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    टी टाइम 150512 (अनिल और वेइतुंग)
    2015-05-12 10:34:54 cri

    अनिल- टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां ..चाय की आवाज .........आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः टाटा समूह के मानद अध्यक्ष रतन टाटा का नाम कारोबार को नई दिशा देने वाले दुनिया के सर्वकालिक शीर्ष 50 अग्रदूतों में शामिल किया गया है।

    कंपनी ने एक बयान में बताया कि ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशल टाइम्स द्वारा जारी इस सूची में टाटा को हेनरी फोर्ड, सर रिचर्ड ब्रैंसन, सैमसंग के संस्थापक ली बुंग चुल, एल्फ्रेड नोबेल, एइजी टोयोडा और ताइजी ओनो के साथ जगह मिली है।

    अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन उद्यमियों ने परिचालन के परंपरिक तौर-तरीकों की जगह नए तरीके इजाद किए, लागत कम करने के लिए नवाचारी तकनीकें अपनाईं, जिससे न सिर्फ कंपनी का मुनाफा बढ़ा बल्कि दूसरे के लिए भी पूंजी तथा रोजगार बढ़े।

    टाटा को इस सूची में टाटा समूह को बहुराष्ट्रीय कंपनी बनाने के लिए जगह दी गई है।

    अखबार के अनुसार, जेएलआर में आमूलचूल परिवर्तन ने न सिर्फ अपनी पीढ़ी के सर्वश्रेष्ठ उद्योगपति के रूप में श्री टाटा की प्रतिष्ठा की पुष्टि की है, बल्कि इस ब्रितानी कंपनी में नई जान फूंकी है, जिससे ब्रिटेन का कार निर्यात ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।

    वेइतुंगः भारत में यदि एक अविवाहित जोड़ा पति-पत्नी की तरह साथ रह रहा है तो उन्हें कानूनी रूप से शादीशुदा ही माना जाएगा और पार्टनर की मौत की स्थिति में महिला उसकी संपत्ति की कानूनी हकदार होगी। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने यह फैसला सुनाया है।जस्टिस एमवाई इकबाल और जस्टिस अमिताभ रॉय की खंडपीठ ने कहा कि लगातार साथ रह रहे कपल को शादीशुदा माना जाएगा और जरूरत पड़ने पर कानूनी रूप से अविवाहित साबित करने की जिम्मेदारी प्रतिवादी पक्ष की होगी।बेंच के मुताबिक, 'स्त्री-पुरुष के लंबे समय से सहवास है तो महिला को रखैल नहीं, पत्नी माना जाएगा। हालांकि इसे मजबूत सबूत देकर गलत साबित किया जा सकता है। साबित करने की बड़ी जिम्मेदारी उसकी होगी जो रिश्ते को कानूनी आधार से हटाना चाहेगा।'अदालत ने यह फैसला एक संपत्ति विवाद में दिया है जिसमें परिवार के सदस्यों ने अपने दादा की संपत्ति में उनके साथ बीस साल तक रहने वाली महिला को दावेदार मानने से इंकार कर दिया था। उनका दावा था कि उनके दादा पत्नी की मौत के बाद महिला के साथ बिना शादी के ही 20 साल रहे और उनका कानूनी विवाह नहीं हुआ था, इसलिए उनकी मौत के बाद उनकी संपत्ति पर महिला का कोई हक नहीं बनता है। उन्होंने महिला को दादा की रखैल बताया था।

    अनिलः संसद के सत्र के दौरान सांसदों के होटल में ठहरने की सीमा के नियमों में सरकार बदलाव करना चाहती है। दरअसल, सांसदों का होटल बिल 35 करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो अभी आधिकारिक रूप से वहां ठहरने वाले हैं।सूत्रों के मुताबिक, कुछ ही महीनों में एक वर्ष पूरी करने जा रही 16वीं लोकसभा के 543 सांसदों में से 35 सांसद छह अप्रैल तक राजधानी के द अशोक होटल में ठहरे थे। बताया गया कि नौ अप्रैल को आवास पर हुई कैबिनेट समिति की बैठक में शहरी विकास मंत्री एम वैंकैया नायडू ने सवाल किया कि जब संसद का सत्र नहीं होता और सांसद राजधानी में नहीं होते, तब सरकार सांसदों के होटल के बिल का भुगतान क्यों करे?नायडू के हवाले से एक सूत्र ने बताया कि जब संसद का सत्र नहीं होता है, तो होटलों के कमरे या तो बंद कर दिए जाते हैं, या उन पर सांसदों का स्टाफ या उनके परिचित रहते हैं। सरकार इसके लिए भुगतान क्यों करे? यदि कानूनों को बदलने की जरूरत है, तो हमें उन्हें बदलना चाहिए।सरकारी लग्जरी होटल में एक सूइट 12 हजार रुपए प्रतिदिन और कमरा नौ हजार रुपए प्रतिदिन पर मिलता है। होटल में ठहरने वाले अधिकांश सांसद लोकसभा के पहली बार चुने गए सदस्य हैं। इनमें 314 सदस्य शामिल हैं, जबकि अन्य सांसद उन्हें आवंटित किए गए घरों में चले गए हैं।

    वेइतुंगः वहीं अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी के लिए दावा पेश कर दिया है। हिलेरी ने रविवार को अपने अभियान की वेबसाइट शुरू की। उनका कहना है कि वो अमेरिकी लोगों की "चैम्पियन" बनना चाहती हैं।

    हिलेरी ने 2008 में भी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पेश की थी लेकिन बराक ओबामा से हार गई थीं। पिछले कई महीनों से ये संभावना जताई जा रही थी कि हिलेरी क्लिंटन भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होंगी।

    हिलेरी के पति बिल क्लिंटन अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति रहे हैं। अगर वो राष्ट्रपति चुनाव जीतती हैं तो वो अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी।

    विश्लेषकों के मुताबिक हिलेरी के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी जीतना आसान है लेकिन राष्ट्रपति चुनाव जीतना थोड़ा मुश्किल होगा।

    क्योंकि उनकी पार्टी आठ साल से सत्ता में है और सत्ता विरोधी रुझान का सामना उन्हें करना होगा। पूर्व प्रथम महिला और सांसद हिलेरी क्लिंटन के पास लंबा अनुभव है।

    लेकिन उन्हें अमेरिकी राजनीति में एक बांटने वाली शख्सियत के रूप में भी देखा जाता है। राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शनिवार को उनकी तारीफ करते हुए कहा कि वो 'शानदार राष्ट्रपति' साबित होंगी।

    अनिलः

    .....संभवत: सप्ताह के अंत में छुट्टियों से पहले, ज़्यादातर लोग शुक्रवार को राहत की सांस लेते हैं।

    हो सकता है कि आप भी लेते हों, बशर्ते आपके किसी सहकर्मी ने आपका दिन शिकायती और गंदे शब्दों से भरे ईमेल से खराब न किया हो।

    हममें से ज़्यादातर लोग परेशान करने वाले ईमेल का जवाब तुरंत देने की कोशिश करते हैं, उसी शैली में। लेकिन ये हमेशा ही ग़लत कदम होता है।

    टैलेंट स्मार्ट के प्रेसीडेंट ट्रेविस ब्रैडबेरी द क्यॉर फॉर नास्टी ईमेल के अपने पोस्ट में ब्रैडबेरी ने लिखा है, "हम सब कटु ईमेल सहते हैं, जो रहस्यमयी भी होता है, अपमानजनक भी होता है। ऐसे ईमेल में गुस्सा या व्यंग्य जताया होता है चाहे विस्मयाबोधक चिन्ह या फिर सारे कैपिटल अक्षरों का इस्तेमाल न किया गया हो।"

    हममें से ज्यादातर लोग इसकी प्रतिक्रिया में क्या करते हैं? ब्रैडबेरी बताते हैं, "किसी को ईमेल के जरिए नीचा दिखाना लालच इसलिए होता है क्योंकि ये आसान है। लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए।"

    ब्रैडबेरी कुटता भरे ईमेल का सामना करने के लिए और भावनओं पर नियंत्रण रखने के लिए रणनीति बताते हैं।

    परेशान करने वाले ईमेल से खराब दिन की शुरुआत होती है। लेकिन उससे निपटा कैसे जाए? लिंक्डइन के विचारकों ने इस बारे में चार तरीके बताए हैं।

    वेइतुंगः अब्राहम लिंकन को करियर के शुरुआती दौर में एक खराब आदत थी। राजनीतिक विरोधियों को लिखे खतूत में वो हास्य और व्यंग्य करते हुए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करते थे। ऐसे एक खत के बाद उनके एक विरोधी ने उन्हें ड्यूएल की चुनौती दी।

    अमरीका में उस समय ख़ासे प्रचलित ड्यूएल में - तय समय पर विरोधी आमने-सामने खड़े होते और फिर अपनी पिस्तौल निकाल कर गोली चलाते थे, जो पहले चलाता और सफल रहता, वो बच जाता था और दूसरा व्यक्ति मारा जाता था।

    लिंकन को एक सीख मिली थी- शब्दों का असर सामने वाले पर किस तरह से होता है, इसकी पूरी थाह भेजने वाले को कभी नहीं होती।

    जब उनका निधन हुआ तो उनके पास से अपने विरोधियों और सहकर्मियों के नाम लिखे ढेरों खत मिले जो अपमानजनक शब्दावली से भरे पड़े थे। लेकिन लिंकन ने उन खतों को कभी उन लोगों तक नहीं भेजा। वे अपना गुस्सा कागज पर उतारते थे और उसके बाद पत्र अपने ड्राअर में रख लेते थे। अगले दिन उसी शख्स को कहीं ज्यादा संयम और संतुलित भाषा वाला खत लिखते थे।

    ब्रैडबेरी बताते हैं, "अपना गुस्सा कीबर्ड पर निकलें। पत्र ड्राफ्ट कर लें और जब शांत हों तो उसे फिर पढ़ें।"

    ब्रैडबेरी के मुताबिक तब आप जरूरी संपादन करने की स्थिति में होती है। ये भी संभव है कि आप अपने संदेश को फिर से लिखेंगे।

    अनिलः ये भी याद रखें कि ऑनलाइन लोग भी लोग ही होते हैं। ब्रैडबेरी बताते हैं कि अनजाने में कंप्यूटर मॉनिटर के सामने बैठकर जीवित इंसान को याद रखना मुश्किल होता है।

    वे चेताते हैं, "राइडर यूनिवर्सिटी के मनोचिकित्सक जॉन सूलर ने पाया था कि जिन्हें ऑनलाइन संवाद की आदत पड़ जाती है वो इस एहसास से दूर हो जाते हैं कि दूसरी ओर भी जीता जागता इंसान ही है। ऑन लाइन संवाद की प्रक्रिया में रियल टाइम फीडबैक यानी जीते जागते इंसान के हावभाव नहीं दिखते, इसलिए हम लोगों को ऑनलाइन ठेस पहुंचाने को लेकर ज़्यादा चिंतित नहीं होते हैं।"

    ब्रैडबेरी के मुताबिक ऐसे संवाद भेजने से पूर्व कल्पना करनी चाहिए की क्या इससे स्थिति बिगड़ेगी।

    ब्रैडबेरी कहते हैं, "क्या आपके पिछले मेल का गलत अर्थ निकाला गया? क्या आज उस व्यक्ति का दिन खराब रहा होगा? क्या उसपर काफी ज़्यादा दबाव होगा? अगर सामने वाला गलत भी है तो आप कंप्यूटर के मॉनिटर की दूसरी तरफ देखिए कि क्या आप मौजूदा स्थिति को और बिगाड़ना चाहेंगे?"

    ये जीवन की प्रकृति में है- चीजें होती हैं जो हमारी सोच को प्रभावित करती हैं, हर चीज़ को प्रभावित करती हैं।

    वेइतुंगः अगर दुख निजी हो तो दफ़्तर में एक ख़राब दिन बिताना काफी मुश्किल होता है। वे कहते हैं, "काम कई दुखों को कम करता है, लेकिन ये इलाज तो नहीं है।"

    हाउ सक्सेसफुल पीपल डील विद बैड डेज़ नामक पोस्ट में उन्होंने लिखा, "खराब खबरें बोर्ड मीटिंग पूरा होने तक का इंतज़ार नहीं करतीं। अगर आप घर से काम कर रहे हों या फिर दफ्तर में, आप सीईओ हों या इंटर्न। आप काम के बारे में बुरा सोच सकते हैं। कई बार आपको ये थोड़ा परेशान कर सकता है और कई बार बीमार कर सकता है।"

    अनिलः अब तकनीक की बात करते हैं, ब्रितानी कंपनी डायसन ने स्मार्टफ़ोन के लिए ऐसी बैटरी बनाने की घोषणा की है जो बाज़ार में मौजूद बैटरियों से दोगुना चलेगी।

    डायसन वैक्यूम क्लीनर बनाने के लिए जानी जाती है। लेकिन अब कंपनी ने बैटरी बनाने के एक नए प्रोजेक्ट में डेढ़ करोड़ डॉलर का निवेश कर रही है।

    इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व बैटरी बनाने वाली कंपनी सैकिट-3 कर रही है।

    नई लीथियम-आयन बैटरी को सॉलिड-स्टेट टेक्नॉलॉजी से विकसित किया जाएगा। इसमें मौजूदा स्मार्टफ़ोनों में प्रयोग होने वाली आम बैटरियों से दोगुनी ऊर्जा जमा की जा सकेगी।

    सैकिट-3 ने कहा है कि इस तरह बनाई गई बैटरियां निर्माताओं के लिए भी भरोसेमंद और किफ़ायती होंगी।

    हालांकि कंपनी ने ये साफ़ नहीं किया है कि ये बैटरी बाज़ार में कब तक आ जाएगी।

    लेकिन उम्मीद की जा रही है कि डायसन जैसी बड़ी कंपनी के आर्थिक सहयोग के कारण इसका प्रोटोटाइप जल्द ही आ जाएगा।

    वेइतुंगः अब फिल्मों पर चर्चा। एक्टर- फिल्मकार फरहान अख्तर के चाहने वालों की फेहरिस्त दिन-ब-दिन लंबी होती जा रही है। ट्विटर पर ही उनके प्रशंसकों की संख्या 50 लाख के पार पहुंच गई है।

    फरहान (41) ने पिछले दिनों ट्विटर पर लिखा, ''मेरे प्रशंसकों की संख्या आज 50 लाख हो गई। सभी को ढेर सारा प्यार। हाल में ट्विटर अकाउंट पर मेरे दोस्त बनने वालों का गर्भजोशी भरा स्वागत। फरहान ने दिसंबर 2009 में ट्विटर पर खाता खोला था।

    वह इसका इस्तेमाल अपने प्रशंसकों से जुडऩे तथा विभिन्न विषयों पर अपनी राय जाहिर करने के लिए करते आए हैं।

    अनिलः वहीं जानेमाने फिल्मकार राम गोपाल वर्मा को जिस घड़ी का इंतजार था वो अब खत्म हुआ। जी हां वर्मा की सुपरहिट फिल्म शिवा 25 वर्ष के बाद फिर से रिलीज की जाएगी। आपको बता दें कि रामगोपाल वर्मा ने वर्ष 1989 में नागार्जुन को लेकर सुपरहिट फिल्म शिवा बनायी थी।

    शिवा के डिजिटल वर्जन को 15 मई को एक बार फिर सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा। बताया जाता है कि फिल्म को फिर से तैयार करने में एक साल से ज्यादा का समय लगा।

    इसे पहले पिछले साल रिलीज किए जाने की योजना थी, लेकिन इसके नवीनीकरण की प्रक्रिया में वक्त लगने के कारण इसे टाल दिया गया था। राम गोपाल वर्मा ने कहा कि फिल्म को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के थिएटरों में रिलीज किया जाएगा। पिछले साल ही इस फिल्म की सिल्वर जुबली मनाई गई थी। गौरतलब है कि कॉलेज की राजनीति में स्थानीय माफिया के हस्तक्षेप की कहानी पर बनी शिवा ने नागार्जुन और रामगोपाल वर्मा दोनों के करियर को नई ऊंचाई देने में अहम भूमिका निभाई थी।

    दोस्तो, आज के प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है।

    अब प्रोग्राम में वक्त हो गया है, श्रोताओं के कमेंट शामिल करने का......

    हमारे मानिटर रविशंकर बसु ,संपादक,न्यू हराइजन रेडियो लिस्नर्स क्लब,पश्चिम बंगाल ने अपने खत में कहा कि आज अखिल पराशर जी द्वारा पेश किये गए अंतर्राष्ट्रीय समाचार सुनने के बाद अनिल जी एवं ललिता जी द्वारा पेश साप्ताहिक "टी टाइम" प्रोग्राम का ताज़ा अंक ध्यानपूर्वक सुना।यह सच है कि "टी टाइम" प्रोग्राम हम को पुरे सप्ताह के लिए हमारे दिमाग में नए ऊर्जा का संचार करता है। लेकिन फिर भी मैं यह बोलना चाहूंगा कि आज "टी टाइम" के ताज़ा अंक सुनकर मैं काफी निराश हुआ क्योंकि आज के प्रोग्राम में दिए गए तमाम जानकारी काफी पुराना लगता है।

    आज प्रोग्राम के शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कनाडा के टोरेंटो के कोलेजियम में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए जो भाषण दिया,उसके बारे में आपने एक खास चर्चा की । हां,यह सच है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा में काफी सक्रिय है। भारतीय आर्थिक विकास में विदेशी पूंजी को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का विदेश डिप्लोमेसी पूर्वतन सरकार से काफी बेहतरीन है। हम आम भारतवासी को मोदी जी का "मन मुताबिक़ बात" नहीं ,काम चाहिए। हमने देखा है कि प्रधानमंत्री मोदी जी को भाषण देने में ही माहिर हैं। हम इंतज़ार में है कब हम "स्किल राष्ट्र" बनेंगे।

    आज प्रोग्राम में सुना है कि स्पेन में एक छोटी सी गांव है,जिसका नाम है केस्टेलफोलिट डे ला रोका जो की चट्टान के बिलकुल किनारे बसा हुआ है । जहां पर जान कभी भी खतरे में पड़ सकती है। यह तो मुझे अजीबोगरीब किस्सा लगता है। अपने नन्हे बच्च को लेकर रिपोर्टिंग करने वाली मिस्त्र की महिला टीवी पत्रकार लामिया हामदीन को मैं तहे दिल से बोलना चाहूंगा कि -"मां तुझे सलाम"। ब्रिटेन में बढ़ती हुई एमनीसिया बीमारी को लेकर चर्चा काफी डरावना लगा।

    आज हेल्थ टिप्स में आपने छोटी-मोटी बीमारियों जैसा जोड़ों के दर्द,घमौरी और काली खांसी को दूर करने के लिये जो घरेलू उपचार हमें बताया उस से सुनके और हमें एलोपैथी डॉक्टर के चैम्बर में जाना नहीं पड़ेगा। यह आसान जानकारी देने के लिए धन्यवाद स्वीकार करें।

    फिल्मकार फराह खान की हिट फिल्म 'हैप्पी न्यू ईयर' के सीक्वल की स्क्रिप्ट बालीबुड अभिनेता अभिषेक बच्चन लिख रहे हैं। यह चौंकाने वाला जानकारी देने के लिये भी आपका आभार।आज सब कुछ मिलाकर एक सुंदर प्रस्तुति पेश करने के लिए आपको धन्यवाद।

    हमारे मानिटर सुरेश अग्रवाल ,केसिंगा (ओड़िशा) ने अपने पत्र में लिखा कि बहरहाल, ताज़ा समाचारों के बाद आज साप्ताहिक "टी टाइम" के तहत दी गई तमाम जानकारी भी काफी महत्वपूर्ण लगी। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वक्तव्यों की प्रशंसा से किया जाना, चीन की भारत के प्रति मित्रवत भावना का द्योतक है और हम इसकी क़द्र करते हैं। ज्वालामुखी विस्फोट से बनी ख़तरनाक़ चट्टानों पर बसे स्पेनी गाँव की कहानी, सत्य किन्तु आश्चर्यजनक लगी। मिस्र की लामिया हामदीन द्वारा अपने बच्चे को गोद में लेकर रिपोर्टिंग करने का मक़सद महज़ सुर्खियां बटोरने जैसा लगा। एक ख़ास बीमारी की शिकार ब्रिटिश महिला का नींद से उठने पर स्वयं को सत्रह साल की महसूस करने का एहसास भी काफी अनूठा लगा। बॉलीवुड की ख़बरों में फ़िल्म "हैप्पी न्यू ईयर" का सीक्वल बनने सम्बन्धी जानकारी दिया जाना हमें सिनेमा से जोड़े रखने का आपका सद्प्रयास ही कहा जायेगा। हाँ, बीएमडब्ल्यू द्वारा कार के साथ जादुई गूगल ग्लास मुफ़्त उपलब्ध कराये जाने सम्बन्धी जानकारी भी अत्यन्त सूचनाप्रद लगी। नये एप्प "बुक माई ट्रेन" के ज़रिये अपने स्मार्टफ़ोन फ़ोन पर घर बैठे टिकट हासिल किया जाना, तो सचमुच किसी चमत्कार जैसा लगा। हेल्थटिप्स में बतलाये गये घरेलू नुस्खे तो स्वास्थ्य के लिये कारगर हैं ही। सर्वोपरि जोक्स में, सन्ता-बन्ता के जोक्स से अधिक कार्यक्रम में पेश विमान में सफ़र के दौरान एक भारतीय और अंग्रेज़ के बीच भाषा को लेकर हुई बहस वाले जोक ने गुदगुदाया। धन्यवाद।

    श्रोताओं के कमेंट यही तक...आप सभी का शुक्रिया.........

    अब बारी है जोक्स यानी हंसगुल्लों की।

    लीजिए पेश हैं हंसगुल्ले।

    ....jokes

    1.एक आदमी कुंभ मेले में प्रार्थना कर रहा था.... . हे प्रभु, न्याय करो... हमेशा भाई-भाई बिछड़ते हैं... कभी-कभी पति-पत्नी पर भी तो ट्राई करो...

    2.शादी के पहले मां ने बेटी को सलाह दी- बेटी ध्यान रखना कि यदि पति पहली बार रूठे तो रब रूठे, दूसरी बार रूठे तो दिल टूटे, तीसरी बार रूठे तो जग छूटे, और अगर बार-बार ही रूठता ही रहे तो... निकाल डंडा मार साले को, जब तक डंडा न टूटे...!

    3.पन्नूजी अपने बेटे के साथ चीनी लेने दुकान पर पहुँचे। दुकानदार बोला: चीनी तो आउट ऑफ स्टॉक है। यह सुन बेटे ने पूछा: पापा! आउट ऑफ स्टॉक का क्या मतलब? पन्नू जी ने बताया: बेटे! कोई चीज जब मौजूद न हो तो उसे आउट ऑफ स्टॉक कहा जाता है। खैर, दोनों घर पहुँचे तभी किसी ने बाहर से आवाज दी। पन्नूजी ने बेटे से कहा: कह दे पापा घर में नहीं हैं। साहबजादे ने बाहर जाकर फरमाया: अंकल! मेरे पापा आउट ऑफ स्टॉक हैं।

    हंसगुल्ले यही तक...उम्मीद है आपको पसंद आए होंगे।

    अब सवाल-जवाब की बारी है, हमने पिछले सप्ताह दो सवाल पूछे थे,

    पहला सवाल है... दुनिया के कौन से देश में ऐसा गांव है जो, चट्टानों पर बसा है।

    दूसरा सवाल है.....अपने नन्हे से बच्च के साथ रिपोर्टिंग करने वाली महिला किस देश की है।

    सही जवाब है- स्पेन और मिश्र

    ....

    इन सवालों का सही जवाब हमें भेजा है........ Abdhesh kumar Mandal, Madhubani,Bihar ,Debashis Gope ,Dakshin Dinajpur ,west Bengal ,सुरेश अग्रवाल और रवि शंकर बसू ।

    आप सभी का शुक्रिया,

    अब आज के सवालों का वक्त हो गया है...

    पहला सवाल है.. अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री ,जो कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा लेंगी ,उन का नाम क्या है ।

    दूसरा सवाल है.... भारत में सांसदों से जुडा कौन सा बिल पारित करने में कोशिश होगी ।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn.

    ...... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें। ........म्यूजिक........

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

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