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    संडे की मस्ती 2015-05-31
    2015-06-01 18:27:18 cri

    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आप का स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ दे रही है मेरी सहयोगी वनिता जी...।

    वनिता- हैलो... दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- दोस्तों, हमें बड़े खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि आज हमारी इस मस्ती की पाठशाला में आपके प्यारे खत और लेटर्स नहीं शामिल किये जाएंगे, क्योंकि मुझे रिपोर्टिंग के लिए पेइचिंग से बहार जाना पड़ा जिसकी वजह से इस प्रोग्राम को बहुत जल्द रिकोर्ड करना पड़ा।

    वनिता- आइए.. दोस्तों, शुरू करते हैं अब हमारी मस्ती का पाठशाला... जिसमें पहले बताए जाएंगे कुछ रोमांचक, हैरतंगेज, और मस्ती भरी जानकारी।

    अखिल- दोस्तों, 'जहां सोच, वहां शौचालय.' वैसे तो स्वच्छ भारत मिशन के विज्ञापनों में अभिनेत्री विद्या बालन यह संदेश देती नजर आती हैं. लेकिन महाराष्ट्र में एक दुल्हन ने इसकी जीती जागती मिसाल पेश की है. अकोला की रहने वाली चैताली डी. गलाखे शुक्रवार को दहेज में एक चलता फिरता रेडिमेट टॉयलेट लेकर अपने ससुराल पहुंची.

    दरअसल, कुछ हफ्तों पहले चैताली की शादी यवतमाल के देवेंद्र मखोडे के साथ तय हुई थी. रिश्ता पक्का होने के बाद उसे पता चला कि उसके होने वाले ससुराल में शौचालय नहीं है. फिर क्या था वो सीधा अपने मां-बाप के पास पहुंची और कहा, 'मुझे टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, सोने के गहने नहीं चाहिए. मैं एक रेडीमेड टॉयलेट चाहती हूं, जिसे मैं अपने साथ ससुराल ले जा सकूं.'

    शुरुआत में तो चैताली के पिता दिलीप गलाखे को बेटी की मांग अजीब लगी. लेकिन फिर घरवालों ने फैसला किया कि चैताली की खुशी के लिए उसकी बात मान ली जाए. उसके बाद चैताली के लिए एक स्थानीय मैन्युफैक्चरर कंपनी से रेडिमेड शौचालय मंगवाया गया.

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वच्छ भारत अभियान' से जुड़े एक स्वयंसेवी ने इस काम की जिम्मेदारी ली. उन्होंने कहा, 'मैंने रेडीमेड शौचालय तैयार किया और सिर्फ शुद्ध लागत का खर्च जोड़कर 12,000 रुपये में लड़की के परिवार को सौंप दिया.'

    इस शादी समारोह में दोनों पक्ष (दूल्हा एवं दुल्हन) की ओर से मौजूद लड़कियों ने चैताली के शौचालय की मांग करने के साहस की सराहना की और इसे बाकी लड़कियों के लिए प्रेरणादायक बताया.

    वनिता- वाह.. कमाल की बात है। दाद देनी होगी उस दुल्हन के साहस को जो दहेज में रेडिमेड टॉयलेट लेकर ससुराल पहुंची।

    अखिल- जी बिल्कुल वनिता जी। हमें उस महिला के साहस की दाद देनी होगी। उम्मीद है कि इस वाकया से अन्य लोग भी प्रेरित होंगे। चलिए... मैं एक ऐसे रेस्तरां के बारे में अनोखी ख़बर बताने जा रहा हूं जहां छोटी स्कर्ट पहनकर आने वाली लड़कियों को बिल में अच्छा-खासा डिस्काउंट दिया जाता है।

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