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    संडे की मस्ती 2015-05-03
    2015-05-04 15:55:48 cri

     


    हैलो दोस्तों...नमस्कार...नीहाओ...। आप का स्वागत है हमारे इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    दोस्तों, हर बार की तरह आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की.... इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड और चाइनिज गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को पेश करने में मेरा साथ दे रही है मेरी सहयोगी वनिता जी...।

    वनिता- हैलो... दोस्तों, आप सभी को वनिता का प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल- चलिए... अब हम आरंभ करते हैं हमारी मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स।

    अखिल- दोस्तों, हमें पहला पत्र मिला हैं केसिंगा, ओडिशा से हमारे दोस्त सुरेश अग्रवाल जी का। भाई सुरेश जी ने अपने पत्र में लिखा हैं.... समाचारों के उपरान्त पेश साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" के ताज़ा अंक की शुरुआत में सुनवाया गया "विंड ऑफ़ समर" शीर्षक चीनी गीत तपिसभरी गर्मी में जल की शीतल फुहारों जैसा लगा। चीन के एक छोटे से गाँव में रहने वाली कूबड़ी महिला का अपने 80 वर्षीय नेत्रहीन पति का सहारा बनना ही सही मायने में पतिव्रतधर्म कहलायेगा। चीन के ही कवांतुंग प्रान्त में ब्वॉयफ्रैंड द्वारा पहले अपनी गर्लफ्रैण्ड को खिला-खिला कर मोटी करना और फिर उसे शादी का प्रस्ताव देने वाला किस्सा, वास्तव में ग़ज़ब का लगा। पंजाब के भटिण्डा में एक मानसिक रोगी युवक के पेट से सिक्के और कीलें निकलना काफी हैरतअंगेज़ लगा। शांगहाई ऑटो शो में कम कपड़े पहने मॉडेल्स को प्रतिबन्धित किया जाना क़ाबिल-ए-तारीफ़ लगा। मोबाइल बनाने वाली चीनी कम्पनी ओप्पो के भारत स्थित बिक्री प्रबंधक इसरार अहमद से की गई बातचीत किसी विज्ञापन जैसी प्रतीत हुई। हाँ, कांकेर,छत्तीसगढ़ के किसान चन्द्रशेखर साहू द्वारा केंचुए और कूड़े से निर्मित जैविक खाद के ज़रिये पायी गई सफलता सभी के लिये अनुकरणीय है। आज के कार्यक्रम में पेश हंसगुल्लों में "बीवी से डरने-न डरने" वाला जोक इससे पहले भी सीआरआई पर प्रसारित हो चुका था। वैसे शेष जोक्स काफी उम्दा थे। धन्यवाद एक मिलीजुली प्रस्तुति के लिये।

    वनिता- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भाई सुरेश अग्रवाल जी। आपने हमारे कार्यक्रम को सुना और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाई। दोस्तों, हमें अगला पत्र आया है आजमगढ़ से भाई सादिक आजमी जी का। भाई सादिक जी लिखते हैं... नमस्कार, हर सप्ताह की भॉति कार्यक्रम सण्डे की मस्ती की प्रतीक्षा खत्म हुई जब अखिल जी अपनी सहयोगी लिली जी के साथ उपस्थित हुए, इस कार्यक्रम के विषय में कहना गलत न होगा कि यह हमको पूरे सप्ताह के लिये रीचार्ज करता है. लगातार हंसी मस्ती के बीच दिलचस्प बातों का पिटारा कार्यक्रम सुनने पर विवश करता है, और आजके जितने भी जोक्स थे अत्यंत लाजवाब थे, और उनका प्रस्तुतिकरण तो कमाल का होता है जिसकी प्रशंसा हम लगातार करते आए हैं एक बार और अखिल जी के अतुलनीय अंदाज़ पर उनको हृदय से बधाई, रोचक खबर के अंतर्गत भारत मे श्याओमी को टक्कर देती दूसरी स्मार्टफोन कम्पनी ओप्पो के विषय में श्री इरशाद अहमद से लिया. गया साक्षात्कार बहुत सारी जानकारी से लबरेज़ था हमने उनकी ज़ुबानी ओप्पो के भविष्य की योजनाओं को जाना तथा वर्तमान में उसकी लोकप्रियता को समझा, इसके बाद सच्ची लगन से मंज़िल हासिल की चन्द्रशेखर शाहू जी की कहानी हर बार की तरह हमारे हौसलों को बुलंदी प्रदान कर गई, वाकई जब मन में कुछ कर गुज़रने की चाह हो तो हर काम सरल होजाता है आपकी उस चेष्टा को सलाम जिसके अंतर्गत हर सप्ताह आप कुछ नयी सीख देते है, इस अच्छी प्रस्तुति पर एक बार और धन्यवाद।

    अखिल- बहुत-बहुत शुक्रिया आपका सादिक भाई। आपने हमें पत्र लिखा और हमारे कार्यक्रम की प्रशंसा की, हम आपके शुक्रगुजार हैं। चलिए दोस्तों, बढ़ते हैं अगले पत्र की तरफ जिसे भेजा है पश्चिम बंगाल से भाई रविशंकर बसु जी ने। बसु जी लिखते हैं... अंतर्राष्ट्रीय समाचार सुनने के बाद अखिल जी एवं लिली जी द्वारा पेश किये गए मस्ती भरा साप्ताहिक कार्यक्रम "सन्डे की मस्ती" प्रोग्राम का ताज़ा अंक मनोयोग से सुना। आज प्रोग्राम के पहली रिपोर्ट में आपने चीन के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक कपल की सच्चे प्यार की जो कहानी हमें सुनाई वह वाकई दिल को छू लेने वाली घटना लगी। सुना है कि हड्डियों की बीमारी से पीड़ित 76 साल की एक महिला की पीठ पर कुब्बड़ निकली हुई है और वो सीधे होकर नहीं चल सकती है। फिर भी वह अपने 80 साल के नेत्रहीन पति की मदद के लिए हर वक्त आगे रहती है। यह सचमुच पति-पत्नी के प्रेम और एक दूसरे के प्रति पूर्ण समर्पण की कहानी है।

    दूसरी जो खबर मुझे चकित कर दिया वह है कि चीन के क्वांगतुंग प्रांत के एक रोमांटिक प्रेमी यू पान ने अपनी प्रेमिका येन ताइ को हमेशा अपने साथ रखने के लिए जो अनोखे उपाय का सहारा लिया वह मुझे दिलचस्प लगा। सुना है कि इस प्रेमी ने अपनी प्रेमिका को दो साल तक इतना खाने-पीने की चीजें दिया कि वह मोटी हो गई। मुझे लगता है कि यह कोई folktale नहीं है। यह सचमुच एक रियल लाइफ स्टोरी है और इस अनूठा love story सुनने के बाद मुझे एक अंग्रेजी प्रवचन याद आई- "all's fair in love and war" ।

    वनिता- आगे रविशंकर बसु जी लिखते हैं... और एक खबर जो मुझे भौचक्का कर दिया वह है कि पंजाब के बठिंडा में रहने वाला 34 वर्षीय किसान राजपाल सिंह की कहानी। सुना है कि किसान राजपाल सिंह को कीलें व सिक्के निगलने का शौक था। उसके पेट का आपरेशन के बाद पेट से सिक्के और लोहे की कीलें निकाली। इंसान की जुनून न जाने कितना अजब है। छत्तीसगढ़ के मेहनती किसान चंद्रशेखर साहू के जीवन से जुड़ी जो खबर आज आपने हमें बतायी वह सचमुच मुझे बहुत ही महत्वपूर्ण और रोचक लगी। साहू ने यह साबित कर दिखाया कि सच्ची लगन से कोई भी कार्य किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है। उनकी सफलता की कहानी से यह सीख मिलती है कि खेतों में रासायनिक फर्टलाइज़र का इस्तेमाल कितना खतरनाक है। खेतों में केंचुआ और कचरे से बने जैविक खाद बहुत अच्छे काम करते है।

    शंघाई ऑटो शो में कम कपड़े पहने महिला मॉडलों पर प्रतिबंध के बारे में आगाह करने के लिए शुक्रिया। आज अखिल जी से भारत में एक चीनी मोबाइल कंपनी Oppo के सेल्स मैनेजर ईशर अहमद के साथ बातचीत के कुछ मुख्य अंश हम ने सुना, जिससे यह इंगित मिलता है कि आने वाले दिनों में भारतीय मोबाइल बाजार चीनी कंपनियों ने कब्जा कर लेगा। लेकिन हमने देखा है कि भारतीय बाजार में उपलब्ध चीनी उत्पादों की कोई गारंटी नहीं होती है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि खराब होने पर इनकी मरम्मत भी नहीं की जा सकती है। आज सब कुछ मिलाकर एक सुंदर प्रस्तुति हेतु आपको धन्यवाद।

    अखिल- हमें अपना प्यार देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद रविशंकर बसु जी। आपने हमारा कार्यक्रम बहुत ध्यान से सुना और विस्तृत प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाई। हमारा धन्यवाद स्वीकार करें। दोस्तों, पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का भी मेल आया है। बिधान जी लिखते हैं... दिनांक 26 अप्रैल को अखिल और लिलिजी द्वारा पेश किये गये सण्डे की मस्ती कारिक्रम के माध्यम से मस्ती से भरा और एक सण्डे बिताया। श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं का बतलाया जाना, चीनी गीत और हिन्दी गाना सुनवाया जाना, रोचक व अजब-गजब बातों का पिटारा खोलना, ओप्पो कम्पनी के स्मार्टफोन्स के बारे में सेल मैनेजर के साथ बातचीत, मजेदार जोकस, प्रेरक कहानी – इन सब बातों को मिलाकर तैयार किया गया संडे की मस्ती कार्यक्रम वाकई में दिलचस्प और मजेदार लगा। धन्यवाद एक ख़ासी प्रस्तुति के लिए।

    वनिता- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भाई बिधान चंद्र सान्याल जी। आपने हमारा कार्यक्रम सुना और हम तक प्रतिक्रिया भेजकर हमारा उत्साहवर्धन किया। दोस्तों, हमारे एक और श्रोता मित्र ने हमें पत्र लिखकर हमारा हौसला अफजाई किया है। राजस्थान के बिकानेर से भाई पवन सिंह जी ने एक पत्र भेजा है जिसमें लिखा है... सीआरआई के सभी सदस्यों को नमस्कार। आपके संडे की मस्ती कार्यक्रम को हर बार सुनता हूं और कई मजेदार बातों का आनंद लेता हूं। आज के इस अंक में भी मजेदार व चटपटी बातों का जायजा लिया। चीन में बुढ़े कपल की प्रेम कहानी बहुत मजेदार लगी, और पंजाब के एक इंसान के पेट में से खजाना निकलना, सच में हमें हैरान कर देने वाली बात लगी। इसके अलावा ओप्पो फोन के बारे में सुना और चंद्रशेखर साहू के जीवन से जुड़ी खबर से हम काफी प्रेरित हुए। जोक्स तो मजेदार ही थे। धन्यवाद शानदार प्रोग्राम सुनवाने के लिए।

    अखिल- अपना प्यार देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद भाई पवन सिंह जी। हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह प्रोग्राम आगे भी पसंद आता रहेगा। पत्र भेजने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। दोस्तों, हमें बहुत खुशी हैं कि आप हमारा प्रोग्राम सुनते हैं और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाते हैं। हमारा धन्यवाद स्वीकार कीजिए। हम आशा करते हैं कि आप आगे भी हमारे कार्यक्रम पर अपनी प्रतिक्रिया और कमेंट भेजते रहेंगे।

    वनिता- चलिए दोस्तों... अभी हम आपको सुनवाते हैं एक चाइनिज सोंग...। इस गीत को गाया है चीन के फेमस सिंगर फेई शांग। गीत का शीर्षक है गृहनगर का बादल। गीत के बोल हैं, आकाश में गृहनगर का बादल आता है, वह बार बार मुझे बुलाता है, आकाश में हवा बह रही है, मैं एक आवाज सुनता हूं, घर आओ, घर आओ, बाहर मत जाओ।

    अखिल- वैल्कम बैक दोस्तों, आप सुन रहे हैं संडे के दिन, मस्ती भरा कार्यक्रम संडे की मस्ती Only on China Radio International

    अखिल- दोस्तों, इन दिनों अमेरिका में चिकित्सकों के बीच एक भारतीय छात्रा चर्चा का विषय बनी हुई हैं, क्योंकि उसके दिमाग की सर्जरी के दौरान उन्होंने कोई ट्यूमर नहीं, बल्कि एक जुड़वा भ्रूण निकाला। हैदराबाद की निवासी कंप्यूटर साइंस की पीएचडी की छात्रा यामिनी करानम (26) ने मजाकिया लहजे में अपने दिमाग से निकले दोनों भ्रूणों को 'बुरी जुड़वां बहनें' करार दिया, जो उन्हें बीते 26 सालों से परेशान कर रही थी।

    समाचार चैनल एनबीसी के मुताबिक, इंडियाना युनिवर्सिटी में पढ़ने वाली यामिनी इस बात से बेखबर थीं कि उनके सिर में क्या हो रहा है। जब सर्जरी हुई, तो इस रहस्य का पता चला। सर्जरी के बाद यामिनी अपने दिमाग में टेराटोमा (जुड़वा भ्रूण) की बात सुनकर हैरान रह गईं। टेराटोमा आधुनिक चिकित्सा में बेहद दुर्लभ है। यामिनी के दिमाग में मिले टेराटोमा में हड्डियां, बाल तथा दांत तक विकसित हो गए थे।

    सर्जरी को अंजाम देने वाले लॉस एंजेलिस के स्कलबेस इंस्टीट्यूट के डॉ. हरायर शाहिनियन ने कहा, "यह मैंने दूसरा टेराटोमा निकाला है, इसके पहले मैंने सात से आठ हजार दिमाग के ट्यूमर का ऑपरेशन किया है।" बीते साल सितंबर में यामिनी को महसूस हुआ कि उसके दिमाग में कुछ हो रहा है, क्योंकि वह पढ़ते वक्त दिमाग को केंद्रित नहीं कर पा रही थीं।

    उन्होंने कहा, "सुनने व समझने में समस्याएं आ रही थी। यदि कोई दंपति कमरे में बात कर रहे होते मैं नहीं समझ पाती कि क्या हो रहा है।" एनबीसी ने कहा, "यामिनी के लिए सबसे मुश्किल वाली बात यह थी कि समस्या की जड़ पर उनके चिकित्सकों में विरोधाभास था।" कोई यह नहीं बता पा रहा था कि आखिर मामला क्या। खैर.. बाद में पता लगा और दिमाग का ऑपरेशन कर जुड़वा भ्रूण को निकाला गया।

    दोस्तों, हम आपको बता दें कि इस अत्याधुनिक चिकित्सा में फाइबर-ऑप्टिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। आधे इंच के एक चीरे से इंडोस्कोप को अंदर किया जाता है और बेहद सावधानी से तथा धीरे-धीरे ट्यूमर को अलग किया जाता है।

    वनिता- वाकई अखिल जी, यह तो एक अनोखी बिमारी है. इससे पहले मैंने कभी नहीं सुनी। दुनिया में ना जाने कैसी कैसी बिमारी हो जाती है।

    अखिल- बिल्कुल वनिता जी, कोई नहीं जानता, क्या क्या बिमारी हो जाती है। खैर.. अब बढ़ते हैं अगले ख़बर की तरफ जिसमें बताने जा रह हूं कि सबसे बड़ी है इन पिता-पुत्री की जीभ, जो वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी हो चुकी है शामिल।

    दोस्तों, अमेरिका के सायरेकूज में रहने वाले 47 साल के बायरन श्‍लेंकर की जीभ इस वक्त दुनिया में सबसे बड़ी है। इनकी जीभ की लंबाई 3.37 इंच है, जो कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो चुकी है। इससे पहले सबसे बड़ी जीभ 3.1 इंच की थी, जिसे अनूठे शारीरिक बनावट की श्रेणी में रख दिया गया है।

    बायरन की 14 साल की बेटी एमीलि की जीभ भी 2.89 इंच की है, जो कि विश्‍व में किसी फीमेल की सबसे बड़ी जीभ है। बायरन के मुताबिक हमेशा से जानते थे कि उनकी जीभ अच्‍छी खासी बड़ी, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि ये एक कीर्तिमान बना देगी। बेटी के एक स्‍कूली प्रोजेक्‍ट में मदद करने के दौरान गिनीज बुक में उन्हें एक पेज दिखाई दिया, जिसमें ऑस्‍ट्रेलिया के एक व्‍यक्ति की जीभ सबसे लंबी बताई गई थी। इसके बाद ही उन्होंने अपनी जीभ नाप कर गिनीज रिकॉर्ड के लिए संपर्क किया।

    बायरन श्‍लेंकर के मुताबिक नवंबर में सबसे बड़ी जीभ का टाइटल जीतने के बाद उनका जीवन ही बदल गया है और ज्यादातार लोगों को हैरत होती है कि वो सामान्‍य रूप से कैसे बोल लेते हैं।

    बायरन का कहना है कि जब भी वो बाजार या किसी स्‍टोर पर जाते हैं तो लोग उन्‍हें फोटो खींचने के लिए रोक लेते हैं। इतना ही नहीं, लोग अपनी रिकॉर्ड बुक पर भी autograph लेने उनके घर भी आते हैं। लेकिन हद तो तब हो जाती है जब लोग उनसे जीभ के जरिए कुछ करने को कह देते हैं।

    वनिता- हा हा हा हा.... यह तो वाकई में मजेदार और दिलचस्प बात है। चलिए.. मैं अजीबोगरीब किस्सा बताती हूं कि चीन में एक शख्य ने मौत से बचने के लिए आग को गले लगाया।

    अखिल- क्या.. यह कैसे मुमकिन है?

    वनिता- दोस्तों, यह बात तो सब जानते हैं कि मरने के बाद लोगों को आमतौर पर आग के हवाले कर दिया जाता है लेकिन चीन में एक शख्स अपनी जान बचाने के लिए आग में गया। यह शख्स गरीबी के कारण अपना इलाज नहीं करवा पा रहा हैं। 25 साल के जिया बिनहुई चीन के युनलॉन्ग काउंटी में रहता है। उसे ब्लड कैंसर था। दो साल पहले गरीब जिया की मदद लोगों ने कर थी लेकिन अब उसे बोन Marrow Transplant करवाना था। 80 हजार डॉलर तक खर्च करने के बाद भी ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया। लेकिन वह जीना चाहता है इसलिए वह अपने शरीर में मौजूद खतरनाक सैलों को दूर करने के लिए उसने अनोखा ही तरीका ढूंढ निकाला।

    यहां चीन में कुछ लोगों का मानना है कि किसी खास तरह की जड़ी-बूटियों को मिलाकर उनको जलाने से और इस तरह के उसके ऊपर लेटने से कैंसर के सेल्स को खत्म किया जा सकता है। 42 डिग्री के तापमान पर जिया ने ऐसा ही किया। इस काम में उसका कितना फायदा हुआ है यह तो पता नहीं लेकिन उसकी पत्नी का कहना है कि वह बस उसे किसी भी हालत में ठीक देखना चाहता हूं।

    अखिल- अरे वाह... उस व्यक्ति की हिम्मत की दाद देनी होगी। हम उम्मीद करते हैं कि वह व्यक्ति स्वस्थ हो जाए। दोस्तों, मैं बताता हूं कि चीन में 6 साल की बच्ची का नाम बना मुसीबत, और कोर्ट ने दिया बदलने का आदेश।

    दोस्तों, क्या किसी के नाम से भी किसी को आपत्ति हो सकती है। जी हां, चीन में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें नाम को लेकर विवाद खड़ा हो गया और कोर्ट ने नाम बदलने का फैसला सुना दिया।

    पूर्वी चीन के शानतोंग प्रांत की लिक्सिया जिला पीपल्स कोर्ट ने एक पिता को अपनी 6 साल की बच्ची का नाम बदलने का आदेश दिया है। दरअसल, मामला कुछ यूं था कि एक व्यक्ति ने अपनी 6 साल की पुत्री का नाम 'बेई यान युन ई' रखा तो पुलिस ने इसे एक काव्यात्मक और असामान्य नाम मानते हुए रजिस्ट्रेशन नहीं किया।

    परेशान होकर बच्ची के पिता ने पुलिस पर ही केस कर दिया। वहीं कोर्ट ने भी बच्ची के नाम को अवैध मानते हुए बच्ची के पिता को इसे जल्द बदलने का आदेश दिया है।

    कोर्ट का ये आदेश चीन में बनाए गए उन नियम के आधार पर आया है, जिसमें कहा गया है कि अभिभावक बच्चों के नाम नजदीकी रिश्तेदारों के नाम पर रखें, जिससे आधुनिक या अपरंपरागत नाम रखने की प्रवृत्ति ना बढ़े। साल 2009 में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था, जिसमें एक व्यक्ति ने अपने पुत्र का नाम अंग्रेजी के 'सी' अक्षर पर रखा था।

    वनिता- हम्म्म्..... यह सही बात है अखिल जी। चीन में बच्चों का नाम नजदीकी रिश्तेदारों के नाम पर रखें जाते है। चलिए दोस्तों, अभी हम सुनते हैं एक हिन्दी गाना... उसके बाद आपके ले चलेंगे हमारे मनोरंजन के दूसरे सेगमेंट की तरफ...

    अखिल- दोस्तों, आपका एक बार फिर स्वागत है हमारे इस मजेदार कार्यक्रम संडे की मस्ती में... मैं हूं आपका दोस्त एन होस्ट अखिल।

    अखिल- कोई भी फिल्म मनोरंजन के साथ शिक्षा और सूचना भी देती है। आमिर खान की फिल्म लगान ने भारतीय उद्योग जगत और बिजनेस मैनेजमेंट संस्थाओं में हलचल मचाई। अनेक संस्थानों में शोध प्रबंध प्रस्तुत हुए और छात्र-छात्राओं को 'टेक्स्ट-फिल्म' की तरह लगान दिखाई गई। उस पर बहस की गई। लघु उद्योग सेवा संस्थान, इंदौर के उपनिदेशक जीडी गिडवानी ने इसी प्रकार का शोध किया है। उसके प्रमुख अंशों का सार हम आज यहां बताने जा रहे है। इससे यह बात स्थापित होगी कि एक फिल्म को इस रूप में भी देखा जाना चाहिए। आइए.. जानते हैं.. लगान का मैनेजमेंट

    1. समझ पैदा करने की क्षमता

    फिल्म लगान में भुवन ने क्रिकेट खेलना गाँव वालों को गिल्ली-डंडा खेलने के समान समझाया। ऐसा करने से असंभव कार्य भी संभव हो गया। असंभव कार्य चिर-परिचित कार्य से मिलान करते हुए किए जाने से प्रगति के रास्ते खुलते जाते हैं।

    2. बड़े स्वप्न, स्पष्ट लक्ष्य :

    नायक भुवन ने कैप्टन रसैल की चुनौती को स्वीकार कर तीन वर्ष तक लगान न देने का स्वप्न देखा था। यह लक्ष्य स्पष्ट और स्वप्न काफी बड़ा था। उसने कुशल योजना और नेतृत्व क्षमता से उसे साकार किया। आज के उद्यमी स्वप्न तो बड़े देखते हैं पर लक्ष्य अस्पष्ट होते हैं।

    3. विरोध का डटकर सामना :

    कैप्टन रसैल की चुनौती को स्वीकार करने के बाद भुवन को विरोध के स्वर सुनाई देने लगे। लेकिन वह डटा रहा, क्योंकि वह जानता था कि वह सभी की भलाई का कार्य कर रहा है। लघु उद्योगों को भी मल्टी नेशनल कंपनियों से डटकर मुकाबला करने के लिए को-ऑपरेशन की जरूरत है।

    4. टीम निर्माण का कौशल :

    टीम वर्क से किया कार्य सदैव सफल होता है। भुवन ने एक श्रेष्ठ टीम के साथ विजय प्राप्त की। लघु उद्योगों में भी उत्तम लीडर‍शिप का रहस्य यानी संबंधों का सही निर्वाह है।

    5. भूमिका का विभाजन :

    भुवन ने हर सदस्य को उसकी योग्यता के अनुसार काम का विभाजन किया था। लघु उद्योगों में भी कार्यों का स्पष्ट विभाजन, जिम्मेदारी का वहन करने वाले कुशल व्यक्तियों की जरूरत होती है। सभी का एक उद्देश्य हो जाए तो बंद मुट्‍ठी के रूप में कार्य कर सफलता अर्जित की जा सकती है।

    6. छोटी सफलता का महत्व :

    भुवन जब बॉल की धुनाई करता है तो गाँव वालों की समझ में आता है कि यह काम आसान है। गाँव वाले उसके अभियान में शामिल होते हैं। किसी भी प्रोजेक्ट के आरंभ में कार्यकर्ताओं की सहभागिता हासिल कर छोटी-छोटी बातों से उत्तेजना का संचार कर सफलता प्राप्त की जा सकती है।

    7. सफलता के प्रति विशेष आग्रह :

    भुवन टीम के सदस्यों के सामने महत्वाकांक्षा रखता है एवं उसकी पूर्ति के लिए टीम को मैच खेलने के लिए विशेष आग्रह करता है। लघु उद्योगों के प्रमुख को भी कार्यकर्ताओं में बगैर हिचकिचाहट के उत्साह जाग्रत करने हेतु विशेष आग्रह करना चाहिए।

    8. उत्तम नेतृत्व क्षमता :

    भुवन ने जो काम हाथ में लिया, उसे प्रतिबद्धता से पूरा किया। उत्तम नेतृत्व के लिए टीम के साथ लगातार संपर्क रखना और उनकी हौसला अफजाई करना जरूरी है।

    9. सीमित साधनों का उत्तम उपयोग :

    गाँव वाले दिनभर काम करने के बावजूद रात्रि में मशालों की रोशनी में खेलते हैं। अपने कार्य-कौशल से खेल की सामग्री बनाते और इकट्‍ठा करते हैं। उद्योगों को भी साधन के अभाव में समय गँवाने पर शासन को कोसने के बजाय सही समय पर सही कार्य को अंजाम देने पर जोर देना चाहिए।

    10. अंतिम समय तक आशा नहीं छोड़ना :

    भुवन ने अंतिम समय तक जीत की उम्मीद कायम रखी। अंतिम बॉल ने निर्णय बदलकर सफलता गाँव वालों की झोली में डाल दी। उद्योगों को भी गुणवत्ता बनाए रखते हुए अपने कार्य को श्रेष्ठतम तरीके से जारी रखना चाहिए।

    वनिता- दोस्तों, यह था आमिर खां की फिल्म लगान का मैनेजमेंट, उम्मीद करते हैं कि आपको जरूर पसंद आयी होगी। चलिए, अब हम अखिल जी से सुनते हैं एक प्रेरक कहानी।

    अखिल- दोस्तों, एक राजा था। उसने 10 खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे, जिनका इस्तेमाल वह लोगों को उनके द्वारा की गयी गलतियों पर मौत की सजा देने के लिए करता था। एक बार कुछ ऐसा हुआ कि राजा के एक पुराने मंत्री से कोई गलती हो गयी। अतः क्रोधित होकर राजा ने उसे शिकारी कुत्तों के सम्मुख फिकवाने का आदेश दे डाला।

    सजा दिए जाने से पूर्व राजा ने मंत्री से उसकी आखिरी इच्छा पूछी। मंत्री ने राजा से निवेदन किया"राजन ! मैंने आज्ञाकारी सेवक के रूप में आपकी 10 सालों से सेवा की है… मैं सजा पाने से पहले आपसे 10 दिनों की मोहलत चाहता हूँ ।" राजा ने उसकी बात मान ली ।

    दस दिन बाद राजा के सैनिक मंत्री को पकड़ कर लाते हैं और राजा का इशारा पाते ही उसे खूंखार कुत्तों के सामने फेंक देते हैं। परंतु यह क्या.... कुत्ते मंत्री पर टूट पड़ने की बाजए अपनी पूँछ हिला-हिला कर मंत्री के ऊपर कूदने लगते हैं और प्यार से उसके पैर चाटने लगते हैं। राजा हैरानी से यह सब देख रहा था उसने मन ही मन सोचा कि आखिर इन खूंखार कुत्तों को क्या हो गया है ? वे इस तरह क्यों व्यवहार कर रहे हैं ? आखिरकार राजा से रहा नहीं गया उसने मंत्री से पुछा ," ये क्या हो रहा है , ये कुत्ते तुम्हे काटने की बजाये तुम्हारे साथ खेल क्यों रहे हैं?"

    मंत्री ने कहा "राजन ! मैंने आपसे जो १० दिनों की मोहलत ली थी, उसका एक-एक क्षण मैं इन बेजुबानो की सेवा करने में लगा दिया। मैं रोज इन कुत्तों को नहलाता, खाना खिलाता व हर तरह से उनका ध्यान रखता। ये कुत्ते खूंखार और जंगली होकर भी मेरे दस दिन की सेवा नहीं भुला पा रहे हैं परंतु खेद है कि आप प्रजा के पालक हो कर भी मेरी 10 वर्षों की स्वामीभक्ति भूल गए और मेरी एक छोटी सी गलती पर इतनी बड़ी सजा सुन दी! "

    राजा को अपनी भूल का एहसास हो चुका था, उसने तत्काल मंत्री को आज़ाद करने का हुक्म दिया और आगे से ऐसी गलती ना करने की सौगंध ली।

    दोस्तों, कई बार इस राजा की तरह हम भी किसी की बरसों की अच्छाई को उसके एक पल की बुराई के आगे भुला देते हैं। यह कहानी हमें क्षमाशील होना सीखाती है, ये हमें सबक देती है कि हम किसी की हज़ार अच्छाइयों को उसकी एक बुराई के सामने छोटा ना होने दें।

    वनिता- तो दोस्तों, ये थी एक प्रेरक कहानी, जो हमें एक अच्छी सीख दे रही थी कि एक गलती की वजह किसी की अच्छाईयों को कभी नहीं भुलना चाहिए। कहते हैं ना कि इंसान गलतियों का पुतला होता है। चलिए, इसी के साथ ही हम आपको ले चलते हैं हंसी-खुशी की दुनिया में जहां सुनाए जाएंगे चटपटे और मजेदार जोक्स।

    अखिल- दोस्तों, हम जो पहला जोक सुनाने जा रहे हैं वो भेजा है आजमगढ़ से भाई सादिक आजमी जी ने। आइए.. सुनते हैं...

    पति अपनी पत्नी से कहता है- जब भी मैं अपने पिताजी की तलवार देखता हूँ तो मेरा लड़ाई पर जाने को दिल चाहता है...

    पत्नी कहती है- तो जाते क्यों नहीं?

    पति बोलता है- क्या करूँ, इसके तुरंत बाद उनकी नकली टाँग याद आ जाती है।

    वनिता- हा हा हा.. हमें मजेदार जोक भेजने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सादिक भाई।

    अखिल- दोस्तों, एक बार क्या हुआ दो बुज़ुर्ग अदालत में तलाक के लिए गए।

    जज ने पूछा, "इस उम्र में तलाक क्यों लेना चाहती हैं आप ?"

    महिला बोली, "जज साहब! मेरे पति मुझ पर मानसिक अत्याचार कर रहे हैं।"

    जज ने पूछा, "वो कैसे?"

    महिला ने कहा, "इनकी जब मर्ज़ी होती है, मुझे खरी-खोटी सुना देते हैं... और जब मैं बोलना शुरू करती हूँ, अपने कान की machine निकाल देते हैं।"

    अगला सुनिए...

    बीवी ने नमाज़ पढ़कर दुआ के लिए हाथ उठाये पर कुछ नहीं माँगा और हाथ निचे कर लिए

    शौहर ये सब देख रहा था तो पूछ बैठा "ये क्या? दुआ क्यों नहीं मांगी?

    बीवी बोली- माँगने ही लगी थी कि"अल्लाह आपकी तमाम मुश्किलें खत्म कर दे", पर मैंने सोचा कि कहीं मैं ही न मर जाऊं

    एक बार बॉस ने एक चुलबुली, निहायत ही खूबसूरत सेक्रेटरी को काम पर रखा. . लेकिन 10 दिन बाद ही 27वें माले से कूद कर बॉस ने आत्महत्या कर ली! .इंस्पेक्टर : कमरे में उस वक़्त कौन मौज़ूद था? . सेक्रेटरी : "जी,...मैं थी." इंस्पेक्टर : आख़िर हुआ क्या? उसने ख़ुदकुशी क्यूं की? . सेक्रेटरी : "वह बहुत अच्छे इंसान थे. एक दिन उन्होंने मुझे 2 लाख रुपये की ड्रेस उपहार में दी... . फिर एक दिन उन्होंने मुझे 15 लाख की कीमत वाला हीरों का हार खरीद कर दिया... परसों ही वे मेरे लिए 5 लाख की हीरे की अंगूठी ले कर आए थे... यह रही मेरी उंगली में। . इंस्पेक्टर : "फिर...... . सेक्रेटरी : "तभी मेरे पापा का फोन आया, मैंने कहा कि पापा...आप यहां होते, तो देखते मेरे बॉस मुझे कितना प्यार करते हैं, आप तो हमेशा बस यही कहते हो, पप्पू बेटा लड़की बनकर मत घूमा कर।

    अखिल- दोस्तों, इसी के साथ हम आपसे विदा लेते हैं। अब हमारा जाने का वक्त हो चला है... अगले हफ्ते हम फिर लौटेंगे, इसी समय, इसी दिन अपनी मस्ती की पाठशाला लेकर। हम हमेशा यही कामना करते हैं कि आप सभी हर दिन हंसते रहें, मुस्कराते रहें, और ढेर सारी खुशियां बांटते रहें। क्योंकि आप तो जानते ही हैं कि Laughing and Happiness are the best medicine यानि हंसना और खुशिया सबसे बढ़िया दवा है। तो आप Always be happy.... हमेशा खुश रहो.....और सुनते रहो हर रविवार, सण्डे की मस्ती। आप हमें लेटर लिखकर या ई-मेल के जरिए अपनी प्रतिक्रिया, चुटकुले, हंसी-मजाक, मजेदार शायरी, अजीबोगरीब किस्से या बातें भेज सकते हैं। हमारा पता है hindi@cri.com.cn। हम अपने कार्यक्रम में आपके लैटर्स और ईमेल्स को जरूर शामिल करेंगे। अभी के लिए मुझे और वनिता जी को दीजिए इजाजत। गुड बॉय, नमस्ते।

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