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    आप की पसंद 150425
    2015-04-26 19:23:18 cri

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    दिनेश – श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ....लालूचक भागलपुर, बिहार से विष्णु कुमार चौधरी, श्रीमती गायत्री देवी, आरती कुमारी, सागर और बादल ने आप सभी ने सुनना चाहा है दीवाना मस्ताना फिल्म का गाना जिसे गाया है उदित नारायण, विनोद राठौड़ और अल्का याग्निक ने संगीतकार हैं लक्ष्मीकांत प्यारेलाल और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. तेरे बिना दिल लगता नहीं ....

    पंकज - JCB से हो रही थी खुदाई, मिट्टी खिसकी और जमीन से निकले घड़े भर सिक्के

    मुजफ्फरपुर. सरैया प्रखंड के कोल्हुआ पंचायत अन्तर्गत जफराबाद कैनाल में मिट्टी कटाई के दौरान सैकडों मुगल कालीन सिक्के मिले। जेसीबी से मिट्टी काटी जा रही थी। सिक्के चीनी मिट्टी के एक घड़े में रखे हुए थे। सिक्कों पर मुगल बादशाह शेरशाह व उनके बेटे इस्लाम शाह का नाम अरबी भाषा में लिखा हुआ है। एक सिक्के पर शाह आलम गाजी का नाम भी अंकित है।

    शुक्रवार को जफराबाद कैनाल से जेसीबी से मिट्टी काटकर ट्रैक्टर पर लोड किया जा रहा था, इसी दौरान जमीन के अंदर से एक चीनी मिट्टी का घड़ा निकला। घड़े में सैकड़ों सिक्के थे।

    मजदूरों ने मिट्टी कटाई छोड़कर सिक्के आपस में बांट लिए। काम छोड़कर घर चले गए। सिक्के मिलने की सूचना इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई।

    पंकज - इस कलश को इंग्लैंड ले जाने से पहले जहाज को गंगाजल से धुलवाया गया था

    जयपुर। अक्सर लोग एरोप्लेन या पानी के जहाज से सफर करते होंगे। कई बार लोग तीर्थ पर भी जहाज से ही जाते हैं। क्या कभी आपने किसी पवित्र वस्तु को ले जाने से पहले पानी के जहाज को गंगाजल से धुलते हुए देखा या सुना है। जयपुर के महाराजा सवाई माधोसिंह द्वितीय ने इस कलश और राधा-गोविंद जी को इंग्लैंड ले जाने से पहले पूरे जहाज को गंगा जल से बाकायदा धुलवाया था।

    वे बड़े धर्मपरायण थे और जहां भी जाते थे गंगा जल साथ ले जाते थे। वर्ष 1902 में एडवर्ड सप्तम के राजतिलक समारोह में जाते वक्त इस अद्भुत चांदी के कलश में गंगाजल भरकर ले गए थे ताकि वहां पूजा-पाठ के वक्त इस जल का प्रयोग हो सके। जयपुर की इतिहासकार चंद्रमणि सिंह ने बताया कि महाराजा ने इंग्लैंड जाने के लिए ओलंपिया नाम के पानी के जहाज को किराए पर लिया था। इसमें उनके पूरे कर्मचारी और सेवा दल के लोग गए थे। इंग्लैंड में जाने के बाद वहां पूरे मोरे लॉज को ही बुक करा लिया था। तब बंबई के बंदरगाह पर इस ओलंपिया जहाज की बाकायदा गंगाजल से धोकर पूजा की गई थी।

    गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज:

    सिटी पैलेस और जयगढ़ फोर्ट के डायरेक्टर युनूस खिमानी ने बताया कि चांदी से बने इन दो कलशों की खासियत के चलते इनको गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इसे विश्व की सबसे बड़ी चांदी की वस्तु गंगाजली के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

    एक कलश का वजन 345 किग्रा :

    सर्वतोभद्र चौक पर आम लोगों के दर्शनार्थ रखे इन कलशों में से प्रत्येक का वजन 345 किग्रा है। ये चांदी के बने हैं। प्रत्येक की उंचाई 5 फीट 3 इंच, गोलाई 14 फीट 10 इंच है। क्षमता 4091 लीटर है।

    दो साल लगे बनाने में:

    विश्व के सबसे बड़े इन चांदी के कलशों को बनाने में दो साल का वक्त लगा था। इनको जयपुर राज्य के 36 कारखानों में से एक मिस्त्री खाने के दो सुनार गोविंदराम और माधव ने तैयार किया था। वर्ष 1894 में इन कलशों को बनाने के लिए जयपुर राज्य के कपड्द्वार खजानों से 14 हजार झाड़शाही चांदी के सिक्के दिए गए।

    इन सिक्कों को पिघलाकर चांदी की चादर बनाई गई। चादर को लकड़ी के कलशनुमा सांचे में डालकर पीट-पीटकर कलशनुमा आकार दिया गया। इन कलशों को बनाने में दो साल का वक्त लगा। ये वर्ष 1896 में बनकर तैयार हुए थे। इनके ढक्कन और हत्थों को भी इन्हीं सुनारों ने बनाया था। इनको सरलता से सरकाने के लिए छोटे पहिए वाली प्लेट इनके आधार में लगाई गई है।

    दिनेश- प्राचीन समय के राजा महाराजाओं की शानो शौकत देखते ही बनती है, उनके कई कारनामें तो आज भी हमें अदभुत कहानियों जैसे लगते हैं, लेकिन हैं बिल्कुल सच। इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जो में लिखा है मंदार श्रोता संघ बांका बिहार से कुमोद नारायण सिंह, बाबू, गीतांजली, सनातन, अभय प्रताप गोलू, कृष भूटानी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है खिलाड़ी फिल्म का गाना जिसे गाया है अभिजीत और अलका याग्निक ने संगीत दिया जतिन ललित ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. वादा रहा सनम ......

    पंकज - बिना पिलर वाली दुनिया की सबसे बड़ी छत, इतना कंक्रीट लगा कि सौ फ्लैट तैयार हो जाएं

    जयपुर। एक ऐसी छत, जिसकी लंबाई 10 फ्लैट्स से भी ज्यादा है। जिसे बनाने में इतना कंक्रीट लगा, जिससे सौ आवासीय फ्लैट तैयार हो सकते हैं। जी हां, दुनिया की नजरों को आश्चर्य में डालने वाली एक ऐसी ही छत जयपुर में है। अपनी लंबाई की वजह से गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल हो चुकी गोविंद देव जी मंदिर के सत्संग भवन की छत बिना पिलर की दुनिया की सबसे बड़ी छत है।

    दो साल में बनकर तैयार हुई थी यह छत :

    सत्संग भवन की छत दो साल में बनकर तैयार हुई थी। इसे 2008 में बनाया गया था। लगातार 36 घंटों तक इस छत का निर्माण करवाया गया था। दो साल में बनकर तैयार आधुनिक तकनीक से निर्मित यह भवन 119 फीट लंबा और 124 फीट चौड़ा है। इस भवन की छत को डालने में लगातार 36 घंटे का समय लगा था। पूरे भवन में 8 कॉलम दिए गए। कुल तीन करोड़ की लागत से तैयार इस भवन की प्रमुख विशेषता यह है कि इसकी छत को पोस्ट टेंसनिंग तकनीक से तैयार किया गया है। भवन में एक साथ पांच हजार व्यक्ति बैठ सकते हैं।

    पुल बनाने की तकनीक है पोस्ट टेंसनिंग :

    पोस्ट टेंसनिंग तकनीक में कंक्रीट डालने से पहले नए तरीके की लोहेनुमा तार डालते हैं। पीवीसी कोटिंग से सुरक्षित इस तार में पांच तारों का समूह होता है। इस तार को डालने के बाद इसमें कंक्रीट डाली जाती है। इसके बाद इस तार को पंप से खींचा जाता है। इन तकनीक में तार प्रोटेक्टेड होते हैं। इसके साथ ही इसमें 65 फीसदी कम स्टील का उपयोग होता है। इसके साथ ही यह भूकंपरोधी भी है। यह तकनीक पहले पुल बनाने में काम आती थी।

    दिनेश - आपकी बातों में आनंद तो आ रहा है लेकिन मुझे लगता है कि ये वक्त हो चला है हमारे श्रोताओं के पत्रों को पढ़ने का और उन्हें उनका फरमाईशी फिल्मी गीत सुनवाने का इसके लिये मैं अगला पत्र उठाता हूं जिसे हमें लिख भेजा है ग्राम महेशपुर खेम, ज़िला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से तौफ़ीक अहमद सिद्दीकी, अतीक अहमद सिद्दीकी, मोहम्मद दानिश सिद्दीकी और इनके ढेर सारे साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है गर्दिश फिल्म का गाना जिसे गाया है एस पी बालासुब्रामण्यम और आशा भोंसले ने गीतकार हैं जावेद अख्तर और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. ये मेरा दिल तो पागल है .....

    पंकज - अपने अाप ही रुक गए थे बैल :

    मान्यतानुसार अप्रैल 1669 में जब औरंगजेब ने शाही फरमान जारी कर बृजभूमि के देव मंदिरों को गिराने और उनकी मूर्तियों को तोड़ने का हुक्म दिया तो ये मूर्तियों वहां से छुपाकर अलग-अलग जगह ले जाई जा रही थीं। इस दौरान माध्वीय गौडीय संप्रदाय के गोविंददेवजी, गोपीनाथजी, मदन मोहनजी, राधा दामोदरजी और विनोदी लालजी ये पांच स्वरूप जयपुर लाए गए। इनमें से गोविंददेवजी को एक बैलगाड़ी लेकर भक्त रवाना हुए। ऐसा माना जाता है कि इन्हें पहले कामां या वृंदावन में छिपाकर रखा गया। इसके बाद आमेर के निकट कनक वृंदावन में पहुंचने पर यह बैल अपने आप ही यही आकर रुक गए। तभी से यहां भी पुराने गोविंददेवजी विराजमान हैं। इसके बाद महाराजा सवाई जयसिंह के एक स्वप्न के बाद गोविंद देव जी को नई मंदिर के स्थान पर विराजित किया गया था।

    पंकज - अंगूर खाएं, हड्डियां मजबूत बनाएं

    इस मौसम में अंगूर खाना किसे पसंद नहीं। इन्हें खाने से प्यास तो बुझती ही है, साथ ही ये अंदरूनी ठंडक भी पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं अंगूर शरीर को हेल्दी रखने के साथ कब्ज, थकान और हडि्डयों को भी मजबूती देते हैं। अंगूर में विटमिन ए, सी, बी6 और कई मिनरल्स होते हैं। आइए, आज हम आपको अंगूर के ऐसे ही फायदों के बारे में बताते हैं :

    अस्थमा : अंगूर कई रोगों में उपचार में इस्तेमाल होता है। अस्थमा रोगियों के लिए यह बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद पानी अस्थमा की आशंका को काफी कम कर देता है।

    दिल की बीमारी : अंगूर खून में नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को नियंत्रित करता है जिससे ब्लड क्लॉटिंग नहीं होती। इससे हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स ऐलडीऐल कॉलेस्ट्रॉल से बचाव करता है। फ्लेवोनॉइड्स की ज्यादा मात्रा भी एंटी-ऑक्सिडेंट का काम करती है जो दिल को सेफ रखने में कारगर साबित होती है।

    हड्डियों के लिए : अंगूर कॉपर, आयरन और मैंगनीज़ का बहुत अच्छा स्रोत होता है, जो हड्डियों के निर्माण और उन्हें मजबूत बनाने में जरूरी होता है। रोज खाने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है। मैंगनीज भी हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी तत्व है जो नर्वस सिस्टम को सही रखता है।

    माइग्रेन : पके अंगूर के रस से माइग्रेन में आराम मिलता है। सुबह बिना पानी मिलाए एक गिलास अंगूर का रस पीना फायदेमंद होता है। रेड वाइन को माइग्रेन की वजह माना जाता है, पर अंगूर के जूस से समस्या को दूर किया जा सकता है।

    कब्ज : अंगूर कब्ज से भी राहत दिलाता है, क्योंकि इसमें मौजूद ऑर्गेनिक ऐसिड, शुगर और सेल्यूलोज की मात्रा पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है। इसमें खाने को पचाने वाले रेशे पाए जाते हैं जो आंतों को साफ रखते हैं।

    थकान : अंगूर का जूस पीने से शरीर में आयरन और मिनरल्स की मात्रा बनी रहती है, जो थकान जैसी समस्या से भी कोसों दूर रखती है। वैसे तो ऐनीमिया आम समस्या है, लेकिन महिलाओं में ये सबसे ज्यादा पाई जाती है।

    पंकज - रोज खाएं अंडा नहीं होगी डायबीटीज

    अगर आपको अंडा खाना पसंद है, तो आपके लिए अच्छी खबर है। नए अध्ययन में यह बात साबित हुई है कि रोज एक अंडा खाने से टाइप-2 डायबीटीज होने का खतरा कम हो जाता है।

    अमेरिकी जर्नल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि जो लोग हफ्ते में चार अंडे खाते हैं उन पर डायबीटीज टाइप-2 की आशंका हफ्ते में एक अंडा खाने वालों के मुकाबले 37 फीसदी तक कम होती है। यूनिवर्सिटी ञफ इस्टर्न फिनलैंड ने शोध के लिए 19 साल तक नजर रखी।

    दिनेश – अगर आपका भोजन संतुलित है और उससे आपको प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व मिल रहे हैं तो आपको कभी कोई गंभीर बीमारी नहीं हो सकती है। हमारे शरीर को अन्न, दलहन, तेल-घी, सब्ज़ियां, मांस, दूध दही इत्यादि की आवश्यकता होती है। हमें अपने खानपान को लेकर हमेशा सजग रहना चाहिए, अगर हमें बीमारियों से बचना है तो पहले हमें अपने खानपान को सही रखना होगा। इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कर्यक्रम का अगला पत्र जो हमें लिख भेजा है हमारे पुराने चिर परिचित श्रोता पंडित मेवालाल परदेशी जी ने और इनके साथ इनके ढेर सारे साथियों ने भी अपनी फरमाईश लिख भेजी है मेवालाल जी अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष भी हैं, इन्होंने हमें पत्र लिखा है महात्वाना, महोबा, उत्तर प्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है ये तेरा घर ये मेरा घर फिल्म का गाना जिसे गाया है अलका याग्निक और अभिजीत ने गीतकार हैं इब्राहिम अश्क ने संगीत दिया है आनंद मिलिंद ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. हंसाते हो रुलाते हो .....

    पंकज - ये सभी लोग 42 से 60 वर्ष के बीच के थे। अध्ययन के दौरान इनमें से 432 लोग डायबीटीज के शिकार पाए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि रक्त में ग्लूकोज के स्तर की तरह ही अंडे के सेवन का भी इस बीमारी से गहरा नाता होता है।

    इसके साथ ही अंडा कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। कोलेस्ट्रॉल कम होने से आपको हृदय रोग व अन्य कई बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

    घर की इन चीजों का सेहत पर पड़ता है असर

    हर रंग कुछ कहता है। यह बात तो अधिकतर सभी को पता है लेकिन घर का रंग ही नहीं बल्कि अन्य चीजें भी कुछ न कुछ कहती हैं। यह शायद बहुत कम लोग जानते होंगे?जी, हां घर का रंग, दीवारों का रंग दरवाजे और खिड़कियों का रंग भी हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर काफी असर डालता है। हाल ही में की गई कुछ एक रिसर्च से इन बातों का खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अगर आप अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहते हैं तो अपने घर पर एक नजर डालें?

    ब्रेस्ट कैंसर रिसर्चर डॉ. रिचर्ड स्वीवन्स ने जर्नल फिलॉस्फिकल ट्रासैक्शन में लिखा भी है कि यह अब साफ है कि टीपिकल लाइट हम पर मानसिक प्रभाव डालती है। वह सलाह देते हैं कि लोगों को शाम के वक्त डिम और हल्के लालपन वाली रोशनी इस्तेमाल करनी चाहिए। इससे हमारे बॉडी क्लॉक पर कम प्रभाव पड़ेगा।

    बेडरूम के नीले रंग से सेक्स लाइफ बेहतर

    रिसर्चरों का कहना है कि अगर बेडरूम का रंग नीला है तो सेक्स लाइफ काफी बेहतर होती हैं। ट्रैवललॉज के सर्वे का कहना है कि नीला रंग लोगों को अच्छी और लंबी नींद में सहायक होता है।

    दिनेश – कलर थैरपी के बारे में मैंने भी सुना है लेकिन पता नहीं कि ये काम करती है या नहीं, कलर थैरपी के बारे में दुनिया के हर देश में कुछ मान्यताएं भी बनी हुई हैं, उदाहरण के लिये किसी पुरानी सभ्यता में सफेद रंग को खुशी का रंग माना गया है तो कहीं उसे दुख प्रकट करने का रंग भी माना गया है कुछ ऐसी ही मान्यता काले रंग के बारे में भी बनी हुई है। खैर मेरा तो ये मानना है कि जो मन को सुहाता हो वही रंग सबसे अच्छा है। हमें अगला पत्र लिख भेजा है मेहर रेडियो श्रोता संघ सगोरिया, ज़िला मंदसौर, मध्यप्रदेश से श्याम मेहर, निकिता मेहर, आयुष, संगीता, ललिता, दुर्गाबाई, और पूरा मेहर परिवार आप सभी ने सुनना चाहा है मैं हूं ना फिल्म का गाना जिसे गाया है अभिजीत और श्रेया घोषाल ने गीतकार हैं जावेद अख्तर संगीत दिया है अन्नू मलिक ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. तुम्हें जो मैंने देखा .....

    पंकज - दीवारों का रंग बदलें तनाव से दूर रहें

    एनएचएस की हॉस्पिटल और लाइटिंग की रिपोर्ट के अनुसार अगर घर की दीवारें ऑरेज या लाल रंग की है तो यह घर के सदस्यों में मोटापे और तनाव को जन्म देता है और बढ़ाता भी है। इससे त्वचा में खुजली और जलन जैसी शिकायत तक होने लगती है। अमेरिका किचन बढ़ाता है वजन

    जिन लोगों का घर में प्रवेश किचन से होकर जाता है उनमें वजन अधिक तेजी से बढ़ता है। जितनी बार भी हम किचन में जाते हैं दिमाग अलमारियों, दराजों या किचन में कहीं पर भी कुछ न कुछ खाने की चीजों को ढूंढता है और खाने की हुड़क उठती रहती है।

    में कॉरनेल यूनिवर्सिटी में ईटिंग बिहेवियर स्पेशलिस्ट ब्रायन वानसिंक का कहना है कि ब्राइट लाइट हमारे मस्तिष्क में गड़बड़ियां पैदा करते हैं। इससे हमें जल्दी जल्दी और ठूस ठूस कर खाने की आदत पड़ती हैं।

    बिजी सड़क दिल के लिए ठीक नहीं

    शोधकर्ताओं का कहना है कि घर के आसपास अगर बिजी सड़क, ट्रैफिक, एयरक्राफ्ट यहां तक की शोरगुल करने वाले पड़ोसी भी हों तो उस घर के लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी हो जाती है।

    अगर आप इस तरह के माहौल के आस पास वाले घर में रह रहे हों लेकिन इस तरफ कोई ध्यान भी न देते हों। 2008 में की गई इम्पीरियल कॉलेज की स्टड़ी से पता चलता है कि 35 डेसिबल से अधिक की आवाजें शोर में गिनी जाती हैं और इससे भी ब्लड प्रेशर हाई होने का खतरा बना रहता हैपतले परदों से बढ़ता है मोटापा

    इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च ने पाया है कि अगर आपके घर में पतले परदे हैं और बाहर स्ट्रीट लैंप की रोशनी उनसे छन कर आ रही है तो यह अपके लिए मोटापा बढ़ाने की संकेत है। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के रिसर्च से पता चला है कि जिन महिलाओं के बेडरूम के परदे पतले हों औ वे रात में भी दूर तक परदे के आरपार देख सकती हों ऐसी महिलाओं की वेस्टलाइन अन्य महिलाओं मे मुकाबले अधिक बढ़ जाती हैं।

    दिनेश – वैसे भी रहने के लिये तो शोर शराबे से हमेशा दूर ही रहना चाहिए। अगर आपका घर किसी ऐसी जगह पर है जहां पर गाड़ियों की आवाज़ आती है हॉर्न बजने की आवाज़ से आप परेशान हैं तो आप घर को अंदर से ही साउंड प्रूफ़ बनवाने के बारे में सोच सकते हैं क्योंकि घर बदलना तो आसान काम नहीं है। आजकल इंटीरियर डेकोरेटर्स ऐसी तकनीक आम घरों के लिये लेकर आ रहे हैं जहां पर आप अपने घर के अंदर आने वाली आवाज़ पर काबू पा सकते हैं और चैन की नींद सो सकते हैं। हमारे पास अगला पत्र आया है बाबू रेडियो श्रोता संघ आबगिला गया बिहार से जिसे लिखा है मोहम्मद जावेद खान, ज़रीना खानम, मोहम्मद जामिल खान, रजिया खानम, शाहिना परवीन, खाकशान जाबिन, बाबू टिंकू, जे के खान, बाबू, लड्डू, तौफ़ीक उमर खान, इनके साथ ही हमें पत्र लिखा है केपी रोड गया से मोहम्मद जमाल खान मिस्त्री, शाबीना खातून, तूफ़ानी साहेब, मोकिमान खातून, मोहम्मद सैफुल खान, ज़रीना खातून और इनके ढेर सारे साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है अब्दुल्लाह फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. भीगा बदन जलने लगा .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश – नमस्कार।

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