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    आप की पसंद 150418
    2015-04-18 19:03:24 cri

    18 अप्रैल 2015, आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ... धर्मेन्द्र सिंह और इनके परिजनों ने मल्थोने, ज़िला सागर, मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है बाग़ी फिल्म का गाना जिसे गाया है अमित कुमार ने गीतकार हैं समीर और संगीतकार हैं आनंद मिलिंद और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर - 1. मांग तेरी सजा दूं मैं ....

    पंकज – ये जानकारी हमारे पास आई है पंजाब के बठिंडा से जहां पर 4 रु. और इस बर्तन के सहारे शुरू किया काम, आज कमा रहे 6 लाख रु. सालाना

    बठिंडा। पंजाब में बठिंडा में कलालवाला गांव के किसान राजिंदरपाल सिंह भोला की मेहनत रंग लाने लगी है। 2004 में उन्होंने 4 रुपए की गुलाब की कलम और देग (मिट्टी का बड़ा बर्तन) के सहारे काम स्टार्ट किया और आज हर साल 6 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं। इसको लेकर युवा किसान भोला को स्टेट अवॉर्ड भी मिल चुका है।

    भोला के गुलाब की महक अमेरिका और कनाड़ा तक पहुंचने लगी है। उनके द्वारा लगाई गई मशीन से बने गुलाब के तेल की मांग कई देशों में होने लगी है। इसको लेकर भोला ने बताया कि उन्होंने खेती में रिस्क लेते हुए एक साथ ही छह एकड़ में गुलाब की खेती शुरू कर दी। उस समय इस पर कुल 4 रुपये इन्वेस्टमेंट करनी पड़ी थी।

    ऐसे बनाते हैं गुलाब जल और गुलाब ऑयल

    भोला के चचेरे भाई युवा किसान रॉबिन भाकर ने बताया कि उन्होंने फैक्ट्री खुद लगा रखी है। पहले गुलाब के फूलों को सुबह-सुबह तोड़ा जाता है। 80 किलोग्राम फूलों को एक बड़ी देग (मिट्टी का बड़ा बर्तन) में डाल कर साफ पानी डाला जाता है। ऊपर से टाइट करके बंद कर दिया जाता है। देग के नीचे हल्की आग जला दी जाती है। इससे पानी वाष्प बन कर भभके में चली जाती है। उस भभके को पानी में रखा जाता है। ऐसे में भाप जब भभके में पहुंचती है, तो वहां का तापमान कम होने से वो भी तरल बन जाती है और वह यह गुलाब जल बन जाती है। जब गुलाब के चार भभके भर जाते हैं, तो उनको एक अन्य बड़ी देग में डाल कर उनको उसी प्रक्रिया से गुजारा जाता है, तो उस के ऊपर गोल्डन कलर का गुलाब ऑयल जाता है। एक क्विंटल गुलाब पर सिर्फ 3 से 5 एमएल ऑयल ही आता है। एक किलोग्राम गुलाब ऑयल की अंतर राष्ट्रीय मार्केट में कीमत 15 लाख के करीब है। उनके गुलाब जल को एक्सपोर्टर खरीद लेते हैं। उनके गुलाब की मांग कनाड़ा और अमेरिका में ज्यादा है। क्योंकि उनका गुलाब आर्गेनिक होता है। वो किसी भी खाद्य रसायन का इस्तेमाल नहीं करते हैं।

    अंजली– अगर आप कुछ करना चाहते हैं तो आपके लिये सबसे ज़रूरी है एक मज़बूत इच्छा शक्ति और दृढ़ विश्वास, बाकी रही बात संसाधनों की तो वो जुट जाते हैं और आपके इरादों के आगे राह में आने वाली मुश्किलें भी दूर हो जाती हैं। जितने लोगों ने भी अपना खुद का काम शुरु किया है फिर चाहे वो छोटा काम हो या फिर बड़ा, इन सभी ने अपने इरादे हमेशा पक्के रखे जिसकी बदौलत वो समाज में अपनी एक जगह बनाने में कामयाब रहे। इससे हमें भी यही सीख मिलती है कि अगर हम कुछ करना चाहते हैं तो उसपर पहले विचार करें, इरादा पक्का करें, फिर उस काम को शुरु कर दें, मुश्किलों से घबराएं नहीं, वो खुद ब खुद दूर होंगी। इसी के साथ मैं कार्यक्रम का अगला पत्र उठा रहा हूं जिसे हमें लिख भेजा है पावन रेडियो श्रोता संघ डिलियां रोड कोआथ बिहार से प्रमोद कुमार केशरी, सनोज कुमार केशरी, विनय कुमार केशरी, प्रशांत कुमार केशरी और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है दलपति फिल्म का गाना जिसे गाया है सुरेश वाडेकर और साधना सरगम ने गीतकार हैं पी के मिश्रा और संगीत दिया है इलईयाराजा ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. सुंदरी ये जीवन तेरा ......

    पंकज - चाचा ने दिया गुलाब की खेती का आइडिया

    भोला के चाचा जगदेव सिंह को भ्रमण का काफी शौक था। वो घूमते-घूमते आगरा चले गए, वहां उन्होंने गुलाब की खेती होती देखी। तो इसके बारे में पता किया। देखा कि पंजाब का मौसम भी गुलाब की खेती के अनुकूल है। पंजाब में भी इसकी खेती की जा सकती है। इससे रिवायती खेती से छुटकारा मिलेगा और जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ेगी। उन्होंने गांव आकर भोला को गुलाब की खेती करने के लिए उत्साहित किया।

    लोकल में गुलाब जल की बहुत डिमांड है

    भोला सिंह ने बताया कि उनके गुलाब जल की लोकल बहुत डिमांड है। उनके द्वारा भाकर आर्गेनिक प्रोडक्ट्स के नाम पर गुलाब जल की पैकिंग करके गुलाब जल सेल किया जाता है और जो भी एक बार इसका इस्तेमाल करता है, वो जिंदगी में और किसी गुलाब जल का इस्तेमाल नहीं कर सकता।

    अंजली - मैं जानता हूं कि आप हमें बहुत रोचक और उत्साह जगाने वाली जानकारी दे रहे हैं लेकिन श्रोताओं को उनकी पसंद का गाना भी सुनवाना है, आप अपनी बात आगे भी जारी रखियेगा लेकिन इससे पहले मैं आप सभी को हमारे श्रोताओं की पसंद का गाना सुनवा देता हूं जिसके लिये हमारे पुराने श्रोता ने पत्र लिखा है अखिल भारतीय रेडियो श्रोता संघ माहोबा उत्तर प्रदेश से पंडित मेवालाल परदेशी और इनके परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है हरे रामा हरे कृष्णा फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. कांछी रे कांछी रे ....

    पंकज - चावल के दाने के बराबर है दुनिया का सबसे छोटा कम्प्यूटर

    मिशिगन

    हमने कम्प्यूटर्स को बड़े कमरे जितने बड़े कॉम्पोनेन्ट्स से हल्के-फुल्के टैबलट डिवाइसेज में सिमटते देखा है। लेकिन, कम्प्यूटर के एस्टैब्लिश्ड साइज को पीछे छोड़ते हुए मिशिगन यूनिवर्सिटी के रीसर्चर्स ने एक ऐसा कम्प्यूटर तैयार किया है जिसका आकार चावल के दाने के बराबर है। द डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मिशिगन माइक्रो मोट (M^3) को दुनिया का सबसे छोटा ऑटोनोमस कम्प्यूटर माना जा रहा है।

    यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और फैकल्टीज़ करीब एक दशक से इस पर कम्प्यूटर पर काम कर रहे हैं। इसके साइज के हिसाब से इसे न आंकें, क्योंकि यह कम्प्यूटर तस्वीरें ले सकता है, टेम्प्रेचर रीड कर सकता है और प्रेशर की रीडिंग्स ले सकता है। इसे आगे मेडिकल या औद्योगिक क्षेत्र में इस्तेमाल किया जा सकता है।

    एक रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रो मोट M^3 को बॉडी में इंजेक्ट किया जा सकता है, जहां यह ECG कर सकता है और तापमान और प्रेशर की रीडिंग्स ले सकता है। ऑइल इंडस्ट्री इसे तेल के कुओं में भी लगाना चाहती है, जहां तेल के क्षेत्र पहचाने जा सकें ताकि नए स्रोत की तरफ बढ़ने से पहले एक ही कुएं से सारा तेल निकाला जा सके।

    मिशिगन के रीसर्चर्स चाहते हैं कि लोग माइक्रो मोट M^3 को खरीदें और उसे अपनी चाबियों, वॉलेट्स या दूसरी ऐसी चीजों में लगाएं जिन्हें वे खोना नहीं चाहते और एक सेंट्रल ट्रैकिंग सिस्टम से मॉनिटर करना चाहते हैं।

    अंजली– विज्ञान के तरक्की करने से मानव जाति को बहुत लाभ हो रहे हैं, आने वाले समय में बताया जाता है कि जितने भी दुश्कर काम होंगे वो सभी कम्प्यूटर के ज़रिये रोबोट्स करेंगे, जैसे कोयले की खदानों में काम करना, समुद्र की गहराईयों से खनिजों को ढूंढ निकालना, बेहद ऊंची इमारतों का निर्माण करना इसके अलावा खेती बाड़ी के बहुत से कामों में भी कम्प्यूटर का बहुत लाभ होगा। भारत में भी जब कम्प्यूटर को लाया गया था तो लोगों ने कहा था कि ये कम्प्यूटर अब लोगों की नौकरियां खाएगा लेकिन हुआ इसका उलट, भारतीय रेलवे इसका जीता जागता उदाहरण हैं जहां पर कम्प्यूटरीकरण के बाद रेलवे में बहुत सी नई नौकरियां सृजित हुईं और लोगों के समय की बचत होने के साथ साथ काम करने का तरीका भी आसान हुआ। मैं तो यही समझता हूं कि विज्ञान जैसे जैसे तरक्की करता जाता है ठीक उसी रफ्तार से इंसानों का जीवन भी आसान होता जाता है। इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जो हमें लिख भेजा है चंदा चौक अंधऱाठाढ़ी, जिला मधुबनी बिहार से भाई शोभीकांत झा सज्जन, मुखियाजी हेमलता सज्जन, मेन रोड मधेपुरा, जिला मधुबनी बिहार से प्रमोद कुमार सुमन, रेनू सुमन और इनके ढेर सारे परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है चुपके चुपके फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी औऱ संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ..... .

    सांग नंबर 4. चुपके चुपके चल री पुरवईया .....

    इसमें कीबोर्ड, माउस या डिस्प्ले की कोई गुंजाइश नहीं है, इसलिए M^3 में लाइट से चार्ज होने की प्रोग्रामिंग की गई है। लाइट को ऊंची फ्रीक्वेंसी पर स्ट्रोब कर एक ऑपरेटर कम्प्यूटर को इन्फर्मेशन भेज सकता है। एक बार माइक्रो मोट डेटा प्रॉसेस कर ले, उसके बाद यह एक केंद्रीय कम्प्यूटर को पारंपरिक रेडियो फ्रीक्वेंसी के जरिये इन्फर्मेशन भेज सकता है।M^3 अब प्रॉडक्शन के लिए तैयार है और फैकल्टी और स्टाफ और भी छोटे कम्प्यूटर्स बनाने की तैयारी में है। इन्हें उन्होंने नाम दिया है स्मार्ट डस्ट।

    नई बैटरी से फोन चार्ज होगा मिनटों में

    वॉशिंगटन

    मोबाइल या बैटरी से चलने वाले गैजट के पावर बैकअप के लिए टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। जल्द ऐल्युमिनियम आयन बैटरी वर्तमान में प्रचलित लिथियम आयन और अल्कलाइन बैटरी की जगह लेगी।

    यह बेहद कम खर्चीली बैटरी होगी, जो मिनट भर में फुल चार्ज हो सकेगी। यानी आम के आम गुठलियों के दाम।

    स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के केमिस्ट्री के प्रोफेसर होंजी दाई ने बताया कि लिथियम बैटरी न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है, बल्कि ये फटने पर आग भी पकड़ लेती हैं। नई बैटरी में ऐसा कुछ नहीं होगा, भले ही आप उसमें से छेद कर डालिए। साथ ही एक बार चार्ज होने पर ये लंबे समय तक बैकअप दे सकती है।

    इसमें दो इलेक्ट्रोड इस्तेमाल होंगे, जिसमें ऐनोड ऐल्युमिनियम का, जबकि कैथोड बार ग्रेफाइट का होगा। इस बैटरी को साढ़े सात हजार बार भी चार्ज किया जाए तो भी इसकी क्षमता पर फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने बताया कि इस बैटरी की खासियत यह होगी कि यह फ्लेक्सिबल होगी यानी इसे मोड़कर आप अपनी जेब में भी रख सकते हैं।

    घूमने जाना था तो फ्लाइट के पहिए पर बैठा युवक, डेढ़ घंटे तक रहा हवा मेंजकार्ता। इंडोनेशिया के एक युवक का सपना था, जकार्ता घूमने का। लेकिन साहसिक कारनामा करते हुए। इसके लिए उसने अपनी जान जोखिम में डाल दी। 21 साल का मारियो स्टीवन अंब्रीता सुमात्रा के पेकन बारू एयरपोर्ट से जकार्ता जाने वाले विमान के लैंडिंग गियर पर (पहिए के ऊपर) बैठ गया।

    हालांकि यह काम कोई आसान नहीं था। 34 हजार फीट की ऊंचाई पर खून जमा देने वाले तापमान को सहा। हाथ की अंगुलियां नीली पड़ गईं। बाएं कान से खून निकलने लगा। डेढ़ घंटे तक यह सब चलता रहा। इसके बाद जब विमान ने जकार्ता एयरपोर्ट पर लैंड किया, तब सुरक्षा अधिकारियों ने उसे देखा और उतारा।

    पहिए पर देख सब चौंक गए

    एयरपोर्ट पर खड़े लोग अंब्राती को पहिए पर देख चौंक गए। नाजुक हालत देख उसे अस्पताल ले गए। घटना के बाद इंडोनेशिया ने सुरक्षा बेहतर करने का वादा किया है। दोबारा ऐसी चूक न हो इसके लिए अधिकारियों को हिदायत दी गई है।

    इंटरनेट पर सीखी पहिए में छिपने की तरकीब

    अंब्रीता ने सुरक्षा अधिकारियों को बताया,- 'मैंने ऐसी एडवेंचरस यात्रा करने की योजना एक साल पहले बनाई थी। जकार्ता मेरा जन्म स्थान है। यहां इस तरह से पहुंचना मेरी जिंदगी का सपना था। पिछले 10 दिन से मैं पेकन बारू एयरपोर्ट की गतिविधियों पर नजर रख रहा था। इंटरनेट की मदद से विमान में छिपने की तकनीकी सीखी। और लोगों को चकमा देते हुए पहिए के ऊपर छिप गया।

    एक साल की हो सकती है सजा

    सुमात्रा के विमानन विभाग के डायरेक्टर जनरल सुप्रासीतो ने बताया कि अंब्रीता ने अपनी जिंदगी खतरे में डाल दी थी। 34 हजार फीट की ऊंचाई पर आॅक्सीजन न के बराबर होती है। तापमान भी जीरो डिग्री सेल्सियस के नीचे होता है। फिलहाल उसकी हालत अब खतरे से बाहर है। लेकिन गरूड़ा फ्लाइट को खतरे में डालने के लिए उस पर मामला चलाया जाएगा। एक साल तक की सजा हो सकती है।

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली – नमस्कार।

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