दोस्तो, जैसा कि आप जानने है कि कि भारतीय जनता जिस तरह गंगा नदी को अपनी मां मानती है , उसी तरह चीन जनता प्राचीन काल से ही पीली नदी को अपनी मां मानती आयी है । पर पीली नदी के मध्यम भाग में बसी होनान प्रांतीय जनता पीली नदी के प्रति विशेष पेचीदा भाव रखती है , उस के मन में पीली नदी मांता नदी होने पर भी अपनी जान लेने वाला पानी भी है । पीली नदी के तट पर स्थित ह्वा य्वान खो नामक गांव पीली न जाने कितनी बार नदी की बाढ़ का शिकार बना था , पर हर बार बाढ़ आने के बाद इस गांव का पुनर्निर्माम होकर नया रुप लेता है , अतः आज यहां पर फलता फूलता नजर आ रहा है ।
कहा जाता है कि पांच सौ वर्ष पहले के मिंग राजवंश काल में एक शू नामी बड़े अधिकारी ने पीली नदी के किनारे पर एक फूल उद्यान स्थापित किया , इस चालीस वर्गकिलोमीटर विशाल फूल बागान में विविधतापूर्ण फूल पौधे उगाये हुए हैं , सालभर में रंगबिरंगे फूल खिले हुए हैं , आसपास में बसे सभी लोग फूलों का लुत्फ उठाने आते थे । बाद में पीली नदी का मार्ग बदलकर उमड़ने वाली बाढ़ ने इसी सुंदर फूल बागान को हड़प कर नष्ट कर दिया । तब से यह स्थल पीली नदी के दक्षिण किनारे का एक घाट बन गया , स्थानीय लोग उसे ह्वा य्वान खो कहकर पुकारते हैं ।
आज का ह्वा य्वान खो होनान प्रांत की राजधानी चंग चओ शहर के उत्तर उपनगर से 17 किलोमीटर दूर पीली नदी के दक्षिण किनारे पर खड़ा हुआ है । वह पीली नदी का नमूमा है और पीली नदी का एक झरोखा भी है । ह्वा य्वान खो का विशेष भौगोलिक स्थल ने इस का असाधारण इतिहास रच दिया है ।
पुराने जमाने में पीली नदी का भू दृश्य आखिर कितना शानदार था , आज किसी को मालूम नहीं है , पर आज का ह्वा य्वान खो सचमुच औजपूर्ण नजर आता है , चारों तरफ हरियाली छायी रहती है और रंगबिरंगे फूल खिले हुए दिखाई देते हैं , जिन में जनरल बांध यानी च्यांग च्युन बांध का प्राकृतिक दृश्य उल्लेखनीय है । पीली नदी पर्यटन विकास ब्यूरो के उप जनरल मेनेजर यू हान छिंग ने इस का परिचय देते हुए कहा
सुना जाता है कि जनरल बांध तत्काल के एक जनरल ने खड़ा कर दिया था । लोग कहते हैं कि उस समय एक जनरल ने पीली नदी को सुधारने में बड़ा कारनामा किया था , तत्कालीन राजा ने उन की प्रशंसा में बड़ा इनाम दिया । बाद में स्थानीय लोगों ने उन की स्मृति में 1754 में जनरल मंदिर का निर्माण किया , क्योंकि यह बांध इस जनरल मंदिर के बगल में अवस्थित है , इसलिये उस का नाम जनरल बांध रखा गया ।
जनरल मंदिर में लोगों के बीच लोकप्रिय 64 पीली नदी देवताओं की पूजा की जाती है । जनरल का मूल रूप चीन के प्राचीन इतिहास में नदी सुधारने में सफल अधिकारियों का था , ये अधिकारी अपने जीवन काल में कर्तव्यपरायण थे , उन का देहांत होने के बाद लोग उन की स्मृति में नाना प्रकार के आयोजन करते हैं , धीरे धीरे लोगों ने उन्हें देवता का रुप कर दिया ।
पीली नदी के तट पर स्थित ह्वा य्वान खो की चर्चा में पीली नदी गीत का उल्लेख करना जरूरी है । पीली नदी गीत पीली नदी संस्कृति की एक असाधारण निधि है और वह पीढ़ी दर पीढ़ी के नदी सुधारने वाले मजदूरों के खून पसीने से सिंचित पीली नदी संस्कृति ही है । जहाजी मजदूर पीढ़ी दर पीढ़ी पीली नदी पर रहते आये हैं , इस से वे पीली नदी को खूब जानते हैं और अपने नाव को सब से मूल्यवान समझते हैं । पीली नदी की उफनती लहरों से जूझने और जीवन निर्वाह करने में उन्हों ने विविधतापूर्ण विशेष पहचान वाला गीत का सृजन किया है ।
पीली नदी के मार्ग में आये बदलाव के साथ साथ जहाज मजदूरों के पीली नदी गीत यानी होउ ची भी बदल जाता है , बदलाव के तदनुरुप के लिये इसी होउ ची को अलग अलग तालों का रुप दिया गया । मसलन पीली नदी के ऊपरी व मध्यम भागों स्थित पीली मिट्टी पठार व हो नान प्रांत के पश्चिम पहाड़ी क्षेत्र में गहरी संकीर्ण घाटियां ज्यादा हैं , जब पीली नदी इन क्षेत्रों से होकर आगे बह जाती है , तो पानी की धारा अत्यंत तेज है , ऐसी कठिन भौगोलिक स्थिति में नौका मजदूर नावों को आगे खींचने में अपना हौसला बढाने वाला हाउ ची का लय छोटा व जोरशोर था , जब पीली नदी पश्चिम होनान के पहाड़ी क्षेत्र से निकलकर ह्वान पेह मैदान में बह जाता है , तो नौका मजदूरों के हाउ ची का लय धीमा व सुरीला था , सुनने में बड़ा मजा आता है ।
वर्तमान में पीनी नदी हाउ ची ह्वा य्वान खो पर्यटन क्षेत्र का एक प्रदर्शित कार्यक्रम बन गया है , प्रतिदिन पर्यटकों को पेश किया जाता है ।
आज के ह्वा य्वान खो में तत्कालीन घाट नहीं रहा है , लेकिन पीली नदी के किनारों पर बसे ग्रामीण लोगों ने शहरी वासियों के लिये मजेदार मछुआ वातावरण तैयार कर दिया है । बुजुर्ग श्वी उन में से एक हैं । उन का कहना है
अब पीली नदी के किनारों पर बसे आम लोग खुशहाल हुए हैं , मछुआ भी अमीर हो गये हैं । पीली नदी सचमुच माता नदी है , वह हमारी मां ही है ।
पीली नदी के दोनों किनारों पर अत्यंत समृद्ध जल सन्साधन व दलदल उपलब्ध हैं , बहुत सी दलदल क्षेत्रों को कृषि पारिस्थितिकि उद्यान का रुप दिया गया है , पीली नदी फू चिंग पारिस्थितिकि उद्यान उन में से एक है ।
पीली नदी फू चिंग पारिस्थितिकि उद्यान पीली नदी के दक्षिण व उत्तर दोनों किनारों को लांघकर 8 किलोमीटर लम्बा है । यह पारिस्थितिकि उद्यान थाईवान प्रांत के फू चिंग ग्रुप ने अपनी पूंजी से निर्मित हुआ है , इस पारिस्थितिकि उद्यान के सभी प्रबंधक थाईवान के ल्येन कुल खानदान से आये हैं । स्थानीय लोग इस पारिस्थितिकि के संस्थापक बुजुर्ग ल्येन को बड़े प्यार से लो ल्येन कहकर पुकारते हैं । उन्हों ने थाईवान के विशेष स्वादिष्ट भोजन व मनोरंजन मध्य चीन में ला दिये हैं । बुजुर्ग ल्येन के भतीजे ने इस का परिचय देते हुए कहा
यह पारिस्थितिकि उद्यान मेरे चाचा ने पूंजी लगाकर स्थापित किया है , क्योंकि हम थाइवान वासी कब से ही पीली नदी के प्रति ताव्र माता नदी का प्रेमभाव रखते हैं । अब पीली नदी के तट रहकर माता नदी के लिये कुछ योगदान करना चाहते हैं ।
जन्मभूमि व मातृभूमि के प्रति गहरे प्रेमभाग लिये बुजुर्ग ल्येन ने इस पारिस्थितिकि उद्यान में 40 हैक्टर से विशाल हरित मानवकृत झील निर्मित की और इस झील को सूर्य चांद झील का नाम रखा । झील के टेढे मेढ़े तट पर हरियाली छायी हुई है । और तो और झील में नाना प्रकार वाली 5 लाख से अधिक मछलियां पाली जाती है । इस पारिस्थितिकि उद्यान में मछली पकड़ने वाला स्थल , मानवकृत बीच और स्वीमिंग पुल स्थापित हुआ है , अब यह पारिस्थितिकि उद्यान लोगों का विश्राम करने वाला आरामदेह स्थल बन गया है ।