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    आप की पसंद 150523
    2015-05-26 19:25:13 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    दिनेश – श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है .... प्रियदर्शिनी आकाशवाणी श्रोता संघ बहादरपुर रथ चौक, ज़िला जलगांव महाराष्ट्र से इस पत्र को लिखने वाले हैं संतोष कुमार सोनार, नरेन्द्र दंडगव्हाल, रविन्द्र सोनार, सन्नी, मुन्ना, बंडूदादा और इनके ढेर सारे मित्रजन आप सभी ने सुनना चाहा है चालबाज़ फिल्म का गाना जिसे गाया है अमित कुमार और कविता कृष्णामूर्ति ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. ना जाने कहां से आई है .....

    पंकज - अद्भुत: एक ऐसी कार, जो बदलती है आकार

    एक ऐसी कार के बारे में सोचिए जो जरूरत पड़ने अपना आकार बदल ले, या फिर ऐसी कारों के बारे में जो एक के पीछे एक रेल की तरह जुड़ी सड़क पर चलतीं रहें। एक ऐसी जिसके वील्स ड्राइवर की सहूलियत के मुताबिक किसी भी दिशा में घूम सकें। अच्छा लगा न सोच कर! हालांकि आपकी यह कल्पना हकीकत का रूप ले चुकी है। जी हां, ईओ स्मार्ट कनेक्टिंग कार और ईओ 2 ऐसी ही कारें हैं। यह दोनों कारें यही रिसर्च सेंटर डिवेलप कर रहा है। इन दोनों की काफी खासियतें भी मिलतीं जुलतीं हैं।

    पार्किंग की दिक्कत गायब!

    जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस ईओ 2 और ईओ स्मार्ट कनेक्टिंग को एक रिसर्च प्रॉजेक्ट के अंतर्गत बनाया है। ये कारें भीड़भाड़ वाले ऐसे शहरों के लिए डिजाइन की गई है जहां भीड़भाड़ वाली जगहों के दौरान यात्रा करना एक बुरे एक्स्पीरियंस से ज्यादा कुछ नहीं होता। ऐसे शहरों के लिए यह कार इसलिए भी आदर्श हैं क्योंकि इस कार की पार्किंग थोड़ी सी जगह में भी बिल्कुल आसानी से हो जाती है।

    सफेद रंग की बड़ी विंडोज वाली ईओ 2 कार में बटरफ्लाई डोर्स लगे हुए हैं। यह एक इलेक्ट्रिक कार है और जब यह चलती है तो लग जाता है कि कोई प्यूचर कार है। इस कार के चारों पहिए 90 डिग्री पर घूम सकते हैं। इसलिए इस कार को किसी भी दिशा में आसानी से चलाया जा सकता है, और पैरलल पार्किंग की जा सकती है।

    दिनेश – ऐसी ही एक कार मैं भी अपने लिये चाहता हूं, बस इंतज़ार है तो इसके बाज़ार में आने का। एक बात तो तय है कि इन कारों से आपका समय भी बचाएंगी और ट्रैफिक जाम में समय की बर्बादी से आपके सिर में जो दर्द और भारीपन होने लगता है उससे भी बचाएंगी। साथ ही सफ़र करना होगा और भी आसान। इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है मोजाहिदपुर पूरबटोला, भागलपुर, बिहार से मोहम्मद खालिद अंसारी, मोहम्मद ताहिर अंसारी, कादिर, मुन्ना खान मुन्ना, नुरूलहोदा, शब्बीर ज़फ़र, एमके नाज़ और इनके परिजनों ने। इनके साथ ही नवगछिया मुमताज मोहल्ला, भागलपुर बिहार से हमें पत्र लिखा है ज़फ़र अंसारी, शौकत अंसारी, मास्टर अतहर अंसारी और इनके मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है गुलामी फिल्म का गाना जिसे गाया है शब्बीर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं गुलज़ार और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. जिहाल ए मिस्किन मकुन बा रंजिश .....

    पंकज - और यह कार बन गई रेल

    ईओ 2 की सबसे बड़ी खासियतों में से एक इसका सिकुड़ना भी है। 8.2 फीट की यह कार जरूरत पड़ने पर सिकुड़कर 4.9 फीट की भी हो जाती है, जबकि इसके चारों पहिए जमीन पर ही होते हैं। वहीं ईओ स्मार्ट कनेक्टिंक कारें एक-दूसरे के पीछे रेल की तरह जुड़ भी सकती हैं और जरूरत पड़ने पर अलग भी हो सकतीं हैं। इस दौरान सबसे आगे वाली कार के ड्राइवर को ही ड्राइव करना होता है, बाकी ड्राइवर्स आराम कर सकते हैं।

    ये कारें मार्केट में कब आएगी, या फिर इसकी कीमत क्या होगी, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। सूत्रों के मुताबिक जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के लोगों का कहना है कि इस बारे में वह अपनी पोस्ट के द्वारा समय आने पर अपडेट कर देंगे।

    पंकज - जल्द आएंगी बॉडी पार्ट्स से पावर लेकर चलने वाली कारें

    मेलबर्न

    जल्द ही सड़कों पर ऐसी कारें नजर आ सकती हैं जो अपने ही बॉडी पार्ट से पावर लेकर चलेंगी। रिसर्चर्स ने बेहद हल्के सुपरकैपैसिटर्स डिवेलप किए हैं, जिन्हें कार की छत, दरवाजों और बोनट जैसे जगहों तक में लगाकर कार की परफॉर्मेंस बढ़ाई जा सकती है। ये सुपरकैपैसिटर्स इलेक्ट्रिक कारों की परफॉर्मेंस डबल कर सकते हैं।

    इन सुपरकैपैसिटर्स को रेग्युलर बैटरीज़ के साथ जोड़ने पर इलेक्ट्रिक कार की पावर बहुत बढ़ जाती है। कार्बन के दो इलेक्ट्रोड्स के बीच बहुत ज्यादा घनत्व वाला इलेक्ट्रोलाइट भरकर ये कैपेसिटर्स बनाए गए हैं। इन्हें एक बेहद पतली शीट में फिट किया गया है। इस शीट को कार के बॉडी पैनल्स, छत, दरवाजों और फ्लोर में लगाया जा सकता है, जिससे कार की बैटरी चंद मिनटों में चार्ज हो जाएगी।

    दिनेश – ऐसी गाड़ियों के बाज़ार में आने के बाद हम प्रदूषण रहित गाड़ियों के युग में प्रवेश कर जाएंगे, इससे सबसे बड़ा लाभ पर्यावरण और हमारी आने वाली पीढ़ियों को होगा। जो प्रदूषणमुक्त वातावरण में रह सकेंगी। समय के साथ अगर ड्राईविंग भी आसान होती गई तो हमें ट्रैवल हैंगओवर से भी निजात मिलेगी। इसका सबसे बड़ा लाभ ये होगा कि अगर हम सड़क से 5 या आठ घंटों की लंबी यात्रा करेंगे तो उसके बाद ट्रैवेल हैंगओवर नहीं होगा। इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है आदर्श श्रीवास रेडियो श्रोता संघ के पारस राम श्रीवास और इनके ढेर सारे परिजनों ने आप सभी ने हमें पत्र लिखा है ग्राम लहंगाबाथा, पोस्ट बेलगहना, ज़िला बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से, आपने सुनना चाहा है लिबास फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और सुरेश वाडेकर ने गीतकार हैं गुलज़ार और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. खामोश सा अफ़साना .....

    पंकज - क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी में पीएचडी रिसर्चर मार्को ने बताया कि इस तरह से कार अपने बॉडी पार्ट्स से मिलने वाली पावर से चला करेगी। उनके मुताबिक गाड़ियों को एक्सेलरेशन के लिए अतिरिक्त पावर चाहिए होती है जो इन सुपरकैपैसिटर्स से मिलेगी। इनमें कैपैसिटर्स में थोड़ा सा ही चार्ज होता है, लेकिन खासियत यह है कि वे तुरंत इसे रिलीस करते हैं जिससे परफॉर्मेंस बढ़ जाती है।

    अभी तक सुपरकैपैसिटर्स को स्टैंडर्ड लीथियम आयन बैटरीज के साथ कंबाइन किया गया है। भविष्य में इन्हें और ज्यादा विकसित किया जाएगा, जिससे ये 10 गुना ज्यादा स्पीड से पावर रिलीस कर पाएंगे। एक बार पूरी तरह से चार्ज हो जाने पर कार करीब 500 किलोमीटर चलेगी, जो कि इलेक्ट्रिक कारों की मौजूदा कैपैसिटी से लगभग डबल है। ऑटो इंडस्ट्री के लिए यह खोज गेम चेंजर साबित हो सकती है।

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    पंकज - बिना ड्राइवर मंजिल तक सुरक्षित पहुंचाएगी कार

    वॉशिंगटन।। भारतीय मूल के एक साइंटिस्ट की अगुवाई में रिसर्चरों की टीम ने एक बिना ड्राइवर वाली 'क्रैशप्रूफ' कार बनाई है। इस साइंटिस्ट का नाम है प्रोफेसर राज राजकुमार। ये अमेरिका के सीएमयू ट्रांसपोर्ट रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर हैं। डॉ. राजकुमार सीएमयू और कार कंपनी जनरल मोटर्स की ऑटोनॉमस ड्राइविंग कोलाबोरेटिव रिसर्च लैब से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि ऑटोनॉमस ड्राइविंग के क्षेत्र में चल रही रिसर्च में बहुत सारी कार कंपनियों के अलावा गूगल जैसी सॉफ्टवेयर कंपनी भी काम कर रही है। ऐसा कार बनाने का मकसद दुर्घटनाओं की तादाद में कमी लाना है। इसके अलावा, लोगों को सफर के दौरान आराम करने और जरूरी काम निपटाने की सहूलियत मुहैया कराना भी है।

    दिनेश – मित्रों हम यहां पर लेंगे एक छोटा सा विराम यानी संगीतमय विराम, क्योंकि ये विज्ञान और तकनीकी जानकारी सिर को थोड़ा भारी कर देती है, दरअसल मुझे रोमांचक जानकारियों में अधिक आनंद आता है। विज्ञान में मेरी दिलचस्पी थोड़ी कम है। खैर इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जो हमें लिख भेजा है व्यापारी कॉलोनी, नेपानगर से सुदर्शन शाह, रुद्रेश शाह, सुरभि शाह, अर्जुनदासजी शाह, राजेन्द्रजी शाह, सुभद्राबेन शाह, मंगलाबेन शाह, मृत्युंजय संतोष, विजय मनोहर, रमेश, शांताराम, लीलाधर, सिद्धार्थ और सचिन ने आप सभी ने सुनना चाहा है शहंशाह फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने और संगीत दिया है अमर बिस्वास और उत्पल बिस्वास ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 4. अंधेरी रातों में सुनसान राहों पे ....

    पंकज - कार की खासियत यह भीड़-भाड़ भरे इलाकों में भी खुद से नैविगेट करते हुए अपने मुकाम तक सुरक्षित पहुंच सकती है। रिसर्चरों के मुताबिक, अन्य सेल्फ ड्राइविंग कारों की तरह इसमें महंगे सेंसर्स नहीं लगे हैं। इसके अलावा, यह सड़क पर मौजूद बैरियर, राहगीरों, साइकल सवारों को भी डिटेक्ट कर सकती है। किसी के कार के सामने आने की दशा में इसमें से इंसान जैसी आवाज निकलती है।

    बेहतरीन लुक और परफॉर्मेंस बाहर से देखने में यह लक्जरी एसयूवी कैडिलैक के 2011 मॉडल जैसी है। डिमॉन्सट्रेशन के दौरान कार ने हाइवे पर 53 किमी. का रास्ता तय किया। इस दौरान इसने आसानी ने लेन भी बदली।

    सॉफ्टवेयर से ड्राइविंग टेस्ट के दौरान ड्राइविंग सीट पर एक इंसान महज सेफ्टी के नजरिए से मौजूद था। पूरी की पूरी ड्राइविंग इसमें मौजूद एक सॉफ्टवेयर के जरिए ऑपरेट हुई। यह सॉफ्टवेयर रेडार, इंफ्रारेड कैमरे से मिले इनपुट पर काम करता है।

    पंकज - रोबॉट चलाएंगे कार !

    आने वाले दिनों में रोबॉट द्वारा चलाई जाने वाली टैक्सियां लोगों को लाने-ले जाने का काम करेंगी। हालांकि आम जनता द्वारा इसके इस्तेमाल होने में कुछ समय लग सकता है। ब्रिटेन में टेक्नॉलजी की बड़ी कंपनी गूगल इस योजना पर काम कर रही है। कंपनी पैसेंजरों को लाने-ले जाने के लिए गैर ड्राइवर वाली रोबो-टैक्सी का एक बेड़ा बनाने की योजना बना रहा है।

    कंपनी का कहना है कि इस तरह के सिस्टम से दुनिया भर की परिवहन व्यवस्था बदल जाएगी। इसे पर्यावरण के लाभ होने के रूप में तो देखा ही जा रहा है, सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी इससे कमी होगी।

    दिनेश – दुर्घटनाओं के साथ साथ ड्राईविंग की सिरदर्दी भी दूर होगी। इसके साथ ही यात्रा करने का आनंद भी आएगा। वैसे आप जो जानकारी दे रहे हैं वो है बहुत रोचक लेकिन मैं चाहता हूं कि अभी अपने श्रोताओं को उनकी पसंद का एक गीत सुनवाऊं। जिसके लिये हमें पत्र लिख भेजा है प्रियदर्शिनी रेडियो श्रोता संघ गोराडीह, भागलपुर, बिहार से डॉक्टर हेमन्त कुमार और इनके सभी परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है धरमवीर फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और मुकेश ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. सात अजूबे इस दुनिया में आठवीं अपनी जोड़ी ....

    पंकज - इस ड्राइवर लेस रोबो-टैक्सी प्रॉजेक्ट के लिए कंपनी कार बनाने वाली कई कंपनियों से बात कर रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कार बनाने वाली कंपनियां गूगल के सहयोग से उनके सॉफ्टवेयर के साथ ड्राइवर लेस रोबो-टैक्सी बनाने लगेंगे।

    गूगल ने 2010 में अपनी सेल्फ ड्राइविंग कार प्रॉजेक्ट की शुरुआत की थी। गूगल द्वारा बनाया गया सेल्फ ड्राइविंग सिस्टम टोयोटा प्रियस और लेक्सस आरएक्स में टेस्टिंग के लिए इंस्टॉल कर दिया गया है। इसके अलावा इन कारों में कैमरा, सेंसर, रडार और कंपनी के अपने सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं। इस तरह के वाहनों को इस वर्ष के अंत से पहले ब्रिटेन की सड़कों पर परीक्षण के लिए उतारा जाएगा।

    दिनेश – श्रोता मित्रों अब चलते चलते हम आपको कार्यक्रम का अंतिम गीत भी सुनवाते चलें जिसके लिये हमें फरमाईशी गीत लिखा है बहादुरगंज गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश से आज़ाद अली अनवर, रिज़वाना परवीन, अब्दुल्लाह आज़ाद और इनके साथ ही अस्तुपुरा, मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश से मज़हर अली अंसारी, रज़िया बेगम अंसारी, सादिक, साजिद, सारिम और शारिक ने आप सभी ने सुनना चाहा है इल्ज़ाम फिल्म का गाना जिसे गाया है अमित कुमार ने संगीत दिया है बप्पी लाहिरी ने और गीत के बोल हैं ------

    सांग नंबर 6. I am a street dancer …..

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश - नमस्कार।

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