरकार द्वारा सस्ता ऋण उपलब्ध कराने की जानकारी, सब कुछ सूचनाप्रद लगा। बिहार के रतनपुर में बारातियों के लिये बन्दरों का आतंक ख़ौफ़ का विषय बना हो या कि जेट एयरवेज़ द्वारा अमेरिका में अपनी सेवाओं के विस्तार की योजना, अपने देश के तमाम समाचार सीआरआई पर पाकर अतीव प्रसन्नता हुई। गूगल से प्रेरणा लेकर दो भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा एंड्रॉएड एप के ज़रिये चालकरहित कार विकसित करने की कहानी तो मन प्रफुल्लित कर गई। इसके साथ ही हाईब्रिड तथा विद्युतचलित कारों पर भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली विशेष सब्सिडी का समाचार भी सुनने वालों में उत्साह का नवसंचार करेगा।

    हेल्थकेयर में बाल झड़ने के बावज़ूद नये बाल उगने की तकनीक सम्बन्धी जानकारी तो किसी वरदान जैसी लगी। सदर्न कैलिफ़ोर्निया स्थित इसके शोधकर्ता चिनमिंग चांग को हार्दिक साधुवाद। पेशे से बैंकर श्री रमणसिंह को विटामिन-डी की कमी के चलते हुई हृदय सम्बन्धी परेशानियों का ज़िक्र किया जाना भी श्रोताओं में जागरूकता पैदा करने जैसा था। ओर्सोरॉक्सिया रोग और आज के आहार का उससे सीधा सम्बन्ध होने की जानकारी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी एक अच्छी चेतावनी कही जायेगी। आज के जोक्स तो औसत दर्ज़े के ही रहे। वैसे इतनी सारी जानकारी जुटा हम तक पहुँचाने के लिये हार्दिक साधुवाद। धन्यवाद।

    इसके अलावा, पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप ने भी हमें ई-मेल भेजा है। आप सभी का बहुत बहुत शुक्रिया।

    अनिलः अब बारी है आज के प्रोग्राम में जोक्स यानी हंसगुल्ले शामिल करने की।

    पहला जोक...

    प्रेमी: प्रिय ! अभी हम अपनी शादी की बात पूर्णतः गुप्त रखेंगे।

    प्रेमिका: नहीं, मैं यह बात अपनी सहेली मंजरी को अवश्य बताऊंगी, क्योंकि वो कहती थी तुमसे कोई बेवकूफ ही शादी कर सकता है।

    दूसरा जोक...

    घर में चोरी की नीयत से घुसे चोर को पीट-पीट कर बेहोश कर देने पर जब इंस्पेक्टर ने महिला की तारीफ की तो..

    वह बोली- साहब! इसमें प्रशंसा की कौन सी बात है?

    दरअसल चोर के आने पर मैं समझी थी कि चिंटू के पापा क्लब से लौटे हैं।

    तीसरा जोक...

    दो लड़कियां बस में सीट के लिए लड़ रही थी..

    कंडक्टर - क्यों लड़ रही हो?

    जो उम्र में बड़ी हो वो बैठ जाये..

    बस फिर क्या..

    दोनों पूरे रास्ते खड़ी ही रहीं..

    हंसगुल्ले यही तक...उम्मीद है आपको पसंद आए होंगे।

    ललिताः अब सवाल-जवाब की बारी है, हमने पिछले सप्ताह दो सवाल पूछे थे,

    पहला सवाल था... जेट एयरवेज किस देश में अपनी सेवा का विस्तार करेगी।

    सही जवाब है, अमेरिका

    दूसरा सवाल था... किस देश में वैज्ञानिकों ने एंड्रायड एप से चलने वाली कार तैयार की है।

    सही जवाब है, भारत।

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है, पश्चिम बंगाल से रविशंकर बसु, देवाशीष गोप और केसिंगा उडीसा से सुरेश अग्रवाल आदि ने। आप सभी का शुक्रिया।

    अनिलः अब आज के सवालों का वक्त हो गया है...

    पहला सवाल है... डाकघरों में आने वाले समय में क्या परिवर्तन होने जा रहा है।

    दूसरा सवाल है... ग्रीन टी और सेब खाने से क्या लाभ होता है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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