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    आप की पसंद 150404
    2015-04-04 18:14:32 cri

    04 अप्रैल 2015 आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली– श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ... हमारे पुराने और चिर परिचित श्रोता मुकुंद कुमार तिवारी और इनके मित्रजनों ने पूज्य महात्मा गांधी श्रोता संघ, पिपरही, शिवहर, बिहार से आप सभी ने सुनना चाहा है बाज़ी फिल्म का गाना जिसे गाया है गीता दत्त ने गीतकार हैं साहिर लुधियानवी ने और संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 1. सुनो गजर क्या गाये .....

    पंकज - उम्र 100 साल, अब भी कर रहे जॉब

    आमतौर पर 100 साल की उम्र के लोग घर पर आराम करते हैं लेकिन यूएस के डैरेल ऐलगजैंडर उनसे अलग हैं। वह घर में आराम करने की बजाय एक कार सेल करने वाली कंपनी में डीलर हैं। वह इस कंपनी में 66 साल से काम कर रहे हैं।

    डैरेल की जॉब पहली कार सेल करने के बाद शुरू हुई थी। डैरेल ने बताया कि वह एक जवान लड़के की तरह हफ्ते में छह दिन काम करते हैं। उन्होंने बताया कि अगर आप घर में बैठे रहते हैं और टीवी का आनंद लेते हैं, तो वह दिन दूर नहीं जब आप अपनी जिंदगी के आखिरी चरण में पहुंच जाएंगे। डैरेल बताते हैं कि जब उनके बच्चे जवान हो गए, उसके बाद से उन्होंने वीकली ऑफ को छोड़कर एक भी छुट्टी नहीं ली।

    अंजली – ये बहुत रोचक खबर है, एक व्यक्ति सौ वर्ष का और वो भी अभी काम कर रहा है, आमतौर पर लोग इस उम्र तक अगर जीवित रहते हैं तो चलफिर भी नहीं पाते और ये महाशय तो काम कर रहे हैं ये वाकई आश्चर्यजनक बात है, इसी के साथ मैं कार्यक्रम का अगला पत्र उठा रहा हूं जिसे हमें लिख भेजा है नवीन रेडियो श्रोता संघ के दीपक उदयभान ठाकरे और इनके सभी परिजनों ने आप सभी ने हमें पत्र लिखा है गुरैया ढाना, रानीकामठ रोड, छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश से आप सब सुनना चाहते हैं अलबेला फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और सी रामचंद्र ने गीतकार हैं राजेन्द्रकृष्ण और संगीत दिया है सी रामचंद्र ने गीत के बोल हैं -------

    सांग नंबर 2. शोला जो भड़के ....

    पंकज - डैरेल की बेटी शेरी ने बताया कि वह भरोसा करती हैं कि जब तक डैरेल काम करते हैं, तब तक उनकी जिंदगी यूं ही चलती रहेगी लेकिन अगर वह घर बैठ जाते हैं और यह सोचते हैं कि उनकी उम्र अब आराम करने की है, तो जल्द ही वह जिंदगी के आखिरी दौर में पहुंच जाएंगे। ऐलगजैंडर के पोते टॉम रूप ने कहा कि उनके दादा जी जिस कार शोरूम में काम करते हैं, वहां उनकी एक स्पेशल सीट है। वह हमेशा फायरप्लेस के नजदीक बैठना पसंद करते हैं। डैरेल कहते हैं कि जब तक वह नौकरी कर रहे हैं, तब तक वह यहीं बैठना चाहते हैं। दरअसल, उन्हें इस जगह से बेहद लगाव है। वह कहते हैं कि यहां बैठकर उन्हें वही समय याद आता है, जब वह जवानी में कार सेल किया करते थे।

    पंकज - नशे में टल्ली हुईं बकरियां!

    इंसानों को तो शराब पीकर नशे में टल्ली होते हुए अपना देखा या सुना होगा लेकिन कभी सुना है कि बकरियां शराब पीकर टल्ली हो गई हैं। ऐसा ही एक वाकया अहमदाबाद के मेहसाणा जिले में हुआ। यहां कुछ बकरियां शराब पीकर नशे में धुत्त हो गईं। हुआ यूं कि पुलिस ने छापेमारी में जब्त की गई शराब की बोतलों को एक खुले मैदान में नष्ट किया जिससे वहां बने कुछ गड्ढों में शराब इकट्ठी हो गई थी। वही शराब बकरियों ने पी ली।

    अंजली – अब इंसानों के साथ बकरियां भी नशे में धुत्त होने लगी हैं, रोचक लेकिन सत्यता से भरी हुई जानकारी है। इसी के साथ मैं अपने अगले श्रोता के पत्र को उठा रहा हूं, ऋषि प्रसाद और इनके ढेर सारे मित्रजनों ने हमें आसाराम आश्रम, वंदे मातरम मार्ग, नई दिल्ली से पत्र लिखा है ऋषि जी आप तो हमारे पुराने श्रोता हैं बहुत दिनों के बाद आपका पत्र हमें मिला है, क्या बात है क्या आप हमसे नाराज़ चल रहे हैं जो इतने दिनों बाद आपने हमें पत्र लिखा, हम आपसे आग्रह करते हैं कि आप हमें नियमित रूप से पत्र लिखते रहें और अब तो आप हमारी वेबसाइट पर भी पत्र लिख कर भेज सकते हैं और वो हमें तुरंत मिल भी जाएगा। चलिये अब हम आपका फरमाईशी गीत भई सुना देते हैं, आप सभी ने सुनना चाहा है दीदार फिल्म का गाना जिसे गाया है शमशाद बेगम और लता मंगेशकर ने गीतकार हैं शकील बंदायुनी और संगीत दिया है नौशाद ने गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 3. बचपन के दिन भुला न देना .....

    पंकज - थाने के पुलिस निरीक्षक एसएच बावा के मुताबिक, यहां रहने वाले रमेश पाटनी की बकरियां शराब पीकर नशे में धुत्त हो गईं। बकरियों के मालिक पाटनी ने बताया कि बकरियों ने गड्ढे में इकट्ठी हुई शराब को पी लिया। शराब पीकर उनमें से कुछ नशे में धुत्त हो गईं जबकि कुछ बेहोश हो गईं। उन्होंने बताया बकरियों को नशे में धुत्त देखकर उन्हें बहुत हैरानी हुई। उन्होंने बताया कि घटना के 12-14 घंटे बाद बकरियों को होश आया।

    पाटनी ने शराब का असर कम करने के लिए बकरियों को मक्खन-दूध खिलाया और उन्हें बांध दिया, ताकि वे हंगामा नहीं करें।

    पंकज - टूटे दिल वालों के लिए वकेशन पैकेज

    अक्सर सुनने में आता है कि उसने फलां का दिल तोड़ दिया तो वह बीमार पड़ गया या उससे उसका ब्रेकअप हो गया अब वह किसी पर भी भरोसा नहीं करता। कई लोग ऐसी बातों को छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं तो कई डिप्रेशन में चले जाते हैं, लेकिन अब बेफ्रिक हो जाइए क्योंकि अब ऐसा वकेशन प्लान आ गया है जहां आप अपने दिल टूटने का गम भुला सकते हैं।

    आरडॉक हाउस में बिताएं अपने गमों के पल : जी हां, टूटे दिल वालों के लिए ब्रिटेन के स्कॉटलैंड के सबसे बड़े शहर ग्लासगो में हॉलिडे कंपनी की ओर से लॉन्च किया गया यह स्पेशल पैकेज अपने आप में अनूठा है। इसका नाम है 'ग्रीफ रिट्रीट्स'। इसमें आपके मन की नेगेटिविटी को पॉजिटिवटी में बदलने की कोशिश की जाती है। इस पैकेज को यहां के आरडॉक हाउस में साल में 4 बार करने की प्लानिंग है। 133 एकड़ में बने आरडॉक हाउस ऐस्टेट में 17 बेडरूम्स, एक बड़ा डाइनिंग रूम, कई मीटिंग रूम्स और कई ब्रेक-आउट स्पेसेज हैं। हालांकि इसके लिए आपको एक बार में करीब ढाई लाख रुपये खर्च करने होंगे जिसमें ट्रैवलिंग का खर्चा शामिल नहीं है।

    अंजली – ये बाज़ार में आया एक नया कॉन्सेप्ट है, लेकिन पहले भी लोग दिल टूटने के बाद पहले भी लोग हवा पानी बदलने के लिये घूमने जाया करते थे और अपनी दुख भरी यादों को भुलाने की कोशिश करते थे, लेकिन अब इसने बाजारवाद की शक्ल ले ली है लेकिन ये फिर भी बेहतर है।

    इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है मुबारकपुर, ऊंची तकिया, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश से दिलशाद हुसैन, फातेमा सोगरा, वकार हैदर, हसीना दिलशाद और इनके तमाम साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है जाल फिल्म का गाना जिसे गाया है हेमन्त कुमार ने गीतकार हैं साहिर लुधियानवी, संगीत दिया है सचिन देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 5. सुन जा दिल की दास्तां .....

    पंकज - पांच दिनों का पैकेज : इस पैकेज में लोगों को पांच दिनों के लिए आना होता है जहां बेस्ट काउंसलर्स से उनकी काउंसलिंग करवाई जाती है। उनके दिमाग को उस मुद्दे से हटाने के लिए कई स्पोर्ट ऐक्टिविटीज़ में व्यस्त किया जाता है। यहां तक कि उनके लिए डांस करने, म्यूजिक सीखने के लिए भी टीचर उपलब्ध होते हैं। यहां एक बार में 20 लोग रह सकते हैं।

    मिलता है एक्सपर्ट्स का सपॉर्ट : यहां लोगों को गाइड करने के लिए एक्सपर्ट काउंसलर्स हैं। कोर्स लीडर डोना लैंचेस्टर हेल्थ एंड केअर प्रफेशन काउंसिल 10 सालों से इसमें हैं। यहां मेडिटेशन, विजुअलाइजेशन, डांस, बॉडीवर्क और गोल्फ खेलने जैसी सुविधाएं मिलती हैं।

    पंकज - तुर्की में मिला 5,000 साल पुराना अंडरग्राउंड शहर

    अंकारा। तुर्की में पांच हजार साल पुराने एक भूमिगत शहर के अवशेष मिले हैं। इस शहर के लिए विशेष रूप से कोई खोज शुरू नहीं की गई थी, बल्कि पुरानी इमारतों को ढहाए जाने और उसका मलबा हटाने के दौरान शहर के खंडहर मिले। तुर्की के समाचार पत्र हुर्रियत न्यूज की खबरों के मुताबिक, देश के नेवसेहिर (Nevsehir) प्रांत के कप्पाडोशिया (Cappadocia) में कुछ पुराने घरों को गिराने का काम चल रहा था। श्रमिक जब मलबा हटा रहे थे, तभी उन्हें वहां करीब सात किलोमीटर लंबी एक सुरंग का पता चला।

    निमार्ण कार्यों की देखरेख कर रहे अधिकारी जब इस सुरंग के रास्ते आगे बढ़े, तो उन्हें एक शहर के खंडहर मिले। भूगर्भ वैज्ञानिकों ने जब इन खंडहरों की जांच की, तो पता चला कि वहां कोई 5,000 साल पहले एक भूमिगत नगर बसाया गया था। इसकी बसाहट कोई 50 लाख वर्गफीट में फैली थी। यह नगर जमीन के कोई 371 फीट नीचे बसाया गया था। इसकी आबादी लगभग 20,000 थी।

    नेशनल जियोग्राफिक चैनल के मुताबिक, ऐसा प्रतीत होता है कि विदेशी आक्रमणकारियों से बचने के लिए इस शहर को बसाया गया था। इसकी बसाहट का समय तुर्की के प्राचीन ऑटोमन साम्राज्य के काल का प्रतीत होता है। शहर में घरों और सड़कों व गलियों का निमार्ण कार्य बेहद संतुलित और वैज्ञानिक तरीके से किया गया था। इसके खंडहरों में एक ऐसी बहुमंजिली इमारत मिली है, जिसमें अलग रसोई, ऊपर जाने के लिए सीधी व घुमावदार सीढ़ियां, स्नानघर, बरामदे, पत्थर की चक्कियां, रोशनदान, पानी आपूर्ति की लाइनें यहां तक कि दीप रखने वाले आले भी बने हुए हैं।

    शहर में कई गुप्त रास्तों का भी पता चला है, जिनका इस्तेमाल आपातकाल में सुरक्षित बाहर निकलने के लिए किया जाता होगा। शहर को देखकर पुरातत्वविद आश्चर्य में हैं। वह और भी खोज करना चाहते हैं, लेकिन शहर के नीचे और उसके आसपास की मिट्टी बेहद भुरभुरी होने के चलते वहां और खुदाई से खंडहरों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। यही वजह है कि इसका काम विशेष दल को सौंपने की तैयारी की जा रही है। इसके पहले खंडहरों के बारे में विस्तृत जानकारी हासिल करने के लिए जियो राडार मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।

    अंजली– ये बहुत ही हैरतअंगेज़ खबर है जिसमें धरती से नित नए शहर और कस्बे निकलते रहते हैं, अब भी मालूम नहीं है कि और कितने शहर इस धरती के गर्भ में छिपे हुए हैं। ये पत्र हमारे पास आया है बहादुरगंज, अस्तुपुरा, उत्तरप्रदेश से जिसे लिखा है आज़ाद अली अनवर, रिज़वाना परवीन, अब्दुल्लाह आज़ाद, और अस्तुपुरा, मऊनाथ भंजन से मज़हर अली अंसारी, रजिया बेगम अंसारी, सादिक, साजिद, सारिम और शारिक ने आप सभी ने सुनना चाहा है दो बीघा ज़मीन फिल्म का गाना जिसे गाया है मन्ना डे और लता मंगेशकर ने संगीत दिया है सलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं -----

    सांग नंबर 6 - धरती कहे पुकार के .....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली – नमस्कार।

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