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    आप की पसंद 150411
    2015-04-12 16:57:44 cri

     पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    दिनेश – श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ...शाहीन रेडियो श्रोता संघ मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश से इरशाद अहमद अंसारी, राशिदा खातून, शकीला खातून, मुसर्रत जहां, निज़ाम अंसारी, शादाब आलम, आफताब आलम, नियाज़ अहमद, माहताब आलम, रईसुल हसन, जावेद अहमद, अली ज़फ़र, शम्स अनवर और इनके ढेर सारे साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है आज़ाद फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. जान की कसम ....

    पंकज - चाय बेचने वाला राजू बन गया वेब डिवेलपर

    बेंगलुरु

    देश के कॉलेजों में हर साल ग्रेजुएशन की डिग्री लेकर निकलने वाले इंजिनियरों के लिए एंट्री-लेवल जॉब कोई बड़ी बात नहीं होगी, लेकिन 26 साल के राजू के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता, जिन्होंने बुधवार को मुंबई से काम करने वाले एक ऑनलाइन मैट्रिमोनियल पोर्टल को बतौर वेब डिवेलपर जॉइन किया।

    महज दो दिन पहले वह ऑफिस असिस्टेंट के रूप में काम कर रहे थे, लेकिन अब वह प्रोग्रामर हैं और ऐसे प्रफेशन का हिस्सा बन गए हैं, जिसने इंडिया में एक नया मिडल क्लास क्रिएट किया है। यादव ने कहा, 'मैं काम करने के बाद पढ़ाई करता था।' यादव जब झारखंड के अपने गांव से मुंबई की ओर चले थे, तब उनकी उम्र 14 साल थी। शुरू में राजू को लोग 'छोटू' के नाम से बुलाते थे।

    दिनेश – मित्रों हम आपको रोचक जानकारियां तो दे ही रहे हैं साथ ही आपको हम आपकी पसंद के फिल्मी गाने भी सुनवा रहे हैं, इसी के साथ अब मैं आपको सुनवाने जा रहा हूं कार्यक्रम का अगला गाना जिसके लिये हमें पत्र लिखा है कहारवाड़ी, राजपुर, मध्यप्रदेश से धीसू दिलवारे, लक्ष्मी दिलवारे, माधुरी दिलवारे, कुणाल दिलवारे, सोनाली दिलवारे और इनके ढेर सारे मित्रजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है डॉन फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं अंजान और संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. जिसका मुझे था इंतज़ार .....

    पंकज - यादव खुशकिस्मत रहे कि ऐसे तमाम बच्चों की तरह वह ढाबों में कप-प्लेट धोने के कुचक्र या अपराध की गलियों में नहीं फंसे। ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए काम करने वाले संगठन बेंगलुरु ओनियावारा सेवा कूटा के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर जॉर्ज पी.एस. ने कहा, 'ऐसे कम ही बच्चों को जिंदगी संवारने की राह मिल पाती है। बाकी का जीवन सड़कों पर बीत जाता है।'

    मुंबई में यादव की जिंदगी भी 'छोटू' के रूप में शुरू हुई और वह साउथ मुंबई के चीरा बाजार इलाके के ऑफिसेज में 'कटिंग चाय' पहुंचाया करते थे। अपने तीन भाइयों में सबसे बड़े यादव ने बताया, 'हमारे परिवार के पास ज्यादा पैसे नहीं थे।' चाय की दुकान पर उन्हें करीब 2,000 रुपये महीने के मिलते थे। छह महीने यह काम करने के बाद उन्हें उनमें से एक ऑफिस में असिस्टेंट की जॉब मिल गई, जहां वह चाय पहुंचाया करते थे। कंपनी का नाम था सगाईडॉटकॉम। यही बाद में शादीडॉटकॉम बनी।

    यादव ने बताया, 'शादीडॉटकॉम में लोग मुझे पढ़ने के लिए कहा करते थे। मैंने वैसा ही किया।' 2006 में उन्होंने पढ़ाई के लिए तीन महीने की छुट्टी ली और 10वीं की परीक्षा 61% अंकों के साथ पास की और बाद में 12वीं भी। यादव ने बताया, 'अब मैं मुंबई यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहा हूं।' इस बीच, वह काम के बाद 2-3 घंटे रुककर वेब डिवेलपमेंट सीखते रहे। शॉदीडॉटकॉम में पोस्ट आते ही उन्होंने अप्लाई किया और सेलेक्ट हो गए। शादीडॉटकॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल ने कहा, 'इंटरनल रिव्यू प्रोसेस के बाद हमने उन्हें वेब डिवेलपर के रूप में प्रमोट कर दिया।'

    दिनेश – किसी ने सही कहा है कि अगर मन में सच्ची लगन हो और कुछ करने का जज़्बा, फिर चाहे हालात कितने भी विपरीत हों, सफलता आपके कदम चूमती है, हम जितने भी महान लोगों की जीवनी पढ़ते हैं उन सभी ने कठिन परीश्रम, ईमानदारी, समय की पाबंदी और कर्तव्यनिष्ठा के बाद ही उन्हें सफलता मिलती है। इसी के साथ मैं कार्यक्रम का अगला पत्र उठा रहा हूं जिसे हमें लिख भेजा है हमारे पुराने श्रोता देशप्रेमी रेडियो श्रोता संघ के रामकुमार रावत, गीता रावत, अमित रावत, ललित रावत, दीपक रावत और मनीष रावत ने आपने हमें पत्र लिखा है ग्राम आशापुर, पोस्ट ऑफिस दर्शन नगर, फैज़ाबाद उत्तर प्रदेश से और आप सभी ने सुनना चाहा है देस परदेस फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने, गीतकार हैं अमित खन्ना, संगीत दिया है राजेश रौशन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. आप कहें और हम ना आएँ ......

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    गुड़गांव में बिल्डर ने लॉन्च किया 100 करोड़ का फ्लैट

    नई दिल्ली

    रीयल्टी कंपनी रहेजा डिवेलपर्स अपने गुड़गांव स्थित रेवंता प्रोजेक्ट में 100 करोड़ रुपये कीमत वाले अपार्टमेंट की पेशकश कर रही है, जिसमें निजी स्विमिंग पूल व रूफटॉप हेलिपैड की सुविधा है।

    कंपनी का कहना है कि वह अपनी इस परियोजना में 90 प्रतिशत से अधिक फ्लैट प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) व विभिन्न बड़ी हस्तियों को बेच चुकी है।

    कंपनी देश के जिस सबसे महंगे अपार्टमेंट की पेशकश कर रही है, वह 10 हजार वर्गफुट वाला टॉप फ्लोर अपार्टमेंट है। यह अपार्टमेंट 60 मंजिल की इस परियोजना में सबसे ऊपरी दो तलों पर है।टाटा हाउसिंग ने पिछले साल मध्य दिल्ली में 130-170 करोड़ रुपये में विला की पेशकश की थी।

    दिनेश – वैसे एक रिपोर्ट के अनुसार आजकल तीसरी दुनिया के देशों में मकान के दाम इतने अधिक बढ़ गए हैं कि जितने पैसों में आप दो बेडरूम और तीन बेडरूम में एक अपार्टमेंट, भारत, ईरान, चीन, हांगकांग, सिंगापुर, दुबई में खरीद सकते हैं उतने पैसों में तो आपको अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में ज़मीन पर बने बहुत बड़े मकान मिल जाएँगे। इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिखा है बिधानचंद्र सान्याल, रीता चक्रवर्ती, रीता सान्याल, हाब्रु ने मैं आप सभी से ये कहना चाहता हूं कि आप लोग कृपा करके अपना पता ज़रूर लिखें अगर आप हमें पत्र नहीं भेज सकते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर भी हमें अपनी फरमाईश लिखकर भेज सकते हैं, और साथ में आप अपना और अपने मित्रों का नाम, पूरा पता ज़रूर लिख भेजें। आप सभी ने सुनना चाहा है हीरालाल पन्नालाल फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी, संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. ओ पड़ोसन की लड़की .....

    पंकज - मुंबई में आवासीय परियोजनाओं में कीमतें एक लाख प्रति वर्गफुट के दायरे में रही हैं, लेकिन दिल्ली-एनसीआर में किसी डिवेलपर ने पहली बार इस कीमत में अपार्टमेंट की पेशकश की है।

    पंकज - वाग्योग से संस्कृत सीखने को क्रेजी हुए विदेशी

    सीबीएसई बोर्ड में संस्कृत की अनिवार्यता का फैसला भले ही केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने वापस ले लिया हो, लेकिन भारत आने वाले विदेशियों को इस भाषा में खासी दिलचस्पी है। वाग्योग के जरिए वाराणसी में संस्कृत सीखने के लिए विदेशी पर्यटकों की भीड़ लग रही है , जो दिन भर संस्कृत के श्लोकों का उच्चारण करते रहते हैं।

    पिछले एक सप्ताह से संस्कृत सीख रही बेलारुस की इन्गा बारादोश का कहना है वाग्योग प्रणाली से संस्कृत सीखने में मजा आ रहा है। इस प्रणाली के जरिए बिना रटे छह महीने में संस्कृत सीखी जा सकती है। जर्मनी की जाहिरा वाकर भारतीय दर्शनशात्र का अध्ययन करने के लिए संस्कृत सीख रही हैं। उनका मानना है कि ग्रंथों के संस्कृत भाषा में होने की वजह से उन्हें संस्कृत सीखनी पड़ रही है। यूक्रेन के डिमिट्री डामिलोव का कहना है कि उन्होंने कई बार संस्कृत सीखने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। अब वाग्योग प्रणाली से उन्हें सफलता मिलती दिख रही है।

    डामिलोव यूक्रेन में वाग्योग प्रणाली से संस्कृत सीखने की संस्था खोलना चाह रहे हैं। मास्को से भारत आकर संस्कृत सीख रहे टुप्लिन सगेई ने बताया कि पुराण, उपनिषद, संहिताएं, भाष्य और टीका संस्कृत में हैं, इसलिए वे इस भाषा को सीख रहे हैं। इस प्रणाली से संस्कृत सिर्फ विदेशी पर्यटक ही नहीं, देश-विदेश में प्रफेसरों के साथ कई संस्थाओं के प्रमुख भी इसी विधि से सीखकर रुस, जर्मनी, स्विटजरलैंड, ब्राजील और यूक्रेन में इस विधि से प्रशिक्षित करने की संस्था भी खोल चुके हैं।

    सबसे आसान है यह प्रणाली

    आचार्य वागीश शास्त्री विदेशी पर्यटकों को संस्कृत सिखाते हैं। वे बतातें हैं कि संस्कृत हृदय के स्पंदन से प्रकट होती है। इसके अलावा दूसरी ऐसी कोई भाषा नहीं, जो तालबद्ध हो। यह अपने आप में संगीत है, जिसे सुनकर श्रोता मुग्ध हो जाते हैं।

    दिनेश – आप हमारे श्रोताओं को अगली जानकारी दें उससे पहले मैं आप सभी को अपने श्रोताओं की पसंद का अगला गाना सुनवाना चाहता हूं जिसके लिये फरमाईशी पत्र लिखा है नरेन्द्र मोहन गुप्ता और इनके सभी मित्र जनों ने पंजाबी मोहल्ला, हनुमान गढ़, राजस्थान से आप सभी ने सुनना चाहा है मुकद्दर का सिकंदर फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने, गीतकार हैं अंजान, संगीत दिया है कल्याणजी आनंदजी ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. रोते हुए आते हैं सब ....

    पंकज - नागिन और 'इच्छाधारी युवक' की शादी देखने उमड़ा सैलाब

    वाराणसी

    विज्ञान के युग में भी अंधविश्वास चरम पर है। खुद को इच्छाधारी नाग बताकर नागिन संग विवाह करने वाले युवक को देखने के लिए भीड़ इस कदर उमड़ी कि इस भीड़ को काबू में करने में कई थानों की पुलिस के पसीने छूट गए। खुद को इच्छाधारी नाग बताने वाले युवक को पुलिस ने नजरबंद कर दिया है।

    मामला बनारस से करीब 30 किमी दूर फूलपुर इलाके के राजपुर गांव का है। अपने को इच्छाधारी नाग बताने वाले संदीप पटेल की शनिवार को इच्छाधारी नागिन संग शिव मंदिर पर शादी की अफवाह बीते 2 दिनों में बनारस में ही नहीं, आसपास के जिलों में भी तेजी से फैली। इच्छाधारी नाग-नागिन को देखने की लालसा लिए लोग सुबह से ही जुटना शुरू हो गए।

    पौ फटने तक संख्या हजारों में पहुंच गई। इसके बाद इलाहाबाद, चंदौली और सोनभद्र आदि जिलों से बड़ी संख्या में 5 थानों की पुलिस फोर्स और जिला मुख्यालय से पीएसी गांव में भेजी गई। भीड़ को नियंत्रित करने में फोर्स के छक्के छूट गए। पुलिस ने संदीप और उसके पिता दयाशंकर को हिरासत में ले लिया। इसके बाद भी भीड़ डटी रही। समझा-बुझाकर लोगों को वापस भेजने में पूरा दिन बीत गया।

    संदीप के बारे में बताया गया है कि उसे लकवा मार गया है। हाथ-पैर काम न करने से वह रेंगकर चलता है। इससे गांव के कुछ लोग उसे इच्छाधारी नाग कहने लगे। बस फिर क्या था, संदीप ने इच्छाधारी नागिन संग विवाह रचाने की बात फैला दी।

    दिनेश – कार्यक्रम में अगला पत्र लिखा है मालवा रेडियो श्रोता संघ प्रमिलागंज, आलोट से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, अतुल और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है त्रिशूल फिल्म का गाना जिसे गाया है यसुदास और लता मंगेशखर ने गीतकार हैं साहिर लुधियानवी और संगीतकार हैं खैय्याम और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. आपकी महकी हुई ज़ुल्फ़ को ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    दिनेश – नमस्कार।

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